नाशपाती का परिचय:
नाशपाती का वैज्ञानिक नाम पायरस कमिनिस एल है। यह रोज़ेसी फ़ैमिली से संबंधित है। नाशपाती को सेब के बाद सबसे ज्यादा पौष्टिक फल माना जाता है। यह विटामिन आहार फाइबर, एमिनो एसिड, एवं क्वेरसेटिन का बढ़िया स्रोत होता है। नाशपाती अपने मिठास, सुगंध, कुरकुरेपन और ख़ास खुशबू के लिए जाना जाता है। मूल रूप से यह उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, एशिया, चीन और पाकिस्तान में होता है। आईएसकेडी मेडीफिट (ISKD Medifit) के इस लेख के माध्यम से प्राचीन आयुर्वेदाचार्य श्री ब्रह्मस्वरूप सिंह बताएँगे कि नाशपाती खाने से स्वास्थ्य को किस तरह से आपको फायदे मिल सकते हैं।
हरे रंग की नाशपती खाने में जितनी स्वादिष्ट और मीठी होती है, उतने ही इसके फायदे भी हैं। नाशपती आपकी कब्ज की समस्या को दूर करने में काफी मददगार साबित हो सकती है। आपकी लोकल मार्केट में आसानी से मिलने वाली नाशपाती एक पौष्टिक फल है, जो कई महत्वपूर्ण विटामिन, खनिज और आहारीय फाइबर का स्रोत भी है। यह न सिर्फ आपके पाचन को दुरूस्त रखती है, बल्कि लंबे समय से चली आ रही कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाती है। आइए जानते हैं यह कैसे काम करती है।
ग्रीक कवि होमर द्वारा इसे ‘ईश्वर की देन’ कहा गया है। मानव स्वास्थ्य पर होने वाले फायदे को देखते हुए नाशपाती को हिंदी में बागु गोशा और संस्कृत में अमृतफल कहा जाता है। नाशपाती जख्म को ठीक करने, त्वचा को चमकदार बनाने, प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत करने तथा पेशाब नली के संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है।
नाशपाती के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आइए इसे पढ़ें। इस ब्लॉग में आप इसके संभावित उपयोग, फायदे और मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव के बारे में जानेंगे।
पोषक तत्वों का खजाना है नाशपाती
यहां है 100 ग्राम नाशपाती में मौजूद विभिन्न पोषक तत्वों की मात्रा
कैलोरी- 57
कार्बोहाइड्रेट- 15 ग्राम
फाइबर- 3.1 ग्राम
शर्करा- 9.8 ग्राम
वसा- 0.1 ग्राम
प्रोटीन- 0.4 ग्राम
नाशपाती का पोषण मूल्य: नाशपाती के पेड़ के सभी अंगों का अच्छा पोषण मूल्य होता है।
पौष्टिक तत्व | मात्रा |
कार्बोहाइड्रेट | 15.1 ग्राम |
शुगर | 9.69 ग्राम |
फाइबर | 3.1 ग्राम |
प्रोटीन | 0.38 ग्राम |
टोटल लिपिड (फैट) | 0.16 ग्राम |
टेबल 1: नाशपाती का पोषण मूल्य प्रति 100 ग्राम : नाशपाती में विटामिन और एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं।
विटामिन | मात्रा |
विटामिन C | 4.4 मिलीग्राम |
विटामिन B6 | 0.026 मिलीग्राम |
विटामिन A | 1 माइक्रोग्राम |
थायमिन | 0.012 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.026 मिलीग्राम |
फोलेट | 6 माइक्रोग्राम |
एमिनो एसिड | मात्रा |
ट्रिप्टोफैन | 0.002 ग्राम |
आइसोल्यूसिन | 0.014 ग्राम |
ल्यूसीन | 0.021 ग्राम |
मेथायनिन | 0.002 ग्राम |
वेलिन | 0.019 ग्राम |
फिनाइलआयलनिन | 0.013 ग्राम |
हिस्टडीन | 0.002 ग्राम |
थ्रियनिन | 0.013 ग्राम |
टेबल 2: प्रति 100 ग्राम नाशपाती में विटामिन और एमिनो एसिड की मात्रा
नाशपाती के फल का रंग हरे से पीले तक हो सकता है, कुछ किस्में पूरी तरह पकने पर लाल रंग की हो जाती हैं। नाशपाती का गूदा आमतौर पर सफेद या क्रीम रंग का होता है, हालांकि गुलाबी या लाल गूदे वाली कुछ किस्में भी होती हैं।
क्यों इतनी खास है नाशपाती
