अमरबेल क्या है (What is Amarbel)
अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) एक लता है। आपने इसे कई पेड़ों से लिपटा देखा होगा। यह प्रायः बबूल, बेर आदि पेड़ पर लिपटी नजर आती है। अमरबेल खेतों में भी मिल जाती है। इसका तना लंबा और पतला होता है। अमरबेल के तने से कई सारी पतली-पतली और शाखाएँ निकलती हैं। शाखाएँ काफी मजबूत होती हैं। इसकी लता और बीज का उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। अमरबेल के प्रयोग द्वारा आप रोगों से बच सकते हैं। इसके साथ ही अमरबेल का प्रयोग कर बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं।
प्राचीन आयुर्वेद में यह बताया गया है कि अमरबेल (cuscuta) वीर्य को बढ़ाता है, पाचनशक्ति ठीक करता है और आँख के रोगों में लाभदायक होता है। हृदय को स्वस्थ रखता है। यह पित्त, कफ के विकार और खराब पाचन से बनने वाले वात को भी ठीक करता है। यह मल के निकले को आसान बनाता है। इसके साथ ही अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) के फायदे और भी हैं। आइए सभी लाभ के बारे में जानते हैं।
अमरबेल (Dodder Plant) एक परजीवी (Parasitic Plant) और दूसरे पेड़ों पर निर्भर लता है, जो रस्सी की तरह बेर, शाल, करौदें आदि वृक्षों पर फैली रहती है। इसमें से महीन धागे के समान तन्तु निकलकर वृक्ष की डालियों का रस चूसते रहते हैं।
एक ही वृक्ष पर हर साल पैदा होने के कारण इसको अमरबेल (Amarbel Plant) कहते हैं। यह वृक्षों के ऊपर फैलती है, जमीन से बिना जुड़े केवल पेड़ पर ही होने के कारण इसे आकाशबेल (cuscuta) भी कहा जाता है।
इससे यह तो फलती-फूलती जाती है, लेकिन जिस पेड़ पर यह रहती है वह धीरे-धीरे सूखकर खत्म हो जाता है। आकाशवल्ली (Cuscuta (Amarbel) के फल थोड़े पीले-काले रंग के और बड़े होते हैं। इसे लैटिन में Cassytha filiformis Linn. कहते हैं। दोनों में कुछ गुण भेद भी पाया गया है। किसी का मत है कि अमरबेल (cuscuta) वह है जो केवल आम के पेड़ पर फैलती है, अन्य वृक्षों पर फैलने वाली आकाशबेल है।
अनेक भाषाओं में अमरबेल के नाम (Name of Amarbel in Different Languages)
अमरबेल (amaram) का लैटिन नाम कस्कुटा रिफ्लैक्सा (Cuscuta reflexa Roxb., Syn-Cuscuta hookeri Sweet) है और यह कुल कस्कुटेसी ( Cuscutaceae) की लता है। अमरबेल (amar bail) को अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः-
Amarbel in-
- English – जाएन्ट-डोडर (Giant-dodder); रिफ्लेक्सड डोडर (Reflexed dodder)
- Sanskrit – अमरवल्ली, खवल्ली
- Hindi – आकाश बेल, अमरबेल
- Urdu – आकाशबेल (Akashabel)
- Oriya – कोलानिरमुली (Kolanirmuli)
- Assemmia – अमरलती (Amarlati)
- Kannada – बड़ानीके (Badanike)
- Gujarati – अमरबेल (Amarbel)
- Tamil – कोडीयागुन्डल (Kodiyagundal)
- Telugu – लन्जासवरमू (Lanjasavaramu)
- Bengali – आलोक लता (Alok lata), अल्गुसी (Algusi), स्वर्णलता (Swarnalata)
- Nepali – आकाशबेलो (Akashbelo), शिकारी लहर (Shikari lahara)
- Punjabi – निराधार (Niradhar)
- Marathi – आकाशबेल (Akashabel), निर्मली (Nirmali)
- Malayalam – आकाशवल्ली (Akashvalli)
- Arabic – कसूस (Kashus)
- Persian – अफ्तीमून (Aftimoon)
अमरबेल के फायदे (Amarbel Benefits and Uses)
अमरबेल (amaram) का औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा और तरीका ये हैं-
अमरबेल के सेवन से बवासीर में लाभ (Amarbel Helps in Piles Treatment in Hindi)
