खाने का स्वाद बढ़ने वाली लौंग का नाम शायद ही किसी ने नहीं सुना ऐसे बहुत ही कम लोग होंगे. इतना जरूर होगा की लाऊंगा के फायदे और नुकसान को लेकर नहीं जानते होंगे. लौंग बेशक आकार में छोटा होता है, लेकिन लौंग के फायदे चमत्कारिक होते हैं। प्राचीन काल से ही लौंग का उपयोग आयुर्वेदिक औषधीयों में किया जाता रहा है।
इसमें कई ऐसे जरूरी औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर से जुड़ी कई परेशानियों और बिमारियों को कम करने में मदद करते हैं। यूं तो लोग इसका इस्तेमाल सर्दी-खांसी से बचने के लिए अभी भी करते हैं, लेकिन लौंग के फायदे कई ऐसे भी हैं, जिनके बारे में शायद ज्यादा लोगों को पता नहीं होगा। आईएसकेडी मेडीफिट के इस लेख में हम यहाँ आपको लौंग से होने वाले फायदों और नुकसान के वारे में बतायेगें।
लौंग क्या है? (What is Cloves?)
लौंग (lavang) के वृक्ष पर लगभग 9 वर्ष की आयु में फूल लगने शुरू हो जाते हैं। लौंग एक सदाबाहर पेड़ होता है। इस पेड़ के फूलों की सूखी कलियों का इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जाता रहा है। भारत में लौंग का इस्तेमाल मसाले के रूप में काफी प्रचलित है। इसका वैज्ञानिक नाम सीजिजियम अरोमैटिकम (Syzygium Aromaticum) है। लगभग 9 साल बाद लौंग के एक वृक्ष में कली लगती है, जिसे सुखाने पर लौंग बनाया जा सकता है। आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप
इसकी फूल कलियों को ही सुखाकर बाजार में लौंग के नाम से बेचते हैं। गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी में लौंग बहुत लाभदायक होती है। लौंग के फायदे या कुछ विशेष गुण इस प्रकार हैंः-
- लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है। आमाशय की रस क्रिया सही रहती है।
- भोजन के प्रति रुचि पैदा होती है और मन प्रसन्न होता है।
- लौंग पेट के कीड़ों को खत्म करती है।
- यह चेतना-शक्ति को सही रखती है।
- यह शरीर की दुर्गन्ध को खत्म करती है।
- दर्द, घाव पर लेप करने से रोग सही होते हैं।
- लौंग मूत्र मार्ग को सही रखती है और पेशाब के रास्ते हानिकारक चीजों को बाहर निकालने में मदद करती है।
अनेक भाषाओं में लौंग के नाम (Name of Cloves in Different Languages)
लौंग का वानस्पतिक नाम Syzygium aromaticum (Linn.) Merr & L. M. Perry (सिजीयम एरोमैटिकम) Syn-Eugenia caryophyllata Thunb., Caryophyllus aromaticus Linn. है और यह Myrtaceae (मिर्टेसी) कुल की है। लौंग को देश या विदेश में अनेक नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-
Cloves in –
- Hindi (laung in hindi) – लोंग, लौंग, लवंग
- English (Lavanga in english) – क्लोवस (Cloves), जंजिबर रैड हेड (Zanzibar red head), क्लोव ट्री (Clove tree), Clove (क्लोव)
- Sanskrit – लवङ्ग, देवकुसुम, श्रीप्रसून, श्रीसंज्ञ, श्रीप्रसूनक, वारिज
- Urdu – लौंग (Laung), लवंग (Lavang)
- Kannada – लवंग (Lavanga), रूंग (Rung)
- Gujarati – लवींग (Laving)
- Telugu – करवप्पु (Karvappu), लवंगमु (Lavangamu)
- Tamil (Cloves in tamil) : किरांबु (Kirambu), किराम्पु (Kirampu)
- Bengali – लवंग (Lavang)
- Nepali – लवांग (Lwang)
- Marathi – लवंग (Lavang)
- Malayalam – लौंग (Laung), ग्रामपु (Grampu), करयाम्पु (Karayampu)
- Arabic – करनफल (Qaranphal), करनफूल (Qaranphul)
- Persian – मेखत (Mekhat), मेखक (Mekhak)
लौंग के औषधीय गुण : Medicinal properties of cloves
लौंग के औषधीय गुण की वजह से ही सदियों से इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव होता है। इसके अलावा, इसमें एंटी-वायरल और एनाल्जेसिक गुण भी है, जो कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचा सकते हैं। शायद इसी वजह से सदियों से आयुर्वेद में लौंग के फायदे का इस्तेमाल लोगों को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता रहा है। लौंग के फायदे के बारे में आगे विस्तार से बताया गया है।
