दोस्तों आज हम बात करेंगे शारीरक कमजोरी के विषय को लेकर. आजकल हमारी लाइफ स्टाइल बहुत ही व्यस्त हो गयी है और दुनिया भर की परेशानियां जिंदगी में चलती रहती हैं जिसके चलते हमारे शरीर के अंदर तरह तरह की समस्यांए पैदा होने लगती हैं जिसके चलते इन्सान की अपनी पर्सनल जिदंगी पूरी तरह से तितर बितर हो जाती है. आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप सिंह
रोज मर्रा को परेशानियों के चलते इन्सान अपने शरीर पर ध्यान देना ही भूल जाता है जिसका रिजल्ट तरह तरह से मिलता है जैसे शारीरिक कमजोरी, शीघ्र पतन, नामर्दी, नसों में ढीलापन, वीर्य की कमी आदि सेक्सुअल समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो कुछ इस तरह से हैं.
- दोस्तों ज्यादा टेंशन (चिंता) करने से हमारे हार्मोन्स में तेजी से उतार चढाव होता है जिससे हमारी सेक्सुअल समस्यांए बढ़ जाती हैं.
- नींद का पूरा न होने से भी हमारे शरीर में कमजोरी पैदा होती है जिससे हमारी पर्सनल जिंदगी में भयनक बदलाव आता हैं. किसी भी काम को करने का मन होते हुए भी हम उस काम को नहीं कर पाते हैं क्यूंकि शारीरक कमजोरी की वजह से शरीर आलसी हो जाता है.
- हमारा शरीर जितनी मेहनत करता है उसी के हिसाब से हमारे शरीर को पोषिक तत्व मिलने जरुरी होते हैं लेकिन रोज मर्रा की जिंदगी में इन्सान वो सारे पोषिक तत्वों को खाना भूल जाता है जिससे शरीर में कमजोरी होती है और शरीर को तरह तरह की विमारियां अपना घर बना लेती हैं.
- शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिए हमें कसरत करना भी जरुरी होता है जिससे हमारे शरीर में खून का दौरान बना रहता है और कसरत करने से शरीर मजबूत होता है. यदि आप किसी भी तरह की एक्सरसाइज नहीं करते मतलब की कसरत नहीं करते हैं तो इसका असर भी हमारी पर्सनल (सेक्सुअल) जिंदगी पर पड़ता है.
इन सभी तरह की परेशानियों एवं समस्याओं को प्राचीन आयुर्दिक इलाज से पूरी तरह से ख़त्म किया जा सकता है. किसी भी तरह की सेक्सुअल समस्या को हम प्राचीन आयुर्दिक उपचार से बड़ी ही आसानी से पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं.
सेक्सुअल समस्याओं को लेकर यह जो प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार बताने जा रहे हैं इस उपचार का फायदा अभीतक पांच हजार से भी ज्यादा लोग ले चुके हैं.
सेक्सुअल समस्याओं का प्राचीन आयुर्वेदिक इलाज (उपचार) : Ancient Ayurvedic Treatment for Sexual Problems
- सबसे पहले छुआरों को लेकर उनके अंदर से बीज निकालकर खोखला करना है.
- फिर हर एक खोकले छुआरे के अंदर 8 से 10 बूंदें बरगद के दूध की डालनी हैं.
- अब इसके बाद छुआरों में कुछ ही मात्रा में (एक ग्राम का चौथा हिस्सा) शुद्ध शिलाजीत डालनी है.
- अब इसके बाद छुआरों में कुछ मात्रा (एक ग्राम का चौथा हिस्सा) में शुद्ध आफीन की डालनी है.
- अब छुआरों को उनके ढक्कन से बंद करके उनको आटे से पूरी तरह से ढक (देना कवर) कर देंगे.
- अब इन छुआरों को कुछ देर तक आग में पकाना 80% होगा.
- अब भुने हुए छुआरों को निकाल कर कूट कर पाउडर बनाना होगा.
- अब पाउडर की छोटी छोटी गोलियाँ बना कर रख लेनी हैं.
- सर्दी के मौसम में एक एक गोली सुबह साम लेनी है और गर्मियों में सिर्फ एक ही गोली लेनी है.
- जो भी इन्सान यह गोली ले रहा है उसको कब्ज नहीं होनी चाहिए और तली भुनी चीजों का इस्तेमाल कम से कम करना है साथ ही मांस मच्छी कम से कम खाना है.
दिए गए सुझावों (निर्देशों) को ध्यान में रख कर अगर आप इस उपचार को घर पर ही बनाकर इस्तेमाल करेंगे तो आपका शरीर चट्टान की तरह मजबूत हो जायेगा. यह प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार आपकी जवानी को जाने नहीं देगा और बुढ़ापा आने नहीं देगा. इस उपचार के बाद आप अपने आपको हमेशा जवान महसूस करेंगे. इससे आपके शरीर में स्फूर्ति और शरीर फौलाद की तरह मजबूत बना रहेगा.
नोट: इस प्राचीन आयुर्वेदिक इलाज को किसी वैध या आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इस्तेमाल करें.
अगर आप इस इलाज को अपने आप बनाने में सक्षम नहीं हैं और आपको यह प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार चहिते तो आप हमें (आई.एस. के. डी. मेडीफिट, ISKD Medifit) आर्डर करके भी मंगवा सकते हैं. इस उपचार की कुल कीमत रूपये 5000 होगी जिसमें कोरियर का खर्चा भी शामिल होगा.
आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप सिंह
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