अडूसा एक झाड़ीदार पौधा है. इसके फूल सफेद होते हैं. प्राचीन आयुर्वेद में अडूसा के पेड़ का इस्तेमाल जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है. अडूसा पेड़ की जड़, पत्ते और फूल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. यह श्वास संबंधी समस्याओं के इलाज में कारगर औषधि है. कोरोना वायरस महामारी में सूखी खांसी की समस्या पहला लक्षण है. आईएसकेडी मेडीफिट के इस लेख के माध्यम से आयुर्वेदाचार्य श्री ब्रह्मस्वरूप जी बताएँगे कि अडूसा के सही इस्तेमाल से स्वास्थ्य को किस किस तरह से आपको फायदे मिल सकते हैं।
अडूसा का पौधा कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रामबाण औषधि साबित हो सकता है, क्योंकि यह कफ को पतलाकर कम करने का काम करता है. हालांकि, इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदाचार्य की सलाह ले लें. यह पौधा और भी कई शारीरिक समस्याओं के इलाज में काम आता है.
अडूसा क्या है – What is Vasaka in Hindi
अडूसा के नाम से कई लोगों को लग रहा होगा कि यह आड़ू से संबंधित कुछ होगा। लेकिन, ऐसा नहीं है, अडूसा एक औषधीय पौधा है, जिसे वसाका और मालाबार नट कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम जस्टिसिआ अधाटोड़ा (Justicia adhatoda) है। वसाका के फूल, पत्तियों और जड़ों का उपयोग कई तरह की बीमारियों से बचाव के लिए किया जा सकता है। जिसके बारे में हम लेख में आगे विस्तार से जानकारी देंगे।
यह भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई देशों में होता है। यह एक द्विबीजपत्री झाड़ीदार पौधा है, जो एकेन्थेसिया परिवार का है। इसकी पत्तियां, फूल, जड़ और छाल सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। प्राहसीन आयुर्वेद में ही नहीं, बल्कि यूनानी चिकित्सा में भी अडूसा के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। गठिया दर्द, सर्दी जुकाम और अल्सर जैसी समस्याओं में यह दवा कारगर साबित होती है।
अडूसा के औषधीय गुण
अडूसा के औषधीय गुण की बात करें, तो इसमें एंटी-एलर्जिक, एंटीऑक्सीडेंट (फ्री रेडिकल्स दूर करने वाला), एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला), एंटी-डायबिटिक, एंटी-अल्सर और ऐसे ही कई अन्य गुण मौजूद हैं। इसमें कई प्रमुख घटक भी हैं जैसे – क्विनाजोलिन एल्कलॉइड और वासिसीन।
अडूसा यानि के मालाबार टैमरिंड में विटामिन-सी, साइट्रिक और सिट्रिक एसिड (citric acid) की पर्याप्त मात्रा इसके स्वाद को खट्टा बनाती है। दक्षिण भारत में अडूसा (मालाबार टैमरिंड) सब्जियों में मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो वहीं, कोच्चि और मालाबार में करी का टेस्ट बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल का प्रचलन है। ज्यादातर चटनी या मछली की ग्रेवी में इसका उपयोग किया जाता है। वैसे, अडूसा का इस्तेमाल दवाई के तौर पर भी किया जाता है।
इस फल के छिल्के में रासायनिक हाइड्रोक्सीसिट्रिक एसिड (HCA) होते है और इसका उपयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है। ज्यादातर लोग इसका सेवन वजन कम (weight loss) करने के लिए करते हैं। इसके सेवन से भूख कम लगती है और ज्यादा देर तक व्यायाम भी किया जा सकता है।
ज्यादातर लोग अडूसा यानि के मालाबार टैमरिंड (Malabar Tamarind) के बारे में नहीं जानते। लेकिन इसके फायदे अनेक हैं। इसे ब्रिंडल बेरी (Brindleberry) और गार्सिनिया कैंबोगिया (Garcinia cambogia) के नाम से भी जाना जाता है।
अडूसा के पोषक तत्व (Nutrients of Adusa)
अडूसा का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है। इसकी पत्तियों में अलकोलाइड (alkaloids), सैपोनिन (saponins), टैनिन (tannins), फिनोलिक्स (flavonoids and phenolics), फ्लैवोनोइड्स जैसे फाइटो-केमिकल्स की प्रचुर मात्रा होती है। साथ ही वासा की पत्तियों में वासिसिन (Vasicine), अल्कालोइड (quinazoline alkaloid) और आवश्यक तेल भी मौजूद रहते हैं। इसके अलावा इस औषधीय पौधें में अन्य बहुत से पोषक तत्व और मिनरल्स (minerals) पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
अडूसा के फायदे क्या हैं? (What are the benefits of Adusa in Hindi):
गठिया दर्द में राहत अडूसा के फायदे (Arthritis Pain Relief)
अडूसा के पत्तों के इस्तेमाल से आप गठिया के पुराने से पुराने दर्द को ठीक कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए अडूसा के पत्तों को अच्छी तरह से पीस लें। इस पेस्ट को लेप की तरह अपने दर्द वाले हिस्से पर लगाएं। इससे आपको काफी राहत मिल सकता है। अडूसा के पत्तों में जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं, तो सूजन और दर्द को ठीक कर सकते हैं। यह गठिया के दर्द को ही नहीं, बल्कि यूरीक एसिड की समस्याओं को भी ठीक करने में गुणकारी होता है। इसके अलावा घाव होने पर भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
सिर दर्द से छुटकारा (get rid of headache in Dingi)
अगर आप सिर दर्द की समस्या से काफी ज्यादा परेशान हैं, तो अडूसा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले अडूसा के 3-4 फूल लें। इसे सूखाकर इसका चूर्ण तैयार करें। इसमें थोड़ी सी मात्रा में गुड़ मिलाएं। दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करने से सिर दर्द की समस्या से राहत पाया जा सकता है।
आंखों को भी राहत देता है अडूसा
अडूसा के 2 से 4 ताजे फूलों को पानी में गर्म करके आंखों पर कुछ देर के लिए रखें. ऐसा करने से आंखों की सूजन ठीक होगी. इसके अलावा आंखों के लाल होने की समस्या भी दूर हो जाती है. आंखों को ठंडक मिलती है.