लौंग के फायदे – Benefits of Clove in Hindi
लौंग खाने से क्या फायदा होता है? अगर यह सवाल अक्सर आपके दिमाग में घूमता है, तो नीचे दिए गए लौंग के फायदों को पढ़ें। यहां रिसर्च के आधार पर हमने जानकारी दी है। बस लौंग का इस्तेमाल करते समय यह बात याद रखें कि यह गंभीर बीमारी का इलाज नहीं है। महज स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव का एक तरीका है।
सिर दर्द और माइग्रेन में लौंग के फायदे (Cloves Benefits in Relief from Headache in Hindi)
आप लौंग के फायदे (Long ke fayde) सिर दर्द की परेशानी में ले सकते हैं। अगर कोई रोगी आधासीसी से पीड़ित है या फिर अन्य प्रकार के सिर दर्द की समस्या से परेशान है तो लौंग का प्रयोग लाभ दिलाता है। इसके लिए 6 ग्राम लौंग को पानी में पीसकर सुखा लें। इसे थोड़ा गर्म कर लें। इसका कान के आस-पास गाढ़ा लेप करने से सिर दर्द या आधासीसी की समस्या में लाभ होता है।
2 लौंग और 65 मिग्रा अफीम को पानी के साथ पीसकर गर्म कर लें। इसको ललाट पर लेप करने से सर्दी के कारण होने वाले सिर दर्द से आराम मिलता है।
ओरल हेल्थ में लौंग के फायदे : Benefits of cloves in oral health
लौंग की कलियां ओरल माइक्रो ऑर्गेनिज्म (मुंह में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्म जीवों) को 70 प्रतिशत कम कर सकती हैं। इसी वजह से कई टूथपेस्ट में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी, टी-ट्री ऑयल के साथ लौंग का इस्तेमाल करके घर पर ही बनाया गया माउथ वॉश ओरल हेल्थ को बेहतर रख सकता है ।
लौंग का तेल भी विभिन्न पीरियडोंटल पैथोजेन (Periodontal Pathogens) से बचाव कर सकता है। यह वो बैक्टीरिया होते हैं, जो मसूड़ों में इंफेक्शन का कारण बनते हैं (2)। दांतों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए लौंग काफी फायदेमंद माना जाता है। लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) नामक तत्व दांतों के दर्द को कम करने का काम कर सकता है। यह प्लाक और कैरिज से भी दांतों को बचा सकता है।
आंखों की बीमारियों में लौंग का उपयोग फायदेमंद (Benefits of Cloves in Cure Eye Disease in Hindi)
लौंग को तांबे के बरतन में पीस लें। इसे शहद मिलाकर आंखों में लगाने से आंखों के रोगों में लाभ मिलता है।
दांतों के रोग में लौंग के प्रयोग से लाभ (Benefits of Long in Dental Disease in Hindi)
दांतों की बीमारियों में भी लौंग काफी फायदेमंद (Long ke Fayde) है। लौंग के तेल को रूई के फाहे में लगाकर दांतों में लगाएं। इससे दांतों के दर्द से आराम मिलता है। इससे दांत में लगे कीड़े भी खत्म हो जाते हैं।
सर्दी-खांसी में लौंग के फायदे: Benefits of cloves in cold and cough
लौंग के गुण में खांसी और सर्दी से बचाव भी शामिल है। लौंग में एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो सर्दी और खांसी को कम कर सकता है। दरअसल, यह एक्सपेक्टोरेंट की तरह काम करता है, जो पूरे बलगम को मुंह से निकालकर ऊपरी श्वसन तंत्र को साफ कर सकता है।
मधुमेह में लौंग के फायदे (Clove Beneficial to Control Diabetes in Hindi)
लौंग का इस्तेमाल मधुमेह को कुछ हद तक नियंत्रित करना भी शामिल है। मधुमेह वो चिकित्सकीय स्थिति है, जिसके अंतर्गत रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाती है। लौंग ब्लड ग्लूकोज को कम करके डायबिटीज को कंट्रोल कर सकता है।
एक अन्य शोध में कहा गया है कि लौंग में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक, हाइपोलिपिडेमिक और हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं। यह डायबिटीज की समस्या को कम करने के साथ ही लिपिड में सुधार करने और लिवर को बचाने का काम कर सकता है। लोंग के साथ ही लौंग का तेल भी ग्लूकोज को कम करने, लिपिड प्रोफाइल को सुधारने और किडनी संबंधी समस्या से डायबिटीज के मरीजों को बचाने का काम कर सकता है। लौंग का सेवन मधुमेह में आपको फायदा दे सकता है क्योंकि यह रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
