मनुष्य जीवन में सेक्स के बारे में सोचना एकदम नॉर्मल बात है। हम हार्मोनल, सेक्सुअल प्राणी हैं, जिनकी जीन हमें प्रजनन करने के लिए प्रेरित करती हैं। लेकिन कभी-कभी, इन्सान के दिमाग में ये सेक्सुअल विचार बहुत ज्यादा आने लग जाते हैं, जिसकी वजह से एक छोटे से काम पर भी ध्यान लगा पाना और उसे पूरा कर पाना बहुत ज्यादा कठिन हो जाता है। जब किसी इंसान का दिल हर समय सेक्स के बारे में सोचने लग जाए तो ये जरूरत न रहकर लत बन जाती है। इसी समस्या को मेडिकल साइंस में सेक्स एडिक्शन डिसऑर्डर कहा जाता है। सेक्स एडिक्शन डिसऑर्डर का शिकार इंसान अपनी यौन इच्छाओं पर कंट्रोल नहीं कर पाता है।
क्या बार-बार सेक्स करने की इच्छा नॉर्मल है?
आज के युग में सेक्स करना या यौन संबंध बनाना, इंसान की शारीरिक और मानसिक जरूरतों में शामिल है। लेकिन कई बार जब किसी इंसान का दिल हर समय सेक्स के बारे में सोचने लग जाए तो ये जरूरत न रहकर इंसान के शरीर की आदत बन जाती है। इसी समस्या को मेडिकल साइंस में सेक्स एडिक्शन या सेक्स डिसऑर्डर कहा जाता है।
सेक्स एडिक्शन या सेक्स डिसऑर्डर का शिकार इंसान अपनी यौन इच्छाओं पर कंट्रोल नहीं कर पाता है और कई बार तो अपनी इच्छाओं पर कंट्रोल न कर पाने के कारण बहुत ज्यादा हिंसक भी हो जाता है। इस तरह का यह सेक्स एडिक्शन बहुत खतरनाख हो जाता है, जिससे पीड़ित इंसान अपनी या दूसरों की जिंदगी भी बर्बाद कर सकता है।
सेक्स एडिक्शन की वजह से ही दुनिया में रेप जैसी घटनाओं का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. सेक्स एडिक्शन, असल में इंसान की अनियंत्रित यौन इच्छाएं हैं। इंसान इन्हें पूरा करने की धुन में कंट्रोल से बाहर हो जाता है। यही बात इस एडिक्शन को इतना खतरनाक बना देती है। सेक्स एडिक्शन में सेक्स से जुड़ी हर एक्टिवटी को शामिल किया जाता है।
विज्ञान क्या कहता है?
आपने पुराने मिथक के बारे में सुना होगा कि पुरुष हर 7 सेकंड में सेक्स के बारे में सोचते हैं, लेकिन यह ज़्यादा ही जोशीला–मिथक है। याद रखिए कि यह सब खुद बताई बातें हैं, लोग अपने हिसाब से इसमें मसाला बढ़ाते-घटाते होंगे माना जाता है कि आम आदमी सेक्स के बारे में दिन में एक बार तो सोचता ही है, हालांकि 34 बार तक सोचना ‘सामान्य’ माना गया है।
वो कौन चीज़ें हैं जो सेक्स ड्राइव को प्रभावित करती हैं?
