आप अजवाइन के उपयोग के बारे में जरूर जानते होंगे, क्योंकि हर घर में हर रोज अजवाइन का इस्तेमाल सब्जी बनाने में किया जाता है। आमतौर पर लोग अजवाइन को केवल खाना पकाते समय मसाले के रुप में ही उपयोग में लाते हैं, क्योंकि लोगों को यह नहीं पता कि आयुर्वेद में अजवाइन एक बहुत ही उपयोगी औषधि भी है। कहने का मतलब यह है कि अजवाइन खाने के फायदे (ajwain ke fayde in hindi) एक नहीं, बल्कि बहुत सारे हैं।
अजवाइन के सेवन से पेट दर्द से लेकर गैस की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है। वैसे तो किसी भी समय में अजवाइन खाया जा सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रात के समय अजवाइन खाने से आपको ज्यादा बेहतर रिजल्ट मिल सकता है? जी हां, आईएसकेडी मेडीफिट के आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप जी का कहना है कि रात को सोने से पहले अजवाइन खाने से आपकी पाचन क्रिया बेहतर तरीके से कार्य करती हैं। साथ ही इससे शरीर की अन्य परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
हर रोज हम कई प्रकार के मसालों का इस्तेमाल करते हैं। मसालों से न केवल खाने का ज़ायका बढ़ता है बल्कि शरीर का इम्यून सिस्टम (Immune system) भी मज़बूत होता है। हल्के कसैले स्वाद के ये बारीक दाने अपनी खुशबु से खाने को महकाने का भी काम करते हैं। सर्दी जुकाम से लेकर पेट दर्द तक ही समस्या में कारगर साबित होने वाली अजवाइन एंटी ऑक्सीडेंटस (Antioxidants) से भरपूर है। आइए जानते हैं इसके फायदे और खाने में इस्तेमाल करने के तरीके (Benefits of Ajwain)।
अजवायन क्या है? (What is Ajwain in Hindi?) : अजवाइन मुख्यतः तीन प्रकार की होती है:-
- अजवाइन
- जंगली अजवाइन
- खुरासानी अजवाइन
यह एक बीज है, जो मसाला एवं औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है। कई तरह की बीमारियों को ठीक करने में अजवाइन बहुत फायदेमंद (ajwain khane ke fayde) साबित होती है। हमारे देश में हजारों सालों से अजवाइन का प्रयोग मसाले के साथ-साथ एक औषधि के रुप में किया जा रहा है। मसाला, चूर्ण, काढ़ा और रस के रूप में भी अजवाइन खाने के फायदे मिल जाते हैं।
अजवाइन के स्रोत (Sources of Ajwain in Hindi)
अजवाइन का पौधा आमतौर पर ईरान (फारस), एशिया और तुर्की में पाया जाता है। भारत के कुछ भागों में अजवाइन की खेती की जाती है। अजवाइन मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में भी पाया जाता है।
अजवाइन का उपयोग प्राचीन काल से भारत, अफ्रीका और मध्य पूर्व में खाना पकाने के लिए किया जाता रहा है, जो खानों का स्वाद भी बढ़ाता है और चटनी, अचार और जैम में प्रिजरवेटिव के रूप में कार्य करता है। इसमें डाइजेस्टिव फाइबर का एक अच्छा स्रोत होता है, जो आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
अजवाइन में तेज, कड़वी गंध होती है और संस्कृत में इसे ‘उग्रगंधा’ के नाम से जाना जाता है। अफ़ग़ानिस्तान में ब्रेड और बिस्किट बनाते समय स्वाद और महक के लिए अजवाइन के बीज छिड़के जाते हैं।
अन्य भाषाओं में अजवायन के नाम (Name of Ajwain in Different Languages)
अजवाइन देश के अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न नाम से जानी जाती है। अजवाइन को हिंदी में अजवाइन, अजवाइन, अजमायन, अजवाइन, जबायन, या अजवां, या फिर अजोवां के नाम से भी जानते हैंं। इसी तरह अन्य भाषाओं में अजवाइन को इन नामों से बुलाते हैंः-
- Name of Ajwain in English– एजोवा सीड्स (Ajova seeds) या एजोवन (Ajowan) या कैरम (Carum or Carom Seeds) या ओमम (Omum)
- Name of Ajwain in Tamil– ओमुम (Omum) या ओमम् (Omam)
- Name of Ajwain in Telugu– वामु (Vamu) या ओमान (Omaan)
- Name of Ajwain in Malayalam-अजवाण (Ajwan)
- Name of Ajwain in Marathi– अजमा (Ajma) या यवान (Yavan)
- Name of Ajwain in Sanskrit– उग्रगन्धा, ब्रह्मदर्भा, दीप्या, यवानिका, दीप्यका, अजमोदिका, यवानी
- Name of Ajwain in Urdu– अजवाइन
- Name of Ajwain in Kannada– वोम (Vom) या ओमु (Omu)
- Name of Ajwain in Gujarati– अजमो (Ajamo)
- Name of Ajwain in Bengali– यमानी (Yamani) या जोवान (Jowan)
- Name of Ajwain in Nepali– ज्वानो (Jvano)
- Name of Ajwain in Arabic– कमूने मुलुकी (Kamune muluki) या अमूसा (Amusa)
- Name of Ajwain in Persian– नानखा (Nankhah) या जीनान् (Jinan)
अजवाइन की पोषक संरचना (Nutritional composition of Ajwain in Hindi): अजवाइन में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं:
100 ग्राम अजवाइन का पोषक मूल्य
कार्ब्स : 43 ग्राम
प्रोटीन : 16 ग्राम
फैट : 25 ग्राम