बलगम की समस्या में लौंग का सेवन लाभदायक (Cloves Benefits in Mucus Problem in Hindi)
लौंग के 2 ग्राम कूटे हुए चूर्ण को 125 मिली पानी में उबालें। जब यह एक चौथाई रह जाए तो छानकर थोड़ा गर्म कर पी लें। यह कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
लौंग के सेवन से खत्म होती है मुंह और सांसों की बदबू (Benefits of Cloves in Halitosis Treatment in Hindi)
- लौंग को मुंह में रखने से मुंह और सांस की दुर्गन्ध मिटती है।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाये लौंग (Benefit of Clove to Improve Digestive System in Hindi)
लौंग शरीर के एंजाइम्स को उत्तेजित और पाचन तंत्र को बूस्ट करने का काम कर सकता है। इसका सेवन आंत में होने वाली जलन के स्तर को कम कर सकता है और अपच की समस्या को ठीक कर सकता है। लौंग पाचन संबंधी समस्या जैसे पेट का फूलना, गैस, अपच, मतली, डायरिया और उल्टी के लक्षणों से राहत दिला सकता है। इसके अलावा, लौंग और इसका तेल पेप्टिक अल्सर के लक्षण को भी कम कर सकता है
लौंग का तेल गैस्ट्रिक म्यूकस को बढ़ाने में मदद करता है, जो पेट को सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन इस संबंध में अभी और रिसर्च की जरूरत है। वहीं, लौंग में 1 चम्मच शहद मिलाकर सोने से पहले लेने की सलाह दी जाती है। हां, पाचन संबंधी परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
अगर आप का पाचन तंत्र कमजोर है तो आप के लिए लौंग का सेवन फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार लौंग में दीपन और पाचन के गुण पाये जाते है।
दमा रोग में फायदेमंद लौंग का सेवन (Benefits of Long in Fighting with Asthma in Hindi)
दमा रोग में भी लौंग के फायदे मिलते हैं। लौंग, आंकडे के फूल और काला नमक को बराबर मात्रा में लें। इन्हें पीसकर चने के आकार की गोली बना लें। इसे मुंह में रखकर चूसने से दमा और श्वासनलिका के विकार ठीक होते हैं।
लौंग के सेवन से कुक्कुर खांसी का इलाज (Laung Benefits in Cure Cough Disease in Hindi)
3-4 नग लौंग को आग पर भूनकर पीस लें। इसे शहद मिलाकर चाटने से कुक्कुर खांसी में लाभ (laung ke fayde) होता है।
वजन कम करने के लिए लवंग खाने के फायदे:
वजन कम करने में लौंग भी मदद कर सकता है। पौष्टिक डाइट के साथ ही नियमित रूप से लौंग का सेवन वजन नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। डाइटिशियन नेहा श्रीवास्तव के मुताबिक, लौंग मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देकर वैट मैनेजमेंट में मदद कर सकता है। घरेलू उपाय के साथ ही वजन कम करने के लिए योग व एक्सरसाइज करना भी जरूरी है।
हैजा में फायदेमंद लौंग का इस्तेमाल (Clove Benefits in Cholera Treatment in Hindi)
हैजा होने पर बहतु अधिक प्यास लगने की समस्या भी हो जाती है। इस समस्या में लौंग खाने से बहुत फायदा (Long khane ke fayde) मिलता है। एक या ड़ेढ़ ग्राम लौंग को करीब डेढ़ ली जल में डालकर उबालें। 2-3 उबाल आने पर नीचे उतार कर ढक दें। इसमें से 20-25 मिली जल को बार-बार पिलाने से हैजा के कारण लगने वाली अत्यधिक प्यास की समस्या ठीक होती है।
अपज की समस्या में लौंग के उपयोग से लाभ (Cloves Benefits in Indigestion in Hindi)
1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पिलाने से अपच की समस्या ठीक होती है।
जी मिचलाने पर करें लौंग का प्रयोग (Benefits of Cloves in Treating Nausea in Hindi)
जी मिचला रहा हो तो आप लौंग के फायदे लें। लौंग को पानी के साथ पीसकर थोड़ा गर्म कर लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पिलाने से जी मिचलाने और अत्यधित प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
