आजकल की भाग दौर भरी जिंदगी में लोग अपने खाने पीने का खास ख्याल नहीं रख पाते जिसके कारण पेट कब्ज जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पेट में ज्यादा गैस बनना या फिर कब्ज रहना बेहद नुकसान दायक होता है. यह कब्ज बाद में धीरे-धीरे बवासीर का रूप लेने लगता है कहते है की बवासीर उम्रदराज लोगो को होता है। परंतु आजकल के खान पान और जंक खाना (बरगर, पिज़्ज़ा, तेलिययुक्त पदार्थ) खाने की वजह से युवकों और बच्चों में भी पाया जाने लगा है, अच्छे से पेट का साफ नहीं होना मतलब शौच नहीं होना ये भी बवासीर की तरफ इशारा करता है.
शौच करते समय ज्यादा दाब/जोर लगाने पर भी शौच का ना होना और शौच के के साथ रक्तश्राव आना यह भी इस रोग का मुख्य कारण होता है। इसे इंग्लिश में piles और hemorrhoids भी केहते है। इस रोग में गुदा द्वार में मस्से निकल आते है, जो शौच करते समय रक्तश्राव के साथ में बहार आते हैं और बाद में बहुत पीड़ा देते है, बवासीर अंदरूनी और बाहरी दो प्रकार की होती है. आईएसकेडी मेडीफिट, आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप सिंह
यह भी पढ़ें: हजारों बिमारियों का एक इलाज दालचीनी, जानिए दालचीनी के फायदे, उपयोग और नुकसान
बवासीर कैसे होता है ? (What Causes Haemorrhoids)
अक्सर बवासीर खाना खाकर लगातार बैठे रहने की वजह से या फिर लगातार पैट ख़राब रहने की वजह से होता. माना जाता है की एक परिवार में किसी को बवासीर जैसे रोग की समस्या हो तो दूसरी पीढ़ी को भी ये समस्या हो सकती है। अपने स्वास्थ की देख भाल ना करना, व्यायाम नियमित रूप से ना करना, जयादा मसालेयुक्त भोजन करना, एव तैलीय पदार्थोका ज्यादा सेवन करना भी बवासीर रोग की तरफ ले जाता है। जंक फ़ूड के खान पान से भी पेट में कब्ज की समस्या होगी, जिससे शौच ठीक से नहीं होगी और बवासीर के लक्षण दिखाई देंग.
बवासीर के लक्षण क्या है ? (What Are The Symptoms of Piles in Hindi)
बवासीर होने के निम्लिखित लक्षण होते हैं।
- शौच करते समय मलाशय या गुदा को चोट पहुंच सकती है।
- गुदा के आस पास में खुजली आना।
- गुदा के सभी ओर दर्द महसूस करना और चिड़चिड़ाहट होना।
- अंदुरुनी दर्द होना।
- एक आंत्र आंदोलन के बाद रक्त रिसाव होना।
- गुदा के पास एक दर्दनाक सूजन या गांठ या मस्से का होना।
यह भी पढ़ें: पपीता जीवन के लिए प्रकृति का दिया अनमोल तोहफा है, जानिए पपीते के फायदे और नुकसान
बवासीर रोग के कितने स्तर होते है ? (What are The Stages of Piles / Haemorrhoids)
बवासीर रोग के मुख्य रूप से दो स्तर होते है।
1 ) अंदरूनी बवासीर
इसमें मलद्वार के अंदर मस्सा हो जाता है और साथ में कब्ज भी हो तो मलत्याग के समय जोर लगाने पर यह मस्सा छील जाता है। और मलद्वार से रक्त रिसाव आने लगते है और बहुत दर्द पीड़ा होती है। इसमें सूजन को हम स्पर्श नहीं कर सकते है , किंतु महसूस कर सकते है.
2 ) बाहरी बवासीर
इसमें बाहर के तरफ मस्सा होता है और उसमे दर्द नहीं होता है लेकिन शौच के समय मस्से पर रगड के वजह से बहुत अधिक खुजली होने लगती है और बहुत पीड़ा होती है। सूजन को बाहर से मह्सूस कर सकते है.
यह भी पढ़ें: जानिए कोरोना में गिलोय सबसे ज्यादा क्यों इस्तेमाल किया जाता है, गिलोय के फायदे, नुकसान व औषधीय गुण
घरेलु उपाय क्या है बवासीर के इलाज के लिए ? (What are The Home Remedies for Piles in Hindi)
- छाछ बवासीर के लिए सबसे अच्छा होता है, एक चुटकी नमक और एक चौथाई चम्मच अजवाईन को छाछ में मिलाकर रोजाना पिये
- मूली के रस का सेवन बवासीर के असर को कम करता है।
- काला जीरा बहुत ही फायदेमंद होता है, इसे बहुत लोग इस्तेमाल करते है, जीरा पाउडर और पानी को मिलकर गाढ़ा पेस्ट बनाकर 15 मिनट बाद सूजन के जगह पर लगाए, बवासीर के लक्षण को कम करता है
- पपीता विटामिन और खनिजों का एक मुख्य स्त्रोत है इसमें एक शक्ति शाली पाचन एंजाइम पपेन होता है, जो कब्ज और रक्तस्राव बवासीर का इलाज करने के लिए शक्तिशाली फल माना जाता है। नाश्ते में सेवन करे या शौच जाने के कुछ समय पहले सेवन करे, सलाद के रूप में कच्चे पपीता का सेवन करे।
बवासीर को जड़ से ख़त्म करने के लिए आईएसकेडी आयुर्वेद द्वारा बनाया गया रामवाण इलाज
बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेद में बहुत सी औषधियां हैं जिनका इस्तेमाल से बवासीर जड़ से ख़त्म हो जाता है. जिसमें यह आयुर्वेदिक इलाज बहुत असरदार है.
नुस्खा – 1. गुग्गुलु, लहसुन, हींग तथा सोंठ को जल के साथ पीसकर 125 मिग्रा की गोली बनायें और प्रात सुबह- साम 1-1 गोली ठंडे पानी के साथ लगातार दो से तीन महीन लेने से अर्श या कृमी या बवासीर को जड़ से खत्म किया जा सकता है.
नुस्खा – 2. 2 ग्राम हरड़, 2 ग्राम सोंठ और 1 ग्राम बाकुची के बीज लेकर पीस लें। आधी चम्मच की मात्रा में गुड़ के साथ सुबह-शाम दो से तीन महीने सेवन करने से बवासीर को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है.
नुस्खा – 3. रीठे का छिलका 20 ग्राम और हराकसीस 10 ग्राम को पीसकर चने के बराबर की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें। 1 गोली खाली पेट पानी से सेवन करने से 10-12 दिन में बवासीर के मस्से सूख जाते हैं और बवासीर जड़ से ठीक होने लगती है.
ऊपर लिखे तीनों नुस्खों का इस्तेमाल कर हजारों लोगो ने बवासीर को मात दी है अगर आपको भी बवासीर से परेशान हैं तो आप भी ऊपर लिखे नुस्खों का इस्तेमाल कर सकते हैं और लाभ उठा सकते हैं.
यह जरूर पढ़ें: तुलसी कितने प्रकार की होती है, आयुर्वेद की द्रष्टि से तुलसी के फायदे, उपयोग और इसके औषधीय गुण
Discussion about this post