अपराजिता एक पौधा है, जिसके फूल काफी सुंदर लगते हैं। इसके फूल दिखने में बिल्कुल गाय के कान की तरह होते हैं, इसलिए इन्हें गोकर्णी भी कहा जाता है। बगीचों और घरों की शोभा बढ़ाने के लिए लगाया जाने वाला अपराजिता को आयुर्वेद में विष्णुक्रांता, गोकर्णी आदि नामों से जाना जाता है। आयुर्वेद में सफेद और नीले रंग के फूलों (aparajita flower in hindi) वालों अपराजिता के वृक्ष को बहुत ही गुणकारी बताया गया है। अपराजिता का प्रयोग महिला, पुरुष, बच्चों और बुजुर्गों के रोगों के उपचार के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। क्या आपको पता है अपराजिता का उपयोग क्या है? असाध्य रोगों पर विजय पाने की इसकी क्षमता के चलते ही इसे अपराजिता नाम से जाना गया है।
अपराजिता (aparajita tree) के बीज सिर दर्द को दूर करने वाले होते हैं। दोनों ही प्रकार की अपराजिता बुद्धि बढ़ाने वाली, वात, पित्त, कफ को दूर करनी वाली है। अपराजिता के इस्तेमाल से सााधारण से लेकर गंभीर बीमारियों का उपचार किया जा सकता है। यह शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले सूजन के लिए भी लाभप्रद है। आइए जानते हैं आसानी से पाए जाने वाले अपराजिता के गुण के बारे में।
आयुर्वेद के मुताबिक, अपराजिता कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सक्षम होता है और यह दिमागी क्षमता को बढ़ाने का भी कार्य करता है। यह पौधा भारत और आसपास के देशों में आसानी से मिल जाता है, जिसका वैज्ञानिक नाम क्लाइटोरिया टर्नेशिया (Clitoria Ternatea) है, जो कि फेबेसी (Fabaceae) फैमिली से ताल्लुक रखता है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-स्ट्रेस, एंटी-डिप्रेसेंट, एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनेसथेटिक, इंसेक्टीसाइडल गुण होते हैं। आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह
अपराजिता क्या है? (What is Aprajita in Hindi?)
अपराजिता (aparajita flower in hindi) का वृक्ष झाड़ीदार और कोमल होता है। इस पर फूल (aparajita flower) विशेषकर वर्षा ऋतु में आते हैं। इसके फूलों (aparajita phool) का आकार गाय के कान की तरह होता है, इसलिए इसको गोकर्णी भी कहते हैं। अपराजिता सफेद और नीले रंग के फूलों के भेद से दो प्रकार की होती है।
नीले फूल वाली अपराजिता भी दो प्रकार की होती है :-
(1) इकहरे फूल वाली
(2) दोहरे फूल वाली।
कहा जाता है कि जब इस वनस्पति का रोगों पर प्रयोग किया जाता है तो यह हमेशा सफल होती है और अपराजित नहीं होती। इसलिए इसे अपराजिता कहा गया है।
अनेक भाषाओं में अपराजिता के नाम (Aprajita Called in Different Languages)
आमतौर (aparajita flower in hindi) पर अपराजिता के नाम से प्रचलित इस औषधीय वृक्ष को अन्य भाषाओं में अल-अलग नाम से जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम Clitoria ternatea L. (क्लाइटोरिया टर्नेशिया) Syn-Clitoria bracteata Poir. और अंग्रेजी नाम Winged-leaved clitoria (विंग्ड लीव्ड क्लाइटोरिया) है, और इसके अन्य नाम ये हैं:-
Hindi – अपराजिता, कोयल, कालीजार
English – बटरफ्लाई पी (Butterfly pea), ब्लू पी (Blue pea), पिजन विंग्स (Pigeon wings)
Sanskrit – गोकर्णी, गिरिकर्णी, योनिपुष्पा, विष्णुक्रान्ता, अपराजिता
Oriya – ओपोराजिता (Oporajita)
Urdu – माजेरीयुनीहिन्दी (Mazeriyunihindi)
