कड़ी पत्ता या मीठी नीम अपनी सुगंध और अनोखे स्वाद के कारण भारत में बहुत लोकप्रिय है। करी पत्ते या मीठे नीम या कड़ी पत्ता के पत्तों का उपयोग तरह तरह के भारतीय व्यंजनों में किया जाता है। कड़ी पत्ता व्यंजनों में सुगंध और स्वाद जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है। मीठी नीम या कड़ी पत्ता खाने के फायदे और स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक फायदे हैं। कड़ी पत्ता पाचन तंत्र को ठीक रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, दस्त को रोकने में कड़ी पत्ता बहुत मदद करती हैं और कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करती हैं। आइये मीठी नीम या कड़ी पत्ते के फायदे और नुकसान को विस्तार से जानते हैं।
यह भी पढ़ें: महिलाओं की सहेली कही जाने वाली शतावरी के फायदे, नुकसान और उपयोग की विधि
कड़ी पत्ता हर खाने में एक विशेष स्वाद जोड़ देता है। कढ़ी पकोड़े के लिए करी पत्ते एक आवश्यक सामग्री के रूप में काम करता है जो देश के कई हिस्सों में काफी लोकप्रिय है। करी पत्ते अपने विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट गुणों और डायरिया (दस्त) को नियंत्रित करने की क्षमता और कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को दूर करने के लिए अच्छे जाने जाते है। इसके अलावा करी पत्ते को कई व्यंजनों में जोड़ा जा सकता है। वजन कम करने के लिए भी करी पत्ते का इस्तेमाल किया जाता रहा है। कड़ी पत्ते में विटामिन ए, बी, सी और बी-2 से भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं।
मीठी नीम या कड़ी पत्ते के बहुत सारे औषधीय गुण हैं। करी पत्ता एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी भी है जिसका उपयोग बहुत सी आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है. आप सिर दर्द, मुंह के अनेक रोग में करी पत्ता (मीठा नीम) के इस्तेमाल से फायदे (Curry tree leaf benefits and uses) ले सकते हैं। इतना ही नहीं, मोतियाबिंद, पित्त विकार, कफज विकार आदि रोगों में भी मीठी नीम (करी पत्ता) के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।
आयुर्वेद में कड़ी पत्ते (मीठा नीम) के गुण के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं जो आपको जानना जरूरी है, क्योंकि आप मीठा नीम (करी पत्ता) के औषधीय गुण के फायदे बदहजमी, दस्त, उल्टी, पेट दर्द, डायबिटीज आदि में तो ले ही सकते हैं, साथ ही मूत्र रोग, दाद-खाज-खुजली आदि त्वचा रोग, बुखार, कीड़े-मकौड़े के काटने पर भी करी पत्ता (मीठा नीम) से लाभ ले सकते हैं। आइए यहां एक-एक कर जानते हैं कि करी पत्ता के सेवन या उपयोग करने से कितनी सारी बीमारियों में फायदा या नुकसान (Curry tree leaf benefits and side effects) हो सकता है। आईएसकेडी मेडीफिट, आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप
मुख्य रूप से करी पत्ता तीन तरह से प्रयोग में लाया जाता है, जो ये हैं
- मीठी नीम (करी पत्ता) के पत्तों का प्रयोग खाद्य पदार्थों में छौंक लगाने के लिए किया जाता है।
- आम, इमली आदि के साथ इसके पत्तों को पीसकर बनाई गई चटनी अत्यन्त स्वादिष्ट व सुगन्धित होती है।
- मीठी नीम के पत्तों को नारियल तेल में डालकर कुछ दिनों तक धूप में रखने से तेल सुगन्धित हो जाता है।
अन्य भाषाओं में करी पत्ता (मीठा नीम) के नाम : Name of Curry tree leaf (Meetha Neem) in Different Languages
करी पत्ता (मीठा नीम) का वानस्पतिक नाम Murraya koenigii (Linn.) Spreng. (मुराया कोईनीगी) है, और यह Rutaceae (रूटेसी) कुल का है। करी पत्ता के अन्य ये भी नाम हैं
Hindi- करीपत्ता, कटनीम, मीठानीम
English- Curry leaf tree (करी लीफ ट्री), लीफ (Curry leaf), करी बुश (Curry bush)
Sanskrit- कैडर्य, कैटर्य, सुरभिनिम्ब
Oriya- बरसान (Barsan), बसनगो (Basango), भुरसुंगा (Bhursunga)
Assamese- बिशहारी (Bishahari), नारासिंग्हा (Narasingha)
Kannada- करीबेवु (Karibevu), गंधबेवु (Gandhbevu)
