प्राचीन आयुर्वेद में सेहत से जुड़ी समस्याओं के लिए तमाम तरह के औषधियों के बारे में बताया गया है। डायबिटीज से लेकर ब्लड प्रेशर तक की समस्या में अलग-अलग औषधियों के इस्तेमाल के बारे में बताया गया है। इन्हीं में से एक बहुत शक्तिशाली औषधि है कमरकस, जो कई गंभीर बीमारियों में इस्तेमाल की जाती है। आईएसकेडी मेडीफिट (ISKD Medifit) के इस लेख के माध्यम से प्राचीन आयुर्वेदाचार्य श्री ब्रह्मस्वरूप सिंह बताएँगे कि पलास बृक्ष की गोंद यानी कि कमरकस खाने से स्वास्थ्य को किस तरह से आपको फायदे मिल सकते हैं।
कमरकस को पलास और टेसू के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में कमरकस की पत्तियों, छाल और फल व फूल सभी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कमरकस में एंटी-ऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा होती है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। कमरकस के इस्तेमाल (Kamarkas Ke Fayde) से आप कई गंभीर परेशानियों से बच सकते हैं।
कमरकस क्या है – Kamarkas Kya Hai
पलास या टेसू को ही कमरकस के नाम से जाना जाता है। कुछ लोग इसे कमरकस इसलिए कहते हैं क्योंकि इसका प्रयोग महिलाओं में प्रसव के बाद कमर और शरीर में आई कमजोरी को दूर करने के लिए करते हैं। पलास के पेड़ की डालियों को काटने पर उसमें से एक विशेष प्रकार के चिपचिपा पदार्थ का रिसाव होता है जो सूखकर गोंद की तरह बन जाता है। यह हल्के भूरे रंग का होता है। इसे ही कमरकस या पलास की गोंद कहते हैं। कमरकस का इस्तेमाल औषधि के रूप में विभिन्न समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। कमरकस की तासीर गर्म होती है। आइए जानते हैं इसके फायदे क्या हैं?
कमरकस को विभिन्न भाषाओं में जिन नामों से जाना जाता है वह इस प्रकार से है-
अंग्रेजी में : Flame of the forets
हिंदी में : ढाक ,टेसू और पलास
संस्कृत में : रक्तपुष्पक, किंशुक, वक्रपुष्प
लैटिन में : Butea Monosperma
गुजराती में : खाकरो, केसुदा
मराठी में : पलस, पलास
तेलगु में : मोदुरा, पलाशमु
कमरकस के गुण:
कमरकस में कमर के दर्द को दूर करने वाले, नपुंसकता , स्वप्नदोष को जड़ से मिटाने वाले, गुप्तांगो के सूजन औऱ खुजली को ठीक करने वाले,शारीरिक कमजोरी को दूर करने वाले,बबासीर की बीमारी को ठीक करने वाला और डायबिटीज की बीमारी को दूर करने का गुण पाया जाता है।
कमरकस के उपयोग:
आयुर्वेद में कमरकस का उपयोग बहुत सी बीमारियों के इलाज में किया जाता है।कमरकस का उपयोग टॉन्सिल, बबासीर, कमर दर्द, जोड़ो के दर्द, गुप्तांगो की खुजली, यौनवदुर्बलता, गठिया, पेट के कीड़े, खून की कमी, सर्वाइकल का दर्द, किडनी की सूजन, पेशाब में जलन आदि को दूर करने में उपयोग किया जाता है।
कमरकस के फायदे- Health Benefits Of Kamarkas
कमरकस एक हल्के भूरे रंग का दिखने वाले गोंद जैसा पदार्थ है जो पलास के पेड़ की डालियों को काटने के बाद निकलता है। इसे पलास का गोंद भी कहा जाता है। दरअसल कमरकस में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसकी वजह से इसका आयुर्वेद में विशेष स्थान है। कमरकस का इस्तेमाल करने से आपको इन गंभीर समस्याओं में फायदा मिलता है-
डायबिटीज की समस्या में पलास बृक्ष की गोंद यानी कि कमरकस के फायदे:
डायबिटीज की समस्या में कमरकस का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। कमरकस में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण डायबिटीज मरीजों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। कमरकस के सेवन के बाद ब्लड शुगर कुछ ही घंटों में कम हो जाता है।
ब्लड शुगर के मरीजों के लिए भी कमरकस बहुत फायदेमंद होता है। इसके सेवन के कुछ घंटों बाद ही ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होने लगता है।
