अगर बार-बार पेट दर्द, भूख न लगना या ज्यादा भूख लगने जैसी समस्या हो रही हो तो ऐसे में सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि पेट से संबंधित ऐसी कोई भी समस्या है, तो पेट में कीड़े हो सकते हैं। कई बार यह समस्या काफी गंभीर भी हो सकती है। पेट में कीड़ा होना कृमि रोग कहलाता है। पेट के कीड़े कईं समस्याओं को जन्म देते हैं। यह समस्या सबसे अधिक बच्चों में होती है जिस कारण उनमें पेट दर्द, भूख न लगना और वजन घटने जैसे लक्षण नजर या महसूस होते हैं। आईएसकेडी मेडीफिट के इस लेख के माध्यम से प्राचीन आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह बतायेंगे कि पेट में होने वाले कीड़े क्या होते हैं और पेट के कीड़ों का इलाज कैसे किया जा सकता है।
पेट में कीड़ा होना क्या होता है? (What is Stomach Worms?)
शायद आपको पता नहीं कि पेट में कीड़ा 20 प्रकार के होते हैं, जो पेट में घाव तक कर देते हैं। कृमिरोग या पेट में कीड़ा दूषित आहार एवं खराब जीवनशैली के कारण ही होता है। जो लोग खुले में बनने वाला भोजन या दूषित भोजन करते हैं उन्हें ही कृमिरोग होने की अधिक संभावना रहती है। भोजन करने से पहले हाथ न धोना, गन्दा और बासी भोजन करना तथा अधिक आराम करना इस प्रकार की जीवनशैली के कारण कृमि रोग होता है।
पेट के कीड़े के प्रकार – Types of Intestinal Worms in Hindi
वैसे तो पेट के कीड़े के प्रकार कई होते हैं, लेकिन मुख्य रूप ये तीन प्रकार के होते हैं (1) :
- राउंडवॉर्म
- व्हिपवॉर्म
- हुकवॉर्म
पेट में कृमि होने के लक्षण (Symptoms of Stomach Worms)
पेट में कीड़े होने पर बार-बार पेट में दर्द होता है। आँखे लाल रहती हैं, जीभ का रंग सफेद एवं जीभ मोटी नजर आती है। मुँह से हर समय दुर्गन्ध आती है। इसी के साथ रात को सोते समय जिन बच्चों के दाँत बजते हो उनके भी पेट में कीड़े होते हैं।
पेट में जैसे-जैसे कीड़े पनपने लगते हैं, हमें शारीरिक तौर पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसे हम आम भाषा में लक्षण भी कहते हैं। चलिए, तो अब बात करते हैं पेट में कीड़े के लक्षणों के बारे में।
- डायरिया की समस्या
- पेट दर्द होना
- गैस की समस्या
- मतली की समस्या
- डिहाइड्रेशन होना
- वजन का घटना
- बलगम में खून
- खांसी की समस्या
- घरघराहट महसूस होना
- हल्का बुखार होना
- मल में कीड़ों का निकलना
- सांस लेने में दिक्कत
- त्वचा पर लाल चकत्ते होना
- उल्टी या खांसते वक्त कीड़ों का निकलना
- नाक या मुंह से कीड़ों का निकलना
पेट में कृमि होने के कारण (Causes of Stomach Worms)
पेट में कीड़े होने की कई वजह होती हैं पर मुख्य रूप से यह दूषित खान-पान के सेवन की वजह से होता है जैसे- गलत खान-पान, गन्दे हाथों से भोजन करना, खुले में रखे हुए भोजन को खाना, अधिक मीठा खाना, दिन भर सिर्फ आराम करना और परिश्रम न करने से पेट में कीड़े हो जाते हैं।
- दूषित पानी पीना
- साफ-सफाई की अनदेखी
- अधपका मांस का सेवन
- दूषित मिट्टी, पानी या मल के संपर्क में आना
पेट में कीड़े दूर करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies For Intestinal Worms in Hindi
आम तौर पर पेट से कीड़ा निकालने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से पेट के कृमि से निजात पाया जा सकता है।
पेट के कीड़ों को दूर करने के लिए शुरुआती रूप में पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे को अपनाया जा सकता है। वहीं, यदि समस्या गंभीर है तो पेट में कीड़े का इलाज कराने के लिए डॉक्टर को दिखाना ही बेहतर होगा। चलिए अब जानते हैं पेट के कीड़े मारने के घरेलू उपाय:
-भोजन करने से पहले हार्थों को अच्छी प्रकार धोएँ।
-खुले में बनने वाला भोजन न खाएँ।