Kannada – शंखपुष्पाबल्ली (Sankhapushpaballi), गिरिकर्णिका (Girikarnika), गिरिकर्णीबल्ली (Girikarniballi)
Konkani – काजुली (Cazuli)
Gujarati – गर्णी (Garani), कोयल (Koyala)
Tamil – काककनाम (Kakkanam), तरुगन्नी (Taruganni)
Telugu – दिन्तेना (Dintena), नल्लावुसिनितिगे (Nallavusinitige)
Bengali – गोकरन (Gokaran), अपराजिता (Aparajita)
Nepali – अपराजिता (Aparajita)
Punjabi – धनन्तर (Dhanantar)
Malayalam – अराल (Aral), कक्कनम्कोटि (Kakkanamkoti), शंखपुष्पम् (Sankhpushpam)
Marathi – गोकर्णी (Gokarni), काजली (Kajali), गोकर्ण (Gokarn)
Arabic – बजरूल्मजारियुन-ए-हिंदी (Bazrulmazariyun-e-hindi)
Farasi – दरख्ते बिखेहयात (Darakhte bikhehayat)
घर में अपराजिता/गोकर्णी/विष्णुक्रांता का पौधा लगाते हैं तो इससे घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है। मनमोहक अपराजिता की बेल चारों दिशाओं का ऊर्जा से मेल करती है और घर में अपार खुशियां लेकर आती है। यही नहीं इस पौधे को लगाने से धन के योग बनते हैं और माता लक्ष्मी का आगमन होता है।
इस्तेमाल के लिए अपराजिता के उपयोगी भाग (Useful parts of Aprajita Plant)
- जड़
- जड़ की छाल
- पत्ता
- फूल
- बीज
विशेष जानकारी – सफेद अपराजिता अधिक गुणकारी है।
अपराजिता के सेवन की मात्रा (How to Consume Aprajita)
- रस – 10 मिलीग्राम
- चूर्ण – 1-2 ग्राम
अधिक लाभ के लिए चिकित्सक के परामर्श से अपराजिता का इस्तेमाल करें।
यह किन-किन रूपों में उपलब्ध है?
अपराजिता निम्नलिखित रूपों में मार्केट या आपके आसपास मौजूद हो सकती है। जैसे-
- कच्चे रूप में, जैसे- जड़, पत्ते, फूल, बीज
- पाउडर के रूप में
- एक्सट्रैक्ट, आदि
अपराजिता के औषधीय गुण – Aparajita Flower nutrients in Hindi
यह फूल कई सारे गुणों से भरा है, हमें कई सारे पोषक तत्व इसमें मिल जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। आइए जानते हैं इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व में मिलते हैं।
- जस्ता
- कैल्शियम
- मैग्नीशियम
- पोटेशियम
- सोडियम
- आईरन
- मैंगनीज
- विटामिन ए
- विटामिन सी
- विटामिन ई
- एंटीऑक्सीडेंट में पॉलीफेनोल्स, टैनिन, कैटेचिन पाए जाते हैं,जो बहुत ही प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट है।
- फाइटोन्यूट्रिएंट्स
अपराजिता कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Aparajita Tree Found or Grown?)
अपराजिता (aprajita), घरों में शोभा के लिए लगाई जाती है। इसके फूल (aparajita flower) विशेषकर वर्षा ऋतु में लगते हैं। यह बाग-बगीचों, घरों के आस-पास पाया जाता है।
अपराजिता के अन्य फायदे शार्ट में – Benefits of Aparajita
- सिर दर्द को दूर करता है
- आवाज को ठीक करने के लिए इससे कुल्ला करें
- बुखार ने इसका उपयोग करने से बुखार कम होता है
- सर्दी खांसी में भी इसका चाय बहुत ही लाभदायक है
- डायरिया के समय इसका सेवन भी लाभदायक है
- शरीर के किसी अंग में अगर सूजन आ जाए तो उसमें लगाने से भी सूजन कम होता है
- किसी कीड़ा के काटने पर उस जगह लगाने से भी आराम मिलता है
- त्वचा में अगर सूजन आ जाए या खुजली हो तब भी यह फायदेमंद है
- शरीर में अन्य दर्द को भी दूर करता है
- टॉन्सिल को कम करने में भी अपराजिता बहुत ही लाभकारी है
- अपराजिता तंत्रिका प्रणाली को ठीक रखने के लिए बहुत ही फायदेमंद है.
अपराजिता का उपयोग कैसे करें? How to use Aparajita?
