हमारे आस-पास कई ऐसे पौधे देखने को मिलते हैं, जो आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इन्हीं में से एक है इसबगोल (Psyllium Husk)। कम ही लोग इसबगोल के बारे में जानते होंगे, लेकिन प्राचीन आयुर्वेद के अनुसार यह एक गुणकारी पौधा होता है।
इसबगोल को कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से राहत पाने और बचने के लिए प्रयोग में लाया जाता है, इसबगोल को त्रिफला के साथ इस्तेमाल करना जीवन रक्षक मन जाता है। खास तौर से पेट के लिए यह बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। आइए जानते हैं पेट के लिए इसबगोल (Isabgol benefits for stomach) के फायदे। आईएसकेडी मेडीफिट (ISKD Medifit) के इस लेख के माध्यम से आयुर्वेदाचार्य श्री ब्रह्मस्वरूप सिंह बताएँगे कि इसबगोल के सही इस्तेमाल से स्वास्थ्य को किस किस तरह से आपको फायदे मिल सकते हैं।
जानिए क्या है इसबगोल (what is isabgol):
इसबगोल एक झाड़ीनुमा पौधा है, जो कुछ-कुछ गेहूं के पौधे की तरह नज़र आता है। इसका वैज्ञानिक नाम प्लांटागो ओवाटा (Plantago ovata) है। इसके सिरों में गेहूं जैसी बालियां लगती हैं। इसके बीजों के ऊपर सफेद भूसी होती है, जिसे इसबगोल भूसी कहते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों के लिए इसबगोल की भूसी से लेकर इसकी पत्तियों और फूलों का उपयोग किया जाता है।
इसबगोल (isabgol) के बीजों का आकार घोड़े के कान जैसा होने से इसे इस्पगोल, इसबगोल कहा जाने लगा। इसका उल्लेख प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में मिलता है। 10वीं शताब्दी के पहले से अरबी हकीमों द्वारा दवा के रूप में इसबगोल का प्रयोग किया जाता था। मुगलों के शासनकाल में भी इसबगोल का इस्तेमाल होता था। आयुर्वेद के अनुसार ईसबगोल की तासीर शीत मानी गयी है।
आज भी पुराने दस्त (Chronic Dysentery) या पेचिश और आंत के मरोड़ों पर इसका अत्यधिक प्रयोग किया जाता है। यह आंतों के सूजन और जलन संबंधी परेशानियों का ठीक करता है। औषधि रूप में इसके बीज और बीजों की भूसी Isabgol Husk का प्रयोग होता है।
यह दो प्रकार का होता है:
- इसबगोल
- जंगली इसबगोल
इसबगोल किन किन चीजों से बनता है?
इसबगोल के पौधे में जब भूसी आ जाती है, तो पौधे को काटा जाता है। अगर मिट्टी में नमी हो, तो पौधे को जड़ से उखाड़ना होता है। इसके बाद इसबगोल के पौधे को धूप में सुखाया जाता है। जब यह पौधा सूख जाता है, तो उसकी बालियों से इसबगोल के बीज को अलग करते हैं। फिर भूसी और इसबगोल के बीज की बाहरी परत को अलग करके इसे साफ किया जाता है। भूसी को अलग करने के लिए इसे 6 से 7 बार पीसा भी जाता है।
अनेक भाषाओं में इसबगोल के नाम (Name of Isabgol in Different Languages)
इसबगोल का लैटिन नाम प्लैन्टैगो ओवेटा ( Plantago ovata Forssk., Syn – Plantago ispaghulaRoxb.) है और यह प्लैन्टैजिनेसी (Plantaginaceae) कुल का पौधा है। इसबगोल को अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः-
Isabgol in –
- Hindi – इसबगोल, इश्बगुल, इशबघोल
- Tamil (Psyllium Husk or Isabgol in tamil) – इशकोल विटाइ (Ishakol vitai)
- Telugu (psyllium husk in telugu) – इसपगोल विट्टुलु (Isapagola vittulu)
- Kannada (Isabgol in Kannada) – इसबगोलु (Isabagolu)
- अंग्रेजी – साइलियम (Psyllium), ब्लौन्ड साइलियम (Blondpsyllium), इसबगोल (Isabgol) स्पोजेल सीड्स (Spogel seeds),
- Sanskrit – अश्वगोलम्, ईषद्गोलम्, शीतबीजम्, स्निग्धबीजम्, श्लक्ष्णजीरकम्, स्निग्धजीरकम्
- Urdu – इसपघुल (Ispaghul)
- Oriya – इसबगुल (Isabgul), बरतंग (Bartang)