जिन लोगों को ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ी हुई रहती है उनको 3 से 5 ग्राम की मात्रा में कमरकस का सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या में कमरकस के फायदे:
कमरकस का इस्तेमाल हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या में बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद गुण ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और वजन को नियंत्रित रखने में भी बहुत फायदेमंद होते हैं।
जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक है उनके लिए कमरकस के पत्तों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इससे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है।
यदि आप कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कमरकस का उपयोग करना चाहते हैं तो इसके लिए कमरकस के पत्तों को पीसकर उसके रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कंट्रोल में रहता है।
पेशाब से जुड़ी परेशानियों में पलास बृक्ष की गोंद यानी कि कमरकस के फायदे:
पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना और किडनी आदि से जुड़ी परेशानियों में भी कमरकस का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। कमरकस में मौजूद गुण इन समस्याओं में बहुत उपयोगी माने जाते हैं।
कमरकस का प्रयोग अक्सर मूत्र संबंधी विकारों में किया जाता है जैसे पेशाब में जलन, सही तरीके से पेशाब ना होना और किडनी से जुड़ी समस्याएं आदि।
शरीर में सूजन के लिए पलास बृक्ष की गोंद यानी कि कमरकस के फायदे:
शरीर में सूजन की समस्या को दूर करने में भी कमरकस का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। इस समस्या में कमरकस की छाल का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है।
जिन लोगों में सूजन की समस्या है उनके लिए कमरकस बहुत फायदेमंद है। हालांकि इस समस्या में कमर कस के फायदे पर और अधिक शोध होने की आवश्यकता है। शरीर के किसी अंग विशेष में सूजन रहने पर कमरकस के पेड़ की छाल को उबालकर कर पीने से सूजन में राहत मिलती है।
दाद को दूर करने में कमरकस के फायदे:
जो लोग शरीर मे कहि भी दाद से परेशान रहते हैं उनके लिए पलास का बीज बहुत ही लाभकारी होता है।
इसके लिए पलास के बीज का चूर्ण बनाकर उसमें नीबू के रस को मिलाकर उसका पेस्ट बनाएं और उस पेस्ट को दाद की जगह पर लगाने से किसी भी तरह का दाद पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
नपुंसकता को दूर करने में पलास बृक्ष की गोंद यानी कि कमरकस के फायदे:
जिनको नपुंसकता की बीमारी है, जिनका वीर्य पतला है, जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की कमी है उनके लिए पलास के वृक्ष की जड़ की छाल का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।
इसके लिए पलास के पेड़ की जड़ की छाल का चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में लेकर दूध के साथ सुबह शाम सेवन करें।नपुंसकता की बीमारी बिल्कुल जड़ से समाप्त हो जाएगी।
अंडकोष की सूजन को ठीक करने के लिए कमरकस के फायदे:
यदि किसी के अंडकोष में किसी कारण से सूजन आ गयी है तो पलास की जड़ की छाल की कूट पीसकर उसका बारीक चूर्ण बना लें।
और 3 से 4 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम पानी के साथ सेवन करें।अंडकोष की सूजन कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगी।
महिलाओं के बाँझपन को ठीक करने के लिए पलास बृक्ष की गोंद यानी कि कमरकस के फायदे:
जिन महिलाओं को किसी कारण से सन्तान सुख की प्राप्ति नहीं होती है,जिनको गर्भधारण नहीं होता है।
उनके लिए पलास के बीज के चूर्ण का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।
इसके लिए पलास के बीज का चूर्ण को लेकर उसमें मिश्री को मिलाये और सुबह – शाम एक-एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन करें ।
पेट में कीड़े को दूर करने के लिए कमरकस के फायदे:
जिन लोगों के पेट में कीड़े होते हैं उनके लिए पलास के बीज के सेवन से लाभ होता है।
इसके लिए पलास के बीज और अजवाइन को मिलाकर चूर्ण बना लें।और सुबह – शाम आधा चम्मच की मात्रा में पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
बच्चेदानी की गांठ और सूजन को दूर करने के लिए पलास बृक्ष की गोंद यानी कि कमरकस के फायदे:
जिन महिलाओं को बच्चेदानी में गांठ या सूजन होती है उनके लिए पलास की जड़ की छाल बहुत ही फायदे मन्द होता है।
इसके लिए पलास की जड़ की छाल को लेकर चूर्ण बना लें और एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन करें।इस प्रयोग से बच्चेदानी की सूजन या गांठे ठीक हो जाती हैं।
खाँसी और सिर दर्द में कमरकस के फायदे:
यदि आप कमरकस का उपयोग खाँसी और सिर दर्द के लिए करना चाहते हैं तो इसके लिए कमरकस की छाल को उबालकर रोजाना पीने से खाँसी और सिर दर्द में राहत मिलती है।
पाचन तंत्र की गड़बड़ी में कमरकस के फायदे:
जो लोग हमेशा पेट की समस्याओं से परेशान रहते हैं उनके लिए कमरकस का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।इसके लिए शाम को 3 से 5 ग्राम की मात्रा में कमरकस को पानी मे भिगो दें और सुबह उसे छानकर पी लें।ऐसा कुछ दिन तक करें।पेट की समस्याओं से राहत मिलेगी।
सिरदर्द की समस्या में कमरकस के फायदे:
सिरदर्द दूर करने के लिए भी कमरकस का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। आप इस समस्या में कमरकस की छाल, फूल और फल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कमजोरी को दूर करने में कमरकस के फायदे:
डिलीवरी के बाद महिलाओं में आई शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए कमरकस का सेवन फायदेमंद है। कमरकस का लड्डू बनाकर सेवन किया जा सकता है।
कमरकस को आप कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।
- कमरकस गोंद का इस्तेमाल आप लड्डू बनाकर कर सकते हैं।
- कमरकस गोंद को आप 3 से 5 ग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर मिश्री के साथ कर सकते हैं।
- यदि आप कमरकस का उपयोग खाँसी और सिर दर्द के लिए करना चाहते हैं तो इसके छाल को उबालकर पी सकते हैं।
- यदि आप कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कमरकस का उपयोग करना चाहते हैं तो इसके पत्तों को पीसकर उसके रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Kamarkas के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q• क्या पुरुष कमरकस खा सकते हैं?
Ans• जी हाँ जिन लोगों का स्पर्म काउंट कम है अथवा स्वप्नदोष या शीघ्रपतन की जैसी समस्याओं से परेशान हैं वे कमरकस खा सकते हैं।
Q• कमरकस खाने से क्या फायदा होता है?
Ans• कमरकस खाने से डायबिटीज,कोलेस्ट्रॉल,सूजन,स्वप्नदोष,शीघ्रपतन और महिलाओं में डिलीवरी के बाद आयी कमर की नसों में कमजोरी को दूर करने जैसी बीमारियों में फायदा होता है।
Q• कमरकस का दूसरा नाम क्या है?
Ans• कमरकस का दूसरा नाम पलास या टेशू है।
Q• कमरकस क्या चीज होती है?
Ans• कमरकस एक पलास के वृक्ष का गोंद होता है।जिसका उपयोग आयुर्वेद में औषधीय रूप में किया जाता है।
Q• कमरकस को कैसे खाना चाहिए?
Ans• कमरकस को आप गोंद के लड्डू बनाकर खा सकते हैं।
Q• कमरकस को हिंदी में क्या कहते हैं?
Ans• कमरकस को हिंदी में करधनी,पेटी, कमरबंद, फेंटा, पलाश का गोंद,चुनिया गोंद आदि नामों से जाना जाता है।
Q• आप कमरकस का उपयोग कैसे करते हैं?
Ans आप कमरकस का उपयोग कमरकस गोंद के लड्डू बनाकर कर सकते हैं।
Q• कमरकस गोंद कैसे खाएं?
Ans• कमरकस को गोंद के लड्डू बनाकर या 2 से 4 ग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर खा सकते हैं।
Q• कमरकस कब खाना चाहिए?
Ans• कमरकस को महिलाओं में डिलीवरी के बाद कमर की नसों में आई कमजोरी को दूर करने के लिए कमरकस गोंद के लड्डू बनाकर खाना चाहिए।
Discussion about this post