- अपराजिता का उपयोग आप एक चाय के जैसे कर सकते हैं। आप अपराजिता के 4/5 फूल ले और इसे गर्म पानी में भिगो के रखें, कुछ समय बाद पानी का रंग नीला हो जाएगा और उस पानी को पिए।
- आप इस फूल को पानी में डालकर पानी को उबालकर इसे छानकर भी पी सकते हैं।
- आप इस फूल के रंग को फ़ूड कलर के रूप में भी यूज कर सकते हैं।
- अपराजिता का पूरा पौधा ही गुणों से भरा हुआ है, इसके फूल, पत्ते, जड़ें, हर चीज का उपयोग ही लाभकारी होता है।
अपराजिता के फायदे बिस्तार में (Aprajita Flower Plant Benefits and Uses)
आयुर्वेद की दृष्टि से अपराजिता (aparajita tree) का औषधीय प्रयोग, प्रयोग के तरीके और विधियां ये हैं
अपराजिता के सेवन से दूर होती है आंखों की समस्या (Aprajita Tree Beneficial in Eye Disease in Hindi)
सफेद अपराजिता तथा पुनर्नवा की जड़ की पेस्ट में बराबर भाग में जौ का चूर्ण मिलाकर अच्छी तरह से घोंट लें। अब इसकी बाती बनाकर सुखा लें। इस बाती को पानी से घिसकर अंजन (आंखों में लगाने) करने से आंखों से जुड़ी सभी बीमारियों का उपचार होता है।
गले के रोग में अपराजिता से लाभ (Aprajita Flower Cures Throat Disorder in Hindi)
- 10 ग्राम अपराजिता के पत्ते को 500 मिलीलीटर पानी में पकायें। इसका आधा भाग शेष रहने पर इसे छान लें। इस तरह से तैयार काढ़े से गरारा करने पर टांसिल, गले के घाव में आराम पहुंचता है। गला खराब होने यानी आवाज में बदलाव आने पर भी यह काढ़े से गराना करना उपयोगी होता है।
- सफेद फूल (aparajita flower) वाले अपराजिता की जड़ की पेस्ट में घी अथवा गोमूत्र मिलाकर सेवन करें। इससे गले के रोग (गलगण्ड) में लाभ होता है।
- सफेद फूल वाले (aparajita phool) अपरजिता की जड़ को घृतकुमारी या एलोवेरा (Aloe Vera) के रेशों में पिरोकर हाथ में बांधें। इससे हाल ही में हुआ गण्डमाला ठीक होता होता है।
- 1 ग्राम सफेद अपराजिता की जड़ को पीसकर सुबह में पीने से तथा चिकना भोजन करने से गलगण्ड में लाभ होता है।
- सफेद अपराजिता की जड़ के 1 से 2 ग्राम चूर्ण को घी में मिला कर खाएं। इसके अलावा कड़वे फल के चूर्ण को गले के अन्दर घिसने से गलगण्ड रोग शान्त होता है।
कान दर्द में करें अपराजिता के पत्ते का इस्तेमाल (Aprajita Leaves Benefits in Ear Pain Treatment in Hindi)
अपराजिता (aparajita tree) के पत्तों के रस को सुखाकर गर्म कर लें। इसे कानों के चारों तरफ लेप करने से कान के दर्द में आराम मिलता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में अपराजिता का औषधीय प्रयोग (Aprajita is Beneficial for Better Eye Sight in Hindi)
अपराजिता का प्रयोग द्रष्टि को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है क्योंकि आयुर्वेद में अपराजिता को चक्षुष्य कहा गया है जिसका अर्थ है नेत्रों के लिए हितकर।
सामान्य प्रसव में अपराजिता से फायदा (Benefits of Aprajita to Ease Delivery and Labor Pain in Hindi)
आसानी से प्रसव के लिए अपराजिता की बेल (aparajitha) को महिला की कमर में लपेट दें। इससे प्रसव आसानी से होता है। प्रसव पीड़ा शान्त हो जाती है।
महिलाओं के लिए फायदेमंद अपराजिता का फूल (Aprajita Flower is Beneficial for Women’s Health in Hindi)
अपरजिता का उपयोग महिला संबंधी रोग के साथ साथ-साथ महिलाओं के बांझपन को दूर करने में भी किया जाता है। इसके लिए फूल या पौधे के भागों का प्रयोग कर सकते है।
अधकपारी या माइग्रेन के दर्द में अपराजिता के प्रयोग से लाभ (Aprajita Plant Benefits to Get Relief from Migraine in Hindi)