फाइबर : 39.2 ग्राम
सोडियम : 10 मिलीग्राम
आयरन : 4 मिलीग्राम
विटामिन सी : 4 मिलीग्राम
कुल कैलोरी : 305 किलो कैलोरी
अजवाइन के महत्वपूर्ण केमिकल कंपाउंड्स (Important chemical compounds of Ajwain in Hindi)
अजवाइन के बीज और उसके तेल में 20 अलग-अलग बायोएक्टिव कंपाउंड्स होते हैं, मुख्य रूप से थाइमोल जो लगभग 35-60% होता है, टेरपेनोइड्स, पी-सीमेन, गामा-टेरपिनिन और एसेंशियल ऑयल। थाइमोल और कार्वैक्रोल महत्वपूर्ण घटक हैं, जो फंगस और बैक्टीरिया के विकास को रोकने में बेहद मददगार हैं। अजवायन के बीज में p-cymene, limonene, α-pinene, और γ-terpinene जैसे यौगिक भी होते हैं।
सबसे पहले अजवायन के सबसे महत्वपूर्ण फायदे
- अजवाइन के अर्क से मेथॉक्ससलेन औषधि तैयार की जाती है। यह विभिन्न स्वरूपों में उपलब्ध है जैसे कि कैप्सूल, टॉपिकल क्रीम, जिसका उपयोग स्किन की समस्याओं जैसे कि विटिलिगो (partial loss of skin pigmentation) सोरायसिस के इलाज के लिए किया जाता है। प्राचीन काल से, अजवाइन का उपयोग हर्बल फॉर्मूलेशन तैयार करने के लिए किया जाता था, क्योंकि उनका मानना था कि यह बॉडी सिस्टम को संतुलित कर सकता है। अजवाइन में जबरदस्त हीलिंग और उपचारात्मक गुण हैं।
- अजवाइन एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत है और इसलिए यह दिल के मरीजों के लिए वरदान है। एंटीऑक्सिडेंट शरीर में उत्कृष्ट और खराब कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन कर सकते हैं और इस प्रकार हृदय रोगों को रोकते हैं।
- अजवाइन के बीजों में एंटरबैक्टिरियल और एंटिफंगल एक्टिविटी होती है, और इसलिए यह फूड पाइजनिंग और जीआई समस्याओं को रोकने के लिए साल्मोनेला, ई कोलाई और कवक जैसे बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है।
- अजवाइन के अर्क में प्रमुख केमिकल कंपाउंड्स होते हैं, जो कैल्शियम चैनलों को अवरुद्ध करते हैं और ब्लड प्रेशर के लेवल को और कम कर सकते हैं।
- अजवाइन को चबाना अपच और पेट फूलने जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए सबसे अच्छा अभ्यास है। अजवाइन की चाय डायरिया, पेचिश, स्पस्मोडिक दर्द के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद है।
- अजवायन का तेल सटीम डिस्टिलेशल प्रोसेस द्वारा तैयार किया जाता है। इसलिए ये दर्द के इलाज में बहुत प्रभावी है।
- अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों के इलाज के लिए अजवाइन और अदरक के अर्क का कांबिनेशन अधिक प्रभावी लगता है।
- अजवाइन के बीज एयरफ्लो और फेफड़ों के कामकाज में सुधार के लिए जाने जाते हैं।
- अजवाइन में ब्रोंको-डिलेटिंग इफेक्ट होता है, जो हल्के अस्थमा से राहत प्रदान करने के लिए फेफड़ों में ब्रोन्कियल ट्यूबस को फैलाने में मदद करता है।
- अजवाइन आपकी पाचन क्षमता में सुधार करती है।
- पेट के संक्रमण को कम करती है।
- भूख और स्वाद में सुधार करती है।
- पेट के दर्द में उपयोगी होती है।
- पेट में ऐंठन को कम करती है।
- एसाइटिस में उपयोगी है।
- सूजन कम करती है।
- तिल्ली के लिए अच्छी है।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं।
- विषाक्तता को दूर करती है।
- कफ-दोष को कम करती है।
अजवायन के फायदे (Benefits and Uses of Ajwain in Hindi)
अजवाइन किस-किस बीमारी को ठीक करने में मदद पहुुंचाती है, यह जानने, और इसका पूरा लाभ लेने के लिए आपको अजवाइन के इस्तेमाल (ajwain uses), और अजवाइन की खुराक के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, जो ये हैंः-
खांसी और बुखार में अजवाइन से फायदा (Benefits of Ajwain in Cough and Fever Problem in Hindi)
अगर आप खांसी और बुखार से पीड़ित हैं, तो इन रोगों को ठीक करने के लिए अजवाइन का उपयोग (ajwain ke fayde in hindi)कर सकते हैं। इसके लिए आपको ये तरीका आजमाना हैः-
- 2 ग्राम अजवाइन तथा आधा ग्राम छोटी पिप्पली का काढ़ा बना लें। इसे 5 से 10 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे खांसी-बुखार ठीक होते हैं।
- अगर खांसी पुरानी हो गई हो, और पीला (दुर्गन्धमय) कफ निकल रहा हो। इसके साथ ही पाचन-क्रिया मन्द पड़ गई हो, तो 25 मिली अजवाइन का काढ़ा बना लें। इसे दिन में 3 बार लेने से लाभ होता है।
- पुदीना का रस या 10 ग्राम पुदीना के फूल के साथ 10 ग्राम अजवाइन का रस लें। इसे 10 ग्राम देसी कपूर ( कपूर के फायदे )के साथ एक साफ शीशी में डालकर अच्छे से बंद कर लें। इसे धूप में रखें। कुछ देर बाद तीनों चीजें मिलकर एक दवा का रूप ले लेगी। यह दवा अनेक बीमारियों में काम आती है। यह सर्दी-जुकाम, कफ, सिर दर्द आदि रोगों में बहुत फायदेमंद होता है। इसी औषधि में थोड़ा बदलाव किया जाता है, तो यह दिव्यधारा नाम की औषधि बन जाती है।