-पीने के लिए साफ जल का प्रयोग करें। नल के पानी को उबाल कर फिर ठण्डा कर के पिएँ।
-दूषित एवं बासी भोजन न खाएँ।
-अधिक मीठे एवं डिब्बाबंद पदार्थों का सेवन न करें।
-अच्छी प्रकार पका हुआ एवं स्वच्छ भोजन करें।
-खुले में बनने वाले भोजन की बजाय घर में बना भोजन ही खाएँ।
-बासी और दूषित भोजन से दूर रहें।
-कच्ची सब्जियाँ और कच्चे मांस का सेवन न करें। भोजन को अच्छी प्रकार पका कर खाएँ।
-मीठे एवं चिपचिपे पदार्थों का सेवन कम करें।
अजवाइन पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Ajwain Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
–अजवायन का चूर्ण आधा ग्राम और उतना ही गुड़ गोली बनाकर दिन में तीन बार सेवन करें। अजवायन में एंटी बैक्टिरीयल तत्व पाए जाते हैं जो कीड़ों को समाप्त कर देते हैं। इसका सेवन चार से पाँच दिन तक करें।
-इसके अलावा चुटकी भर काला नमक और आधा ग्राम अजवायन चूर्ण मिलाकर रात को सोते समय गर्म पानी से लें। यह उपयोग बच्चों में काफी कारगर है यदि बड़ों को यह समस्या है तो काला नमक और अजवायन दोनों को बराबर मात्रा में लीजिए। दिन में दो बार तीन से चार दिन तक इसका सेवन करें।
अनार पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Pomegranate Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
अनार के छिलकों को सुखाकर इसका चूर्ण बना लीजिए। यह चूर्ण दिन में तीन बार एक-एक चम्मच लीजिए। बच्चों और बड़ों दोनों में ही यह उपाय फायदेमन्द है।
नीम के पत्ते पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Neem Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टिरीयल तत्व होते हैं जो पेट के कीड़ों को नष्ट कर देते हैं। नीम के पत्तों को पीसकर उसमें शहद मिलाकर पीने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। इसका सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।
लहसुन पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Garlic Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
कृमि रोग होने पर लहसुन की चटनी बनाकर खाएँ। लहसुन की चटनी में सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम खाने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। बच्चों और बड़ों दोनों में ही इसका प्रयोग कर सकते हैं।
टमाटर पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Tomato Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
पेट में कृमि होने पर टमाटर को काटकर उसमें सेंधानमक और काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
तुलसी पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Tulsi Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
पेट में कीड़े होने पर तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस दिन में दो बार पीने से पेट के कीड़े मरकर मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
आम की गुठली पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Mango Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
कच्चे आम की गुठली का चूर्ण दही या पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इसके नियमित सेवन से कुछ ही दिन में पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं।
कच्चा पपीता पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Raw Papaya Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
कच्चे पपीते को एक चम्मच दूध में एक चम्मच शहद और चार चम्मच उबला पानी मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
लौंग पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Clove Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