अपराजिता की फली (aparajita in hindi) बीज और जड़ को बराबर भाग में लेकर जल के साथ पीस लें। इसकी बूंद नाक में लेने से आधासीसी (अर्धावभेदक) में लाभ होता है। इसकी जड़ को कान में बांधने से भी लाभ होता है। बीज, जड़ और फली को अलग-अलग भी प्रयोग कर सकते हैं।
दांत दर्द में अपराजिता से फायदा (Aprajita Flower beneficial in Tooth pain in Hindi)
अपराजिता की जड़ की पेस्ट तैयार करें। इसमें काली मरिच का चूर्ण मिलाकर मुंह में रखें। इससे दांत दर्द में बहुत ही आराम मिलता है।
पाचनतंत्र की बीमारी में अपराजिता का उपयोग लाभदायक (Uses of Aprajita in Indigestion in Hindi)
पुष्य नक्षत्र में सफेद अपराजिता (aparajita plant) की जड़ को उखाड़ कर गले में बांधें। इसके अलावा रोज इसकी जड़ के चूर्ण को गाय के दूध या गाय के घी के साथ खाएं। इससे अपच की समस्या, पेट में जलन आदि में शीघ्र लाभ होता है।
अपराजिता में एंटीएमेटिक्स, एंटीडिस्पेप्टिक और माइल्ड लैक्सेटिव गुण होते हैं, जिस वजह से यह पाचन तंत्र के लिए काफी लाभदायक होता है। क्योंकि, इससे पेट की आम समस्याएं, जैसे अपच, उल्टी, कब्ज, पीलिया और बवासीर जैसे रोगों में राहत मिलती है। इसके अलावा, यह पाइलोरस ड्यूडेनम के अल्सर के लिए भी आरामदायक साबित होता है।
पेट की बीमारी में अपराजिता का इस्तेमाल फायदेमंद (Benefits of Aprajita in Abdominal Disease in Hindi)
आधा ग्राम अपराजिता के भुने हुए बीज का चूर्ण बना लें। इसे चूर्ण को आंच पर भून लें या 1-2 बीजों को आग पर भून लें। इसे बकरी के दूध या घी के साथ दिन में दो बार सेवन करें। इससे जलोदर (पेट में पानी भरने की समस्या), अफारा (पेट की गैस), कामला (पीलिया), तथा पेट दर्द में शीघ्र लाभ होता है।
अपराजिता के इस्तेमाल से गर्भधारण में मदद (Aprajita is Beneficial in Pregnancy in Hindi)
1-2 ग्राम सफेद अपराजिता की छाल या पत्तों को बकरी के दूध में पीस लें। इसे छान कर और शहद में मिलाकर पिलाने से गर्भपात की समस्या में लाभ होता है।
अवसाद (डिप्रेशन) कम करने में अपराजिता का उपयोग (Benefit of Aprajita in Depression in Hindi)
अपराजिता का प्रयोग अवसाद को कम करने में भी किया जाता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार अपराजिता में मेध्य का गुण पाया जाता है जो कि मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है जिससे अवसाद के लक्षणों में कमी आती है।
माइग्रेन के लिए अपराजिता का उपयोग (Use of Aparajita for Migraine)
जैसा कि हमने बताया कि, तनाव और अवसाद के कारण माइग्रेन की समस्या होती है। इसलिए, अपराजिता का इस्तेमाल माइग्रेन की समस्या और उसके लक्षणों से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए इस जड़ी-बूटी को कान पर भी बांधा जाता है और इसके बीज, जड़ आदि का अलग से भी उपयोग किया जाता है।
हृदय को स्वास्थ्य रखने में फायदेमंद अपराजिता के बीज (Aprajita Seed is Beneficial for Healthy Heart in Hindi)
अपराजिता के बीज हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते है, क्योंकि इसमें एंटी-हिपेरलिपिडिमिक का गुणधर्म पाया जाता है जो कि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
चेहरे की झाई के इलाज में अपराजिता से फायदा (Vishnukanta Plant is Beneficial to Get Rid from Pigmentation in Hindi)
अपराजिता (vishnukanta plant) की जड़ की राख या भस्म को मक्खन में घिस लें। इसे लेप करने से मुंह की झांई दूर हो जाती है।
अपराजिता के सेवन से पीलिया में लाभ (Aprajita Beneficial in Jaundice in Hindi)
