आज की भाग दौड़ की जिंदगी में अपने स्वास्थ को स्वस्थ्य रखने के लिए अच्छे खान पीन के साथ साथ रोग मुक्त जीवन जीने के लिए योग को भी अपनी रोज मर्रा की जिंदगी में शामिल करना बहुत अनिवार्य हो गया है। शायद इसी वजह से विश्वभर में आज लोग योग को अपनाने लगे हैं। एक या दो नहीं, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए अलग अलग रोग के लिए अलग अलग तरह के योग किए जा रहे हैं। इन योगों में से एक योग है वज्रासन.
प्राचीन समय से ही वज्रासन को शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। इस लेख के माध्यम से आपको वज्रासन से होने वाले फायदों के वारे में बताएँगे। वज्रासन करने के फायदों के साथ साथ कुछ सावधानियां भी हैं जिनको जानना बहुत जरुरी है. आईएसकेडी मेडीफिट, आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप
वज्रासन क्या है? – What is Vajrasana
वज्रासन घुटनों को मोड़ने के बाद पैरों पर बैठकर किया जाने वाला एक योगासन है। यह संस्कृत के शब्द ‘वज्र’ से बना है, जिसका अर्थ आकाश से गिरने वाली बिजली है। आपको बता दें की वज्रासन को डायमंड पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस योगासन में बैठकर प्राणायाम, कपालभाति व अनुलोम-विलोम किया जा सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि वज्रासन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक बहुत ही बेहतरीन योगासन है।
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वज्रासन से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी:
वज्रासन करने से पहले इससे जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जिनकी जानकारी होना बहुत जरुरी है. व्रजरासन योग को करने वाले लोगों के लिए इसकी जानकारी होना अति आवश्यक है। इस योग को आप खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं। बल्कि वज्रासन को खाना खाने के बाद करने से भोजन का पाचन सही प्रकार से होता है। इसकी कारण से इसे पाचन तंत्र के लिए एक बहुत अच्छा योग माना गया है.
- वज्रासन योग के शुरूवाती और आसन योग मुद्राओं में से एक है।
- वज्रासन को आप 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
- वज्रासन को करने से पैर और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- वज्रासन के कारण जांख, टखने, घुटने और कूल्हे स्ट्रेच होते हैं।
- वज्रासन को करने के बाद इसकी पुनरावृत्ति करने की जरूरत नहीं होती है।
वज्रासन करने से पहले के आसन:
अगर आप वज्रासन करना चाहते हैं या फिर करने की सोच रहे हैं तो इसको करने से पहले आपको कुछ आसन करने होंगे जिससे वज्रासन करने का लाभ और अधिक बढ़ जायेगा।
- शलभासन (Shalabhasana or Locust Pose)
- अर्ध शलभासन
इनको करना कोई अतिआवश्यक नहीं है अगर आप करना चाहे तो कर सकते हैं। जिससे आपको लाभ ही होगा।
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वज्रासन करने का तरीका – How To Do The Vajrasana:
अभीतक आपने वज्रासन के बारे में जान लिया होगा की वज्रासन क्या है और क्यों किया जाता है अब वज्रासन को करने से होने वाले फायदों से पहले इसको करने की विधि को जान लेना बहुत जरुरी है। जो इस प्रकार हैं
- सबसे पहले आपको घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाना चाहिए।
- इस अवसथा में आपको अपने दोनों पैरों के अंगूठे को साथ में मिलाकर एड़ियों को अलग रखना चाहिए।
- अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं।
- अपनी हथेलियां को अपने घुटनों पर आराम की स्थिति में रखें।
- अपनी पीठ और सिर को बिल्कुल सीधा रखें।