बुखार में लौंग का सेवन लाभदायक (Benefits of Clove in Fighting with Fever in Hindi)
लौंग (lavang) और छोटी पिप्पली को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस चूर्ण को 1½ ग्राम की मात्रा में लेकर मधु मिलाकर सुबह और शाम चाटने से बुखार और बुखार के कारण होने वाली शारीरिक कमजोरी में लाभ होता है। लौंग तथा चिरायता को समान भाग लें। इसे पानी में पीसकर पिलाने से बुखार में लाभ होता है।’
कैंसर के लिए लौंग के लाभ :
मेडिकल शोध के अनुसार लौंग ट्यूमर को बढ़ने से रोक सकता है। लौंग के एथिल एसीटेट अर्क में एंटी-ट्यूमर गतिविधि पाई गई है, जिस वजह से इसका इस्तेमाल कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए किया जा सकता है। रिसर्च में बताया गया है कि ओलिक एसिड की मौजूदगी की वजह से लौंग एंटी-ट्यूमर प्रभाव को प्रदर्शित कर सकता है। रिसर्च में लौंग के एंटी-ट्यूमर प्रभाव की क्षमता को जांचने के लिए अधिक शोध की सलाह दी गई है।
प्रारंभिक अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि फेफड़े, त्वचा और डाइजेस्टिव कैंसर के मामलों में लौंग का तेल एक कीमोप्रीवेंटिव भूमिका (Chemopreventive role) निभा सकता है। ध्यान दें कि लौंग कैंसर का इलाज नहीं है। यह बस बचाव का एक तरीका हो सकता है। कैंसर से ग्रस्त होने पर डॉक्टर से इलाज करवाना अनिवार्य है।
पेट की गैस की समस्या में लौंग से फायदा (Laung Benefits in Acidity in Hindi)
10 ग्राम लौंग, 10 ग्राम सोंठ, अजवायन और 10 ग्राम सेंधा नमक तथा 40 ग्राम गुड़ को पीस लें। इसकी 325-325 मिग्रा की गोलियाँ बना लें। 1 गोली को दिन में 2-3 बार सेवन करने से पेट की गैस की समस्या ठीक होती है।
पेट के रोग में लौंग के सेवन से फायदा (Cloves Benefits in Treating Abdominal Disease in Hindi)
- लौंग (lavang), शुंठी, मिर्च, पीपल, अजवायन 10-10 ग्राम, सेंधा नमक 50 ग्राम तथा मिश्री 50 ग्राम को महीन पीस लें। इन्हें चीनी मिट्टी के बरतन में रखें और इतना नींबू का रस डालें कि पूरा चूर्ण नींबू के रस से डूब जाए। इसे धूप में सुखा लें। इसे एक चम्मच भोजन के बाद सेवन करने से मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है। इससे बदहजमी व खट्टी डकार आने की समस्या (long ke fayde) ठीक हो जाती है।
- 1-2 ग्राम लौंग को कूट लें। इसे 100 मिली जल में मिलाकर काढ़ा बना लें। जब काढ़ा 20-25 मिली रह जाए तो इसे छानकर ठंडाकर पिएं। इससे हैजा और अपच की समस्या में लाभ होता है।
- लौंग (lavang) का काढ़ा या लौंग के तेल से गैस की समस्या तुरंत ठीक हो जाती है।
- जायफल, लौंग तथा जीरा को समान मात्रा में लें। इनका चूर्ण बना लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद और शक्कर के साथ सेवन करें। इससे पेट का दर्द ठीक होता है।
- लौंग के दरदरे 10 ग्राम चूर्ण को 1 लीटर उबलते हुए जल में डालकर ढक दें। आधे घंटे बाद छान लें। 25-50 मिली जल को दिन में 3 बार पिलाने से अपच की समस्या ठीक होती है और भूख लगती है।
- लौंग, सोंठ, 10-10 ग्राम तथा अजवायन व सेंधा नमक 12-12 ग्राम का चूर्ण बना लें। इसे 1 ग्राम की मात्रा में भोजन के बाद जल के साथ सेवन करें। इससे अपच और एसीडिटी की समस्या ठीक होती है।
स्ट्रेस कम करनरे के लिए लौंग खाने के फायदे:
लौंग में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो तनाव की वजह से होने वाले पैथोलॉजिकल परिवर्तनों की रोकथाम में मदद कर सकता है। शोध में कहा गया है कि लौंग में मौजूद एंटी-स्ट्रेस एक्टिविटी तनाव को कम तो कर सकती है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि लौंग किस तरह तनाव से बचा सकता है।