Gujarati- गोरानिम्ब (Goranimb), मीठा लीम्ड़ो (Mitha limbdo), कढ़ीलीम्ड़ो (Kadhilimbdo)
Telugu- करीवेपाकु (Karivepaku), करीवेमु (Karivemu)
Tamil- करूवेप्पीलई (Karuveppilei), करूवेम्पु (Karuvempu)
Bengali- बरसुंगा (Barsunga), करियाफली (Kariaphali)
Nepali- मीठो नीम (Mitho neem)
Punjabi- बोवला (Bowala), गन्दालु (Gandalu)
Marathi- करहीनीम्ब (Karhinimb), करीपात (Karipat)
Malayalam- करीवेपु (Karivepu), करीयापेला (Kariyapala)
Mijoram- अर्पटिल (Arpatil)
Arabic- वरक अल करी (Warak al kari)
करी पत्ता (मीठा नीम) के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Curry tree leaf (Meetha Neem) in Hindi)
करी पत्ता के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः
मीठी नीम कटु, तिक्त, कषाय, शीत, लघु, पित्तशामक, कण्ठ्य और संज्ञास्थापक होती है। इसके पत्ते और जड़ की छाल वमनरोधी, वातानुलोमक, आमाशयिक सक्रियतावर्धक, जीवाणुरोधी, बलकारक होती है। इसके पत्ते का काढ़ा शीत, लघु; अतिसाररोधी और प्रवाहिकारोधी होता है।
यह भी पढ़ें: अश्वगंधा के आयुर्वेदिक फायदे, नुकसान, इस्तेमाल करने का तरीका और सावधानियां
करी पत्ता (मीठा नीम) के फायदे और उपयोग (Curry tree leaf (Meetha Neem) Benefits and Uses in Hindi)
करी पत्ता के फायदे, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
करी पत्ता (मीठा नीम) के औषधीय गुण से सिर दर्द का इलाज (Benefits of Curry tree leaf in Relief from Headache in Hindi)
सिर दर्द होने पर करी पत्ता के इस्तेमाल से लाभ मिलता है। आप करी पत्ता (मीठी नीम) के फूलों को पीस लें। इसे सिर पर लगाएं। इससे सिर दर्द ठीक होता है।
बालों के लिए करी पत्ता के फायदे
करी पत्ते बालों की जड़ों को मजबूत करने में मदद करते हैं। करी पत्ते बालों के रोम को उत्तेजित करते हैं और सामान्य बाल वर्णक के साथ स्वस्थ किस्में के विकास को बढ़ावा देते हैं। करी पत्ते का उपयोग बालों के झड़ने और बालों के समय से पहले झड़ने से निपटने के लिए किया जा सकता है। करी पत्ता का रस रूसी और परतदार स्कैल्प से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। इसके लिए तेल के साथ मीठी नीम के सूखे पत्तों का पाउडर मिला कर आपके बालों में लगाया जा सकता है। सफ़ेद बालों के लिए करी पत्ते का पेस्ट भी लगाया जा सकता है
मोतियाबिंद में करी पत्ता (मीठा नीम) का औषधीय गुण फायेदमंद (Curry tree leaf (Meetha Neem) Benefits for Cataract Treatment in Hindi)
मोतियाबिंद में भी मीठी नीम के उपयोग से लाभ होता है। मीठी नीम के ताजे पत्ते लं। इसका रस निकाल लें। इसे आंखों में काजल की तरह लगाने से मोतियाबिंद की बीमारी में लाभ होता है।
ऐसा माना जाता है कि करी पत्ते का आंखों की रोशनी पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है। करी पत्ते में उच्च मात्रा में विटामिन A होता है, जो आंखों की रोशनी के लिए अच्छा है। ये मोतियाबिंद की शुरुआत को रोकते हैं। विटामिन A में कैरोटीनॉयड होता है जो कॉर्निया और आंख की सतह की रक्षा करता है। विटामिन ए की कमी से रतौंधी और यहां तक कि कुछ मामलों में दृष्टि की हानि भी हो सकती है।
मुंह की बदबू में करी पत्ता (मीठा नीम) के सेवन से लाभ (Curry tree leaf (Meetha Neem) Benefits for Mouth Odor in Hindi)
मुंह से बदबू आने से परेशान हैं, और आयुर्वेदिक तरीके से मुंह की बदबू का इलाज करना चाहते हैं तो मीठी नीम की 2-4 पत्तियों को चबाकर खाएं। इससे मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाता है।
मुंह की बीमारियों में करी पत्ता (मीठा नीम) के सेवन से फायदा (Curry tree leaf Benefits for Mouth Disease in Hindi)
मुंह में होने वाली बीमारी जैसे मुंह के छाले की समस्या में आप मीठी नीम के फायदे ले सकते हैं। इसके लिए मीठी नीम के पत्तों का काढ़ा बना लें। इससे गरारा करें। इससे बीमारी ठीक होती है।