नाशपाती में विटामिन सी होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है और यह इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जाना जाता है। साथ ही कोलेजन को बनने में भी मदद करता है। नाशपाती विटामिन K प्रदान करती है, जो रक्त के थक्के जमने और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। नाशपाती में पोटेशियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। नाशपाती में थोड़ी मात्रा में विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन), बी3 (नियासिन), बी6 (पाइरिडोक्सिन), और ई, साथ ही मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे खनिज भी होते हैं।
कब्ज में कैसे मददगार है नाशपाती
न्यूट्रीशनिस्ट अपूर्वा अग्रवाल ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि “ये स्वादिष्ट फल न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि प्राकृतिक लैक्सेटिव के रूप में भी काम करते हैं। इसकी उच्च फ्रुक्टोज सामग्री और सोर्बिटोल की उपस्थिति के कारण (एक तरह का शुगर अल्कोहल जो हमारे पाचन में मददगार है), मल त्याग आसान हो जाता है।”
इसकी वजह सोर्बिटोल की कोलन में पानी खींचने, मल को नरम करने और उन्हें आसानी से बाहर करने की क्षमता में भी निहित है। इसलिए, जब आप थोड़ा थका हुआ महसूस कर रही हों, तो एक रसदार नाशपाती लें और इसके प्राकृतिक लाभों को अपना जादू चलाने दें।
यहां जानिए आपके पाचन तंत्र के लिए नाशपाती खाने के फायदे
1. उच्च फाइबर सामग्री
नाशपाती आहार फाइबर, विशेष रूप से घुलनशील फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। फाइबर मल में बल्क जोड़ता है और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देकर कब्ज को रोकने और राहत देने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायता करता है।
2. गट हेल्थ के लिए भी है फायदेमंद
नाशपाती में पेक्टिन जैसे प्रीबायोटिक फाइबर होते हैं, जो अच्छे गट बैक्टीरिया के लिए भोजन स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। ये बैक्टीरिया आंत माइक्रोबायोटा में एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं, जो पाचन और समग्र आंत स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3. आंतों की सूजन को कम करती है
नाशपाती में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, जिसमें फ्लेवोनोइड्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स शामिल हैं, इनमें सूजन को कम करने वाले गुण होते है। नाशपाती का सेवन पाचन तंत्र में सूजन को कम करने, गैस्ट्रिटिस या आंत्र में सूडन जैसी स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
4. पाचन तंत्र को सुचारू बनाती है
पारंपरिक रूप से नाशपाती का उपयोग गैस्ट्रिटिस और अल्सर सहित विभिन्न पाचन विकारों को शांत करने के लिए किया जाता है। उनके सौम्य और आसानी से पचने वाले स्वभाव के कारण उन्हें अक्सर “ब्लैंड डाइट” के हिस्से के रूप में खाने की सलाह दी जाती है।
5. आपको देर तक हाइड्रेटेड रखती है
नाशपाती में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो हाइड्रेशन में योगदान कर सकती है और डिहाइड्रेशन से संबंधित पाचन समस्याओं जैसे शुष्क मल या सुस्त पाचन को रोकने में मदद कर सकती है।
6. लीवर के स्वास्थ्य के लिए नाशपाती के संभावित उपयोग
नाशपाती में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो लीवर के स्वास्थ्य पर गुणकारी असर डालते हैं। अजिलोर बी एवं अन्य द्वारा 2016 में किए गए शोध में पाया गया कि नाशपाती के बीज का अर्क लीवर के ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। ये परिणाम नाशपाती के फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सिडेंट और सूजनरोधी गुण के कारण पाए गये थे। ये यह दिखाता है कि नाशपाती में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। भारी धातु के कारण हुई लीवर क्षति में भी नाशपाती फायदेमंद होता है।