3-6 ग्राम अपराजिता की के चूर्ण को छाछ के साथ प्रयोग करें। इससे पीलिया में लाभ होता है। इसके अलावा आधा ग्राम अपराजिता के भुने हुए बीज का चूर्ण बना लें। इसे चूर्ण को आंच पर भून लें या 1-2 बीजों को आग पर भून लें। इसे बकरी के दूध या घी के साथ दिन में दो बार सेवन करें। इससे कामला (पीलिया) में शीघ्र लाभ होता है।
सूजन और दर्द में अपराजिता के सेवन के फायदे (Benefits of consuming Aparajita in inflammation and pain)
अपराजिता में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किसी भी कारण से हो रही सूजन व दर्द में लाभदायक होते हैं। जिस वजह से यह खूनी बवासीर की समस्या में भी रोगी को राहत प्रदान करते हैं। इसका सप्लीमेंट या औषधि के रूप में सेवन या अंग पर इस्तेमाल करने से अर्थराइटिस जैसे रोग की वजह से होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है।
खांसी को ठीक करने के लिए करें अपराजिता का प्रयोग (Vishnukanta Plant Benefits to Get Relief from Cough in Hindi)
अपराजिता की जड़ का शर्बत तैयार कर लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पीने से खांसी, सांसों के रोगों की दिक्कत और बालकों की कुक्कुर खांसी में लाभ होता है।
अस्थमा से राहत पाने में अपराजिता फायदेमंद (Benefit of Aprajita to Get Relief from Asthma in Hindi)
अगर आप अस्थमा की समस्या से परेशान है तो, अपराजिता का प्रयोग आपको इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।
फाइलेरिया या हाथीपांव (श्लीपद) में अपराजिता के गुणों से लाभ (Uses of Aprajita in Elephantiasis in Hindi)
10-20 ग्राम अपराजिता की जड़ को थोड़े पानी के साथ पीस लें। इसे गर्म कर लेप करें। इसके साथ ही 8-10 पत्तों के पेस्ट की पोटली बनाकर सेंकने से फाइलेरिया या फीलपांव और नारु रोग में लाभ होता है। धव, अर्जुन, कदम्ब, अपराजिता तथा बंदाक की जड़ का पेस्ट तैयार करें। इसका सूजन वाले स्थान पर लेप करने से फाइलेरिया या फीलपांव में लाभ होता है।
मूत्र रोग में करें अपराजिता का सेवन (Aprajita Uses to Cure Urinary Problems in Hindi)
- 1-2 ग्राम अपराजिता (aparajita plant) की जड़ के चूर्ण को गर्म पानी या दूध के साथ दिन में 2 या 3 बार सेवन करें। इससे पेशाब के रास्ते में होने वाली जलन दूर होती है।
- यदि पेशाब कम हो रहा हो तो उसमें भी इसका सेवन करने से लाभ होता है।
- अपराजिता की जड़ के चूर्ण को चावलों के धोवन के साथ पीस लें। इसे छानकर कुछ दिन सुबह और शाम से पिलाने से मूत्राशय की पथरी टूट कर निकल जाती है।
अण्डकोष को ठीक करने के लिए करें अपराजिता का प्रयोग (Uses of Aprajita Seed in Hydrocele Disorder in Hindi)
अपराजिता के बीजों (aparajita)को पीस लें। इसे गुनगुना कर लेप करने से अण्डकोष की सूजन का उपचार होता है।
गठिया (जोड़ों के सूजन) से छुटकारा दिलाए अपराजिता का सेवन (Benefits of Aprajita to Get Relief from Arthritis in Hindi)
अपराजिता (vishnukanta plant) के पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाने से गठिया में आराम होता है। 1-2 ग्राम अपराजिता (aparajita plant) की जड़ के चूर्ण को गर्म पानी या दूध के साथ दिन में 2 या 3 बार सेवन करें। इससे गठिया में फायदा होता है।
अपराजिता में हैं घावों को ठीक करने वाले गुण (Aprajita Benefits in Healing Wound, Blisters in Hindi)
हथेली या ऊंगलियों में होने वाले घाव या बहुत ही दर्द देने वाले घावों पर अपराजिता के 10-20 पत्तों की लुगदी को बांध दें। इस पर ठंडा जल छिड़कते रहने से बहुत ही जल्दी आराम मिलता है। 10-20 ग्राम अपराजिता (vishnukanta plant) की जड़ को कांजी या सिरके के साथ पीस लें। इसका लेप करने से पके हुए फोड़े ठीक हो जाते हैं।