- सर्दी-जुकाम होने पर 3-4 बूंद दिव्यधारा, रुमाल में डालकर सूंघें। इसके अलावा, आप दिव्यधारा की 4-5 बूंद को गर्म पानी में डालकर भांप के रूप में भी ले सकते हैं। इससे लाभ होता है।
बुखार उतारने के लिए अजवाइन का उपयोग (Ajwain Help to Treat Fever in Hindi)
- जो कोई अपच की वजह से बुखार से पीड़ित है, तो उसे रात में 10 ग्राम अजवाइन को 125 मिली जल में भिगो देना है। इसको मसलने के बाद छानकर पीना है। सुबह-शाम पीने से बुखार उतर जाता है।
- इंफ्लुएंजा (शीतज्वर) में 2 ग्राम अजवाइन सुबह-शाम खिलाएं। इससे फायदा होता है।
- अगर बुखार में पसीना अधिक निकल रहा है, तो 100 से 200 ग्राम अजवाइन को भून लें। इसे महीन पीसकर शरीर पर लगाएं। इससे फायदा होता है।
जोड़ों में दर्द होने पर रात में खाएं अजवाइन (Eat celery at night for joint pain in Hindi)
यदि आपको सर्दियां आते ही हड्डियों की समस्या बढ़ जाती है। हड्डियों में दर्द रहने लगता है, जोड़ों में दर्द होता है, तो रात में खाना खाने के एक घंटे बाद एक चम्मच अजवाइन का सेवन खूब चबाकर करें। इसके बाद गर्म पानी पी लें। काफी हद तक आपको जोड़ों एवं घुटन के दर्द से छुटकारा मिल जायेगा।
प्रसव (डिलिवरी) के बाद अजवाइन के उपयोग से फायदा (Ajwain Benefits in Post Pregnancy Pain in Hindi)
- प्रसव के बाद प्रायः महिलाओं को शरीर में दर्द की शिकायत होती है। इस स्थिति में महिलाओं को भूख भी कम लगती है। ऐसे में महिलाओं को हल्का भोजन करने को कहा जाता है, ताकि अन्न का पाचन सही से हो पाए। प्रसव के बाद बहुत सालों से, अजवाइन को दवा के रूप में महिलाएं प्रयोग करती आ रही हैं। महिलाओं को अजवाइन का सेवन करने से ना सिर्फ गर्भाशय संबंधी विकारों से राहत मिलती है, बल्कि प्रसव के बाद की पीड़ा से भी आराम (ajwain benefits in hindi) मिलता है।
- महिलाओं को अजवाइन का लड्डू, या लड्डू जैसा चूर्ण बना लेना है। भोजन के बाद 2 ग्राम इस चूर्ण का सेवन करना है। इससे आंतों के हानिकारक कीड़े खत्म होते हैं, और रोगों से बचाव होता है।
बच्चों के पेट में कीड़े हैं तो कराएं अजवाइन का सेवन (Ajwain Helps to Treat Intestinal Worms in Hindi)
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि छोटे बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते हैं। इसके कारण बच्चों को पेट संबंधी कई तरह की परेशानियों हो जाती हैं। इस बीमारी में अजवाइन के 500 मिग्रा चूर्ण लें, और इतना ही काला नमक मिला लें। इसे रात के समय गुनगुने जल के साथ सेवन कराएं। इससे आराम मिलता है।
अजवाइन के सेवन से हैजा से मिले राहत (Ajwain Help to Get Relief in Cholera in Hindi)
हैजा में अमृतधारा की 4-5 बूंद विशेष रूप से गुणकारी मानी जाती है। दिव्यधारा को हैजे की शुरुआती अवस्था में देने से तुरन्त लाभ होता है। एक बार में आराम ना हो तो 15-15 मिनट के अन्तर से 2-3 बार दे सकते हैं।
सिर, कान और दांत दर्द के लिए अजवाइन का प्रयोग (Ajwain use for a head, ear, and toothache in Hindi)
- अगर कोई कान के दर्द से परेशान रहता है, तो उसे 10 ग्राम अजवाइन को 50 मिली तिल के तेल में पका लेना है। इसे छानकर रख लेना है। इस तेल को गुनगुना कर, 2-2 बूंद कान में डालें। इससे कान का दर्द ठीक होता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
- कान के दर्द से राहत पाने के लिए अजवाइन के बीज के तेल की कुछ बूंदें काफी हैं। दांत दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए अजवाइन और नमक का गुनगुने पानी का मिश्रण बहुत प्रभावी होता है। कभी-कभी जले हुए अजवाइन के बीज का धुंआ दर्द वाले दांत के लिए अधिक प्रभावी होता है।
- अजवाइन के बीज में एक आवश्यक बायोएक्टिव कंपाउंड, यानी थाइमोल होता है जो एक मजबूत एंटीफंगल और कीटाणुनाशक है। इसलिए, स्किन के संक्रमण से राहत पाने के लिए अजवाइन के बीजों को पीसकर लगाया जाता है।
अजवाइन के उपयोग से उल्टी-दस्त पर रोक (Ajwain is Beneficial to Treat Vomiting and Diarrhea in Hindi)
- उल्टी और दस्त से परेशान हैं, तो दिव्यधारा की 3-4 बूंदे, बतासे या गुनगुने जल में डालकर लें। अगर एक बार में फायदा ना हो, तो थोड़ी-थोड़ी देर में 2-3 बार दे सकते हैं।
- 3 ग्राम अजवाइन, और 500 मिग्रा नमक को ताजे पानी के साथ सेवन करें। इससे दस्त (diarrhea) में तुरन्त लाभ होता है। अगर एक बार में आराम ना हो, तो अजवाइन के इस पानी (ajwain water) को 15-15 मिनट के अन्तर पर 2-3 बार लें।
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए अजवाइन का प्रयोग (Ajwain Help to Control Diabetes in Hindi)
