ब्लड यानी रक्त शरीर में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तरल पदार्थ (फ्लूइड) है, जो शरीर की प्रणालियों को रेगुलेट करने में मदद करता है। यह शरीर के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जैसे फेफड़ों से ऑक्सीजन को कोशिकाओं तक पहुंचाना, कोशिकाओं तक आवश्यक पोषक तत्व पहुंचाना, शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना, बीमारी और इंफेक्शन से बचाना आदि। हमारे शरीर में मौजूद रक्त जब इतना महत्वपूर्ण कार्य करता है, तो इसकी साफ-सफाई (रक्त शोधन) का भी हमें पूरा ध्यान देना चाहिए।
हमने अपने जीवन में कई ऐसी आदतों को अपना लिया है, जिनके चलते हमारे शरीर में रक्त का शोधन यानी शुद्धिकरण सही प्रकार से नहीं हो पाता है। इसका फल यह होता है कि हमारे अंदर टॉक्सिन्स (जीवविष पदार्थ) की मात्रा बढ़ती जाती है। जिसका बुरा प्रभाव हमारी शारीरिक सुंदरता पर पड़ता है और कई तरह की बीमारियां शरीर में जन्म लेती हैं। आईएसकेडी मेडीफिट के इस लेख के माध्यम से आयुर्वेदाचार्य श्री ब्रह्मस्वरूप सिंह बताएँगे कि आयुर्वेदिक जड़ी बूंटियों का इस्तेमाल द्वारा रक्त शोधन करके शरीर की सुंदरता कैसे बढ़ाती है
हमारी इन आदतों में , कुछ विशेष बातें शामिल हैं। जैसे, शारीरिक गतिविधियों का कम होना, भोजन में पौष्टिक चीजें कम खाना और पैक्ड तथा एनिमल फूड्स का अधिक उपयोग करना। इन सबके चलते हमारी सुंदरता और हमारे स्वास्थ्य दोनों पर ही बुरा असर पड़ रहा है जो आगे चलकर एक भयानक बीमारी का रूप ले लेता है।
हम इन स्वभाव को छोड़ नहीं सकते हैं क्यूंकि अब यह सब हमारी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा बन चुके हैं लेकिन इन्सान के लिए नामुमकिन कुछ भी नहीं है। अब दिक्कत यह है कि हमारे जीवन की दिनचर्या ही इस तरह का हो गयी है कि ज्यादातर लोग सिटिंग जॉब्स में होते हैं और कई घंटों तक एक ही स्थिति में बैठकर काम करते हैं। इससे पहले सुस्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और फिर मानसिक स्वास्थ्य भी खराब होने लगता है।
इन दोनों में से कोई भी स्वास्थ्य बिगड़ता है तो हमारी सुंदरता पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलने लगता है क्योंकि हॉर्मोन्स की गड़बड़ी का असर आपकी त्वचा पर सीधा प्रभाव डालता है और आपकी त्वचा की रंगत फीकी नजर आने लगती है।
अब आवश्यकता है टॉक्सिन्स का बाहर निकलने की, आज के समय में ज्यादातर रोगों की यही वजह है, सभी टॉक्सिन्स का शरीर से बाहर ना निकल पाना मुश्किल होता है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि हम कुछ ऐसा करें जिससे हमारे शरीर के विषैले तत्व बाहर आ जाएं और रक्त का शुद्धिकरण हो सके।
रक्त शोधन (ब्लड प्यूरिफिकेशन) क्यों है जरूरी:
स्किन की समस्या को करे दूर करने के लिए:
अगर आपको मुंहासे, दाग-धब्बे, ड्राई स्किन, स्किन एलर्जी आदि की समस्या है, तो ये लक्षण बताते हैं कि आपके शरीर में रक्त शोधन का काम सही से नहीं हो रहा है। शरीर में रक्त शोधन का काम फेफड़े, किडनी और लिवर करते हैं। लेकिन इसके लिए आपको ऐसे आहारों का सेवन करना चाहिए जो रक्त शोधन में आपकी मदद करे। आप ताजे फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कर सकते हैं।
इसका अलावा, Hamdard Safi सिरप भी रक्त शोधन के लिए एक बेहतरीन हर्बल दवा है। इसमें मौजूद रेवन्द चीनी, चिरायता, तुलसी और नीम जैसे हर्बल न केवल खून को साफ करते हैं, बल्कि ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक रखते हैं। अगर आपका खून साफ होगा तो मुंहासे और दाग-धब्बे जैसी स्किन समस्याओं से आपको निजात मिलेगा।
बॉडी के pH वैल्यू को नियंत्रण में रखने के लिए:
शरीर में जब ब्लड प्यूरिफिकेशन की प्रक्रिया चलती है तो बॉडी का pH वैल्यू और तापमान नियंत्रण में रहता है। शरीर का pH बैलेंस, जिसे एसिड-बेस बैलेंस के रूप में भी जाना जाता है, रक्त में एसिड और बेस का स्तर है जिस पर शरीर सबसे अच्छा काम करता है।
स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा
नियमित रक्त शोधन से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसमें सिरदर्द, जी मिचलाना जैसे रोग शामिल है। रक्त शोधन का महत्व इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि इससे पूरी बॉडी में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के ट्रांसपोर्टेशन का काम बेहतर तरीके से होता है।
सभी अंग बेहतर तरीके से करते हैं काम करते रहने इसके लिए
खून साफ होने से शरीर के सभी अंग बेहतर तरीके से काम करते हैं। किडनी, हृदय, लिवर, फेफड़े और लिम्फेटिक सिस्टम सभी हेल्दी ब्लड काउंट पर निर्भर हैं। अगर रक्त शोधन होता रहेगा तो ये अंग और भी बेहतर तरीके से काम करेंगे। इसके अलावा रक्त शोधन से रक्त हानि को रोकने में भी मदद मिलती है।
यहां हम आपको ऐसी प्राकृतिक वनस्पति यानी आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियों के विषय में बताने जा रहे हैं, जो आपके आस-पास ही आराम से उपलब्ध हैं और रक्त शोधन में बहुत अधिक प्रभावी होती हैं। आप समय-समय पर उनका उपयोग करके, अपनी सुंदरता को बनाए रख सकते हैं।
गुडुची (गिलोय):
डिटॉक्सीफिकेशन के लिए भी हमारे शरीर को अलग-अलग तरह की चीजों की आवश्यकता होती है। क्योंकि हम सभी का खान-पान और जीवनशैली अलग होती है। इसलिए जो लोग स्मोकिंग और ड्रिंकिंग करते हैं उन्हें अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए गिलोय का सेवन करना चाहिए। इन लोगों के शरीर पर गिलोय प्रभावी रूप से काम करती है और शरीर की त्वचा पर सीधा असर करती है।
ब्राह्मी:
आयुर्वेद में ब्राह्मी को काफी लाभकारी औषधि के रूप में जाना जाता है। खून साफ करने के अलावा दिमाग को तेज बनाने में यह औषधि फायदेमंद हो सकती है। ब्राह्मी केे जूस में शहद मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
मीठा शहतूत:
स्वाद में , मीठा और खाने में बहुत मुलायम शहतूत, रक्त के शोधन में बहुत अधिक लाभकारी होता है। शहतूत को अंग्रेजी में Mulberry कहते हैं। यह लाल, काले और पीले रंग का एक कोमल फल होता है जो आजकल सिर्फ गावं तक ही सिमित होकर रह गया है, शहरों में बहुत ही काम देखने को मिलता है. इसके इस्तेमाल से आप अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई कर सकते हैं।
शहतूत में विटमिन-सी, विटमिन-के, आयरन, राइबोफ्लैविविन, फास्फोरस और फाइबर जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर के अंदर बह रहे रक्त को , स्वच्छ करने का काम करते हैं। साथ ही रक्त के प्रवाह को बनाए रखते हैं।
हल्दी वाला दूध:
हल्दी एंटी बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करने से शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने में मदद मिलती है और खून साफ होता है।
अमरबेल:
अमरबेल, आपके बालों और त्वचा को सुंदर बनाने का काम करती है। इसके लिए आप अमरबेल का काढ़ा पिएं। हालांकि यह काढ़ा एक दिन में सिर्फ 10 से 15 मिली लीटर पीना ही पर्याप्त होता है। जी हां हमारे शरीर के लिए इतनी लाभकारी होती है अमरबेल।
अमरबेल का काढ़ा, रक्त को शोधित करता है। फैटी लिवर के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है और शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ाता है। इससे आपकी त्वचा सुंदर बनती है। जबकि इसके पानी से बाल धोने पर बाल घने और मजबूत बनते हैं। पेड़ों के ऊपर फैली रहने वाली अमरबेल आप बाजार में सब्जी वाले से आसानी से हांसिल कर सकते हैं।