लौंग का तेल संचार प्रणाली को उत्तेजित यानी स्ट्यूमिलेट करता है और मानसिक थकावट व थकान को कम कर सकता है। इसे अनिद्रा, स्मृति हानि, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायक माना जाता है।
उल्टी (गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी) को रोकने के लिए लौंग का उपयोग (Use of cloves to Prevent Vomiting (Vomiting of Pregnant Women) in Hindi)
गर्भवती महिलाओं को उल्टी होना आम बात है। खास बात यह है कि इस दौरान लौंग खाने से उल्टी रोकने में बहुत फायदा (Long khane ke fayde) मिलता है। इससे गर्भवती महिलाओं को बहुत आराम मिलता है। 1 ग्राम लवंग (लौंग) चूर्ण को मिश्री की चाशनी और अनार के रस में मिलाकर चाटें। इससे गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी बंद हो जाती है।
लौंग का काढ़ा पिलाने से गर्भवती स्त्री की उल्टी बन्द हो जाती है। ध्यान रखें कि बुखार में यह काढ़ा ना दें।
सेक्सुअल स्टेमना बढ़ाती है लौंग (Benefits of Long in Increasing Sexual Stamina in Hindi)
लौंग (lavang) व जायफल को घिसकर नाभि पर लेप करने से पुरुष की स्तम्भन शक्ति (संभोग करने की क्षमता) बढ़ जाती है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि लौंग का प्रयोग अगर संयमित मात्रा किया जाए, तो यह टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन में मदद कर सकता है। हालांकि, रिसर्च में कहा गया है कि इसकी अधिक मात्रा टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को कम भी कर सकती है।
लौंग कई तरह की बीमारियों को दूर करने में मददगार होता है। खासकर पुरुषों के लिए लौंग का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है। लौंग खाने से पुरुष एनर्जेटिक रहते हैं, उनका स्टैमिना बढ़ता है। दरअसल, लौगं में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पुरुष स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
लौंग में विटामिन के, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम, प्रोटीर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, सोडियम काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा लौंग में विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी4, विटामिन बी6 और विटामिन बी9 भी होता है। लौंग विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन का भी अच्छा सोर्स है।
पुरुषों का स्टैमिना बढ़ाए लौंग (cloves boost ovulation)
पुरुष अपनी स्टैमिना बढ़ाने के लिए लौंग का सेवन कर सकते हैं। अधिकतर पुरुष बाजार में मिलने वाले स्टैमिना बूस्टर खाते हैं, इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए आप चाहें तो नैचुरल इंग्रीडिएंट्स लौंग खाकर अपना स्टैमिना बढ़ा सकते हैं। लौंग पुरुषों के तनाव, अनिद्रा की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है। हार्मोन गड़बड़ियों को दूर करता है और एनर्जेटिक रखता है। लौंग खाने से आपको यौन संबंधी सभी समस्याएं (cloves boost ovulation) धीरे-धीरे दूर होने में मदद मिल सकती है।
यौन संबंधी समस्याएं दूर करे (benefits of cloves sexually)
आयुर्वेदाचार्य यौन संबंधी समस्याओं (cloves benefits for male in hindi) से परेशान पुरुषों को लौंग खाने की सलाह देते हैं। रोजाना तय मात्रा में लौंग खाने से पौरुष संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं। अगर आपको भी यौन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो रोज सुबह खाली पेट 3-4 लौंग गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। लौंग में मौजूद तत्व पुरुषों के स्टैमिना को बढ़ाने में मदद करते हैं।
स्पर्म काउंट बढ़ाए (cloves increase sperm count)