ये पूरी जानकारी नहीं है। ये अध्ययन मानव पर नहीं किए गए हैं। इसलिए लीवर के स्वास्थ्य पर नाशपाती के प्रभाव की जानकारी के लिए मानव पर और ज्यादा परीक्षण किए जाने की जरूरत है। अतः नाशपाती को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने के पूर्व डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर होगा।
7. ब्लड शुगर के लिए नाशपाती के संभावित उपयोग
भार्गव ए. एवं अन्य द्वारा 2013 में जानवर पर किए गए अध्ययन में नाशपाती के उपयोग से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने से संबंधित महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त हुए। मुंह के माध्यम से नाशपाती के फल का अर्क दिए जाने से नाशपाती में पाए जानेवाले फाइटोकेमिकल्स के कारण ब्लड शुगर का स्तर कम होता है। इस अर्क का प्लाज्मा इन्सुलिन या अग्न्याशय इन्सुलिन स्राव पर थोड़ा असर पड़ता है।
ये आंकड़े पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि ये शोध जानवरों पर किए गए हैं। इसलिए ब्लड शुगर नियंत्रण में नाशपाती के असर की पुष्टि करने के लिए मनुष्यों पर और अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।
8. पेशाब नली के संक्रमण में नाशपाती का संभावित उपयोग
गुवेन के. एवं अन्य द्वारा 2006 में किए गए एक अध्ययन से पता चला कि पेशाब नली में संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया पर जब परीक्षण किया गया तो इसके अर्क ने एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव दिखाया। नाशपाती में बैक्टीरिया के हमसे से रक्षा करने की शक्ति हो सकती है। यह इन्फेक्शन को कम करने वाले एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि भी कर सकता है।1 नाशपाती के पत्तों का अर्क यूरो-कीटाणुनाशक का काम भी कर सकता है जिससे पेशाब नली में संक्रमण ठीक करने में मदद मिल सकती है।
हालांकि, मनुष्य की पेशाब नली में होनेवाले इन्फेक्शन के इलाज में नाशपाती के ऊपर वर्णित गुणों को साबित करने के लिए अब तक उपलब्ध आंकड़े काफी नहीं हैं तथा नाशपाती के संभावित उपयोग की पुष्टि करने के लिए और अधिक अध्ययन किए जाने की जरुरत है। बेहतर परामर्श के लिए योग्य डॉक्टर की सलाह लें।
9. जख्म भरने में नाशपाती के संभावित उपयोग
भार्गव ए. द्वारा 2014 में जानवरों के मॉडल पर जख्म के इलाज में नाशपाती के अर्क के असर का अध्ययन किया गया था। इसके परिणामों से यह पता चला कि जख्म के निशान काफी कम हुए हैं तथा फाइबर कोलेजन उत्पादन में वृद्धि हुई जिसने त्वचा को मजबूती प्रदान की।
नाशपाती के अर्क के एंटी-माइक्रोबियल गुण के कारण इसके जख्म भरने के संभावित गुण का पता चला। साथ ही, नए टिश्यू के निर्माण और जख्म के सिकुड़ने में भी इसका असर हो सकता है। नाशपाती में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी हो सकते हैं तथा यह कनेक्टिव टिश्यू का निर्माण भी कर सकता है।
चूँकि यह अध्ययन मानव पर नहीं किया गया है इसलिए यह पूरी जानकारी नहीं है। हालांकि, जख्म के इलाज में नाशपाती के फायदों की जानकारी के लिए मानव पर इसका परीक्षण किया जाना ज़रूरी है। इसलिए नाशपाती का दवा के रूप में उपयोग करने के पहले अपने संबंधित डॉक्टर की सलाह जरुरी है।
10. नाशपाती के अन्य संभावित उपयोग
- नाशपाती शरीर में कैल्शियम के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस में लाभ पहुंचाता है, जिसमें हड्डियाँ नाजुक और कमजोर हो जाती हैं।
- यह शरीर के pH को बनाए रखने में मदद करता है।
- बुखार में नाशपाती का जूस शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है। नाशपाती का ठंढापन इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण हो सकता है, जो प्रतिरोधी क्षमता में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।4
हालांकि कई अध्ययनों से अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं में नाशपाती के फायदों का पता चला है। यह पूरी जानकारी नहीं है और मानव स्वास्थ्य पर नाशपाती के क्या फायदे हैं इसके बारे में जानने के लिए और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।