- Gujarati – उमतो (Umto), उर्थामुजीरम् (Urthamujirum), घोड़ा जीरू (Ghora jeeru) , इसप्पुकोल (Ishappukol) , ईसपगला (Isapgala), इस्फघुला (Isphagula)
- Bengali – इशॉपगोल (Eshopgol)
- Marathi – इसबगोल (Isabgola)
- Malayalam – इस्फघल (Ispaghal
- Arabic – बज्रेक्वाटुना (Bazrequatuna), बाजरेकतिमा (Bazrekatima), ईसपघोल (Ispaghol), ईसपारजाह (Isparjah)
- Persian – इस्पोघुल (Ispoghul), अस्पगोल (Aspagol), ईस्परजाह (Isparzah)
इसबगोल के फायदे (Isabgol Benefits and Uses in Hindi)
इसबगोल का औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा और विधियां ये हैंः-
इसबगोल के प्रयोग से मोटापा घटता है (Isabgol is Beneficial to Weight loss in Hindi)
इसबगोल चर्बी को गलाता है। यह अपने वजन से 14 गुणा अधिक पानी सोखता है। यह पाचन को ठीक करता है और इससे फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। इसलिए मोटापा कम करने के लिए उपचार के रूप में इसबगोल का प्रयोग किया जा सकता है।
वजन घटाने के लिए भी इसबगोल फायदेमंद हो सकता है। यहां भी इसमें मौजूद फाइबर के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे अतिरिक्त भोजन करने की इच्छा कम होती है। इस प्रकार यह वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है।
पाचन के लिए इसबगोल के फायदे (Benefits of Isabgol for digestion)
एक स्वस्थ शरीर के लिए पाचन का ठीक रहना जरूरी है और इसबगोल इसमें मदद कर सकता है। एक रिसर्च से पता चलता है कि इसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है। यह प्रभाव पाचन क्रिया को अच्छी तरह से कार्य करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसबगोल का उपयोग चिकित्सीय एजेंट के रूप में कब्ज, दस्त और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी आंतों से जुड़ी समस्या के घरेलू उपचार के लिए भी किया जाता रहा है।
हृदय स्वास्थ्य रखने के लिए इसबगोल के फायदे (Benefits of Isabgol for heart health)
हृदय स्वास्थ्य के लिए भी इसबगोल की भूसी के फायदे देखे जा सकते हैं। यह हृदय रोगों के खतरे को कम कर सकता है। शोध में देखा गया है कि इसबगोल में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जिस कारण इसका सेवन करने से सीरम कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रह सकता है। बताया जाता है कि सीरम कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हृदय रोग का जोखिम कम हो सकता है।
खुजली की परेशानी में इसबगोल से लाभ (Isabgol Cures Itching in Hindi)
जंगली इसबगोल के पत्तों का काढ़ा बनाकर खुजली वाले अंग को धोने से खुजली की परेशानी ठीक होती है।
कब्ज में फायदेमंद है इसबगोल का सेवन (Benefits of Isabgol in Constipation in Hindi)
एक चम्मच इसबगोल की भूसी को रात में सोते समय गर्म पानी या दूध के साथ लेने से कब्ज दूर होती है। इसबगोल की भूसी व त्रिफला चूर्ण को बराबर मात्रा में मिला लें। इसे लगभग 3 से 5 ग्राम तक रात में गुनगुने जल के साथ सेवन करने से सुबह मल त्यागने में परेशानी नहीं होती है।
कब्ज लगभग 27% आबादी को प्रभावित करता है। इससे राहत दिलाने में इसबगोल मदद कर सकता है। दरअसल, इसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है, जो मल निकासी की प्रक्रिया को आसान और तेज कर सकता है। साथ ही कब्ज होने का कारण कम फाइबर युक्त आहार का सेवन भी है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसबगोल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही तरह के फाइबर होते हैं। इसी वजह से इसबगोल को कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या के लिए फायदेमंद माना जाता है।