लौंग पुरुष स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। लौंग का सेवन करने से स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद (is clove good for sperm count) मिलती है। लेकिन आपको इसका सेवन सीमित मात्रा में या डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। अधिक मात्रा में लौंग खाने से टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन (testosterone hormone) गड़बड़ा जाता है। टेस्टोस्टेरॉन एक मेल हार्मोन है।
सिरदर्द और दांत दर्द में लौंग के फायदे:
पारंपरिक रूप से सिरदर्द से राहत के लिए लौंग का उपयोग किया जाता रहा है। लौंग में एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो दांत दर्द से भी राहत दिला सकता है। इसके अलावा, लौंग का तेल भी दांत और सिर दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। लौंग के तेल को दांत में लगाने से और लौंग व उसके तेल को सूंघने से सिरदर्द कम हो सकता है।
लिवर के लिए लवंग खाने के फायदे:
लौंग का पानी पीने के फायदे में लिवर स्वास्थ्य भी शामिल है। एक स्टडी में कहा गया है कि पैरासिटामोल की वजह से होने वाले लिवर इंजरी को कम करने में लौंग मदद कर सकता है। यह साइटोप्लाज्मिक एंजाइम्स में सुधार करके लिवर इंजरी से बचाव कर सकता है। ध्यान दें कि लिवर संबंधी समस्या के लिए लौंग पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
गठिया में फायदेमंद लौंग (Laung Benefits in Arthritis Treatment in Hindi)
लौंग के फायदे आप गठिया जैसी बीमारी में भी ले सकते हैं। लौंग के तेल से गठिया में लाभ होता है। इसे गठिया वाले स्थान पर लगाएं। इससे लाभ मिलता है। लौंग की त्वचा को उष्णोदक के साथ पीसकर लेप करने से वात दोष के कारण होने वाले दर्द में लाभ मिलता है।
हड्डियों को मजबूत बनाने में भी लौंग सहायक हो सकता है। दरअसल, लौंग में मैंगनीज होता है, जो हड्डियों को मजबूत बना सकता है। एक रिसर्च में कहा गया है कि लौंग के हाइड्रोक्लोरिक अर्क में मौजूद यूजेनॉल हाइपोगोनैडल ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी संबंधी रोग) के खिलाफ लड़कर हड्डी-संरक्षण का कार्य कर सकता है
नासूर (पुराना घाव) में लौंग से लाभ (Clove Benefits in Cure Canker in Hindi)
5-6 लौंग और 10 ग्राम हल्दी को पीसकर लगाने से नासूर (पुराना घाव) ठीक हो जाता है।
छाती की जलन को ठीक करती है लौंग (Laung Benefits to Treat Heartburn in Hindi)
अनेक लोग छाती में जलन की समस्या से पीड़ित रहते हैं। इसमें भी लौंग के फायदे (Long khane ke fayde) ले सकते हैं। 2-4 नग लौंग (lavang) को शीतल जल में पीस लें। इसमें मिश्री मिलाकर पीने से हृदय की जलन मिटती है।
दस्त रोकने के लिए करें लौंग का उपयोग (Clove Benefits to Stop Diarrhea in Hindi)
1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पिलाने से दस्त पर रोक (laung benefits) लगती है।
जायफल, लौंग तथा जीरा को समान मात्रा में लें। इनका चूर्ण बना लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद और शक्कर के साथ सेवन करें। इससे दस्त ठीक होता है।
कान का दर्द में लौंग के फायदे:
लौंग के फायदे में कान के दर्द से राहत दिलाना भी शामिल है। कान के दर्द के लिए लौंग के तेल को उसमें मौजूद दर्द निवारक और एनेस्थेटिक नेचर की वजह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे थोड़े समय के लिए दर्द का एहसास कम व खत्म हो सकता है। लौंग के तेल को अन्य तेल के साथ मिलाकर कॉटन की मदद से एयर कैनाल के पास रखा जा सकता है। इससे दर्द कम होने के साथ ही कान के संक्रमण से भी राहत मिल सकती है।
सूजन को कम करने में लौंग फायदेमंद (Clove Beneficial to Get Relief from Inflammation in Hindi)
लौंग का तेल सूजन कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटी- इंफ्लेमेटरी का गुण पाया जाता है जो कि सूजन को कम करने में मदद करता है।
लौंग के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Cloves)
- फूल कालिका
लौंग के प्रयोग की मात्रा (How Much to Consume Cloves?)
