परिचय : लोहबान/लोबान क्या है? (What is Lohban in Hindi?)
लोहबान को आमतौर पर लोबान भी कहा जाता है और अंग्रेजी में इसे सुमात्रा स्नोबैल (Sumatra Snowbell) और गम बेंजॉइन (Gum Benzoin) के नाम से भी जाना जाता है। आप ने अक्सर धूप जलाने या धूप-अगरबत्ती में मौजूद तत्व के रूप में इसका नाम जरूर सुना होगा। लोहबान का उपयोग सिर्फ सुगंध और महक के लिए ही नहीं किया जाता, बल्कि इसमें कई चिकित्सीय गुण भी होते हैं।
लोहबान का वृक्ष (loban tree) विशाल अथवा मध्यमाकार होता है। इसके फूल सफेद रंग के, रोमयुक्त होते हैं। फूल का रंग हल्का बैंगनी और लाल होता है। इस वृक्ष की छाल में चीरा लगाने से जो दूध प्राप्त होता है। उसे लोहबान कहते हैं। लोहबान में दूसरे वस्तुओं की मिलावट भी की जाती है। उत्तम लोहबान बादाम के रंग का चौकोर टिकियों में होता है। यहां लोबान से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (loban in hindi) में लिखा गया है ताकि आप लोबान से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।
लोहबान का वैज्ञानिक नाम स्टाइरेक्स बेंजॉइन (Styrax benzoin Dryand.) है, जो कि स्टाइरेकेसी (Styracaceae) कुल से संबंध रखता है। आयुर्वेद के मुताबिक, इसका इस्तेमाल सिर दर्द, सूजन, स्किन समस्याएं, हिचकी और उल्टी की समस्या में राहत प्राप्त करने के लिए किया जाता है। लोहबान/लोबान में एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लमेटरी, एंटी-डिप्रेसेंट, एनलजेसिक, एस्ट्रिंजेंट, एक्सपेक्टोरेंट, स्टीम्युलेंट गुण होते हैं। आपको बता दें कि, इसके एसेंशियल ऑयल में भी यह तमाम गुण पाए जाते हैं। जिस वजह से औषधि निर्माण में उसको शामिल किया जाता है। यह जड़ी-बूटी विशेष रूप से इंडोनेशिया और पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रों में उगाई जाती है।
कई लोग लोहबान को लोबान भी बोलते हैं। आप लोहबान के बारे में भले ही अधिक जानकारी नहीं रखते हों, लेकिन लोहबान को देखा जरूर होगा। अनेक घरों में लोहबान (लोबान) का प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग खांसी या अन्य रोग को ठीक करने के लिए लोबान के धूप का काफी उपयोग करते हैं। पूजा-पाठ आदि में भी लोहबान को जलाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि लोबान कैसे बनता है या लोहबान के आपको अनेक फायदे मिल सकते हैं। क्या आपको पता है कि आप अनेक रोगों के इलाज में भी लोहबान से लाभ (Loban Dhoop Benefit) ले सकते हैं।
अधिकांशतः लोहबान (लोबान) का इस्तेमाल केवल धूप या धुआं के लिए करते हैं, लेकिन यहां आपको लोबान के उपयोग से संबंधित अन्य तरीकों की जानकारी दी जा रही है। आयुर्वेद के अनुसार, हिचकी की समस्या, सिर दर्द और उल्टी में आराम में लोहबान के फायदे (loban benefits) मिलते हैं। आइए जानते हैं कि लोहबान से और क्या-क्या लाभ मिलता है।
अन्य भाषाओं में लोहबान के नाम (Name of Lohban in Different Languages)
लोहबान का वानस्पतिक नाम Styrax benzoin Dryand. (स्टाइरॅक्स बेन्जॉइन) Syn-Benzoin officinale Hayne है और यह Styracaceae (स्टाइरेकेसी) कुल का है। लोहबान को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है, जो ये हैंः-
Lohban in –
- Hindi (loban/benzoin in hindi) – लोहबान, लोबान
- English (loban in english) – सुमात्रा स्नोबैल (Sumatra snowbell), गम बेन्जोइन (Gum benzoin)
- Sanskrit – लोहवाण, श्यामधूप
- Kannada – साम्बीरानी (Sambirani)
- Gujarati – लोबान (Loban)
- Tamil – शाम्बिरानी (Shambirani)
- Telugu – साम्बीरानी (Sambirani)
- Bengali – लुबान (Luban), लोबान (Loban)
- Marathi – ऊध (Oodh), लोबान (Loban), लुबान (Luban)
- Malayalam – कामीनीयान (Kaminiyan), साम्बीरानी (Sambirani)
- Arabic – लोबान (Loban), जावी (Javi), Benzoin tree (बेन्जोईन ट्री)
- Persian – हस्न लब (Hasn lub)
लोबान का तेल क्या होता है? कैसे करें इसका इस्तेमाल?