अमरबेल (dodder) के 10 मि.ली. रस में 5 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खूब घोंटकर रोज सुबह पिला दें। तीन दिन में ही खूनी और बादी बवासीर में विशेष लाभ होगा।
बालों को मजबूत बनाती है अमरबेल (Benefits of Amarbel in Hair Loss in Hindi)
अमरबेल (amar bail) को तिल या शीशम के तेल में पका लें। इसे सिर पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं। इससे गंजेपन में लाभ होता है।
लगभग 50 ग्राम अमरबेल को कूटकर एक लीटर पानी में पका लें। इससे बालों को धोने से बाल में चमक आती है और बाल सुनहरे होते हैं। इससे बालों का झड़ना तो रुकता ही है साथ ही रूसी भी खत्म होती है।
मस्तिष्क रोग में अमरबेल से फायदा (Amarbel Benefits to Cure Mental Disease in Hindi)
अमरबेल (amaram) के 5-10 मि.ली. रस को पानी के साथ रोजाना सुबह और शाम पीने से मस्तिष्क रोग ठीक होता है।
आँख आने की परेशानी में अमरबेल से लाभ (Amarbel is Beneficial for Eye Disorder Treatment in Hindi)
10-20 मि.ली. अमरबेल (dodder) के रस में चीनी मिलाकर आँखों पर लगाने से आँख आना और आँखों की जलन की परेशानी से आराम मिलता है।
एक रिसर्च में बताया गया है की अमरबेल आँखों की थकान को दूर करता है, आँखों का सूखना या धुंधलापन दूर करने में भी सहयोगी होता है।
घाव सुखाने के लिए करें अमरबेल का प्रयोग (Amarbel Heals Chronic Wounds in Hindi)
अमरबेल के 2-4 ग्राम चूर्ण या ताजी बेल को पीसकर सोंठ और घी मिलाकर लेप करने से पुराना घाव भी भर जाता है।
अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर उससे घाव को धोने से घाव तथा त्वचा की सूजन ठीक होते हैं।
चोट लगने पर जलन के लक्षण से उभारे अमरबेल (Amarbel Beneficial to Treat Wound in Hindi)
चोट लगने पर यदि जलन अदि लक्षण होते है तो ऐसे में अमरबेल में पाए जाने वाले पित्त शामक एवं शीत गुण इनको ठीक करने में मदद कर सकता है।
लीवर विकार में अमरबेल का उपयोग फायदेमंद (Amarbel is Beneficial in Fighting with Liver Disorder in Hindi)
5-10 मिली अमरबेल के रस का सेवन करने से बुखार, लिवर विकार तथा कब्ज में लाभ होता है।
अमरबेल के 10-20 मिली काढ़े को पीने से या इसके पेस्ट को आमाशय तथा पेट पर लेप करने से फैटी लीवर ठीक होता है। आकाशवल्ली का प्रयोग पेशाब को बढ़ाने के लिए तथा किडनी की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है।
जीभ के घाव में अमरबेल के प्रयोग से लाभ (Amarbel Deals with Oral Problem Treatment in Hindi)
अमरबेल पञ्चाङ्ग (amar bail plant) के पेस्ट को जीभ पर लेप करने से जीभ के घाव तुरंत भर जाते हैं।
जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए करें अमर बेल का उपयोग (Amarbel Treats Arthritis in Hindi)
अमरबेल के काढ़े या अमरबेल को पीसकर गुनगुना कर लेप करने से गठिया जैसी बीमारी में होने वाली परेशानी जैसा- जोड़ों का दर्द तथा सूजन की समस्या से आराम मिलता है। इस काढ़े का प्रयोग स्नान करने के लिए भी करना चाहिए।
पेट के रोग में अमरबेल के इस्तेमाल से फायदा (Amarbel Uses to Cure Abdominal Disease in Hindi)
अमरबेल (dodder) को उबालकर पीसकर पेट पर लेप करने से पेट के रोग ठीक होते हैं। आकाश बेल का रस आधा लीटर और एक किलोग्राम मिश्री को मिलाकर धीमी आँच पर उबालते हुए शर्बत तैयार कर लें।
इसे सुबह और शाम 2 मि.ली. की मात्रा में पानी मिलाकर पीने से पेट की गैस और पेट के दर्द की समस्या ठीक होती है।
अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर उससे पेट पर सेंक करने से उलटी बंद होती है तथा पेट का दर्द ठीक होता है।
प्रसूती स्त्री से जुड़ी परेशानी में करें अमरबेल का इस्तेमाल (Amarbel is Beneficial in Placenta in Hindi)
10-20 मिली अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) के काढ़े को पिलाने से प्रसूता स्त्री की अपरा (Placenta) जल्दी निकल जाती है।
हाइड्रोसील (अंडकोष की बीमारी) की समस्या में अमरबेल का उपयोग फायदेमंद (Amarbel Benefits to Cure Hydrocele Disease in Hindi)
अमरबेल (dodder plant) का काढ़ा बनाएं। काढ़े की भाप से अण्डकोष को पसीना आने तक सेंकने से अण्डकोष की सूजन ठीक होती है।
अमरबेल से यौन रोग का इलाज (Benefits of Amarbel in Cure Sexual Disease in Hindi)
अमर बेल का काढ़ा बनाकर उससे योनि को धोने से योनि के विकार ठीक होते हैं।
कमजोरी दूर करती है अमरबेल (Amarbel Cures Body Weakness in Hindi)
10 ग्राम ताजी अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) को मसलकर साफ महीन कपडे में पोटली बांधें। इसे आधे लीटर गाय के दूध में डालकर धीमी आँच पर पकाएं। जब इसका एक चौथाई दूध जल जाए तब ठंडा कर मिश्री मिलाकर पिएँ। इससे शरीर की कमजोरी दूर होती है।
खुजली की दवा अमरबेल (Amarbel Treats Skin Problems in Hindi)
अमरबेल को पीसकर लेप करने से खुजली शांत होती है।
4 ग्राम ताजी अमरबेल का काढ़ा बनाकर पीने से पित्त के कारण होने वाले विकार ठीक होते हैं। इसससे खून भी साफ होता है।
बुखार उतारने के लिए करें अमरबेल का सेवन (Amarbel Uses in Fighting with Fever in Hindi)
अमरबेल पञ्चाङ्ग (dodder plant) के चूर्ण का सेवन करने से बुखार ठीक होता है। तीसरे या चौथे दिन आने वाले बुखार में भी अमरबेल को गले में बांध लेने से बुखार नहीं चढ़ता है।
हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में फायदेमंद अमरबेल (Amarbel Beneficial for Strong Bones in Hindi)
अमरबेल में बल्य गुण पाए जाने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाये रखने में भी सहयोगी होता है ।
शिशुओं के रोग में फायदेमंद अमरबेल (Uses of Amarbel in Infants Disease in Hindi)
अमरबेल (amarbel) को शुभ मुहूर्त में लाकर सूती धागों में बाँधकर बच्चों के गले व बाँह में बांधने से विभिन्न प्रकार के शिशु रोग ठीक होते हैं।
कैंसर के इलाज में फायदेमंद अमरबेल (Benefits of Amarbel to Treat Cancer in Hindi)
कैंसर को रोकने में अमरबेल का प्रयोग फायदेमंद होता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार इसमें कैंसरोधी गुण पाया जाता है साथ ही इसमें आयुर्वेद के अनुसार इसमें रसायन गुण के कारण यह कैंसर के लक्षणों को रोकने में मदद करती है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में फायदेमंद अमरबेल (Amarbel Beneficial to Control Diabetes in Hindi)
एक रिसर्च के अनुसार अमरबेल में एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते है। इसके कारण यह डायबिटीज जैसी समस्या में उसके लक्षणों को कम कर लाभ पहुंचता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में लाभकारी अमरबेल (Benefit of Amarbel to Boost Immune System in Hindi)
प्रतिरक्षा प्रणाली सुधारने में भी अमरबेल मदद करती है क्योंकि इसमें रसायन गुण पाया जाता है।
अमरबेल के सेवन की मात्रा (How Much to Consume Amarbel?)
रस – 10-20 मि.ली.
अमरबेल के सेवन का तरीका (How to Use Amarbel?)