- चूर्ण – 1-2 ग्राम
लौंग के तेल – 1-3 बूँद
अधिक लाभ के लिए लौंग का इस्तेमाल चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।
लौंग के पौष्टिक तत्व – Nutritional Value of Clove in Hindi
लौंग के पौष्टिक तत्वों की विस्तृत जानकारी नीचे टेबल के माध्यम से दी गई है। जानें लौंग में कौन-कौन से विटामिन, मिनरल्स और अन्य पौष्टिक तत्व होते हैं।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
पानी | 9.87 g |
एनर्जी | 274 kcal |
प्रोटीन | 5.97 g |
कुल फैट | 13 g |
कार्बोहाइड्रेट | 65.5 g |
फाइबर | 33.9 g |
शुगर | 2.38 g |
ग्लूकोज | 1.14 g |
फ्रुक्टोज | 1.07 g |
कैल्शियम | 632 mg |
आयरन | 11.83 mg |
मैग्नीशियम | 259 mg |
फास्फोरस | 104 mg |
पोटेशियम | 1020 mg |
सोडियम | 277 mg |
जिंक | 2.32 mg |
सेलेनियम | 7.2 µg |
कॉपर | 0.368 mg |
मैंगनीज | 60.1 mg |
विटामिन-सी | 0.2 mg |
थियामिन | 0.158 mg |
राइबोफ्लेविन | 0.22 mg |
नियासिन | 1.56 mg |
विटामिन-बी | 0.391 mg |
फोलेट | 25 µg |
कोलीन | 37.4 mg |
बीटेन | 1.4 mg |
विटामिन ए | 8 RAE |
कैरोटीन-बीटा | 45 µg |
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल) | 8.82 mg |
विटामिन के (फाइलोक्विनोन) | 142 µg |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 3.952 g |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 1.393 g |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीसैचुरेटेड | 3.606 g |
लौंग का उपयोग – How to Use Clove in Hindi
लौंग का उपयोग दैनिक जीवन में कई तरह से किया जा सकता है। क्या है लौंग का उपयोग करने का तरीका आइए नीचे जानते हैं।
- फ्लेवरिंग एजेंट के रूप में इसका इस्तेमाल भारतीय व्यंजनों, अचार और सॉस में किया जा सकता है।
- लौंग के गुण और खूशबू की वजह से इसे एरोमाथेरेपी के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- लौंग को उबालकर इसके पानी को माउथ वॉश की तरह उपयोग कर सकते हैं।
- लौंग को भोजन में मसाले के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- एक कप गर्म पानी में एक चौथाई चम्मच लौंग का चूर्ण डालकर सुबह और रात को पी सकते हैं।
- लौंग के तेल की कुछ बूंदों से माथे की मसाज करके तनाव से राहत पा सकते हैं। घरेलू लौंग के टोटके में यह उपाय शामिल है।
- मसूड़े के दर्द और सूजन के लिए लौंग के तेल की कुछ बूंदों को संक्रमित जगह पर लगाकर धीरे-धीरे 1-2 मिनट तक हल्की मसाज कर सकते हैं।
- गले के संक्रमण और सूजन को कम करने के लिए एक गिलास गर्म पानी में एक छोटे चम्मच लौंग के चूर्ण को मिलाकर गरारा कर सकते हैं।
- ब्लैक-टी में एक लौंग डालकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। इसे सर्दी-जुकाम ठीक करने के लिए घरेलू लौंग के टोटके भी कहा जाता है।
- लौंग को सीधे मुंह में डालकर चबा सकते हैं।
- 4-5 लौंग को पीसकर साफ रूमाल में रखकर सूंघ सकते हैं।
लौंग के तेल के फायदे भी कई हैं। इसी वजह से हम आगे लौंग का तेल बनाने की विधि बता रहे हैं।
लौंग का तेल बनाने की विधि
लौंग और लौंग के तेल के फायदे के बारे में आप ऊपर जान चुके हैं। अब हम घर में लौंग का तेल बनाने की विधि बता रहे हैं।
सामग्री:
- 12-15 साबुत लौंग या एक चम्मच लौंग का पाउडर।
- 100 एमएल जैतून का तेल।
बनाने की विधि:
- एक कांच की बोतल में पहले जैतून का तेल डालें।
- फिर साबुत लौंग या फिर लौंग का पाउडर डाल दें।
- ऐसा करने के बाद बोतल का ढक्कन टाइट से बंद करके उसे अच्छा से हिला लें।
- अब करीब 10 से 14 दिन तक बोतल को रोज हिलाएं और ऐसे ही रहने दें।
- 14 दिन के बाद लौंग के गुण जैतून तेल में समा जाएंगे और लौंग का तेल बनकर तैयार हो जाएगा।
- चाहें, तो बोतल में से साबुत लौंग या लौंग के पाउडर को छान कर निकाल सकते हैं।
- अन्यथा, उन्हीं के साथ तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
लौंग को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है। उसके बाद लौंग खाने के नुकसान के बारे में जानेंगे।