लोहबान का तेल एसेंशियल ऑयल में आता है। इसमें लोहबान के पौधे के फल या बीजों से तेल निकाला जाता है। लोहबान के तेल का इस्तेमाल परफ्यूम और एरोमाथेरेपी में किया जाता है। स्वास्थ्य को लोहबान के तेल से कई लाभ मिलते हैं। लोहबान के तेल में कई गुण होते हैं, जिनमें से कुछ के बारे में यहां बताया गया है।
एंटीइंफ्लमेट्री गुण: पुराने समय में सूजन को कम करने की दवा के रूप में लोबान के तेल का इस्तेमाल किया जाता था। साल 2011 की स्टडी के रिव्यू में आज भी सूजन और दर्द को कम करने के लिए लोबान के तेल को असरकारी पाया गया है।
वर्ष 2014 के अध्ययन के अनुसार लोहबान का तेल अर्थराइटिस में मदद कर सकता है। हालांकि, यह रिसर्च पशुओं पर की गई थी। ऑस्टियोअर्थराइटिस या रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज के लिए इस तेल की सलाह दी जा सकती है। लेकिन अभी अर्थराइटिस पर लोहबान के तेल के प्रभाव को लेकर और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
एंटीमाइक्रोबियल: घाव को भरने के लिए लोहबान का तेल प्रभावशाली होता है। वर्ष 2011 की एक लैबोरेट्री स्टडी में सामने आया है कि लोबान के तेल के एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण यह घाव को भरने में लाभकारी होता है। यह बैक्टीरिया और अन्य माइक्रोब्स को खत्म कर सकता है, जिससे संक्रमण या बीमारी पैदा न हो।
दिल के लिए सेहतमंद: लैबोरेट्री में की गई रिसर्च के अनुसार लोबान का तेल दिल को सुरक्षा प्रदान करता है। इसे ब्लड लिपिड को कम करने, प्लाक को घटाने और एंटीइंफ्लमेट्री और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। यह दिल की बीमारियों के खतरे को घटाने में मदद कर सकता है। हालांकि, इस दिशा में अभी और रिसर्च की जाने की जरूरत है।
लिवर के लिए: लोहबान में ह्रदय के लिए एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो लिवर को भी स्वस्थ रख सकते हैं। साल 2013 की एक स्टडी में पाया गया कि लोबान के तेल के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव लिवर की कोशिकाओं को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। साल 2011 में चूहों पर किए गए एक अध्ययन में लोबान के तेल को हेपेटाइटिस और लिवर फाइब्रोसिस पर असरकारी माना गया है।
कैंसर के लिए लोहबान का तेल
लोहबान के तेल के गुण कैंसर से लड़ने में भी मदद करते हैं। रिसर्च के मुताबिक एसेंशियल ऑयल कई तरह से कैंसर का इलाज कर सकते हैं। साल 2011 में हुई एक स्टडी में लोहबान के तेल को कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने और इनके बढ़ने की गति को धीमा करने में मददगार है। हालांकि, यह स्टडी मनुष्य के शरीर की कोशिकाओं को बाहर निकालकर लैब में की गई थी।
वहीं, वर्ष 2011 में की गई एक स्टडी में सामने आया कि कैंसर रेडिएशन थेरेपी से होने वाली सूजन और दर्द को लोहबान कम कर सकती है। साल 2012 में कोशिकाओं पर की गई स्टडी के मुताबिक लोहबान का तेल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है। एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करने वाले लोबान का तेल लंबे समय तक लेने पर कैंसर के खतरे को कम करने में छोटी-सी भूमिका निभा सकता है।
फिर भी कैंसर से बचाव के रूप में लोहबान के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दिशा में और रिसर्च किए जाने की जरूरत है। कैंसर के इलाज में लोहबान के तेल के प्रयोग और प्रभाव को लेकर एक बार अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
कैंसर के लिए लोहबान के तेल का प्रयोग कैसे करें
कैंसर के इलाज में सिर्फ आप लोहबान का ही इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। हालांकि, यह स्थिति से लड़ने में थोड़ी मदद कर सकता है। इससे सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह के बिना लोबान के तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।
सूजन की वजह से दर्द वाले हिस्सों पर आप इसकी क्रीम या एसेंशियल ऑयल को जरूर लगा सकते हैं। डिफ्यूजर से इस तेल को सूंघने पर भी इसी तरह का लाभ होता है।
उपयोग
लोहबान का उपयोग किसलिए किया जाता है?