इसबगोल के इस्तेमाल से सिर दर्द से राहत (Isabgol Uses in Relief from Headache in Hindi)
इसबगोल को यूकलिप्टस के पत्तों के साथ पीसकर माथे पर लेप करने से सिर दर्द ठीक हो जाती है।
जुकाम में लाभदायक इसबगोल (Isabgol Help in Common Cold in Hindi)
15 – 20 मिली इसबगोल के काढ़ा को पीने से कफ और जुकाम में लाभ होता है।
सूखी खांसी को ठीक करता है इसबगोल (Isabgol Cures Cough in Hindi)
जंगली अश्वगोल के पत्ते के काढ़े का गरारा करने से खांसी में लाभ होता है।
इसबगोल से उपयोग से पेचिश का उपचार (Uses of Isabgol to Cure Dysentery in Hindi)
- दो चम्मच इसबगोल (isabgol) की भूसी को दही के साथ दिन में 2 – 3 बार सेवन करने से पुराने पेचिश तथा खूनी पेचिश में लाभ होता है।
- इसबगोल के बीजों को भूनकर सेवन करने से भी पेचिश ठीक होता है।
- इसबगोल के बीजों को एक लीटर पानी में उबालें। जब आधा पानी रह जाए तो तीन खुराक बनाकर दिन में तीन बार देने से हर प्रकार की पेचिश, पेट में मरोड़ की परेशानी, अतिसार इत्यादि में लाभ होता है।
- 100 ग्राम इसबगोल की भूसी में 50-50 ग्राम सौंफ और मिश्री मिलाकर, 2-3 चम्मच की मात्रा में दिन में 2-3 बार सेवन करने से अमीबिक पेचिश में लाभ होता है।
- इसबगोल के बीजों को पानी में डालकर गाढ़ा काढ़ा बना लें। इसमें चीनी डालकर पीने से अमीबिक पेचिश, साधारण और गंभीर दस्त, पेट के दर्द की परेशानी से आराम मिलता है।
- बालकों को बार-बार होने वाले दस्त में इसबगोल का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है। इसबगोल (isabgol) के साबुत बीजों को या 10 ग्राम इसबगोल भूसी को ठंडे जल के साथ सेवन करें, या फिर उनको थोड़े जल में भिगोकर फूल जाने पर सेवन करें। इससे आंतों का दर्द तथा सूजन ठीक होता है।
- 1 – 2 ग्राम जंगली इसबगोल के बीज चूर्ण का सेवन करने से दस्त और पेचिश में लाभ होता है।
कान दर्द में इसबगोल से लाभ (Benefits of Isabgol in Cure Ear pain in Hindi)
- 10 ग्राम इसबगोल के घोल में 10 मिली प्याज का रस मिला लें। इसे गुनगुना करके 1 – 2 बूँद कान में डालें। इससे कान दर्द ठीक होता है।
- 1 – 2 बूंद जंगली इसबगोल के पत्तों के रस को कान में डालने से कान दर्द ठीक होता है।
मुँह के छालों के लिए ईसबगोल के फायदे (Isabgol Benefits for Mouth Ulcers Treatment in Hindi)
इसबगोल (isabgol) के घोल से कुल्ला करने से मुंह के छाले की बीमारी में लाभ होता है।
इसबगोल से इस्तेमाल से दांत दर्द का इलाज (Isabgol Uses in Cure Dental Pain in Hindi)
इसबगोल को सिरके में भिगोकर दाँतों के नीचे दबाकर रखने से दाँत दर्द में लाभ होता है।
जंगली इसबगोल के पत्तों को पीसकर उसमें मक्खन मिलाकर दाँतों पर मलने से मसूड़ों की सूजन दूर होती है।
सांसों की बीमारी में इसबगोल से लाभ (Isabgol Treats Respiratory Problems in Hindi)
इसबगोल के 3-5 ग्राम बीजों को गुनगुने जल से सुबह सेवन करने पर सांसों की बीमारी और दमें में लाभ होता है।
इसबगोल करता है खूनी बवासीर का इलाज (Benefits of Isabgol in Piles Treatment in Hindi)
बवासीर की स्थिति में पीड़ित को मल त्याग के समय खून आने की समस्या के साथ दर्द भी होता है। इस समस्या के लक्षण को कम करने में इसबगोल भूसी के लाभ हो सकते हैं। दरअसल, इसबगोल भूसी का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर बवासीर के दौरान होने वाले रक्तस्राव को कम कर सकता है। इसी वजह से इसबगोल को बवासीर के लक्षण को कम करने में सहायक माना जाता है। इसबगोल का शर्बत बनाकर पिलाने से खूनी बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