लौंग को पानी में भिगा कर रखें और इसके पानी को बच्चों को पिलाने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं। इससे बच्चों के पेट में होने वाली बेचैनी से आराम मिलता है।
1. सेब का सिरका
सामग्री:
- एक कप पानी
- 1 चम्मच सेब का सिरका
- 1 छोटा नींबू
- आधा चम्मच शहद (वैकल्पिक)
उपयोग का तरीका :
- पानी में सेब के सिरके को डालें।
- अब नींबू का रस निचोड़कर इसे पी लें।
- स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
- दिन में रोजाना इसे तीन बार पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
पेट में कीड़े से नुकसान न हो इसके लिए सेब के सिरके का उपयोग किया जा सकता है। इससे संबंधित एक शोध में बताया गया है कि सेब के सिरके में एंथेल्मिंटिक प्रभाव मौजूद होता है, जो परीजीवों से लड़ने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, एप्पल विनेगर में एंटीमाइक्रोबियल गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर में कई प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म करने के साथ ही उन्हें पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में माना जाता है कि इसके सेवन से पेट में मौजूद कीड़े को खत्म करने में मदद मिल सकती है।
2. लहसुन
सामग्री :
- लहसुन की 2-3 कलियां
उपयोग का तरीका :
- लहसुन की दो से तीन कलियों को रोजाना खाली पेट चबाएं। अगर गला संवेदनशील है, तो लहसुन को बेक करके इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बेक करने पर 2-3 की जगह, दिनभर में 6 लहसुन का सेवन किया जा सकता है
- दरअसल, बेक करने के बाद पेट के कीड़ों के खिलाफ लड़ने की लहसुन की क्षमता लगभग आधी हो जाती है।
कैसे है लाभदायक :
पेट के कीड़ों को मारने के लिए लहसुन का उपयोग करना भी कारगर सिद्ध हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक लहसुन में एंटीपैरासिटिक और एंटी माइक्रोबियल प्रभाव होते हैं। लहसुन में पाए जाने वाले ये दोनों प्रभाव पेट के कीड़ों को मारने में मदद कर सकते हैं।
3. लौंग
सामग्री :
- 2-3 लौंग
- 1 कप पानी
- स्वादानुसार शहद
उपयोग का तरीका :
- एक कप पानी में दो से तीन लौंग डालकर उबाल लें।
- 5 मिनट तक उबलने के बाद इसे छान लें।
- जब यह घोल थोड़ा ठंडा हो जाए तो इसमें स्वाद के लिए हल्का शहद मिलाएं।
- अब इसे धीरे-धीरे कर के पीएं।
- सप्ताह में तीन-चार बार इसे पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
पेट में कीड़े के उपचार के लिए लौंग का उपयोग भी किया जा सकता है। बताया जाता है कि लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) नामक कंपाउंड मौजूद होता है, जो एंटीपैरासिटिक यानी परजीवी संक्रमणों से लड़ने वाला गुण प्रदर्शित कर सकता है। इसके अलावा, शहद पर हुए एक अन्य शोध में यह बताया गया है कि हनी में भी एंटी बैक्टीरियल और एंटीपैरासिटिक गुण मौजूद होता है।
शहद का यह दोनों गुण परीजीवी संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि लौंग के साथ शहद का इस्तेमाल पेट में कीड़ा होने के लक्षणों को कम कर सकता है।
4. हर्बल टी
सामग्री :
- आवश्यकतानुसार कैमोमाइल
- 1 कप पानी
- शहद
उपयोग का तरीका :
- एक कप पानी में कैमोमाइल डालकर उबालें।
- 5 मिनट तक उबालने के बाद उममें शहद मिलाएं।
- फिर एक कप में इसे छानकर धीरे-धीरे कर के इसे पीएं।
- एक हफ्ते तक रोजाना इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
पेट में कीड़े के इलाज के लिए कैमोमाइल से बनी हर्बल चाय पीने के फायदे भी देखे जा सकते हैं। दरअसल, कैमोमाइल में एंटी पैरासिटिक गुण पाए जाते हैं, जो परजीवी संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, जैसा कि हमने लेख में बताया कि शहद में भी एंटीपैरासिटिक यानी परजीवी संक्रमण को समाप्त करने के गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि हर्बल चाय की मदद से पेट में कीड़े होने की समस्या को दूर किया जा सकता है।