आईएसकेडी मेडीफिट के अनुसार, अजवाइन के इस्तेमाल से अनेक लाभ होते हैं, इन्हीं में से एक है मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने में मदद करना। इसके लिए 3 ग्राम अजवाइन को 10 मिली तिल के तेल के साथ दिन में सेवन करें। आपको दिन में तीन बार सेवन करना है।
मलेरिया बुखार में अजवाइन के इस्तेमाल से लाभ (Ajwain Help to Treat Malaria in Hindi)
मलेरिया बुखार हो तो रात में 10 ग्राम अजवाइन को, 100 मिली जल में भिगों दें। सुबह पानी (benefits of ajwain water) गुनगुना कर जरा-सा नमक डालकर, कुछ दिन तक सेवन करें।
शराब पीने की आदत छुड़ाने में अजवाइन मददगार (Ajwain Help to Treat Alcoholism in Hindi)
- जब शराब पीने की इच्छा हो, और रोका ना जा सके, तो 10-10 ग्राम अजवाइन को दिन में 2-3 बार चबाएं। इससे शराब पीने की इच्छा में कमी आती है।
- आधा किलो अजवाइन को 4 लीटर पानी में पकाएं। जब पानी आधा से भी कम रह जाए तो छानकर शीशी में भरकर रख लें। जो शराब छोड़ना चाहते हैं, वे लोग इस काढ़ा को भोजन से पहले 1 कप पिएं। यह बहुत ही अधिक फायदेमंद (benefits of ajwain water) होता है।
मासिक धर्म की रुकावट में अजवाइन से फायदा (Ajwain is Beneficial in Menstrual Health in Hindi)
- अजवाइन, मासिक धर्म रुकावट जैसी परेशानी में भी असरदार होता है। आप 10 ग्राम अजवाइन, और 50 ग्राम पुराने गुड़ को 400 मिली जल में पका लें। इसे सुबह-शाम सेवन करें। इससे गर्भाशय की गंदगी साफ होती है, और मासिक धर्म संबंधी विकार भी ठीक होते हैं।
- इसी तरह 3 ग्राम अजवाइन के चूर्ण को गर्म दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे भी मासिक धर्म में लाभ होता है।
चोट लगने पर करें अजवाइन का इस्तेमाल (Uses of Ajwain in Injury in Hindi)
किसी भी प्रकार की चोट लगी हो तो कपड़े का दो तह बना लें। इसकी पोटली बना लें, और 50 ग्राम अजवाइन को इसमें रखकर गर्म कर लें। इसे चोट लगने वाले स्थान (1 घंटे तक) पर रखें। इससे आराम मिलता है। चोट को ठीक करने के लिए अजवाइन की सेकाई एक रामबाण औषदि है।
अजवाइन के इस्तेमाल से हाजमा होता है बेहतर (Ajwain Boost Digestion in Hindi)
अजवाइन के गुण (ajwain ke fayde) हजम शक्ति बढ़ाने में बहुत मदद करती है। बस इसको सेवन करने का सही मात्रा और तरीका पता होना ज़रूरी होता है।
- जिस भी व्यक्ति को दूध ठीक से ना पचता हो, उसे दूध पीने के बाद थोड़ी अजवाइन खा लेनी चाहिए।
- यदि गेहूं का आटा, मिठाई आदि ना पचता हो तो उसमें अजवाइन के चूर्ण को मिलाकर खाने से फायदा होता है।
- पाचन-क्रिया खराब हो गई हो, तो 25 मिली अजवाइन के काढ़ा को दिन में 3 बार पिलाने से लाभ होता है।
दाद, फुन्सी, खुजली आदि चर्म-रोगों में अजवाइन से लाभ (Ajwain Help to Treat Skin Diseases in Hindi)
- अजवाइन का गाढ़ा लेप करने से दाद, खुजली, संक्रमण वाले घाव में लाभ होता है। अजवाइन को उबलते हुए जल में डाल दें। इसके घुल जाने के बाद छान लें। इसे ठंडा करके घावों को धोएं। इससे दाद, फुन्सी, गीली खुजली आदि चर्म रोगों में लाभ होता है।
- अजवाइन के बीज में अलग-अलग एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपोनेंट्स होते हैं, और इसलिए अजवाइन के बायोएक्टिव अर्क भी स्किन की जलन की समस्या जैसे मुंहासे और फुंसियों को कम करने में सहायक होते हैं।
- अजवाइन के बीजों में मौजूद थाइमोल और कार्वैक्रोल बैक्टीरिया और फंगस के विकास से लड़ने में मदद करते हैं। अजवाइन पाउडर की खुराक मुंहासे के निशान को हल्का करने में मदद करती है।
पेट में कीड़े होने पर अजवाइन का उपयोग (Ajwain Helps to Deal with Intestinal Worms in Hindi)
- अजवाइन के 3 ग्राम महीन चूर्ण को दिन में दो बार छाछ के साथ सेवन करें। इससे आंत के हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- अजवाइन के 2 ग्राम चूर्ण को काला नमक के साथ सुबह-सुबह सेवन करें। इससे अपच, गठिया, पेट के कीड़ों के कारण होने वाली पेट की बीमारियां जैसे- पेट फूलना, तथा पेट दर्द, पाचन-तंत्र की कमजोरी, एसिडिटी आदि ठीक होती हैं।
सर्दी-जुकाम में अजवाइन का उपयोग लाभदायक (Uses of Ajwain to Treat Cold and Cough in Hindi)
- सर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए 200 से 250 ग्राम अजवाइन को मलमल के कपड़े में बांध लें। इसे पोटली बनाकर तवे पर गर्म कर लें। इसे सूंघें। इससे सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है।
- केवल अजवाइन का काढ़ा बनाकर पीने (ajwain khane ke fayde)से सर्दी-जुकाम में लाभ होता है।