मूत्र-विकार में ईसबगोल के फायदे (Uses of Isabgol in Cures Urinary Problems Treatment in Hindi)
- चार चम्मच इसबगोल भूसी को 1 गिलास पानी में भिगो दें और थोड़ी देर बाद उसमें स्वादानुसार मिश्री डालकर पीने से पेशाब की जलन शांत होती है, और खुल कर पेशाब आने लगता है।
- एक ग्राम इसबगोल की भूसी में 2 ग्राम शीतल मिर्च तथा 500 मिग्रा कलमी शोरा मिलाकर सेवन करने से रुक-रुक कर पेशाब आने की परेशानी में लाभ होता है।
स्वप्नदोष के इलाज में ईसबगोल के फायदे (Isabgol is Beneficial in Nightfall in Hindi)
- इसबगोल और मिश्री को बराबर मात्रा में मिला लें। इसे एक-एक चम्मच की मात्रा में आधा गिलास दूध के साथ सोने से एक घण्टा पहले सेवन करें। इसके बाद सोने से पहले पेशाब कर लें। इससे स्वप्नदोष नहीं होता है।
- भूसी स्पर्म काउंट बढ़ाने में काफी मदद करती है. यह सीमेन को गाढ़ा करने के साथ-साथ ऑर्गेज्म को बढ़ाती है. इसबगोल शीघ्रपतन की समस्या को दूर करने में भी सहायता कर सकती है.
गठिया के इलाज के लिए करें इसबगोल का प्रयोग (Isabgol Benefits in Treatment of Arthritis in Hindi)
जोड़ों के दर्द में इसबगोल की पुल्टिस (पट्टी) बांधने से लाभ होता है।
आंखों की बीमारी में इसबगोल से लाभ (Isabgol Uses in Cure Eye Disease in Hindi)
- जंगली इसबगोल (isabgol) के पत्तों का काढ़ा बनाकर आंखों को धोने से जलन की परेशानी ठीक होती है।
- ह्रदय को रखे स्वस्थ ईसबगोल का उपयोग (Isabgol Beneficial for Healthy Heart in Hindi)
- हृदय की स्वस्थ रखने के लिए ईसबगोल का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार ईसबगोल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करके ह्रदय के क्रियाशीलता बनाये रखता है।
ईसबगोल के उपयोग से डायरिया से मिले राहत (Benefit of Isabgol for Diahorrea in Hindi)
डायरिया की स्थिति में भी ईसबगोल का प्रयोग फायदेमंद होता है क्योंकि यह आंतो में पानी की मात्रा को नियंत्रित कर डायरिया के वेग को कम करता है।
डायरिया की स्थिति में भी इसबगोल खाने के फायदे हो सकते हैं। दरअसल, इसबगोल खाने से शरीर में फाइबर की पूर्ति होगी, जिससे डायरिया होने का खतरा कई गुना तक कम हो सकता है। इसबगोल के फायदे में कोलन (पेट) की सफाई (Colon Cleansing) को भी गिना जाता है। हम ऊफर बता ही चुके हैं कि इसबगोल से आंत में पानी की मात्रा बढ़ती है, जिससे कॉलन साफ हो सकता है और उसकी कार्यप्रणाली को बढ़ावा मिल सकता है।
कफ से दिलाये राहत इसबगोल (Benefits of Isabgol to Get Relief from Cough in Hindi)
ईसबगोल का सेवन आपको कफ की समस्या से भी राहत दे सकता है क्योंकि ईसबगोल के सेवन से कफ को निकालने में आसानी होती है।
सिरदर्द से दिलाये आराम ईसबगोल (Isabgol Beneficial to Treat Headache in Hindi)
सिर दर्द में ईसबगोल के का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार ईसबगोल में शीत का गुण पाया जाता है जिसके कारण यह सिर दर्द में आराम देता है।
अल्सर में ईसबगोल का सेवन फायदेमंद (Isabgol Beneficial in Ulcer in Hindi)
ईसबगोल का सेवन अल्सर के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है, क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार इसमें पित्त शमन का गुण होता है जो कि अल्सर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
आंतों को स्वस्थ रखने के लिए भी इसबगोल खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। विशेषज्ञों के द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, इसबगोल का सेवन करने से आंत में पानी की मात्रा बढ़ती है, जिससे शौच में आसानी होती है। साथ ही इससे आंत का कार्य सामान्य रूप से चलता रहता है।