5. हल्दी
सामग्री :
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 गिलास गर्म नारियल का दूध
उपयोग का तरीका :
- एक गिलास गर्म नारियल के दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालें।
- इसे अच्छी तरह से मिलाकर पी लें।
- चार-पांच दिनों तक रोजाना 1 से 2 बार पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
त्वचा के लिए हल्दी के फायदे तो है ही, इसके अलावा स्वास्थ के लिहाज से भी हल्दी बेहद फायदेमंद मानी गई है। बताया जाता है कि हल्दी का इस्तेमाल पेट के कीड़ों से छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, इसमें परीजीवी संक्रमण से लड़ने की क्षमता होती है।
इसके अलावा, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक कंपाउंड एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है, जो कई प्रकार के बैक्टीरिया और परजीवों से लड़ने में मदद कर सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खों के लिए हल्दी उपयोगी साबित हो सकती है।
6. पपीता
सामग्री :
- 1 बड़ा चम्मच पपीते का बीज
- आधा कप पपीता
- 1 कप नारियल का दूध
उपयोग का तरीका :
- एक ब्लेंडर में सभी सामग्रियों को डालकर अच्छे से ब्लेंड कर लें।
- अब इस मिश्रण का सेवन हर तीन दिन में एक बार करें।
कैसे है लाभदायक :
पेट के कीड़े मारने के घरेलू उपाय में पपीता का इस्तेमाल करना भी लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर से जानकारी मिलती है कि पपीते के बीज में एंथेल्मिंटिक और एंटी-अमीबिक गुण होते हैं, जो पेट के कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि पपीता के सेवन से पेट के कीड़े से राहत मिल सकती है।
7. अदरक
सामग्री :
- 1-2 चम्मच अदरक का पेस्ट
- 1 कप पानी
उपयोग का तरीका :
- एक कप पानी में अदरक का पेस्ट डालकर 5 मिनट उबाल लें।
- अब इसे छानकर चाय की तरह पिएं।
- इस घोल को रोजाना 3 से 4 बार पिएं।
कैसे है लाभदायक :
पेट के कीड़ों की समस्या में अदरक का उपयोग भी फायदेमंद हो सकता है। इससे जुड़े एक रिसर्च में पाया गया कि अदरक में एंटीपैरासिटिक प्रभाव होता है जो पेट के कीड़ों को मारने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च में इस बात की जानकारी मिलती है कि अदरक में मौजूद कोलीनर्जिक कंपाउंड एंथेल्मिंटिक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है, जिससे वॉर्म्स से लड़ने में मदद मिल सकती है।
8. नीम
सामग्री :
- 8-10 नीम के पत्ते
- आवश्यक्तानुसार पानी
उपयोग का तरीका :
- नीम के पत्तों को बारीक पीस लें।
- करीब आधा चम्मच पेस्ट को खाली पेट एक गिलास पानी और शहद के साथ लें।
- तीन हफ्ते तक इसका सेवन करें या जब तक कि पेट के कीड़े न मर जाएं तब तक इसका सेवन करते रहें।
कैसे है लाभदायक :
पेट में कीड़े के उपचार के लिए नीम के पत्ते का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। दरअसल, नीम के पत्तों में एंथेल्मिंटिक गुण होते हैं, जो कीड़ों को पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं।
इसके अलावा एक अन्य शोध में नीम को आंतो में होने वाले एक तरह के राउड वॉर्म यानी नेमाटोड्स से बचाने में भी प्रभावी पाया गया है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जूस के रूप में नीम का सेवन पेट के कीड़ों की समस्या से बचाने में मदद कर सकता है।
9. दालचीनी पाउडर
सामग्री :
- एक चम्मच दालचीनी पाउडर
- 1 गिलास गर्म पानी
- शहद (वैकल्पिक)
उपयोग का तरीका :
- एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
- अब इस घोल को तुरंत पी लें।