- ध्यान रहे कि आपके दोनों घुटने भी आपस में मिलें हों।
- अब अपनी आंखों को बंद कर लें और सामान्य रूप से सांस लें और छोड़े।
- इस अवस्था में आप अपनी क्षमता के अनुसार 5 से 10 मिनट तक बैठने की कोशिश कर सकते हैं।
- इस स्थिति में बैठने पर अगर आपके घुटनों में दर्द हो रहा है तो आप जल्दी भी उठ सकते हैं।
- प्रतिदिन इस योग को करने पर आप अपना समय बढ़ा सकते हैं।
वज्रासन से होने वाले फायदे – Benefits Of Vajrasana In Hindi
1. रक्त संचार में सुधार में वज्रासन के फायदे
वज्रासन (Vajrasana) को करने से शरीर के रक्त संचार में भी फायदा होता है। इस योग को करने से पेट और उससे नीचे के हिस्से अर्थात पेल्विक भाग में रक्त प्रभाव बढ़ जाता है, इससे पेट एवं पेल्विक दोनों से जुड़े अंगों में मजबूती आती है। इसके आलवा घुटने मोड़कर बैठकर जब आप इस योग मुद्रा को करते हैं तो रक्त पैरों से लेकर हृदय तक अच्छे से पहुंचता है। अर्थात इससे यही निष्कर्ष निकला है कि इस योग को करने से शरीर का रक्त संचार सही प्रकार से होने लगता है।
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2. वज्रासन के हृदय और मस्तिष्क के लिए फायदे
वज्रासन को प्रतिदिन करने से हृदय और मस्तिष्क के कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है। ऐसा होने से हृदय और मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियां कम होने लगती हैं। वज्रासन करने से मस्तिष्क और हृदय की धमनियों में ऑक्सीजन युक्त रक्त उचित मात्रा में पहुंचने लगता है जिससे उनकी कार्य क्षमता को बेहतर होने में मदद मिलती है।
3. पाचन के लिए वज्रासन के फायेद
जो लोग वज्रासन योग (Vajrasana) का नियमित अनुसरण करते हैं उनकी पाचन संबंधी समस्यायें ना के बराबर रहती हैं। दरअसल इस योगासन से पाचन तंत्र में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है जिससे कब्ज, पेट के भारीपन, एसिडिटी, गैेस, पाइल्स की समस्या से राहत मिलती है।
4. मधुमेह के लिए वज्रासन के फायदे
वज्रासन के कई लाभों में से एक लाभ मधुमेह को नियंत्रित करना भी है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के एक लेख में यह बताया गया है कि वज्रासन प्रतिदनि करने से फास्टिंग ग्लूकोज की मात्रा कम हो सकती है। यह मुद्रा (Vajrasana in Hindi) एंडोक्राइन मैकेनिज्म के साथ जुड़कर ग्लूकोज के साथ ही इंसुलिन को बेहतर करने में मदद करता है। जिससे मधुमेह को कम करने में सहायता मिलती है। आप सिर्फ योग के उपर निर्भर नहीं रह सकते हैं यह एक उपाय जरूर है जो मधुमेह को कम करने में आपकी मदद कर सकता है पर इसके उपर पूरा नियंत्रण पाने के लिए आपको सही डाइट और डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी होगी।
5. मांसपेशियों की मजबूती में वज्रासन के फायदे
Vajrasana को करने से जांघ, पीठ, पैर और कमर की मांसपेशियां मजबूत होती है जिससे इनसे जुड़ी समस्यायें कम होती है। वज्रासन को नियमित करने से नितंब के मसल्स (इलियोपोसा), स्पाइना (रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर की मांसपेशियां), पेट की मांसपेशियां, हिप्स के जोड़ो की मांसपेशियों के साथ ही कफ मसल्स को भी मजबूती मिलती है।
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6. दर्द में वज्रासन के फायेद
अगर अपके हाथ—पैर की मांसपेशियों में अक्सर दर्द रहता है तो आपको वज्रासन करना चाहिए इससे आपको दर्द में राहत मिल सकती है। एक शोध के अनुसार इस आसन को करने से हाथ और पैर के दर्द में आराम तो मिलता ही साथ ही पीठ के निचले हिस्से की परेशानियों एवं मांसपेशियों में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। यह साइटिका और गठिया से जुड़े घुटनों के दर्द में भी फायदेमंद हो सकता है।