नाशपाती के गुण:
पुराने समय से ही नाशपाती को एक औषधीय पौधा माना जाता रहा है।1 नाशपाती में पाए जाने वाले फायदेमंद गुण इस प्रकार हैं:
- इसमें सूजन को ठीक करने वाले गुण पाए जाते हैं (जलन और सूजन को ठीक करता है)।
- यह एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है (ऑक्सीडेटिव तनाव घटाता है)।
- इसमें संभवतः डायरिया रोधी गुण पाए जाते हैं।
- इसमें रोगाणुरोधक क्षमता पाई जाती है।
- इसमें दर्द को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं (शांति और नींद प्रदान करता है)।
- इसमें ज्वरनाशक गुण पाया जाता है (बुखार कम करता है)।
- इसमें जख्म को ठीक करने की शक्ति होती है।
- इसमें खून में ग्लूकोज़ की मात्रा को कम करने की शक्ति होती है।
- इसमें लिपिड घटाने की शक्ति पाई जाती है।
- इसमें कैंसर-रोधी क्षमता पाई जाती है।
- इसमें ब्लड प्रेशर कम करने की शक्ति पाई जाती है।
नाशपाती का उपयोग कैसे करें?
पूरा फल स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक है।
● नाशपाती को कच्चा, ताजे फल के रूप में खाया जा सकता है।
● नाशपाती से केक और पाई, जूस और ब्रांडी, कॉम्पोट्स, जैम, जेली और सिरप जैसे उत्पाद बनाए जा सकते हैं।
नाशपाती से बनी किसी दवा का उपयोग करने के पहले प्रोफेशनल डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। आपके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार वे नाशपाती के सही रूप एवं खुराक के बारे में बताएंगे। हम आपको किसी योग्य डॉक्टर की सलाह के बगैर चल रहे इलाज को बंद करने या उसके स्थान पर हर्बल दवा न लेने की सलाह देते हैं।
नाशपाती के दुष्प्रभाव
नाशपाती के कुछ दुष्प्रभाव पाचन तंत्र से संबंधित होते हैं तथा बच्चों और शिशुओं में देखे जा सकते हैं।
● दूध छोड़ चुके बच्चों में नाशपाती के दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं क्योंकि इसमें कुछ एसिड होते हैं जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
● नाशपाती के जूस के अत्यधिक सेवन से बच्चों को पेट दर्द, अत्यधिक गैस तथा गंभीर डायरिया हो सकता है।
● इसके अतिरिक्त, नाशपाती के जूस के अत्यधिक सेवन से शिशुओं की ऊंचाई और वजन प्रभावित हो सकता है।
यदि नाशपाती के सेवन से ऐसे कोई भी दुष्प्रभाव दिखें तो कृपया उस आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें जिन्होंने आपको इसे लेने की सलाह दी थी।
नाशपाती के साथ बरती जाने वाली सावधानियां
छोटे बच्चों एवं उम्रदराज लोगों को नाशपाती देने के पहले सामान्य सावधानियां बरतने एवं अतिरिक्त ध्यान देने की जरुरत होती है।
● गर्भावस्था: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए नाशपाती का उपयोग असुरक्षित होने के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, जटिलताओं से बचने और सुरक्षित रहने के लिए डॉक्टर का परामर्श हमेशा फायदेमंद होता है।
● बच्चों: नाशपाती में कुछ एसिड होते हैं। शिशुओं और छोटे बच्चों को अत्यधिक मात्रा में दिए जाने पर पाचन तंत्र पर इसका गंभीर दुष्प्रभाव हो सकता है।1 इसलिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
● बुजुर्ग: बुजुर्ग लोग जिनका पेट अक्सर खराब रहता है, नाशपाती खाने से उनके पेट में दर्द हो सकता है, दस्त लग सकते हैं और पेट में गैस बन सकती है 4 इसलिए, पेट में गड़बड़ी होने पर बुजुर्गों को डॉक्टर से परामर्श लेने और नाशपाती खाने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
कृपया अपनी मर्जी से इलाज करने, पहले से चल रहे इलाज को बदलने, या रोकने के लिए इमली का प्रयोग न करें।
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