- कुछ दिनों तक रोजाना कम से कम तीन बार इसका सेवन कर सकते है।
कैसे है लाभदायक :
दालचीनी का उपयोग सेहत के साथ ही पेट के कीड़ों की समस्या में भी लाभदायक हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटी पैरासिटिक गुण पाए जाते हैं। यह गुण पेट में मौजूद कीड़ों को खत्म करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही उन्हें पनपने से भी रोकते हैं।
10. विटामिन-सी
सामग्री :
- 2000 मिलीग्राम विटामिन-सी सप्लीमेंट
उपयोग का तरीका :
- दो से तीन खुराक में 2000 मिलीग्राम विटामिन-सी लेना होगा।
- कुछ दिनों के लिए रोजाना इसका सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
विटामिन-सी बतौर एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे शरीर में काम करता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इसमें पेट के कीड़ों को मारने की क्षमता भी होती है। पेट में कीड़े होने की वजह से ज्यादा मात्रा में विटामिन-सी लेने की सलाह दी जाती है।
विटामिन-सी का सहन करने योग्य ऊपरी सेवन स्तर 2000 mg ही है। इससे अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
11. एलोवेरा
सामग्री :
- एलोवेरा का एक कप जूस
उपयोग का तरीका :
- एक कप एलोवेरा जूस का सेवन करें।
- यह जूस रोजाना 2 से 3 कप पीना होगा।
कैसे है लाभदायक :
एलोवेरा का सेवन पेट से सभी विषाक्त पदार्थों के साथ-साथ कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। दरअसल, एलोवेरा में एंथेल्मिंटिक और एंटीबैक्टीरियल गतिविधि पाई जाती है। इससे जुड़े एक शोध में पाया गया है कि, एलोवेरा के अर्क का सेवन कीड़ों के साथ इसके अंडों और लार्वा को भी खत्म करने में सहायक हो सकता है।
12. कद्दू के बीज
सामग्री :
- एक कप कद्दू के कच्चे बीज
- आधा कप नारियल का दूध
- आधा कप पानी
उपयोग का तरीका :
- एक कप कच्चे कद्दू के बीज को आधा कप पानी और नारियल के दूध के साथ ब्लेंड करें।
- अब इस मिश्रण को खाली पेट पिएं।
- पूरे दिन खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें।
- कीड़े खत्म न होने तक या कुछ हफ्तों तक इसे रोजाना पिएं।
कैसे है लाभदायक :
कद्दू के बीजों में कुकुरबिटासिन (Cucurbitacin) नामक एक कंपाउंड होता है, जो पेट के अंदर के कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। कुकुरबिटासिन की वजह से ही कद्दू में एंटी पैरासिटि और एंथेल्मिंटिक गतिविधि पाई जाती है, जो कीड़ों के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं।
13. टी-ट्री ऑयल
सामग्री :
- टी-ट्री ऑयल की 12 बूंदें
- 30 एमएल नारियल तेल
उपयोग का तरीका :
- 30 एमएल नारियल तेल में टी-ट्री ऑयल की 12 बूंदें मिला लें।
- अब कुछ मिनट इससे अपने पेट में हल्के हाथों से मालिश करें।
- इसे सीधे अपने गुदे (एनस) पर लगाकर रातभर के लिए छोड़ सकते हैं।
- इस प्रक्रिया को अपनी जरूरत के हिसाब से रोजाना दोहरा सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
टी ट्री ऑयल अपने एंटी बैक्टीरियल प्रभाव के लिए जाना जाता है। शायद यही वजह है कि यह पेट में मौजूद कीड़े से भी लड़ने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही इसमें एंटी पैरासिटिक गुण भी पाए जाते हैं, जो कुछ कीड़ों से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं।
14. अरंडी का तेल
सामग्री :
- 1 बड़ा चम्मच अरंडी का तेल
- 1 कप गर्म पानी
उपयोग का तरीका :
- एक कप गुनगुने पानी में अरंडी का तेल मिलाएं।
- इस घोल को धीरे-धीरे घूंट लेकर पिएं।
कैसे है लाभदायक :
अरंडी के तेल का इस्तेमाल पेट के कीड़ों की समस्या को दूर करने के लिए किया जा सकता है। एक रिसर्च के अनुसार अरंडी के तेल में फाइलेरिसाइडल प्रभाव होता है। यह प्रभाव पेट के कीड़ों के विकास को रोकने और उनसे छुटकारा पाने में फायदेमंद माना जा सकता है।