नींबू:
नींबू विटामिन सी और सिट्रिक एसिड से भरपूर होता है। नींबू पानी बेहतरीन डिटॉक्स ड्रिंक्स में से एक है। आप रोज सुबह खाली पेट नींबू पानी में शहद मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
शहद:
शहद का सेवन हम सभी को पसंद होता है। खासतौर पर बच्चों की डायट में शहद को शामिल करके आप उनके शरीर को आराम से डिटॉक्सीफाई कर सकते हैं। लेकिन शहद पूरी तरह शुद्ध होना चाहिए।
शहद रक्त का प्रवाह बढ़ाता है। इसके ऐंटिऑक्सीडेंट्स टॉक्सिन्स को, शरीर से बाहर करने का काम करते हैं। ऐंटिबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज शरीर को स्वस्थ बनाती हैं। यह त्वचा को अंदर और बाहर दोनों तरह से पोषण देने का काम करता है।
सेब का सिरका:
सेब का सिरका पीने से शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद मिलती है। खून साफ करने के लिए आप सुबह खाली पेट सेब के सिरके में आधा छोटा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पिएं। लेकिन अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आप डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।
नीम:
त्वचा को सुंदर और कांतिमय बनाने के लिए नीम का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। आप इसके पानी में नहाएं, इसका लेप लगाएं या इसके अर्क से बने साबुन और शैंपू का उपयोग करें। आपके लिए सबकुछ बहुत अधिक लाभकारी है।
इन सबके साथ ही आप त्वचा का ग्लो बढ़ाने के लिए भी नीम का उपयोग कर सकते हैं। नीम की मीठी कोंपल (नई और मुलायम पत्तियां) के सेवन से शरीर में रक्त का शुद्धिकरण होता है। यानी शरीर में डिटॉक्सीफिकेशन की प्रक्रिया तेज होती है।
पोषक तत्वों से भरपूर चीजें:
विटामिन और मिनरल्स से भरपूर फूड्स खाने से शरीर में टॉक्सिन्स नहीं बनते हैं। इसके लिए आप ब्लूबेरी, ब्रोकली, चुकंदर और गुड़ आदि जैसे फूड्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं, क्योंकि इनमें आयरन, कैल्शियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फास्फोरस और पोटेशियम, विटामिन सी जैसे जरूर पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
शिमला मिर्च:
लाल,पीली और हरी शिमला मिर्च कुछ गुणों के मामले में एक-दूसरे से अलग होती हैं। लेकिन त्वचा के लिए ये तीनों ही लाभकारी हैं। शिमला मिर्च का सेवन करने से आपके शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। रक्त का शोधन होता है साथ ही पाचनतंत्र का भी डिटॉक्सिफिकेशन होता है। शरीर के लिए इतनी प्रभावी होती है शिमला मिर्च।
आंवाला:
आपके बाल, आंखें, दांत और त्वचा सभी को सुंदर बनाने में आंवला बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाता है। लेकिन इनके साथ ही आंवला आपके रक्त को शोधन भी करता है। आंवले के सेवन से, शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है जिससे त्वचा की सभी कोशिकाओं तक रक्त पहुंचा है और त्वचा में चमक बढ़ती है।
तुलसी के पत्ते:
रक्त को स्वच्छ करने के लिए विशेषज्ञ तुलसी को काफी उपयोगी औषधि के रूप में जानते हैं। रक्त में स्थित विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालकर रक्त को स्वच्छ करने में तुलसी अत्यंत लाभदायक है। इसके लिए पानी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर उसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
उम्मीद है आईएसकेडी मेडीफिट के इस लेख के माध्यम से हमने आपको जो जानकारी दी है वो आपके स्वस्थ जीवन के लिए उपयोगी हो और इनके इस्तेमाल से आपका जीवन निरोगी रहे, आयुर्वेदिक जड़ी बूंटियों का इस्तेमाल किसी वैध, हकीम या आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करें.
Discussion about this post