आज का जीवन पूरी तरह से तनावपूर्ण और केमिकल पूर्ण हैं, आज मनुष्य दिनभर की व्यस्तता के कारण अपने शरीर की तरफ ध्यान देना भूल गया है जिसके चलते समय से पहले बुढ़ापा और चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं.आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप जी ने आपके जीवन को हेल्दी और जवां एवं शरीर को निरोगी बनाये रखने के लिए कुछ प्राचीन आयुर्वेदिक टिप्स/तथ्य बनाकर आपके साथ साझा किये हैं अपने व्यस्त जीवन में से कुछ छड़ निकालकर और इनको अपनाकर आप हमेशा हेल्दी और जवां रह सकते हैं।
आज प्राचीन आयुर्वेद के लाभों से भला कौन नहीं जनता है..??
बच्चे से लेकर नौजवान तक और गर्भवती महिला से लेकर बुजुर्गो तक, आज प्राचीन आयुर्वेद में सबके जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की क्षमता है। प्राचीन आयुर्वेद एक बिलकुल ही अलग पद्धति है। इससे आप बिना किसी साइड इफेक्ट के अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं अपनी समस्या को जड़ से दूर कर सकते हैं।
प्राचीन आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप जी ने आपके हेल्थी जीवन को लेकर कुछ आयुर्वेदिक उपचार आपके साथ साझा किये हैं, जो सभी के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकते हैं। साथ ही इन टिप्स को अपनाने के बाद आप लंबे समय तक जवां, खूबसूरत और हेल्दी रह सकते हैं। आइए जानें कौन से हैं ये प्राचीन आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार हैं।
आपको हेल्दी और जवां बनाये रखने वाले कुछ प्राचीन आयुर्वेदिक टिप्स
1. प्राचीन आयुर्वेद के अनुसार, ‘ब्रह्म मुहूर्त‘ के दौरान यानि सुबह 4-5.30 बजे के बीच उठना सही रहता है।
2. यह बहुत जरूरी है कि आप सुबह-सुबह पानी पीएं। हालांकि, यह ध्यान रखें कि पानी कमरे के तापमान पर होना चाहिए और इसे रात में पहले से शुद्ध तांबे के गिलास में भर कर रख लें।
3. आंखों को प्रतिदिन ताजे पानी या त्रिफला के पानी (जिसे आप रात को बनाकर रख सकती हैं) से साफ करना चाहिए।
4. माथे, बगल और रीढ़ पर पसीना आने तक अपनी क्षमता के अनुसार रेगुलर एक्सरसाइज करें।
5. अपनी बॉडी को डिटॉक्स करने और नेगेटिविटी को दूर करने के लिए सोने से पहले हर रात को अपने पैरों को धोएं। अपने पैरों को नमक के पानी में सोक करने की कोशिश करें।
6. नस्य करना चाहिए। जी हां नस्य का अर्थ है नाक से माध्यम से कुछ बीमारियों का इलाज करना। इसके लिए प्रत्येक नाक में गाय के घी को गुनगुने करके नाक में 3-3 बूंदे डालनी होती है। यह नाक को चिकनाई देने में हेल्प करता है, साइनस को साफ करता है और आवाज, आंखों और मानसिक स्पष्टता में सुधार करता है। इस तरह नाक से प्राण को पोषण होता है और बुद्धि आती है।
7. दांतों, मसूड़ों और जबड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए ऑयल पुलिंग करने की कोशिश करें। इससे आपकी आवाज में सुधार होगा और गालों से झुर्रियां दूर होंगी। गुनगुने तिल के तेल से दिन में दो बार गरारे करें। मुंह में ऑयल को होल्ड करके रखें, इसे जोर से मुंह में चारों ओर घुमाएं, फिर इसे बाहर थूक दें और धीरे से एक अंगुली से मसूड़ों की मसाज करें।
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8. रोजाना अपने पूरे शरीर की तेल से मालिश करना जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं कर सकती हैं, तो कम से कम तीन जरूरी अंगों पर मसाज जरूर करनी चाहिए। जी हां, आपको कान, सिर और पैर पर मसाज करने से आपको खुशी का अहसास होता है और साथ ही सिरदर्द, गंजापन, बालों का सफेद होना और अच्छी नींद के लिए प्रेरित करता है और त्वचा को मुलायम बनाए रखता हैं।
9. अच्छी हेल्थ के लिए रेगुलर एक्सरसाइज विशेष रूप से योग करना बहुत जरूरी होता है। यह बीमारी के खिलाफ सहनशक्ति और प्रतिरोध बनाता है, बॉडी के केमिकल को साफ करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। यह शरीर के अंगों की प्रभावकारिता को बढ़ाता है, भूख और पाचन को बढ़ावा देता है और मोटापे को भी रोकता है।
10. प्राण को अपने पूरे शरीर में हेल्दी तरीके से फ्लो करने में हमेशा सीधे ही बैठें। प्राण, ब्रह्माण्ड-प्राण का वह विशेष काम है, जो मानव-शरीर को अनिवार्य ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। इसकी एनर्जी नासिका-छिद्रों से हार्ट-लेवल तक प्रवाहित होती है।
11. हर शाम 7 मिनट के लिए, एक दीया की लौ पर टकटकी लगाकर त्राटक क्रिया करें। यह आंखों की रोशनी, मेमोरी में सुधार करता है और विचार को अद्भुत स्पष्टता देता है।
अगर आप भी लंबे समय तक हेल्दी और जवां रहना चाहते हैं तो आज से ही इन प्राचीन आयुर्वेदिक टिप्स को अपने रूटीन जीवन में जरूर शामिल करें। आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी कैसी लगी हमें फेसबुक पर कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसी ही और जानकारी पाने के लिए हमारे ऑनलाइन पोर्टल www.iskdmedifit.com के साथ जुड़े रहिये और अपने जीवन को निरगी बनाइये।
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