मुंह के छालों को दूर करता है अडूसा
अडूसा के दो से तीन पत्तों को चबाकर उसके रस को चूसने से छाले ठीक होते हैं. चबाए हुए पत्तों का रस चूसकर थूक देना चाहिए. दरअसल अडूसा पेट में ठंडक पहुंचाता है और कब्ज की समस्या को भी ठीक करता है. पाचन ठीक होने से मुंह में छाले स्वत: ठीक हो जाते हैं.
दांतों और मसूड़ों के दर्द में लाभकारी
अडूसा की लकड़ी से दातुन करने से दांतों और मसूड़ों की समस्या ठीक होती है. इससे नियमित दातुन किया जाए तो दांतों व मसूड़ों के दर्द में राहत मिलेगी. दांत मजबूत होते हैं और दांतों से पीलापन भी दूर हो जाता है.
श्वास संबंधित सभी रोगों की रामबाण जड़ी बूटी है अडूसा
अडूसा के ताजे पत्तों का रस निकालने के बाद इसमें शहद मिलाकर चाटने से खांसी और सांस संबंधित समस्याएं ठीक होती हैं. सूखी खांसी दूर करने के लिए अडूसा के पत्ते, मुनक्का और मिश्री का काढ़ा दिन में तीन से चार बार पीने से सूखी खांसी ठीक होती है. डॉक्टर की सलाह पर कोरोना के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं.
बढ़ते प्रदूषण की वजह से सांस से संबंधी समस्याएं भी काफी ज्यादा बढ़ रही हैं। ऐसे में आप नियमित रूप से अडूसा के पत्तों का सेवन करके सांस से संबंधी समस्याओं को ठीक कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए अडूसा के पत्तों से आधा चम्मच रस निकालें। इसमें थोड़ी सी मात्रा में शहद मिलाएं। इसके बाद इसका सेवन करें। इससे खांसी और सांस से जुड़ी समस्याएं ठीक हो जाएंगी।
डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक करने के लिए अडूसा के फायदे
अडूसा का उपयोग डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। इसके इस्तेमाल से अपच, पेट की गैस और पेट फूलना आदि में प्रभावी होता है। साथ ही यह बवासीर यानी पाइल्स (piles) में भी लाभकारी होता है।
शरीर को सही तरीके से काम करने के लिए शरीर के हर अंग का सही काम करना आवश्यक है। इन्हीं जरूरी अंगों में लिवर भी शामिल है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी अडूसा का सेवन किया जा सकता है (12)। दरअसल, एक स्टडी के अनुसार अडूसा में मौजूद मुख्य घटक इथाइल एसीटेट में हेपाटोप्रोटेक्टिव (लिवर को नुकसान से बचाने वाला) गतिविधि की पुष्टि हुई है। ऐसे में लिवर को स्वस्थ रखने के लिए व्यक्ति अडूसा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मासिक धर्म को ठीक करने के लिए अडूसा के फायदे
महिलाओं के मासिक धर्म में अनियमितता को ठीक करने के लिए भी अडूसा गुणकारी जड़ी-बूटी है. इसके लिए अडूसा के 10 ग्राम पत्ते, मूली और गाजर के बीज 6 ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में उबालें. जब यह पानी एक चौथाई शेष रह जाए तो यह काढ़ा पीने से मासिक धर्म की समस्याएं ठीक होंगी. साथ ही अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या भी दूर होती है.