लोहबान का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों व स्वास्थ्य समस्याओं में किया जाता है। जैसे-
रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में परेशानी
कई बार रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के किसी हिस्से में जैसे, श्वसन नली, फेफड़े इत्यादि में सूजन आने की वजह से सांस लेने की प्रक्रिया में बाधा पड़ जाती है। जिसके कारण खांसी की समस्या, सांस फूलना या सीने में दर्द की दिक्कत हो सकती है। रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट से जुड़ी इन सभी समस्याओं में लोहबान का इस्तेमाल काफी प्रभावशाली रहता है।
इसका मुंह द्वारा सेवन करने पर इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लमेटरी व एंटी-डिप्रेसेंट गुण श्वसन तंत्र की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, अगर आपका गला बैठ गया है या फिर बच्चों में ट्रेकिआ आदि का इंफेक्शन हो गया है, तो उसमें भी इसे इनहेल करने से आराम मिलता है।
त्वचा के कटाव या घाव का उपचार
अगर आपकी त्वचा में कोई कट लग गया है, जिससे खून निकलना बंद नहीं हो रहा है या फिर किसी घाव की वजह से सूजन आ रही है या फिर कीटाणुओं की वजह से उसमें इंफेक्शन पनपने का डर है, तो इसमें लोहबान का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल अन्य जड़ी-बूटियों को साथ मिलाकर किया जाता है, जिसे कंपाउंड बेंजॉइन टिंक्चर कहते हैं। क्योंकि, इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक, एंटी-डिप्रेसेंट और एंटी-इंफ्लमेटरी गुण घाव की सूजन, ब्लीडिंग और इंफेक्शन को रोकने में मदद करते हैं और त्वचा को सुरक्षित रखते हैं।
गठिया से राहत मिलने में मददगार
जब आपके जोड़ों में यूरिक एसिड की बहुत ज्यादा मात्रा क्रिस्टल रूप में जम जाती है, तो उस स्थिति को गठिया का रोग कहते हैं। इसकी वजह से जोड़ों में दर्द या संचालन में कमी आदि की समस्या होती है। इस समस्या में आपको कभी-कभी जोड़ों में गंभीर दर्द का दौरा पड़ता है, जिसे एक्यूट अटैक कहा जाता है। इस समस्या में एंटी-इंफ्लमेटरी दवाएं कार्य करती हैं और दर्द और सूजन को कम करती है। इसी वजह से आप इस समस्या में लोहबान का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि इसमें भी एंटी-इंफ्लमेटरी गुण होते हैं, जो आपके दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
छाती व पेट के जलन से दिलाए राहत
आपके पेट में एक एसिड होता है, जो कि खाना पचाने में मदद करता है। लेकिन, जब यह एसिड किसी कारणवश आपके फूड पाइप में ऊपर की तरफ आने लगता है, तो इसे एसिड रिफ्लक्स की समस्या कहते हैं। इसकी वजह से छाती व पेट में जलन की दिक्कत हो सकती है। लेकिन, लोहबान के एसेंशियल ऑयल का प्रयोग करने से इस समस्या में राहत मिल सकती है। क्योंकि, इसमें मौजूद कूलिंग और डायजेस्टिव गुण एसिड रिफ्लक्स को कम करके पेट को आराम पहुंचाते हैं।
निम्नलिखित स्थितियों में भी लोहबान का इस्तेमाल होता है
- मसूड़ों की सूजन
- त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए
- स्किन अल्सर
- पेशाब संबंधित बीमारी
- अवसाद को दूर करने में
- पेट दर्द की समस्या
- उल्टी रोकने में
- अस्थमा का रोग, आदि
लोहबान का उपयोग कितना सुरक्षित है?