2-3 ग्राम अजवाइन के चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ पिएं। इसे दिन में दो-तीन बार सेवन करना है। इससे जुकाम, खांसी तथा सिर दर्द में लाभ होता है। - इसके अलावा आप 1 ग्राम अजवाइन, 1 ग्राम सोंठ, तथा 2 नग लौंग को 200 मिली पानी में पकाएं। जब पानी एक चौथाई (¼) बच जाए तो पानी को छानकर पिएं। इससे जुकाम व सर्दी में लाभ होता है।
- कफ वाली खांसी हो, और कफ अधिक निकलता हो, या फिर बार-बार खांसी आती हो तो, 125 मिग्रा अजवाइन के रस में 2 ग्राम घी, और 5 ग्राम शहद मिला लें। इसे दिन में 3 बार खाएं। इससे कफ वाली खांसी में लाभ होता है।
- इसी तरह 2 ग्राम मुलेठी और 1 ग्राम चित्रक-जड़ का काढ़ा बना लें। इसमें 1 ग्राम अजवाइन मिलाकर रात में सेवन (ajwain khane ke fayde) करें। इससे खांसी में लाभ होता है।
- 5 ग्राम अजवाइन को 250 मिली पानी में पकाएं। जब पानी (Ajwain water) आधा हो जाए, तो इसे छानकर नमक मिला लें। इसे रात को सोते समय पिएं। इससे खांसी में लाभ मिलता है।
अजवाइन के प्रयोग से पेट दर्द से राहत (Benefits of Ajwain in Treating Abdominal Pain in Hindi)
अजवाइन के फायदे (ajwain benefits in hindi) का सही तरह से लाभ पाने के लिए सेवन करने के सही तरीका भी पता होना चाहिए।
- अजवाइन, सेंधा नमक, हरड़. और सोंठ के चूर्ण को बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें। इस चूर्ण को 1 से 2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट का दर्द ठीक होता है।
- पेट में मरोड़े या दर्द की स्थिति में, 3-4 बूंद दिव्यधारा को बतासे में डालकर देने से तुरन्त लाभ होता है।
- पेट का दर्द, पेट फूलना आदि पेट संबंधी विकारों में 10 ग्राम अजवाइन, 6 ग्राम छोटी हरड़ लें। इन्हें 3-3 ग्राम घी में भुनी हुई हींग, और 3 ग्राम सेंधा नमक के साथ चूर्ण बना लें। इसे 2 ग्राम की मात्रा में थोड़े गुनगुने पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करें।
अजवाइन के इस्तेमाल से शिशुओं को पेट दर्द से मिले राहत (Ajwain Heals Infant’s Stomach Pain in Hindi)
कई बार छोटे बच्चों को पेट में दर्द जैसी परेशानी हो जाती है। इस परेशानी में बारीक साफ कपड़े के अन्दर अजवाइन को रख लें। इसे शिशु के मुंह में चटाएं। इससे शिशु के पेट का दर्द तुरन्त ठीक हो जाता है।
बवासीर में फायदेमंद अजवाइन (Ajwain is beneficial in Hemorrhoids or Piles in Hindi)
बवासीर में लाभ लेने के लिए अजवाइन में सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें। इससे पेट का फूलना, तथा बवासीर में लाभ होता है।
किडनी (गुर्दे) के दर्द की समस्या में अजवाइन का सेवन (Ajwain Help to Deal with Kidney Problem in hind)
आईएसकेडी मेडीफिट के अनुसार, जिस किसी व्यक्ति को किडनी में दर्द संबंधी परेशानी हो, उसे 3 ग्राम अजवाइन के चूर्ण को सुबह-शाम, गर्म दूध के साथ लेना है। इससे लाभ होता है।
पित्ती उछलने (त्वचा पर लाल रंग के दाने वाला रोग) पर अजवाइन का इस्तेमाल (Ajwain Benefits in Hives in Hindi)
50 ग्राम अजवाइन को 50 ग्राम गुड़ के साथ अच्छी प्रकार कूट लें। इसकी 1-1 ग्राम की गोली बना लें। 1-1 गोली सुबह-शाम ताजे पानी के साथ लें। इससे एक सप्ताह में ही शरीर पर फैली हुई पित्ती (शीत पित्त) दूर हो जाएगी। इसके सेवन से बार-बार पेशाब आने की बीमारी में भी लाभ होता है।
पेशाब संबंधी परेशानियों में अजवाइन से लाभ (Benefits of Ajwain in Urinary Problems in Hindi)
अगर किसी को पेशाब संबंधी समस्या रहती है, तो उसे 2 से 4 ग्राम अजवाइन को गर्म पानी के साथ लेना चाहिए। इससे पेशाब संबंधी परेशानी ठीक होती है।
बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते हैं तो करें अजवाइन का प्रयोग (Ajwain is Beneficial in Bed Wetting Problem in Hindi)
जो बच्चे बिस्तर गीला कर देते हैं, उन्हें रात में 500 मिग्रा अजवाइन खिलाएं। इससे फायदा हो सकता है।
शरीर के दर्द में अजवाइन के लेप से मिले राहत (Benefits of Ajwain in Body Pain Treatment in Hindi)
- शरीर में दर्द है तो अजवाइन को पानी (ajwain water) में पीसकर, लेप के रूप में लगाएं। दर्द वाले अंग को धीरे-धीरे सेक लें।। इससे लाभ होगा।
- अजवाइन को आग पर डाल कर, उसके धुएं से सेकाई करने पर भी शरीर का दर्द दूर होता है।
नपुंसकता, शीघ्रपतन और शुक्राणु की कमी में अजवाइन से लाभ (Ajwain Helps for Sperm Quantity and Premature Ejaculation in Hindi)
3 ग्राम अजवाइन में 10 मिली सफेद प्याज का रस, तथा 10 ग्राम शक्कर मिला लें। इसे दिन में तीन बार सेवन करें। 21 दिन में पूरा लाभ होता है। इस प्रयोग से नपुंसकता, शीघ्रपतन की समस्या और शुक्राणु की कमी में लाभ होता है।