इसके अलावा अरंडी के तेल में लैक्सेटिव गुण होता है। यह गुण पेट से मल के साथ विषाक्त पदार्थों और कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
नोट: अरंडी के तेल का सेवन किया जा सकता है लेकिन हम यही सलाह देंगे कि इसके सेवन के पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
15. जैतून के पत्ते का अर्क
सामग्री :
- जैतून के पत्ते का करीब 180 मिलीग्राम अर्क।
उपयोग का तरीका :
- इस अर्क को तीन हिस्सों में बांट लें।
- रोजाना इसे दिन में तीन बार पिएं।
- कीड़ों की समस्या दूर न होने तक इसका सेवन करते रहें।
कैसे है लाभदायक :
जैतून के पत्तों के अर्क में मौजूद फ्लेवोनोइड्स की वजह से इसमें एंटीपैरसिटिक गुण पाये गए जाते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक जैतून के पत्तों के अर्क लीशमैनिया (Leishmania) पैरासाइट (एक तरह का कीड़ा) से लड़ने में सहायक साबित हुआ है।
16. अंगूर बीज का अर्क
सामग्री :
- अंगूर के बीज के अर्क की 8-12 बूंदें
- 1 गिलास पानी
उपयोग का तरीका :
- एक गिलास पानी में अंगूर के बीज के अर्क की कुछ बूंदें डालें।
- इसे अच्छी तरह से मिलाकर पी लें।
- इस घोल को रोजाना 1 से 2 बार पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
अंगूर के बीज के अर्क में एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि पाई जाती है। इसकी मदद से बैक्टीरिया को पनपने से रोका जा सकता है। इसके अलावा, एक शोध के मुताबिक अंगूर के बीज के अर्क में 800 से अधिक बैक्टीरिया, 100 फंगल और कई परिजीवों के खिलाफ लड़ने की क्षमता है। इसके अलावा अंगूर के बीजों में एंथेल्मिंटिक गतिविधि भी पाई जाती है, जो कीड़ों के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं।
पेट में कीड़े होने पर आहार – Food For Intestinal Worms in Hindi
लेख में पहले हम बता रहे हैं कि पेट में कीड़ा होने पर किन किन खाद्यों को अपने आहार में शामिल किया जा सकता है, इनमें एंथेलमिंटिक प्रभाव यानी कृमिनाशक प्रभाव होता है।
- पपीता
- अनानास
- अंजीर
- कीवी
- कद्दू और कद्दू के बीज
- तोरई
यहां हम बता रहे हैं कि पेट में कीड़े होने पर किन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इनको आहार में शामिल करने से कीड़े की समस्या बढ़ सकती है। एक शोध के मुताबिक इन सभी खाद्य पदार्थों में किसी न किसी तरह के कीड़े पाए गए हैं।
- एवोकाडो
- पत्तागोभी
- गाजर
- टमाटर
- शिमला मिर्च
- केला
- आम
इसके अलावा, अधपके मीट, मछली, पानी में होने वाली सब्जियां और सामान्य सब्जियों को बिना अच्छे से धोएं खाने से बचना चाहिए।
पेट में कीड़े के जोखिम और जटिलताएं – Intestinal Worms Risks & Complications in Hindi
पेट में कीड़े होने की वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें इंफेक्शन से लेकर कई सर्जिकल स्थितियां भी शामिल हैं। इनमें से कुछ बारे में हम यहां बता रहे हैं:
- एलर्जी की समस्या।
- लीवर की नलिकाओं में रुकावट
- आंत में रुकावट
- पेट से संबंधित समस्याएं
- आंतों से रक्तस्राव
- डिहाइड्रेशन होना
- तेजी से वजन कम होना
- दस्त कि समस्या
पेट में कीड़े का इलाज – Treatment of Intestinal Worms in Hindi
पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे अपनाने के बाद भी अगर समस्या कम नहीं होती है, तो फिर इसके लिए मेडिकल ट्रीटमेंट जरूरी हो जाता है। तो चलिए जानते हैं कि पेट में कीड़े का इलाज किस प्रकार से किया जा सकता है:
- पेट में कीड़े का इलाज करने से पहले डॉक्टर मल व खून की जांच करके यह सुनिश्चित करेंगे कि पेट में कीड़े हैं या नहीं। इसके अलावा, डॉक्टर एंडोस्कोपी/कोलोनोस्कोपी या एमआरआई व अन्य जांच की भी सलाह दे सकते हैं।