सूखी खांसी से छुटकारा पाने के लिए अडूसा के फायदे
सूखी खांसी में भी अडूसा के पत्तों का आप इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले अडूसा की कुछ पत्तियां लें, इसमें 5-6 मुन्ना और थोड़ी सी मात्रा में मिश्री मिलाकर इसका काढ़ा तैयार करें। इस काढ़े के सेवन से सूखी खांसी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
कफ में अडूसा के फायदे
कफ या खांसी का इलाज करने के लिए अडूसा का उपयोग कर सकते हैं। अडूसा नट में खांसी को दूर करने के गुण होते हैं। इसका इस्तेमाल खांसी की आयुर्वेदिक दवाओं में प्रमुख घटक के रूप में किया जाता है।
मूत्र दोष की समस्या में लाभकारी
जिन लोगों को पेशाब ठीक से नहीं आती है या फिर उन्हें बार-बार जाना पड़ता है. इसके लिए खरबूजे के 10 ग्राम बीज और अडूसा के 10 ग्राम पत्ते लेकर अच्छी तरह पीसकर खाने से इस समस्या से छुटकारा मिलेगा.
मांसपेशियों का दर्द भी होता है दूर
अडूसा के पत्तों के रस में तिल के तेल को मिलाकर शरीर में दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से हाथ पैर की ऐंठन ठीक होती है, साथ ही मांसपेशियों को आराम मिलता है. इसके अलावा शरीर पर फोड़े-फुंसी होने पर अडूसा के पत्तों को पानी के साथ पीसकर घाव पर लगाने से फायदा मिलता है.
कोलेस्ट्रॉल लेवल में करें सुधार
डायबिटीज और हार्ट के मरीजों को कोलेस्ट्रॉल की चिंता रहती है। ऐसे लोगों के लिए अडूसा उपयोगी है यह एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) को कम करके एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के लेवल को सुधारता है।
त्वचा के लिए अडूसा के फायदे
अडूसा के लाभ के बारे में अगर बात की जाए, तो यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। त्वचा संबंधी समस्याओं में अडूसा के पत्ते के फायदे हो सकते हैं। अडूसा की पत्तियों का लेप घाव के लिए प्रभावकारी हो सकता है। वहीं, अडूसा की पत्तियों का काढ़ा स्केबीज (त्वचा संबंधी संक्रामक रोग) और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए लाभकारी हो सकता है। हालांकि, इसका असर त्वचा रोग की गंभीरता पर भी निर्भर कर सकता है। अगर समस्या ज्यादा है, तो बेहतर है कि डॉक्टरी सलाह ली जाए।
अडूसा का सेवन कैसे करें – How to Eat Malabar Nut in Hindi
अडूसा का सेवन नीचे बताए गए तरीकों से किया जा सकता है :
- अडूसा के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
- अडूसा के रस का सेवन कर सकते हैं।
- अडूसा के पत्ते के फायदे हो सकते हैं। ऐसे में, अडूसा के पत्तों के रस का भी सेवन किया जा सकता है।
- बाजार में अडूसा का टॉनिक भी उपलब्ध है, अडूसा के टॉनिक का सेवन भी कर सकते हैं।
- अडूसा की पत्तियों के लेप का उपयोग जोड़ों के दर्द के लिए कर सकते हैं।
अडूसा लेने से पहले सावधानियां : अडूसा का उपयोग करने से पहले सावधानी के तौर पर नीचे बताई गई बातों पर ध्यान दें :
- अगर किसी को फूड एलर्जी है, तो इसके सेवन से परहेज करें।
- अडूसा कितनी मात्रा में लेना है, यह व्यक्ति की उम्र और शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। ऐसे में बेहतर है व्यक्ति अडूसा के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
- अगर किसी को लो ब्लड शुगर की समस्या है, तो वो अडूसा से परहेज करें।
अडूसा के नुकसान (Side effects of Malabar)
वासा का उपयोग स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाने के लिए किया जाता है। लेकिन, अधिक मात्रा में इसके इस्तेमाल से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए, अडूका का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- अडूसा का सेवन बच्चों को न कराएं।
- माना जाता है कि अडूसा के अधिक सेवन से मतली या उल्टी की समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था में अडूसा के सेवन से गर्भपात जैसी समस्या नहीं पायी गई है । हालांकि, इस बात की पुष्टि जानवरों में की गई है। ऐसे में, बेहतर है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताएं इसके सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। - तो ये थे अडूसा के फायदे। आशा करते हैं कि अब इस गुणकारी जड़ी-बूटी के बारे में कई लोगों को पता चल गया होगा। यहां बताए गए तरीके से अगर अडूसा का इस्तेमाल किया जाए, तो अडूसा के लाभ हो सकते हैं। हालांकि, सावधानी के तौर पर अडूसा का उपयोग पूरी जानकारी और सही मात्रा में किया जाए, वरना अडूसा के नुकसान भी सामने आ सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि अडूसा के फायदे से जुड़ा यह लेख आपको पसंद आया होगा। आप चाहें, तो इसे अन्य लोगों के साथ भी साझा कर सकते हैं।
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