अजवायन के इस्तेमाल से ग्रे हेयर से मिलेगी राहत (Use of Ajwain will give relief from gray hair in Hindi)
इसके लिए एक गिलास पानी में अजवाइन, मुनक्के और करी लीव्स लेकर उबालें। अब इस पानी को सिप सिप कर दिनभर में पीते रहें। इससे समय से पहले ग्रे होने वाले बालों से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा बाल झड़ने की समस्या भी हल हो जाएगी।
जूं (लीख) निकालने में अजवाइन का प्रयोग फायदेमंद (Benefits of Ajwain in Lice Problem in Hindi)
अगर आप भी जुओं की समस्या से परेशान हैं तो अजवाइन के गुण से उसका उपचार कर सकते हैं। इसके लिए 10 ग्राम अजवाइन के चूर्ण में 5 ग्राम फिटकरी मिलाएं, और इसे दही या छाछ में मिलाकर बालों में लगाएं। इससे लीखें तथा जूं मर जाती हैं।
अजवाइन खाने से सीने की जलन में लाभ (Ajwain Helps to Treat Heartburn in Hindi)
सदियों से दादी-नानी के घरेलू नुस्ख़ों में एसिडिटी, पेट में जलन आदि समस्याओं के लिए अजवाइन (ajwain ke fayde in hindi) का प्रयोग किया जाता रहा है।
- अधिक तीखा भोजन करने के बाद छाती में जलन की परेशानी हो जाती है। ऐसे में 1 ग्राम अजवाइन, और बादाम की 1 गिरी को खूब चबा-चबा कर, या पीस कर खाएं। इससे फायदा होता है।
- अगर कोई पेट संबंधी रोगों से परेशान रहता है, तो उसे 1 भाग अजवाइन, आधा भाग काली मिर्च, और सेंधा नमक को मिलाकर पीस लेना है। इसे गुनगुने जल के साथ, 1-2 ग्राम की मात्रा में लेना है। सुबह-शाम सेवन करने से पेट संबंधी रोग ठीक होते हैं।
एसिडिटी की परेशानी में अजवाइन का इस्तेमाल (Ajwain Helps to Deal with Acidity in Hindi)
एसिडिटी के परेशानी से राहत पाने के लिए अजवाइन के फायदे (ajwain ke fayde) का सही तरह से उपयोग करना ज़रूरी होता है।
- अक्सर बाहर का कुछ उल्टा-सीधा खा लेने पर खट्टी डकारें, और पेट में गुड़गुड़ाहट जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके लिए आप 250 ग्राम अजवाइन को 1 लीटर गौमूत्र में भिगोकर रख लें। इसे 7 दिन तक छाया में सुखा लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे जलोदर, खट्टी डकारें आना, पेट दर्द, पेट में गुड़गुड़ाहट आदि रोगों में लाभ होता है।
- अजवाइन को बारीक पीसकर, उसमें थोड़ी मात्रा में हींग मिला लें। इसका लेप बना लें। इसे पेट पर लगाने से पेट के फूलने, और पेट की गैस आदि परेशानियों में तुरंत लाभ होता है।
- वचा, सोंठ, काली मिर्च तथा पिप्पली से काढ़ा बना लें। इस चूर्ण को खाने से (ajwain khane ke fayde) पैट की गैस की समस्या ठीक होती है।
- समान मात्रा में अजवाइन, सेंधा नमक, सौवर्चल नमक, यवक्षार, हींग, और सूखे आंवला लें। इनका चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण को 2-3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करें। इससे डकार की परेशानी ठीक होती है।
अजवाइन के सेवन से पाचनतंत्र विकार से राहत (Ajwain Improves Digestive System in Hindi)
अगर किसी को पाचन शक्ति को बेहतर बनाना है तो अजवाइन के औषधीय गुणों (ajwain ke fayde) से लाभ उठाने की ज़रूरत है।
- अगर किसी व्यक्ति का पाचनतंत्र सही नहीं रहता हो, तो उसे 80 ग्राम अजवाइन, 40 ग्राम सेंधा नमक, 40 ग्राम काली मिर्च, 40 ग्राम काला नमक, 500 मिग्रा यवक्षार लेना चाहिए। इन्हें 10 मिली कच्चे पपीते के दूध (पापेन) में महीन पीस लेना है। इसे कांच के बर्तन में भर लें, और 1 ली नींबू का रस इसमें डालकर धूप में रख दें। इसे बीच-बीच में हिलाते रहें। 1 महीने बाद जब यह बिल्कुल सूख जाए, तो सूखे चूर्ण को 2 से 4 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन करें। इससे पाचन-शक्ति स्वस्थ होती है, तथा अपच, अमाशय संबंधी रोग, और बार-बार दस्त होने की बीमारी में लाभ (ajwain benefits) होता है। अजवाइन के गुण सिर्फ पाचन में ही नहीं दूसरे बीमारियों में भी फायदेमंद होता है।
- 1 ग्राम अजवाइन को इन्द्रायण के फलों में भरकर रख दें, जब यह सूख जाए तब बारीक पीस लें। इसमें अपनी इच्छानुसार काला नमक मिलाकर रख लें। इसे गर्म जल से सेवन करें। इसके प्रयोग से पेट संबंधित सभी विकारों से आराम मिलता है।
- 1.5 लीटर जल को आग पर रखें। जब पानी पूरी तरह उबलकर 1.25 लीटर रह जाय, तब नीचे उतार लें। इसमें आधा किलोग्राम पिसी हुई अजवाइन डालकर ढक्कन बंद कर दें। जब यह ठंडा हो जाय तो छानकर बोतल में भर कर रख लें। इसे 50-50 मिली दिन में 3 बार सेवन करें। इसके प्रयोग से पेट के पाचन-तंत्र संबंधी विकार ठीक होते हैं।