मीठी नीम ये कड़ी पत्ते के वजन कम करने में फायदे (Benefits of sweet neem curry leaves in reducing weight)
करी पत्ते वजन घटाने में सहायता कर सकते हैं। यह आपको आश्चर्यजनक लग सकता है पर यह सच है। इसमें पाया जाने वाला कार्बोल अल्कलॉइड वजन बढ़ने से रोकने में आपकी मदद कर करता है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस प्रकार वजन कम करने के लिए करी पत्ते का सेवन किया जा सकता है। इसके सेवन के लिए आप अपने भोजन में ताजा या सूखे करी पत्ते जोड़ सकते हैं। आप अपने सलाद में भी इसे शामिल कर सकते हैं। अपने स्वस्थ आहार के साथ करी पत्ते का सेवन करें और वजन कम करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
कफज विकार में करी पत्ता (मीठा नीम) के सेवन से लाभ (Curry tree leaf Benefits to Cure Kafaj Disorder in Hindi)
कफज विकार को दूर करने के लिए 5-10 मिली मीठी नीम के पत्ते का रस निकाल लें। इतनी ही मात्रा में शहद मिला लें। इसका सेवन करें। इससे कफज विकार ठीक होता है।
बदहजमी के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है करी पत्ता (Uses of Ayurvedic Medicine Curry tree leaf for Indigestion in Hindi)
मीठी नीम के पत्ते के रस में निम्बू का रस और शर्करा मिला लें। इसे एक चम्मच की मात्रा में सुबह के समय पिएं। इससे उल्ट, मुंह से पानी आने (लार गिरना) की समस्या और बदहजमी के साथ-साथ बदहजमी के कारण होने वाली उल्टी भी ठीक होती है।
दस्त में करी पत्ता (मीठा नीम) के सेवन से फायदा (Curry tree leaf Benefits to Stop Diarrhea in Hindi)
दस्त पर रोक लगाने के लिए मीठी नीम के औषधीय गुण से फायदा होता है। इसके लिए मीठी नीम के 2-4 फलों को पीसकर खिलाएं। इससे दस्त पर रोक लगती है। बेहतर लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
उल्टी के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है करी पत्ता (Uses of Ayurvedic Medicine Curry tree leaf to Stop Vomiting in Hindi)
आप उल्टी को रोकने के लिए भी करी पत्ता का सेवन कर सकते हैं। उल्टी होने पर मीठी नीम के 5-10 पत्तों को पानी के साथ पीसकर पिएँ। उल्टी रुक जाती है।
पित्तज विकार के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है करी पत्ता (Uses of Ayurvedic Medicine Curry tree leaf for Pattaj Disorder in Hindi)
पित्तज विकार दूर करने के लिए 1-2 ग्राम करी पत्ता की जड़ लें। इसका चूर्ण निकाल लें। इसे शहद के साथ चाटें। इससे पित्तज-विकारों में लाभ होता है।
पेट में कीड़े होने पर करी पत्ता के सेवन से फायदा (Benefits of Curry tree leaf (Meetha Neem) for Abdominal Bug in Hindi)
10-15 मिली मीठी नीम पत्ते के रस को पिलाने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं। अधिक लाभ के लिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लें।
पेट दर्द में करी पत्ता (मीठा नीम) का औषधीय गुण फायेदमंद (Curry tree leaf Benefits in Relief from Abdominal Pain in Hindi)
10-20 मिली मीठी नीम की जड़ के काढ़ा में 500 मिग्रा सोंठ चूर्ण मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है।
डायबिटीज में करी पत्ता (मीठा नीम) का औषधीय गुण फायेदमंद (Benefits of Curry tree leaf (Meetha Neem) to Controlling Diabetes in Hindi)
मीठी नीम की 10 पत्तियों का रोज सुबह खाएं। इससे डायबिटीज और डायबिटीज के कारण होने वाली बीमारियों में लाभ होता है।
मीठी नीम या करी पत्ते रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावी ढंग से कम करते हैं। वे अग्न्याशय के इंसुलिन-उत्पादक कोशिकाओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं और मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को रोकते हैं। इसमें तांबा, लोहा, जस्ता और लोहे जैसे खनिजों के कारण होता है जो करी पत्ते इस कार्य को करते हैं। इस प्रकार मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए करी पत्ता सहायक हो सकता है.