लोहबान का उपयोग करने से शरीर की लिथियम से छुटकारा पाने की क्षमता कम हो सकती है, जिससे कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें। बाकी उपलब्ध जानकारी के अनुसार, लोहबान का उपयोग काफी हद तक सुरक्षित है। लेकिन, अगर आप गर्भवती महिला हैं या फिर बच्चे को स्तनपान कराती हैं, तो इस जड़ी-बूटी का उपयोग किसी डॉक्टर या हर्बलिस्ट की सलाह के बिना न करें। इसके अलावा, अगर आपकी किसी बीमारी या समस्या की दवाई जारी है, तो पहले एलोपैथिक की दवा का सेवन करें और उसके करीब 30 मिनट बाद ही लोहबान या किसी अन्य हर्बल सप्लिमेंट का उपयोग करें।
लोहबान के फायदे और उपयोग (Lohban Benefits and Uses in Hindi)
लोहबान के औषधीय प्रयोग (loban benefits), प्रयोग की मात्रा एवं विधिया ये हैंः-
लोहबान के औषधीय गुण से त्वचा रोग का इलाज (Loban Dhoop Benefits to Cure Skin Disease in Hindi)
कई लोग त्वचा संबंधी रोग से ग्रस्त रहते हैं, और बीमारी को ठीक करने के लिए बहुत सारी कोशिशें करते हैं। ऐसे में लोहबान का उपयोग लाभ पहुंचाता है। त्वचा रोग होने पर लोहबान को पीस लें। इसे बीमार त्वचा पर लगाएं। इससे लाभ होता है।
लोहबान के औषधीय गुण से खांसी का इलाज (Lohban Dhoop Benefits in Fighting with Cough in Hindi)
पुरानी खांसी, दमा, टीबी की बीमारी हो या फिर साधारण जुकाम। सभी में लोहबान का धूप फायदेमंद होता है। रोगी को लोहबान का धुआं सूंघना चाहिए। इससे लाभ (loban benefits) होता है।
उल्टी रोकने में लोहबान से लाभ (Loban Dhoop Benefits to Stop Vomiting in Hindi)
उल्टी को रोकने के लिए भी आप लोहबान का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए मिट्टी के बर्तन में पानी रखें। इसके बाद लोहबान को जलाकर इसके धूप (loban dhoop) से पानी को गुनगुना कर लीजिए। इसे पीने से उल्टी रुक जाती है।
वात विकार में लोहबान के तेल के फायदे (Lohban Uses in Vata Disorder in Hindi)
वात दोष को ठीक करने में भी लोहबान का इस्तेमाल होता है। आप लोहबान को पीस लें। अब लोहबान को तेल में पका लें। इसे ठंडा करके छान लें। इससे मालिश करने से वातविकार ठीक (loban ke fayde) होता है।
एंटी डिप्रेशन में फायदेमंद लोबान (Benefit of Lohban Act as an Anti Depressant in Hindi)
यदि आप डिप्रेशन में है तो लोबान की सुगंध आपके लिए फायदेमंद हो सकती है क्योंकि यह मानसिक थकावट को दूर कर डिप्रेशन के लक्षणों को कम करती है।
दिमाग को शांत करती है लोबान (Benefit of Lohban to Get Relief from Mental Stress in Hindi)
दिमाग को शांत रखना चाहते है तो आप लोबान की सुगंध का आनंद ले सकते है क्योंकि यह दिमाग को शांत करने में मदद करती है।
कैंसर को रोकने में लोबान का औषधीय गुण फायदेमंद (Lohban Beneficial to Prevent Cancer in Hindi)
लोबान का उपयोग कैंसर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है क्योंकि लोबान में कैंसर रोधी गुण पाया जाता है।
कफ बाहर निकालने में लोबान का तेल फायदेमंद (Lohban Oil Beneficial to Treat Cough in Hindi)
लोबान के तेल का उपयोग कफ को बाहर निकालने में किया जाता है क्योंकि लोबान के कफ को पतला कर बाहर निकालने का गुण होता है।
सिफलिस रोग में लोहबान के तेल के फायदे (Benefits of Lohban for Syphilis Disease in Hindi)