इसके अलावा, उत्सर्जन प्रणाली ( Excretory System – शरीर से गंदगी बाहर निकालने की एक प्रक्रिया) को बेहतर रखने के लिए भी इसबगोल की भूसी फायदेमंद हो सकती है। इसमें मौजूद फाइबर गैस्ट्रिक एसिड स्राव को कम करके पाचन तंत्र की रक्षा कर सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि इसका सही मात्रा में सेवन किया जाए, तो यह गैस्ट्रिक की समस्या और अल्सर के जोखिम को कम कर सकता है।
पेट की जलन को दूर करने में सहायक इसबगोल (Isabgol Beneficial in Burning Sensation in Hindi)
ईसबगोल का उपयोग पेट की जलन को शांत करने में मदद करता है क्योंकि ईसबगोल की तासीर ठंडी होती है जो कि पेट के जलन शांत करने में मदद करती है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद इसबगोल (Isabgol Beneficial to Control Cholesterol in Hindi)
ईसबगोल का उपयोग कोलेस्ट्रॉल को निंयत्रित करने में सहायक होता है क्योंकि रिसर्च के अनुसार ईसबगोल में कोलेस्ट्रॉल को कम करने का गुण पाया जाता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करने के लिए भी इसबगोल भूसी के लाभ देखे जा सकते हैं। इस बात का जिक्र एक शोध में भी उपलब्ध है। रिसर्च के दौरान 8 हफ्तों तक कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों को 5.1 ग्राम मात्रा दी गई। परिणाम स्वरूप लोगों का टोटल और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम पाया गया।
एसिडिटी से राहत दिलाने में फायदेमंद ईसबगोल (Isabgol Beneficial in Acidity in Hindi)
अगर आप एसिडिटी से परेशान है तो आपको ईसबगोल फायेदा पंहुचा सकता है क्योंकि ईसबगोल में पित्त शमन का गुण पाया जाता है साथ ही ये पाचन शक्ति को भी ठीक रखता है।
मधुमेह में लाभकारी ईसबगोल (Isabgol Beneficial in Diabetes in Hindi)
ईसबगोल का सेवन मधुमेह में लाभकारी होता है, क्योंकि ईसबगोल का सेवन करने से ये शर्करा की मात्रा नियंत्रित होती है।
मधुमेह की स्थिति में खानपान पर ध्यान देना बहुत आवश्यक होता है, ताकि मधुमेह का जोखिम कम किया जा सके। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, इसबगोल में फाइबर होता, जिससे मधुमेह की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। सॉल्युबल फाइबर ग्लूकोज के अवशोषण को लगभग 12 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इससे ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है।
रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक इसबगोल (Benefit of High Blood Pressure to Control in Hindi)
ईसबगोल का प्रयोग रक्तचाप नियंत्रित करने में मदद करता है, क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार इसमें रक्तचाप को नियंत्रित करने का गुण पाया जाता है।
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घाव सुखाता है इसबगोल (Isabgol Heals Chronic Wounds in Hindi)
जंगली इसबगोल के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाने से खून का बहना बंद होता है और घाव जल्दी ठीक होता है।
जहरीले कीड़ों के काटने पर इसबगोल से लाभ ( Isabgol Beneficial to Treat Insect Biting in Hindi)
इसबगोल के पत्तों को पीसकर कीटों के काटे गए स्थान पर लेप करें। इससे सूजन, जलन और दर्द ठीक होते हैं।
इसबगोल के पौष्टिक तत्व – Isabgol Nutritional Value in Hindi
इसबगोल के पौष्टिक तत्वों को नीचे तालिका के माध्यम से दर्शाया जा रहा है।
पोषकतत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
उर्जा | 375kcal |