करी पत्ता (मीठा नीम) के औषधीय गुण से मूत्र रोग का इलाज (Benefits of Curry tree leaf (Meetha Neem) to Treat Urinary Disease in Hindi)
पेशाब से जुड़ी बीमारी होने पर करी पत्ता का सेवन करने से फायदा होता है। इसके लिए करी पत्ता के 5 मिली रस को पिएं। इससे लाभ होता है।
मीठी नीम के पत्ते के गुण बैक्टीरिया को खत्म करे
हमारे शरीर में अधिकांश बीमारी संक्रमणों के कारण कारण होती है। इस तरह के संक्रमणों के लिए करी पत्तों का उपयोग एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जा सकता है। करी पत्ते कार्बोराज अल्कलॉइड से भरे होते हैं जो जीवाणुरोधी, कैंसर रोधी और एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों वाले यौगिक हैं। करी पत्ते में लिनालूल (Linalool) यौगिक भी होता है। यह यौगिक करी पत्ते को उनकी खुशबू देता है। इस यौगिक में बैक्टीरिया-मारने के गुण होते हैं। यह शरीर से हानिकारक मुक्त कणों को खत्म करने में भी मदद करता है
बुखार में करी पत्ता (मीठा नीम) के फायदे (Curry tree leaf Uses in Fighting with Fever in Hindi)
बुखार होने पर भी करी पत्ता के इस्तेमाल से फायदा मिलता है। मीठी नीम के पत्तों का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली मात्रा में पीने से बुखार ठीक होता है।
कीड़ों के काटने पर करी पत्ता (मीठा नीम) के फायदे (Curry tree leaf (Meetha Neem) Uses in Insect Bite in Hindi)
कीड़े-मकौड़े के काट लेने पर करी पत्ता से इलाज कर सकते हैं। इसके लिए करी पत्ता की जड़ लें। इसकी छाल निकाल लें। इसे पीसकर कीटों के काटने वाले स्थान पर लगाएं। इससे दर्द, सूजन आदि विकार ठीक होते हैं।
दाद-खाज-खुजली में करी पत्ता (मीठा नीम) के फायदे (Curry tree leaf (Meetha Neem) Uses to Treat Itching in Hindi)
- करी पत्ता के रस में नींबू रस मिलाकर लेप करें। इससे खुजती, पित्ती निकलना और दाद का इलाज होता है।
- करी पत्ता के फलों का तेल निकाल लें। इसे त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा संबंधी रोगों में लाभ होता है।
करी पत्ता (मीठा नीम) के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Curry tree leaf (Meetha Neem) in Hindi)
करी पत्ता के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-
- पत्ते
- जड़
- फल
- छाल
यह भी पढ़ें: तुलसी कितने प्रकार की होती है, आयुर्वेद की द्रष्टि से तुलसी के फायदे, उपयोग और इसके औषधीय गुण
करी पत्ता (मीठा नीम) का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Curry tree leaf (Meetha Neem) in Hindi?)
करी पत्ता को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-
- रस- 5 मिली
- काढ़ा- 10-20 मिली
यहां करी पत्ता (मीठा नीम) के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Curry tree leaf benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप करी पत्ता के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए करी पत्ता का सेवन करने या करी पत्ता का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
करी पत्ते के नुकसान और एलर्जी – Side-Effects & Allergies of Curry Leaves in Hindi
करी पत्ते के कोई गंभीर साइड-इफेक्ट्स नहीं हैं फिर भी अगर आपको करी पत्ते से एलर्जी है तो आपको इससे बचना चाहिए। गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बच्चों द्वारा उपयोग करने से पहले एक प्रशिक्षित चिकित्सक से परामर्श किया जाना चाहिए।
करी पत्ता (मीठा नीम) कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Curry tree leaf (Meetha Neem) Found or Grown?)
मीठा नीम (करी पत्ता) पूरे भारत में 900 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है। यह सिक्किम में 1500 मीटर की ऊँचाई पर पाया जाता है।
Discussion about this post