- 1 किलोग्राम अजवाइन में, 1 लीटर नींबू का रस और पांचों नमक 50-50 ग्राम लें। इन्हें कांच के बरतन में भरकर रख दें। इसे दिन में धूप में रख दिया करें। जब रस पूरी तरह सूख जाय तब दिन में दो बार 1-4 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे पेट सम्बन्धी बीमारियां ठीक होती हैं।
अजवाइन के उत्पाद और उनकी खुराक (Ajwain products and their recommended dosages in Hindi)
अजवायन की आयुर्वेदिक खुराक इसके रूपों के अनुसार भिन्न होती है।
अजवाईन उत्पादों के विभिन्न रूप :
1. चूर्ण
बेहतर पाचन के लिए भोजन से पहले और बाद में आधा चम्मच अजवाइन चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
2. काढ़ा
एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन के बीज डालकर 10 मिनट तक उबालें। दमा और सर्दी के लिए आधा चम्मच अजवाइन का काढ़ा दिन में तीन बार लें।
3. पेस्ट
भुने हुए अजवाइन के बीज और गुड़ को मिलाकर मिक्सी में पेस्ट बना लें। इसे भोजन के बाद दो बार लें।
4. टैबलेट
अजवाइन की एक गोली गर्म पानी के साथ दिन में दो बार लें।
5. अर्क
भोजन के बाद अजवाइन के अर्क की पांच बूंदें गर्म पानी के साथ दिन में दो बार लें।
ऐसे 2 तरीके हैं जिनसे आप अलग-अलग उद्देश्यों के लिए अजवाइन का उपयोग कर सकती हैं-
उपाय -1
कनजेशन, साइनसाइटिस, सर्दी और फ्लू से बचने के लिएआप स्टीम में सांस लेने के लिए इस उपाय को आजमाएं:
स्टेप्स
- मुट्ठी भर अजवाइन के पत्ते और 1 चम्मच अजवायन का तेल डालकर स्टीम लें।
- इसमें सांस लेने के लिए श्वसन प्रणाली को अनब्लॉक करने और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
- आप 2-3 बार स्टीम इनहेलेशन कर सकती हैं।
- अगर आपको इस जड़ी बूटी से एलर्जी है तो दूर रहें।
उपाय-2
गैस्ट्रिक समस्याओं, सूजन, पेट में भारीपन और दर्द या कम पाचन शक्ति के लिए नीचे बताए गए इस उपाय को आजमाएं-
स्टेप्स
- 1 चम्मच अजवाइन या अजवाइन के बीज में 1 गिलास उबला हुआ पानी मिलाएं।
- इसे छान लें और इसे घूंट-घूंट करके पीएं।
अजवायन के नुकसान (Ajwain Side Effects in Hindi)
आईएसकेडी मेडीफिट के अनुसार, अजवाइन के इतने फायदे हैं, तो कुछ स्थिति में अजवाइन के नुकसान होने की भी संभावना रहती है, जो ये हैंः-
- हमेशा ताजी अजवाइन को ही उपयोग में लाना चाहिए, क्योंकि पुरानी हो जाने पर इसका तैलीय अंश खत्म हो जाता। तैलीय अंश के खत्म होने से इसका पूरा फायदा नहीं मिलता।
- काढ़ा के स्थान पर, रस का प्रयोग करना बेहतर होता है।
- अजवाइन का अधिक सेवन करने से सिद दर्द की शिकायत हो सकती है।
- अजवाइन के अधिक सेवन से पेट में गैस बन जाती है, जिससे एसिडिटी और रिफ्लक्स हो सकता है।
- कुछ लोगों को अजवाइन के बीज से एलर्जी होती है, जो थाइमोल की उपस्थिति के कारण होता है, जिससे चक्कर आना, मतली और उल्टी हो सकती है।
- अजवाइन के कुछ बीज बायोएक्टिव होते हैं, और वे मुंह में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जलन और मुंह के छाले हो सकते हैं।
- भ्रूण के विकास पर संभावित प्रतिकूल प्रभाव के कारण गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक मात्रा में अजवाइन लेने से बचना चाहिए।
- अजवाइन के बीजों की उच्च मात्रा को विषैला माना जाता है; जिसके परिणामस्वरुप विषाक्तता की समस्या हो सकती है।
- अजवाइन की खुराक लेने से सर्जरी के दौरान और बाद में रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, सर्जरी से 2 हफ्ते पहले अजवाइन का सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है।
इसलिए अजवाइन के नुकसान या दुष्प्रभाव (ajwain side effects) से बचने के लिए, सेवन से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अजवाइन की पारस्परिक क्रिया (Interactions of Ajwain in Hindi)
कभी-कभी अजवाइन ब्लड क्लोटिंग को धीमा कर सकती है। अगर कोई ब्लड थिनर जैसी दवाएं ले रहा है, तो अजवाइन का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। इबुप्रोफेन, डिक्लोफेनाक, वारफेरिन और एस्पिरिन जैसी दवाओं में रक्त पतला करने वाले पदार्थ होते हैं।
अजवाइन उन दवाओं में भी हस्तक्षेप कर सकती है, जो लिवर में खराब हो जाती हैं। लिवर में लवस्टैटिन, केटोकोनाज़ोल और इट्राकोनाज़ोल जैसी दवाएं टूट जाती हैं। अगर आप इनमें से कोई भी दवाई ले रहे हैं, तो अजवाइन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
यदि आप ऐसी दवा ले रहे हैं जो लिवर पर दबाव डालती है, तो अजवाइन से बचना सबसे अच्छा है। अजवाइन दवा के साथ-साथ लिवर के खराब होने की संभावना को बढ़ा सकती है, जो पहले से ही लिवर को नुकसान पहुंचाती है।
अजवाइन के संबंध में अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
क्या अजवाइन आंतों के संक्रमण में उपयोगी है? (Is Ajwain useful in intestinal infections in Hindi?)