1) स्वास्थ्य
मानसिक बीमारी और चिरकालिक अवसाद का परिणाम उत्साहहीन काम लिप्सा हो सकता है (हालांकि ऐसी मानसिक बिमारी, जिसका निदान ना हुआ हो, कभी-कभी बढ़े हुए सेक्स ड्राइव की वजह हो सकती है)
अनिंद्रा(नींद न आना), तनाव, रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज), हार्ट की समस्याओं और थायराइड के इलाज के दुष्परिणाम काम लिप्सा(libido) घटा सकते हैं। रिश्तो में तनाव और निजी समस्याओं जैसे सेक्स से जुड़ा कोई मनोविज्ञानिक घात, काम लिप्सा से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाते हैं।
मौसम का भी रोल होता है, कुछ लोग ज़्यादा सर्दी में धूप और प्रकाश की कमी से दुखी हो जाते हैं, इसका कारण होता है कम ‘सिरोटोटिन’ (वह हार्मोन जो मूड अच्छा करता है) कभी-कभी इससे काम लिप्सा में कमी आती है। व्यायाम हेल्थी सेक्स ड्राइव में सहायता करता है, रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, तनाव घटाने वाले और मूड अच्छा करने वाले ‘एंडोरफीन’ नामक हॉर्मोन का हमारे रक्त में संचार करता है।
2) उम्र
15 साल के अर्जुन कहते हैं कि उन्हें काफी चिंता होती थी कि उनके सर पर सेक्स सवार था। “तरुण अवस्था में मैं करीब हर तीसरे मिनट सेक्स के बारे में सोचता था। जब मैं 11 साल का हुआ, अचानक चीज़ें यूं बदलीं, महिला को देखने से ही इरेक्शन(erection) हो जाता था, काफी दर्द भरा और शर्मनाक दौर था।” वो झेंपते हुए कहता है, “अब बात अलग है, मैं काफी शांत हूं, अब मैं सेक्स के लिए उतना उत्सुक नहीं हूं”
‘टेस्टोस्टेरॉन’ हार्मोन जो एक पुरुष के सेक्स ड्राइव के लिए ज़िम्मेदार है, किशोर अवस्था के जाते-जाते ,सबसे अधिक होता है। लगता है अर्जुन की यह अवस्था टाइम से थोड़े पहले ही आ गयी।
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर के कारण:
बायोकेमिकल उतारचढ़ाव:
इस तरह का विकार मस्तिष्क में होने वाले रासायनिक बदलावों के कारण होता है। हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर भी व्यक्ति के मस्तिष्क में पाए जाने वाले न्यूरोट्रांसमीटर के अंतर्गत आये जाने वाले हार्मोन्स जैसे- डोपामाइन, सेरोटोनिन और न्यूरोपाइनफ्रिन में आने वाले बदलावों के कारण देखने को मिलता है। इन तीनों रसायनों की अधिकता होने पर व्यक्ति के भीतर सेक्स संबंधित विचारों का अंबार लग आता है।
चिकित्सीय अवस्था:
कई ऐसी चिकित्सीय अवस्थाएं होती है, जिसमें व्यक्ति के दिमाग के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। जिसके कारण हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर होने की संभावना होती है।
हार्मोन्स:
महिला हो या पुरुष दोनों में ही सेक्स सम्बंधित हार्मोन्स होते हैं, जिन्हें एंड्रोजन के नाम से जाना जाता है। एंड्रोजन व्यक्ति के लिबिडो और व्यक्ति में सेक्स के प्रति रुझान को बढ़ाने का काम करता है। लेकिन इस तरह के हार्मोन्स के बढ़ जाने पर व्यक्ति के भीतर सेक्स जैसे विचारों को बढ़ा देता है।
बचपन में हुए दुर्व्यवहार के कारण:
कई बार व्यक्ति के साथ बचपन में हुए दुर्व्यवहार के कारण व्यक्ति के दिमाग में बहुत से नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं जिसके कारण व्यक्ति में व्यस्क होने पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इस तरह का मानसिक विकार देखने को मिलता हैं।
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर के होने के लक्षण:
अत्यधिक हस्तमैथुन:
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर से पीड़ित में अत्यधिक हस्तमैथुन की आदत लग जाती है। इस तरह का लक्षण इसके शुरूआती दौर में नजर आने लगता है। इसके साथ व्यक्ति अन्य तरह के यौन क्रियाएं करता है।
हमेशा सेक्स के बारें में सोचना:
इस तरह के मानसिक विकार में व्यक्ति हर वक्त सिर्फ और सिर्फ सेक्स के बारे में सोचने लगता है।
अश्लील फिल्मों को बहुत ज्यादा मात्रा में देखना :
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर में व्यक्ति को सेक्स के प्रति एडिक्शन हो जाता है जिसे कम करने के लिए व्यक्ति अश्लील फिल्मों और तस्वीरों के सहारे इस तरह के एडिक्शन को कम करने की कोशिश करता है।
एक से अधिक लोगों के साथ संबंध बनाने के बारे में सोचना:
ऐसे में व्यक्ति अपने साथी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी सम्बन्ध बनाने के बारे में सोचने लगता है। ऐसा करना काफी खरतनाक हो सकता है, इससे कई तरह के यौन संचारित रोग होने की संभावना होती है।
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर के होने का उपचार:
इस तरह के मानसिक विकार को ठीक किया जा सकता है। इसमें व्यक्ति के मन-मस्तिष्क से इस तरह के विचारों और भावनाओं को कम करने के लिए साइकोथेरेपी, जिसमें ग्रुप और फैमली आधारित थेरेपी का सहारा लिया जाता है। इसके साथ ही दवाओं का भी सहारा लिया है। कई बार इस तरह के विकार के उपचार के लिए मनोचिकित्सक काउसिलिंग की मदद भी लेता है।
इसके पीछे की असली वजह या ट्रिगर्स से बचना:
इसके पीछे के कारण को समझें और उसका अनुमान लगाएँ: हालाँकि खास कारणों या परिस्थितिवश मौजूद कारणों, जैसे कि ऊपर बताए गए हैं, की पहचान कर पाना आसान हो सकता है, लेकिन अगर आप इन कारणों के पैटर्न के बारे में कुछ पता लगा सकें, तो करके देखें। इसकी समझ, आपको सेक्सुअल विचारों को कम करने की कोशिश करते समय, बचने योग्य चीजों के प्रकारों के लिए अधिक सक्रिय बनने में मदद कर सकती है।
क्या आपका ये ट्रिगर ज्यादा विज्युअल (देखी जाने वाली) या ज्यादा वर्बल (बोली जाने वाली बातें) है? उदाहरण के लिए, पुरुष ज़्यादातर विज्युअल चीजों से ज्यादा उत्साहित होते हैं,[१] जबकि महिलाओं को बोली हुई बातों से ज्यादा फर्क पड़ता है।
अपने खुद के विशेष ट्रिगर्स का पता लगाएँ: अगर कोई खास इंसान, दिन का कोई वक़्त, या भावना आपके मन में हमेशा सेक्स के बारे में विचलित विचार लाती है, ऐसे ट्रिगर्स के बारे में जानकारी पाना शुरू कर लें, जो आपके मन को इस तरफ खींच कर ले जाते हैं। अपने ट्रिगर्स की लिस्ट तैयार कर लें। हो सकता है, कि आप हर वक़्त बस सेक्स के बारे में ही सोचा करते हैं:
- सुबह उठकर सबसे पहली बात।
- जिम, योगा, आदि जैसी किसी खास क्लास के दौरान।
- बस पर।
- जब आपको पढ़ना या काम करना चाहिए।
- जब आप विपरीत/समान सेक्स के आसपास हों।
- बेड पर।
अपने लिए पोर्नोग्राफ़ी देखना मुश्किल बना दें: हालाँकि आपको ऐसा लग सकता है, कि ये आपकी सेक्सुअल चाहतों को कुछ वक़्त के लिए संतुष्ट करने का एक रास्ता है, लेकिन ऐसे पोर्नोग्राफ़ी के ऊपर निर्भर होना या इसके साथ में एक तरह का संबंध बना लेना, आपको और ज्यादा सेक्सुअल विचारों में के जाल में लपेट सकता है, और आपके लिए इसकी चंगुल से निकल पाना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।
- अपने घर से पोर्नोग्राफ़ी वीडियो, मैगजीन्स, कैलेंडर्स और बाकी के दूसरे सामान को बाहर निकाल दें और अपनी काबिलियत के हिसाब से, जितना हो सके, उतना इन्हें देखने से बचें।
- आपके कंप्यूटर पर अगर एक फायरवाल गार्ड मौजूद है, तो पेरेंटल कंट्रोल्स एनेबल करके देखें और प्रोफ़ाइल को टीन (teen) पर सेट कर दें, ताकि आप आगे कभी गलती से भी पोर्नोग्राफ़ी पर न पहुँच पाएँ। पेरेंटल कंट्रोल सिर्फ बच्चों के लिए नहीं हुआ करते, और आप इन्हें आपके सारे ब्राउज़र्स पर और आपकी सारी दूसरी डिवाइस पर भी सेट कर सकते हैं।
अनसेक्सी टॉपिक्स की एक लिस्ट तैयार करें: ये असल में वो सारी चीज़ें हैं, जिन्हें आप सेक्सी से एकदम विपरीत मानते हैं। फिर जब भी कभी आपका मन सेक्सुअल विचारों की डगर पर पहुँचने लगे, तब आप अपने मन को इन्हीं अनसेक्सी चीजों के बारे में सोचते हुए, वहाँ से भटकाने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसी हर एक वो चीज़, जिसे आप अनसेक्सी मेंटल डायवर्जन की तरह मानते हैं, वो आपके काम आएगी।
- साइन्स, आउटडोर व्यूज, अंडरवॉटर सींस, पपीज़, स्पोर्ट्स या चेस स्ट्रेटजी जैसे किसी सुखद विषय के बारे में सोचकर देखें।
- आप चाहें तो ठंड से जुड़े विषयों के बारे में भी सोच सकते हैं, जैसे कि, बड़े-बड़े कपड़े, स्नो या विंटर।
अपने इन ट्रिगर्स को अन्य विचारों और टॉपिक्स से रिप्लेस कर दें: दूसरी चीजों के ऊपर ध्यान देकर, अपने रास्ते पर आ जाएँ और अपने मन में ऐसे सेक्स से जुड़े विचारों का ख्याल तक न आने दें। बहुत ज्यादा देर होने से पहले, ये आपकी आदत में शामिल हो जाएगा।
- मन के भटकाव के तौर पर, फौरन ही करने लायक कोई चीज़ तलाश लें। मान लीजिये, अगर आपको हमेशा ही बस में ट्रेवल करते वक़्त ऐसे सेक्स के विचार आते हैं, तो इस दौरान अपने मन को भटकाने के लिए करने लायक कोई चीज़ तलाशने की हर संभव कोशिश कर लें, जैसे कि अपना होमवर्क पूरा कर लें, एक नई बुक पढ़ लें, या फिर अपने फ्रेंड से बात करें। या अगर आप क्लास में, किसी मीटिंग में या काम के वक़्त चल रहे किसी बोरिंग टॉपिक के चलते सेक्स के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं, तो आपको नोट्स बनाना शुरू कर देना चाहिए। अपने पेन को चलाते हुए आपको अपना सारा ध्यान जारी बातचीत पर और अपने पेन पर लगाना पड़ेगा, और आप आपके मन में चल रही बातों को भूल जाएंगे।