प्रोटीन | 5.0g |
कुल लिपिड (वसा) | 6.25g |
कार्बोहाइड्रेट | 75.00g |
फाइबर, कुल डाइटरी | 10.0g |
शुगर, कुल | 30.00 g |
कैल्शियम | 50mg |
आयरन | 1.80mg |
पोटेशियम | 262mg |
सोडियम | 288mg |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 2.500g |
इसबगोल के सेवन की मात्रा (How Much to Consume Isabgol?)
- भूसी चूर्ण – 5 – 10 ग्राम
- जल या दूध के साथ
अधिक लाभ के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार सेवन करें।
इसबगोल के सेवन का तरीका (How to Use Isabgol in Hindi)
इसबगोल का प्रयोग इस तरह से किया जा सकता हैः-
- तना
- पत्ता
- फूल
- जड़ और
- बीज
इसबगोल खाने का सही तरीका – How to Use Isabgol in Hindi
इसबगोल के फायदे तभी मिलते हैं, जब इसबगोल का उपयोग ठीक तरीके से किया जाए। इसी वजह से लेख में आगे हम बता रहे हैं कि इसबगोल का उपयोग कैसे किया जाता है।
- इसबगोल को पानी में भिगोकर ले सकते हैं।
- दूध में मिलाकर भी इसबगोल का सेवन किया जाता है।
- त्रिफला पाउडर के साथ भी इसबगोल को मिलाकर खा सकते हैं।
- इसबगोल को दही के साथ भी खाया जाता है।
कब खाएं – इसबगोल का सेवन सुबह और रात में खाना खाने के बाद कर सकते हैं। हालांकि, गर्भावस्था में इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
कितना खाएं – इसबगोल की एक दिन में 5-10 ग्राम मात्रा का सेवन किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों को रोजाना 5.1 ग्राम इसबगोल देने से फायदा होता है। यह मात्रा व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकती है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
पाचन के लिए
एक गिलास गर्म पानी में इसबगोल की भूसी मिलाएं और रात में खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।
दस्त के लिए
एक कटोरी दही में इसबगोल की भूसी मिलाएं। इसबगोल और दही का मिश्रण दस्त से आराम दिलाने में कारगर होता है। इसबगोल और दही को खाने के कुछ देर बाद एक गिलास पानी पिएं।
कब्ज के लिए
कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए रात में एक चम्मच त्रिफला पाउडर और ईसबगोल भूसी मिलाकर गर्म पानी के साथ इसका सेवन करें।
कितना खाएं : इसबगोल की एक दिन में 5-10 ग्राम (1-2 चम्मच) मात्रा का सेवन किया जा सकता है। यह मात्रा व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य के हिसाब से कम या अधिक हो सकती है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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इसबगोल से नुकसान (Side Effect of Isabgol)
इसबगोल से ये नुकसान हो सकते हैंः-
- जंगली इसबगोल के प्रयोग से बेचैनी और त्वचा संबंधी विकार हो सकते हैं।
- इसे अधिक मात्रा में सेवन करने से ब्लडप्रेशर लो हो सकता है।
- दस्त की समस्या हो सकती है।
- इसबगोल (isabgol) नाड़ी को कमजोर और भूख को खत्म करने का काम करती है। यह औषधि प्रसूता स्त्री के लिए भी हानिकारक होती है।
- इसबगोल के दुष्प्रभावों के निवारण के लिए सिकंज बीज एवं शहद का सेवन करें।
- इसबगोल में फाइबर होता है। इसका अधिक सेवन करने से पेट फूलने, सूजन और पेट में ऐंठन की समस्या भी हो सकती है।
- डॉक्टरों का कहना है कि किसी को निगलने में कठिनाई या आंतों की समस्या है, तो उसे इसबगोल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मधुमेह रोगी को इसबगोल का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इससे ब्लड शुगर लेवल कम (Hypoglycemia) होने का जोखिम हो सकता है।
किसे इसबगोल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए (Who Should not Eat Isabgol?)