- इसके बाद जब यह पक्का हो जाएगा कि पेट में कीड़े हैं, तो डॉक्टर कुछ दवाओं के सेवन की सलाह देगें। इन दवाओं के सेवन से पेट के कीड़े पेरालाइज हो जाएंगे या मर जाएंगे। हालांकि, पेट के कीड़ों की वजह से अगर आंत में कुछ समस्या आ गई है, तो एंडोस्कोपी से इन्हें हटाने की कोशिश की जाएगी। वहीं, कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं।
- बता दें कि जिन लोगों को पेट में राउंड वॉर्म होने की शिकायत होती है, उन्हें उपचार के 3 महीने बाद फिर से कीड़ों से संबंधित जांच करवाने की सलाह दी जाती है। इस दौरान देखा जाता है कि कहीं पेट में कीड़ों का अंडा या लार्वा मौजूद तो नहीं है। अगर ऐसा कुछ होता है, तो दोबारा से दवा दी जाती है।
- वहीं, अगर पेट में हूकवॉर्म है, तो डॉक्टरी सलाह के अनुसार दो से तीन दिन तक दवा लेने की आवश्यकता होती है। हालांकि, इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसके अलावा, अगर पेट के कीड़ों की वजह से आयरन की कमी या एनीमिया की समस्या हो गई हो तो इस स्थिति में डॉक्टर आयरन की गोली लेने की भी सलाह दे सकते हैं।
पेट में कीड़े किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकते हैं। इसलिए, अपने आसपास सफाई रखने की काफी ज्यादा जरूरत है। इसके अलावा, अगर हाथों को धोएं बिना खाना खाने जैसी आदतों पर ध्यान दें, तो इस स्थिति से खुद को बचा सकते हैं। वो कहते हैं न इलाज से बेहतर रोकथाम है। अगर सावधानी बरतने के बावजूद पेट में कीड़े हो जाते हैं, तो इस लेख में दिए गए पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे और पेट में कीड़े के उपचार को अपना सकते हैं। आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)
पेट में कीड़े होने की वजह से कई तरह की परेशानियाँ रोगी को हो सकती हैं, जैसे- पेट में दर्द, अधिक भूख लगना या भूख न लगना, शरीर में खून की कमी, मुँह से बदबू आना आदि। इसलिए शीघ्र ही घरेलु उपाय द्वारा इसका इलाज करना चाहिए। यदि घरेलु उपायों द्वारा लाभ न मिले तो तुरन्त ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
जब आंतों या पेट में कीड़े होते हैं, तो मल कैसा दिखता है?
मल में कीड़े सफेद सूती धागे के छोटे-छोटे टुकड़ों की तरह दिखते हैं। अपने आकार और सफेद रंग के कारण, पिनवॉर्म को देखना मुश्किल होता है।
आंतों के कीड़े कितने समय तक रहते हैं?
आंतों के कीड़े 10 से 24 महीने तक जीवित रह सकते हैं।
आंतों के कीड़े को मारने के लिए कौन सी चाय अच्छी है?
पेट के कीड़ों को मारने के लिए कैमाेमाइल से बनी हर्बल टी का उपयोग किया जा सकता है, इसमें एंटीपैरसिटिक प्रभाव होता है, जो परजीवों से लड़ने में मदद कर सकता है।
यह कैसे पता चलेगा कि आंतों में कीड़े हैं?
आंतों में कीड़ा होने पर है, निम्नलिखत लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे – बलगम में खून आना, मल में कीड़ा निकलना, पेट में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते होना, नाक या मुंह से कीड़े निकलना आदि शामिल हैं। इसके आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि आंतों में कीड़ा है।
क्या पेट के कीड़ों से नुकसान पहुंचता है?
हां, पेट के कीड़ों से नुकसान पहुंच सकता है। इन कीड़ों की वजह से डायरिया की समस्या, पेट दर्द, गैस की समस्या, तेजी से वजन घटना या फिर डीहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
आंतों के कीड़े के लिए मुझे किस तरह के डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
पेट में कीड़ा होने के लक्षण दिखाई देने पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए।
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