- डिस्कशन टॉपिक्स को अपने मन में तैयार रखें। अगर आप किसी खास इंसान के साथ सेक्स के बारे में सोचे बिना नहीं मिल सकते और फिर इसके लिए आपको शर्म महसूस होती है, तो अपने मन में ऐसे टीन टॉपिक तैयार रखें, जिन्हें आप उन से अगली बार मिलने पर पूछना चाहते हैं। आप चाहें तो मौजूदा इवैंट्स, ग्लोबल अफेयर्स, एनवायरनमेंट या राजनीति जैसे, और ज्यादा विचार-विमर्श करने वाले विषयों को भी चुन सकते हैं, जो कि ज़्यादातर लोगों पर लागू होते हैं।
अपने आप से एक वादा करें: अपने सेक्सुअल विचारों को कम करने के लिए कुछ मिनिमम लक्ष्य बनाएं, ताकि वो आपको आपके काम और आपके कॉलेज जैसी, आपकी अन्य दैनिक गतिविधियों से विचलित न कर पाएँ।
- अगर आपको आपका वादा याद दिलाने के लिए मदद की जरूरत हो, तो एक छोटी सी ज्वेलरी पहन लें या फिर अपनी कलाई पर एक छोटा सा धागा ही बाँध लें, ताकि ये आपको किसी भी तरह के सेक्सुअल विचारों से दूर रखने के लायक एक पावर की तरह काम करे।
- किसी को आपके लक्ष्यों के बारे में बताएँ। अपने द्वारा किए जा रहे सारे प्रयासों के बारे में अपने किसी भरोसेमंद फ्रेंड से या अपने फ़ैमिली मेंबर से बात कर लेने से, आपको अपना ध्यान अपनी लक्ष्य की ओर बनाए रखने में मदद मिलेगी। उनसे कहें, कि वो रेगुलरली देखते रहें, कि आप सही ढंग से आगे बढ़ रहे हैं या नहीं और जरूरत पड़ने पर आपको कुछ सलाह भी दें और आपकी मदद भी करें।
- अपने वादे को निभाने के लिए, खुद को पुरस्कृत करें। ये एकदम सीधा-सीधा मामला होना चाहिए। आप अपने आपको एक फेवरिट मीठा देकर, एक शॉपिंग ट्रिप पर जाकर या अपनी पसंद का कोई काम करके भी पुरस्कृत कर सकते हैं।
इसके लिए अपने आपको दोषी न ठहराएँ: सेक्स के बारे में सोचना, किशोरावस्था में कदम रखने का और वयस्कता का एक बहुत बड़ा हिस्सा होता है और आपको इसके लिए बुरा फील करने की भी जरूरत नहीं है। आपके सेक्सुअल विचार केवल एक ही तरीके से आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं, जब आपके ये आपको उस बात पर ध्यान लगाने से रोकने लगें, जिसके बारे में आप सोचना चाहते हैं। याद रखें, कि ये हर बार इतना ही मुश्किल नहीं होने वाला है और आपका ये अभी का वर्तमान आग्रह गुजर जाएगा।
हैल्दी सेक्स लाइफ बनाना (Cultivating a Healthy Sex Life):
1. अपने पार्टनर से बात करें: अगर आप रिलेशनशिप में हैं, तो एक हैल्दी सेक्स लाइफ को तैयार करने के काम में, आपस की बातचीत काफी अहम भूमिका अदा करेगी। इसके साथ ही अपने मन के विचारों को बाहर निकाल देना, इन्हें और बढ्ने से रोकने का या आपके मन में घर करके रहने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है और साथ ही ये आपकी सेक्स लाइफ को और बेहतर भी बना सकता है।