अपराजिता के प्रयोग से ठीक होती है सफेद दाग की समस्या (Aprajita Uses for the Treatment of Leucoderma in Hindi)
- सफेद अपराजिता की जड़ को ठंडे पानी के साथ घिस लें। इसे प्रभावित स्थान पर लेप करने से 15-30 दिनों में ही सफेद दाग में लाभ होने लगता है।
- दो भाग अपराजिता की जड़ तथा 1 भाग चक्रमर्द की जड़ को पानी के साथ पीसकर, लेप करने से सफेद कुष्ठ में लाभ होता है।
- इसके साथ ही अपराजिता के बीजों को घी में भूनकर सुबह शाम पानी के साथ सेवन करने से डेढ़-दो महीने में ही सफेद कुष्ठ में लाभ हो जाता है।
मधुमेह (डायबिटीज) में अपराजिता फूल फायदेमंद (Aprajita Flower is Beneficial to Control Diabetes in Hindi)
मधुमेह में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आप अपराजिता का प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि अपराजिता में एक रिसर्च के अनुसार एंटी-डायबेटिक गुण पाया जाता है।
अपराजिता के इस्तेमाल से सांप के विष का इलाज (Aprajita Uses in Snake Bite in Hindi)
सर्पाक्षी तथा सफेद अपराजिता (aprajita) की जड़ के काढ़े में घी को पकाएं। इसमें सोंठ, भांगरा (भृंङ्गराज), वच तथा हींग मिला लें। इसे छाछ के साथ देने से सांप के जहर से होने वाले प्रभावों का नाश होता है।
तंत्रिका-तंत्र के लिए अपराजिता बेल फायदेमंद (Aprajita Vine is Beneficial for Nervous System in Hindi)
अपराजिता की बेल का प्रयोग तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में किया जाता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार अपराजिता में मेध्य का गुण होता है जिसके कारण ये तंत्रिका तंत्र को मजबूती प्रदान करती है।
अपराजिता का उपयोग कितना सुरक्षित है? (Aparajita is safe?)
अपराजिता का उपयोग वैसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन फिर भी किसी भी जड़ी-बूटी के सेवन या इस्तेमाल के दौरान कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। जैसे, अगर आप अस्थमा, किडनी रोग या दिल की बीमारी जैसे किसी क्रॉनिक बीमारी का सामना कर रहे हैं, तो आपको किसी भी हर्बल सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क जरूर कर लेना चाहिए। अगर आप किसी एलोपैथिक दवा का सेवन कर रहे हैं, तो पहले उसी का सेवन करें और उसके 30 मिनट बाद ही हर्बल सप्लीमेंट का सेवन करें।
अपराजिता के सेवा के साइड इफेक्ट्स (Side Effects of Aparajita)
अपराजिता से मुझे किन-किन साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है? (Butterfly Pea side effects)
दवा के रूप में अपराजिता के अतिरिक्त सेवन से आपको डायरिया व उलटी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, अगर आप गर्भवती महिला हैं या बच्चे को स्तनपान करवा रही हैं, तो आपको इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए या पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से चर्चा करके पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। वहीं, अगर आपको किसी खाद्य पदार्थ या ड्रग से एलर्जी है या फिर आपकी कोई सर्जरी हुई है, तो आपको बिना डॉक्टरी सलाह के इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि, यह खतरनाक साबित हो सकता है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते, इसलिए इनसे मिल सकने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानने के लिए डॉक्टर या हर्बलिस्ट की मदद लें।
नोट: इस लेख में ऊपर दी गयी सभी जानकारी सिर्फ आपको जागरूक करने के लिए है.आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बिना हम इसके इस्तेमाल की सलाह नहीं देते हैं
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