जी हां, अजवाइन आंतों के संक्रमण के इलाज में मदद करती है। अजवाइन के बीजों को कृमिनाशक गुण के लिए जाना जाता है, जो किसी भी आंतों के संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह उनकी गतिविधि को बाधित करने के लिए पैरासाइट्स के मेटाबॉलिज्म में सीधे हस्तक्षेप करता है।
क्या अजवाइन वजन घटाने में मदद करती है? (Does Ajwain help in weight loss in Hindi?)
हां, अजवाइन वजन घटाने में मदद करती है। अजवाइन के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो वजन कम करने पर सीधा प्रभाव डालते हैं। अजवाइन पाचन में भी सुधार करती है और कब्ज, एसिडिटी और गैस जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है।
क्या अजवाइन सफेद बालों की समस्या को कम करने में मददगार है? (Is Ajwain helpful for reducing the grey hair problem in Hindi?)
हां, अजवाइन सफेद बालों की समस्या को कम करने में मदद करती है। अजवाइन के अर्क में कैल्शियम और आयरन जैसे आवश्यक ट्रेस एलीमेंट्स और मिनरल्स होते हैं, और वे सफेद बालों की समस्या को कम करने में फायदेमंद होते हैं।
अजवाइन के सेवन से अस्थमा की समस्या, पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द की समस्या, गैस और कब्ज की समस्या, सर्दी, फ्लू और वायरल इन्फेक्शन की समस्या, डायरिया की समस्या, गठिया की समस्या, जोड़ों में दर्द की समस्या, किडनी स्टोन की समस्या आदि की समस्या से राहत मिल सकती है.
जी हां, अजवाइन के पानी को रोजाना सीमित मात्रा में पिया जा सकता है. वहीं इसके बीज को भी नियमित रूप से 125 mg तक तीन से चार खुराक में खाया जा सकता है.
ये गैस, अपच और कब्ज जैसी परेशानियों से छुटकारा दिलाती है. पेट दर्द को दूर करने में भी अजवाइन की चाय पीना फायदेमंद है. अजवाइन मेटाबॉलिज्म बढ़ाने का काम करती है. सुबह खाली पेट अजवाइन की चाय पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है.
अजवाइन एक ऐसी औषधि है, जिसका साइड एफेक्ट नहीं होता है। हां, इसका सेवन एक दिन में सिर्फ एक बार ही करें, वो भी आधा या एक चम्मच।
अजवाइन खाने का सही तरीका क्या है?
अजवाइन खाने का सही तरीका : Right Way To Eat Carom Seeds In Hindi. ➛ एक चम्मच अजवाइन और एक चम्मच काला नमक मिलाकर इसको फांक लें और फिर एक गिलास गर्म पानी पी लें।
- एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में डालकर रात भर छोड़ दें, इसी पानी को सुबह खाली पेट गर्म करके पी लें।
यह कैल्शियम, सोडियम, कॉपर, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और पोटैशियम से भरपूर होता है। इसमें फैटी एसिड और विटामिन ए, के, सी, डी और ई भी होते हैं। अजवाइन में राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड, विटामिन बी 6 और विटामिन बी 12 जैसे बी विटामिन भी मौजूद होते हैं। नियमित रूप से अजवाइन का सेवन करने से अस्थमा के लक्षण कम हो सकते हैं।
अजवाइन की तासीर गर्म होती है, ऐसे में ठंड के दिनों में ये शरीर को गर्म करने में मदद करती है. नियमित रूप से अजवाइन का काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी नहीं लगती और बीमारियां दूर रहती हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी स्ट्रांग बना सकते हैं.
अजवाइन की चाय पिएं-सुबह उठने के बाद आप अजवाइन की चाय पिए हैं इससे आपका पेट साफ हो सकता है इसके लिए एक गिलास पानी लें. इसमें एक चम्मच अजवाइन के बीज डालें. अब इसे अच्छी तरह से उबालें, फिर छानकर पी लें. रोजाना दिन में एक या दो बार अजवाइन की चाय पीने से पेट साफ होने में मदद मिलेगी.
अगर आप “5 मिनट में पेट साफ कैसे करें?” – इस सवाल से जूझ रहे हैं, तो अपनी दिनचर्या में फाइबर का सेवन बढ़ाना, सपोसिटरी का उपयोग करना या मल सॉफ़्नर लेना शामिल हो सकते हैं। स्क्वाट पोजीशन आज़माने, हल्का व्यायाम करने या कोलोनिक मसाज करने से भी मदद मिल सकती है।
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