- अगर आप दोनों सेक्सुअली एक्टिव हैं, तो एक हैल्दी और ओपन सेक्सुअल रिलेशनशिप, जो आप दोनों को संतुष्ट रख सके, उसे बनाए रखने के लिए अपने पार्टनर से बात करिए। ये बातें सिर्फ बोलकर ही नहीं की जाती। आप आपके पार्टनर के लिए नोट्स लिख सकते हैं। एक कपल के तौर पर आप दोनों मिलकर कोई ऐसी बुक पढ़ सकते हैं या कोई मूवी देख सकते हैं, जो आपके विचारों को पेश कर सके। और अगर आप अपने पार्टनर के साथ सेक्स के बारे में बात करने को लेकर अनिच्छुक हैं, तो याद रखें कि ये बातचीत ही है, जो आपके लिए इस समय मददगार साबित होगी।
- अगर आप लोग सेक्सुअली एक्टिव नहीं हैं, तो भी आपके लिए बात करना बेहद जरूरी है। अगर आप सेक्सुअली एक्टिव न होते हुए भी अपनी हद से ज्यादा सेक्स के बारे में विचार कर रहे हैं, तो ये ऐसा इसलिए हो सकता है, कि शायद आपकी सेक्स लाइफ में किसी तरह की कमी या हताशा मौजूद है? अपने पार्टनर के साथ में एकदम खुलकर और सच्चाई के साथ बात करें। आपको आपकी अपेक्षाओं के, आपके पार्टनर के हिसाब से उचित होने की पुष्टि भी करना है। आपको ये भी जानना होगा, कि कब आपका पार्टनर आपके साथ में सेक्स की शुरुआत करने को तैयार है और उसे भी मालूम होना चाहिए, कि कब आप सेक्स के लिए तैयार हैं।
2. रोमांटिक अंदाज़ में सेक्स के बारे में विचार करें: अगर आप किसी रिलेशनशिप में हैं, तो अपनी सेक्सुअल ड्राइव के जरिये अपने पार्टनर के प्रति लविंग और केयरिंग रवैया पेश करने की कोशिश करें। बस सेक्सुअल रिलेशनशिप बनाने के बजाय, उसके साथ में रोमांटिक भी बनें। इस तरह से, आप, आपके और उसके बीच में एक इमोशनल इंटीमेसी बना लेंगे।
3. मास्टर्बेशन के प्रति हैल्दी एटिट्यूड और प्रैक्टिस का विकास करें: मास्टर्बेशन, में ऐसा कुछ नहीं है, जिसके लिए आपको खुद को कसूरवार ठहराने लगें, खासतौर पर अगर ये आपको आपके सेक्सुअल विचारों और कामनाओं को रोकने में मदद करता हो, तब तो बिल्कुल भी नहीं। इससे बचने की कोशिश करके, आप आपकी कामना को और ज्यादा बदतर भी बना सकते हैं। अगर आप हर वक़्त बस अपने लिए एक सेक्सुअल पार्टनर की तलाश के खयाल में डूबे रहते हैं, तो आप रेगुलरली डेट कर सकते हैं और मास्टर्बेशन के जरिए खुद को सैटिस्फ़ाय भी कर सकते हैं। ये आपके मन को कुछ और जरूरी काम पर फोकस करने के लिए फ्री करने में मदद कर सकता है। बस इतना ध्यान रखें, कि इसकी अति भी न कर डालें, नहीं तो और न ही इसे अपने लिए एक नयी लत न बनने दें।
4. याद रखें, कि सब-कुछ बस सेक्स के बारे में ही नहीं होता: ऐसा कोई भी टॉपिक, जिसके बार में आप बहुत ज्यादा या बहुत जुनून के साथ में सोचते हैं, वो सब आपको कंज्यूमिंग प्रतीत हो सकता है, और क्योंकि सेक्स काफी जरूरी चीज़ है और ये सर्वव्यापी भी लगता है, लेकिन ज़िंदगी में सब कुछ बस सेक्स और सेक्सुअल डिजायर ही नहीं होता। आप एक काम्प्लिकेटेड और कई-रूप वाले इंसान हैं। तो इसलिए अपने अलग-अलग तरह के विचारों, रुचियों और काबिलियत के लिए गर्व महसूस करें।
सेक्स एडिक्शन को लेकर यह सलाह दी जाती है:
- अपने इन सेक्सुअल विचारों को लेकर हताश न हो जाएँ। याद रखें, कि हर किसी के मन में सेक्स के बारे में ख्याल आते हैं। अगर कोई बात मायने रखती है, तो वो ये कि आप अभी भी सेक्स के इन विचारों के जाल में फँसे बिना, अपने दैनिक जीवन के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