लौंग की कलियां सालों-साल तक खराब नहीं होती हैं। इसको लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कुछ खास जतन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। बस लौंग को सूर्य की रोशनी से दूर एयरटाइट डब्बे में डालकर रख दें। इससे लौंग की खुशबू बनी रहती है और किसी तरह की नमी उसमें नहीं आती है। लौंग का पाउडर अगर खरीद रहे है, तो उसे फ्रिज में एयर टाइट कंटेनर में डालकर स्टोर करके रख सकते हैं।
लौंग खाने के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। लौंग के फायदे, तो आप ऊपर जान ही चुके हैं। अब हम लौंग खाने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
लौंग के नुकसान – Side Effects of Clove in Hindi
नियमित रूप से एक या दो लौंग खाने के कई फायदे होते हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन करने से इसके नुकसान भी हो सकते हैं। अगर आप भी सोच रहे हैं कि ज्यादा लौंग खाने से क्या होता है, तो नीचे पढ़ें लौंग के नुकसान के बारे में।
- रक्त का पतलापन
- आंखों में जलन
- स्किन एलर्जी
- कोमा
- लिवर डैमेज
- अधिक सेवन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन को कम कर सकता है।
- गर्भावस्था में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- अधिक सेवन विषाक्तता का कारण बन सकता है।
सदियों से लोग का उपयोग अच्छी सेहत के साथ ही स्वास्थ्य से संबंधित कई समस्याओं के प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता रहा है। उम्मीद करते हैं कि अब आपको लौंग खाने से क्या होता है, इस सवाल का जवाब मिल गया होगा। इस लेख में बताए गए लौंग खाने फायदों को अपनाकर हर कोई एक स्वस्थ जिंदगी जी सकता है। बस लौंग का सेवन करते समय यह ध्यान दें कि लौंग खाने से नुकसान भी हो सकते हैं, इसलिए इसका सेवन संयमित मात्रा में ही करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
एक दिन में कितने लौंग ले सकते हैं?
लौंग प्रति दिन 2.5 मिलीग्राम प्रति किलो वजन के हिसाब से लिया जा सकता है। इससे अधिक का सेवन करने से विषाक्तता हो सकती है। मोटे तौर पर कहें, तो एक व्यक्ति दो से तीन लौंग की कलियों का सेवन कर सकता है। लौंग के फायदे और नुकसान इसकी मात्रा पर ही निर्भर करता है।
लौंग के लिए एक अच्छा विकल्प क्या है?
वैसे तो लौंग का कोई विकल्प हो नहीं सकता है, लेकिन अगर किसी को लौंग से एलर्जी हो, तो वह जायफल का इस्तेमाल कर सकता है। जायफल को लौंग का निकटतम विकल्प माना जाता है।
क्या लौंग का तेल मनुष्यों के लिए विषाक्त है?
अधिक मात्रा में सेवन करने या फिर बिना डायल्यूट किए इस्तेमाल करने से यह विषाक्त हो सकता है।
लौंग के अन्य नाम क्या हैं?
लौंग का अंग्रेजी नाम क्लोव (Clove) है। उर्दू, मराठी और कन्नड़ में इसे लवंग कहा जाता है।
क्या लौंग ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है?
हां, लौंग के सेवन से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो सकता है।
क्या लौंग से फेफड़े में खून आता है?
इस तथ्य से जुड़ा कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। इसकी संयमित मात्रा सुरक्षित मानी जाती है। हां, क्लोव सिगरेट पीने से लंग्स इंजरी हो सकती है।
लौंग की तासीर कैसी होती है?
लौंग की तासीर गर्म होती है।
क्या लौंग का पानी पीना फायदेमंद है?
लेख में बताए गए सभी फायदे लौंग का सेवन, उसके तेल के इस्तेमाल व लौंग का पानी विशेषकर चाय के रूप में लेने से मिल सकते हैं।
रात को सोते समय लौंग खाने से क्या होता है?
रातों के समय यदि दो लौंग मुंह में रखी जाती हैं, तो खांसी नियंत्रित होने के साथ ही नींद भी बेहतर हो सकती है ।
क्या खाली पेट लौंग खाने से फायदे हैं?
खाली पेट लौंग खाने से खांसी दूर हो सकती है। साथ ही स्ट्रेस दूर करने और वजन कम करने में भी खाली पेट लौंग खाना फायदेमंद हो सकता है।
नोट: उपर्युक्त जानकारी प्राचीन आयुर्वेदिक तथ्यों पर आधारित है, लौंग का इस्तेमाल करने से पहले किसी आयुर्वेदाचार्य/डाक्टर का परामर्श जरूर लें।
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