इसका प्रयोग गर्भावस्था तथा स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को नहीं करना चाहिए।
इसबगोल कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Isabgol Found or Grown?)
आजकल भारत में भी इसकी खेती गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में की जाती है। इसबगोल (isabgol plant) का मूल स्थान ईरान है और यहीं से इसका हिन्दुस्तान में आता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या ईसबगोल को लेना सुरक्षित है?
हां, ईसबगोल का सेवन सीमित मात्रा में करना सुरक्षित माना गया है।
ईसबगोल किस प्रकार से हानिकारक हो सकता है?
ईसबगोल का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। इससे पेट फूलने जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा संवेदनशील लोगों को इससे एलर्जी होने की आशंका भी होती है।
क्या आप ईसबगोल को खाली पेट ले सकते हैं?
डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन खाली पेट किया जा सकता है।
ईसबगोल को काम करने में कितना समय लगता है?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि समस्या क्या है। यदि समस्या कब्ज और पाचन संबंधी है, तो इसे काम करने में एक से दो दिन लग सकते हैं।
इसबगोल कौन सी बीमारी में काम आता है?
इसबगोल (Isabgol) एक तरह से लैक्सेटिव की तरह काम करती है। इसमें फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है साथ ही वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती है। इसबगोल का सेवन हर उम्र के लोग कर सकते हैं। इसबगोल पेचिस, कब्ज़, दस्त, मोटापा, डिहाइड्रेशन, डायबिटीज आदि रोगों में बहुत गुणकारी है।
क्या इसबगोल को रोज लेना ठीक है?
इसबगोल का चूर्ण वजन घटाने में सहायक है. इसका सेवन एक गिलास पानी में मिलाकर प्रतिदिन कर सकती हैं. स्वाद के लिए इसमें नींबू का रस मिलाकर पिएं. – इसबगोल के सेवन से पेट संबंधी परेशानियां, जैसे- ऐंठन, मरोड़, दस्त, पेचिश, उल्टी, कच्ची डकार आदि से निजात मिलती है.
इसबगोल दिन में कितनी बार लेना चाहिए?
इसबगोल को सुबह-सुबह खाना खाने के बाद खा लेना चाहिए। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो सोच समझ के इसका सेवन करें। एक गिलास गर्म पानी में एक से दो चम्मच ईसबगोल की भूसी मिलाएं और रात में खाना खाने के बाद इसका सेवन करें। एक कटोरी दही में एक से दो चम्मच इसबगोल की भूसी मिलाकर खाने से दस्त से आराम मिलता है।
ईसबगोल लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?
वजन घटाने के लिए इसबगोल का सेवन करने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले है।
पेट साफ करने के लिए इसबगोल कैसे लें?
बॉडी में मौजूद ज्यादा पानी का इस्तेमाल कर कब्ज हटाकर पेट साफ करने में मदद करता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए 230-235 ml पानी के साथ रोजाना 10-20 ग्राम इसबगोल का सेवन करें। इसबगोल की भूसी को पानी, दूध या दही के साथ भी लिया जा सकता है। वेट लॉस के लिए गर्म पानी और ½ नींबू के साथ इसका सेवन करें।
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