- अगर आप एक महिला हैं, तो आपके आपके हार्मोनल बर्थ कंट्रोल के साइड इफेक्ट के तौर पर आपकी कामेच्छा में बढ़त हो सकती है। अपने डॉक्टर से बात करें, अगर वो आपको किसी और एंड्रोजेनिक फॉर्मूला पर (एंड्रोजन का संबंध टेस्टोस्टेरोन से होता है, जो दोनों ही सेक्स की कामेच्छा में बढ़त करते हैं) स्विच करने की सलाह देते हों।
- मेडिटेशन करें।
- ऐसा सोचें जैसे आप किसी प्रार्थना स्थान में हैं।
जब आप बहुत अधिक सेक्स करते हैं तो क्या होता है आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव
1. योनि का सूखापन
योनि का सूखापन लंबे सेक्स के पहले लक्षणों में से एक हो सकता है। इसकी वजह से शरीर का प्राकृतिक लुब्रिकेंट खराब होने लगता है, जिससे दर्द, सूखापन और घर्षण होता है। रजोनिवृत्त के दौरान महिलाओं में योनि का सूखापन आम है, जिससे पेनिट्रेशन के दौरान बहुत असुविधा होती है।
2. सूजन
यदि आपकी बाहरी त्वचा, योनी और लेबिया सेक्स के बाद उभरी और सूजी हुई है, तब तक सेक्स करने से बचें। इसकी वजह से योनि में दर्द हो सकता है। राहत के लिए एक आइस पैक आज़माएं, और अगली बार जब आप सेक्स करें तो योनि में लंबे समय तक सेक्स करने के लिए पर्याप्त नमी पैदा करने के लिए लूब्रीकेशन का उपयोग करने पर विचार करें।
3. सेक्स के दौरान दर्द
भले ही सेक्स करना सबसे सुखद एहसास हो, लेकिन सामान्य से अधिक सेक्स करने से जननांग में दर्द हो सकता है। कभी-कभी यह दर्द महसूस होना आम बात है, लेकिन लगातार दर्द एक समस्या का संकेत देता है। इसलिए अपने चिकित्सक से बात करें।
4. जलन का अहसास
बहुत से लोग संभोग के दौरान होने वाले दर्द को दर्द, जलन, या सुस्त दर्द के रूप में अनुभव करते हैं। सेक्स के दौरान या बाद में योनि में जलन असहज कर सकती है और संकेत दे सकती है कि आपको रुकने या ब्रेक लेने की जरूरत है।
5. मूत्र मार्ग में संक्रमण
दर्द, सूखापन, जलन, जलन और रैशेज ये सभी बहुत अधिक सेक्स करने के लक्षण हैं। मूत्राशय और योनि का संक्रमण एक और दर्दनाक लक्षण है। यदि आपको संक्रमण होता रहता है तो हो सकता है कि आप बहुत अधिक सेक्स कर रहे हों।
एक स्वस्थ सेक्स सत्र के लिए इन 5 युक्तियों को ध्यान में रखें:
1. लुब्रिकेशन का प्रयोग करें: वॉटर बेस्ड लुब्रिकेशन का उपयोग सूखापन को कम करने और लंबे समय तक यौन संबंध रखने में मदद करता है।
2. फोरप्ले शामिल करें: फोरप्ले करते समय हमेशा कम से कम 10 मिनट का लक्ष्य रखें। आप किस कर सकते हैं और एक दूसरे के साथ कडल कर सकते हैं।
3. अपनी पोजीशन बदलें: यदि आप सेक्स के दौरान तेज दर्द का अनुभव करती हैं, तो दूसरी पोजीशन में स्विच करें ताकि आपका साथी अच्छे से पेनिट्रेशन कर सके।
4. कीगल एक्सरसाइज करें: ये आपको पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकती हैं जो आपके ब्लैडर को सपोर्ट करते हुए सेक्स के दौरान पोजीशन को मैनेज करने में मदद कर सकती हैं। यह वहां रक्त प्रवाह में भी सुधार कर सकता है और संभोग तक पहुंचना आसान बना सकता है।