सिफलिस रोग को भी ठीक करने के लिए लोहबान का प्रयोग किया जाता है। यह बहुत ही उत्तम परिणाम देता है। जो रोगी सिफलिस रोग से पीड़ित हैं वे 12 ग्राम लोहबान में 4 ग्राम सर्जररस मिलाकर, चंदन के तेल से पीस लें। इसकी 1-1 ग्राम की वटी बना लें। 1-1 वटी को अनार रस के साथ सेवन करने से सिफलिस रोग में लाभ (loban ke fayde) होता है। औषधि का सेवन करने के दौरान तेल, खट्टा, नकम, दूध, बैंगन, गुड़ आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
रक्तस्राव (प्रसव के बाद गर्भाश्य से रक्तस्राव) में लोहबान से लाभ (Benefits of Lohban to Stops Bleeding in Hindi)
महिलाओं को प्रसव के बाद रक्तस्राव की समस्या रहती है। महिलाएं ऐसे में लोहबान का उपयोग कर लाभ ले सकती हैं। लोहबान से एक बत्ती (पेस्ट जैसा) बना लें। इसे योनि में रखें। इससे प्रसव के बाद गर्भाशय से होने वाले रक्तस्राव की परेशानी ठीक (loban ke fayde) में मदद मिलती है।
गठिया रोग में लोहबान के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Lohban for Arthritis Treatment in Hindi)
गठिया की बीमारी से परेशानी हैं तो लोहबान का प्रयोग करें। लोहबान को पीसकर गठिया वाले स्थान पर लेप करें। इससे गठिया में लाभ मिलता है।
पेट दर्द में लोहबान के फायदे (Lohban Uses for Abdominal Pain in Hindi)
अगर आपका पेट दर्द कर रहा है तो लोहबान का प्रयोग करना चाहिए। यह पेट दर्द की चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है। पेट का रोग किस तरह है कि इस पर लोहबान के इस्तेमाल का तरीका निर्भर करता है। इसके लिए किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
सेक्सुअल स्टेमना बढ़ाने के लिए लोहबान का औषधीय गुण फायदेमंद (Lohban Uses for Increases Sexual Stamina in Hindi)
- अनेक लोगों को यह शिकायत रहती हैं कि उनके सेक्स करने की क्षमता में कई आ गई है। लोगों को शारीरिक कमजोरी की भी शिकायत रहती है। बहुत सारे लोग वीर्य की कमी या वीर्य संबंधी अन्य विकार से भी ग्रस्त होते हैं। ये सभी लोग लोहबान का इस्तेमाल कर बहुत लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आप 6-6 ग्राम शुण्ठी, सेमल निर्यास, 3-3 ग्राम अस्थि शृंखला तथा अकरकरा, 12 ग्राम लोहबान के साथ 48 ग्राम तिल लें। इन सबके बराबर मिश्री मिला लें। इसे पीस कर चूर्ण बना लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में मिश्री युक्त दूध के साथ सेवन करें। इससे शारीरिक कमजोरी दूर (loban uses) होती है, और वीर्य की वृद्धि होती है।
- बराबर मात्रा में शाल्मली निर्यास तथा लोहबान के चूर्ण (750 मिग्रा) को मिश्री युक्त दुग्ध के साथ पीने से शरीर की शक्ति बढ़ती है
लोहबान के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Lohban in Hindi)
आप लोहबान के वृक्ष के इन हिस्सों का उपयोग कर सकते हैंः-
- लोहबान का गोंद (loban)
- फूल
लोहबान का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Consume Lohban?)
यहां लोबान से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (loban in hindi) में लिखा गया है ताकि आप लोबान से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन औषधि के रूप में लोहबान का प्रयोग करने के लिए चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
लोहबान कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Lohban Found or Grown?)
लोहबान का वृक्ष (loban tree) जावा, सुमात्रा, थाईलैण्ड, मलक्का, मलेशिया, यूरोप, दक्षिण-पूर्वी एशिया एवं वेस्टइण्डीज में पाया जाता है।
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