7. वज्रासन के अन्य लाभ – Benefits of Vajrasana in Hindi
- यह पेट की बीमारियों एसिडिटी और पेप्टिक अल्सर मं भी राहत दिलाता है।
- अगर आपको हर्निया होने की शुरूवात में ही है तो यह उसे होने से रोक सकता है।
- यह बवासीर में भी राहत पाने में मदद करता है। (और अधिक पढ़ें – बवासीर या भगन्दर का घरेलू इलाज)
- वज्रासन को करने से जननांगों में रक्त प्रवाह को कम होता है और उन तंत्रिका की मालिस करता है जो उन्हें सक्रिय बनाने में
- सहायता करती हैं। जिससे पुरुषों में अंडकोष में आने वाली सूजन के इलाज में फायेदमंद होता है।
- यह महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी विकारों को कम करने में भी सहायक है।
- Vajrasana साइटिका से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद आसन है।
वज्रासन करने के लिए कुछ टिप्स
अगर आप पहली बार वज्रासन कर रहे हैं तो आपके लिए यह टिप्स जरूर फायदेमंद होंगे। इन टिप्स के प्रयोग से आप वज्रासन से होने वाले लाभों को बढ़ा सकते हैं औेर इससे होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
- अगर पहली बार इस आसन को कर रहे हैं तो आपको इस आसन की शुरुआत में पैरों में दर्द हो सकता है। अगर ऐसा हो रहा है तो आप वज्रासन की स्थिति से उठ जाये और पैरों को आगे की ओर ले आएं। अब अपने टखनों, घुटनों के साथ ही पिंडलियों की हल्के हाथ से मालिस करें। धीरे—धीरे इस आसन को नियमित करने पर आपको यह पेरशानी नहीं आएगी फिर आप इस आसन को अधिक समय तक सक सकेंगे।
- अगर आप नये हैं तो आपको शुरुआत में वज्रासन को 5 से 7 मिनट तक ही करना चाहिए।
- अगर आपको किसी प्रकार की परेशानी है तो आपको किसी अच्छे प्रशिक्षक की निगरानी में यह योग करना चाहिए।
- वज्रासन को करते समय अपने मन को पूरी तरह शांत रखें और अपने मन को किसी एक बिंदु पर केंद्रित रखें।
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वज्रासन (Vajrasana) करने में बरती जाने वाली सावधानी:
- जिन व्यक्तियों को किसी भी प्रकार की रीढ़ की हड्डी की दिक्कत रहती है, विशेषकर निम्न कशेरुकाओं में तो उन्हें वज्रासन नहीं करना चाहिए।
- आपको इस आसन को जरूरत से अधिक नहीं करना चाहिए धीरे—धीरे आपके पीठ की मांसपेशियों की ताकत बढ़ जायेगी फिर इसकी समय अवधि को बढ़ा सकते हैं।
- अगर आपको हर्निया एवं आंत में होने वाले अल्सर की परेशानी है या फिर छोटे और बड़ी आंतों के रोग हैं तो आपको किसी योग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही वज्रासन करना चाहिए।
- अगर आपके घुटने या टखने की हड्डी में चोट है तो आपको यह आसन पहीं करना चाहिए।
- हाइपोटेंशन यानी कम रक्तचाप की समस्या वाले व्यक्तियों को इस आसन से बचना चाहिए।
- गर्भवतियों को इस आसन को नहीं करना चाहिए।
रीढ़ की हड्डी में किसी तरह की समस्या है, तो इस आसन को करने से बचें।
किसी भी प्रकार का योग हमारे तन और मन को स्वस्थ बना सकता है। अगर वज्रासन योग की बात करें तो यह आसन बहुत ही सरल एवं आसान है इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसको किसी भी समय किया जा सकता है और इससे होने वाले फायदों में भी कोई अन्तर नहीं आता है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा और आप इस वज्रासन (Vajrasana in Hindi) या अन्य प्रकार के योग करने की सोच रहे हैं तो इससे जुड़ी सावधानियों को जरूर ध्यान से पढ़े और किसी अच्छे जानकार की मदद लें।
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