5. ब्रेक लें: अगर आपको इंटरकोर्स के दौरान दिक्कत हो रही है, तो ब्रेक लें।
सेक्स को लेकर कुछ खास बातें जिनका ध्यान रखना बहुत जरुरी है
1. एक दिन में कितनी बार करना चाहिए:
एक रात में कितनी बार सेक्स करना चाहिए इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं है। शादी के शुरुआती दिनों में लोग बाद के महीनों की तुलना में ज्यादा सेक्स करते हैं। मेरी सलाह तो यही है कि आप दोनों अपनी इच्छा, सेक्शुअल अराउजल यानी उत्तेजना के आधार पर और अपनी टाइमिंग के आधार पर सेक्स करें।
कामेच्छा में कमी आने वाले आपके सवाल के बारे में मैं ये कहना चाहूंगा कि यह भी कई बातों पर निर्भर करता है। जैसे- बहुत ज्यादा थकान, एक ही चीज को बार-बार और एक ही तरह से करने से बोरियत महसूस होना आदि। लेकिन ये चीजें आपको स्थायी रूप से प्रभावित नहीं करतीं। बेहतर परफॉर्मेंस के लिए आपको किसी तरह की दवा की जरूरत नहीं है। आप अपने फैमिली डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते हैं।
2. एक रात में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए
एक रात में कितनी बार सेक्स करना चाहिए इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं है। शादी के शुरुआती दिनों में लोग बाद के महीनों की तुलना में ज्यादा सेक्स करते हैं। मेरी सलाह तो यही है कि आप दोनों अपनी इच्छा, सेक्शुअल अराउजल यानी उत्तेजना के आधार पर और अपनी टाइमिंग के आधार पर सेक्स करें।
3. एक महीने में कितनी बार सेक्स करना चाहिए
महीने में कम से कम 10 बार सेक्स जरुर करना चाहिए। एक हेल्दी रिलेशनशिप (healthy relationship) में पार्टनर्स को सप्ताह में दो बार सेक्स (sex) करना ही चाहिए ताकि आपके पार्टनर को रिश्ते में उत्साह बना रहे।
औरतों में, सेक्स ड्राइव का उमर के साथ निश्चित रिश्ता नहीं है।
यह धारणा, कि औरतों में ‘सेक्शुअल पीक’( वह समय जब एस्ट्रोजन का स्तर और उनकी सेक्स ड्राइव या कामोत्तेजना चरम पर होती है, यह माना जाता है कि ऐसे समय में वह सेक्स परिपक्वता और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होती हैं) तीस साल की उमर के आस पास होती है, अब पुरानी और अप्रचलित हो चुकी है फिर भी एक जन धारणा है कि महिलाओं की सेक्स ड्राइव 30 व 40 की उम्र के बीच अधिक होती है।
37 साल की किरण इस बात से असहमत हैं। उन्होंने काफी लंबे समय से सेक्स नहीं किया है और वह खास तौर पर इस बात से परेशान हैं कि लोग कहते हैं कि आप अभी अपनी अधिकतम सेक्स ड्राइव के दौर से गुज़र रही हैं और समलैंगिक होने के कारण तो आपको और भी आसानी होगी। उन्होंने कहा-
“मैं पिछले 2 साल से अपने शुष्क दिनों के बीच हूं, मुझे कामोत्तेजना का एहसास कभी कभार होता है, मैं सेक्स के बारे में इन दिनों महीने में शायद दो बार ही सोचती हूं”।
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