अमरबेल के पौधे (Amarbel plant) का अधिक लाभ पाने के लिए और उपयोग का सही तरीका जानने के लिए चिकित्सक से परामर्श करें।
झड़ते बालों को रोकने और बालों में जान डालने के लिए मैंने ऐसे किया अमरबेल का इस्तेमाल, जानें 2 आसान नुस्खे
अमरबेल में कई औषधीय गुण छिपे हैं। यह बेल आपको आपके आसपास आसानी से मिल सकती है। खासतौर पर अगर आपके घर के आसपास झाड़ियां हैं, तो वहां आपको अमरबेल जरूर मिल सकती हैं। इस बेल में पत्तियां बिल्कुल भी नहीं होती हैं। इसकी शाखाओं, फूल और बीज का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपको बालों से जुड़ी कोई समस्या है, तो आप यह बेल आपके लिए बड़े काम की है।
बालों में दो तरह से कर सकते हैं अमरबेल का इस्तेमाल
मैं अपने बालों में दो तरह से अमरबेल का इस्तेमाल करती हूं। एक है मेहंदी के साथ और दूसरा तरीका है बिना मेहंदी के।
पहली विधि- मेहंदी के साथ किस तरह करें इस्तेमाल
आवश्यक सामाग्री
- अमरबेल की शाखाएं- 50 ग्राम
- मेहंदी की पत्तियां – 50 ग्राम
- गुलहड़ की पत्तियां- 30 ग्राम
- मेथी – आधा चम्मच
- चायपत्ती – आधा चम्मच
- नारियल का तेल – 1 चम्मच
बनाने की विधि
ये सभी चीजें मैं अपने घर के पास के गार्डन से लेती हूं। इससे बालों को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है, क्योंकि इसमें किसी तरह का केमिकल मिक्स नहीं होता। आप भी इन सामग्रियों को जुटाकर ये स्पेशल हेयर पैक बना सकती हैं। मेहंदी की पत्तियों, गुलहड़ की पत्तियों और अमरबेल की शाखाओं को अच्छी तरह से धो लें, ताकि इसमें मौजूद मिट्टी और धूल-प्रदूषण कण साफ हो जाएं। सबसे पहले मेथी के दाने को 4-5 घंटे पहले ही भिगोकर रख दें। अब मिक्सी में सभी पत्तियों और मेथी के दानों को डालकर पीस लें।
अब इसे एक लोहे की कढ़ाई में (बालों के लिए आयरन भी जरूरी है) रखें और इसमें चाय की पत्तियां और नारियल तेल डालकर मिक्स करें। अगर आप नारियल तेल नहीं मिक्स करना चाहती हैं, तो न करें। मैं इसमें नारियल तेल इसलिए डालती हूं ताकि मेरे बाल मेंहदी की वजह से ड्राई न हों। अब इस मिश्रण को कढ़ाई में ही छोड़ दें। करीब 1-2 घंटे बाद इस मिश्रण को अपने बालों में लगाएं। सूखने के बाद अपने बालों को नॉर्मल पानी से धो लें।
ध्यान देने योग्य बातें – सर्दियों में मैं इस विधि का इस्तेमाल नहीं करती हूं, क्योंकि मेहंदी ठंडी होती है। ठंडी होने के कारण सर्दी-जुकाम की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए सर्दियों में इस विधि को न अपनाएं।
दूसरी विधि – बिना मेहंदी के साथ
आवश्यक सामाग्री
- अमरबेल – 100 ग्राम मेथी – आधा चम्मच
- भीगी हुई मेथी – आधा चम्मच
- गुलहड़ की पत्तियां – 100 ग्राम
बनाने की विधि
इन सभी चीजों को कढ़ाई में डालकर इसे हाथ से मसलें। पत्तियों को मसलते हुए इसमें हल्की-हल्की सी झाग आने लगेगी। अब इसे डायरेक्ट अपने बालों में अप्लाई करें। कुछ देर सूखने के बाद अपने बाल को नॉर्मल पानी से धो लें।
अमरबेल लगाने से बालों को होने वाले फायदे
- मैं अपनी बात करुं तो इससे मेरे बाल झड़ने कम हुए हैं।
- इसके साथ ही बालों की चमक भी पहले से काफी ठीक हुई है।
- बालों की ग्रोथ भी अच्छी होती है।
- मेंहदी के साथ इसे लगाने से आपके बाल सुनहरे होते हैं।
- मेथी का इस्तेमाल करने की वजह से यह आपके बालों को जड़ों से मजबूत रखता है।
बालों में अमरबेल के नुकसान
वैसे तो अमरबेल बालों में यूज करने पर किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन मेरी स्किन और बाल काफी ड्राई हैं, जिसके कारण अमरबेल लगाने से बालों में काफी ज्यादा डैंड्रफ हो गए हैं। अगर आपके बाल और स्कैल्प ड्राई हैं, तो आपको भी डैंड्रफ की समस्या हो सकती है। लेकिन डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए आप इन मिश्रण में थोड़ी दही डालकर लगाएं। इससे ये समस्या भी दूर हो जाएगी और पानी ज्यादा पिएं, ताकि स्किन और स्कैल्प डिहाइड्रेट न हों।
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