गोंद कतीरा पेड़ों से निकलने वाला चिपचिपा पदार्थ होता है। ट्रेगेकैन्थ गम को सामान्य रूप से गोंद कतीरा के नाम से जाना जाता है। यह प्राकृतिक रूप से एस्ट्रागैलस जड़ी बूटियों की विभिन्न प्रजातियों के रस से बनती है। इस की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका सेवन गर्मियों में किया जाता है। सर्दी में इसका सेवन उचित नहीं माना जाता। गोंद कतीरा खाने के फायदे हैं ,इसके सेवन से शरीर में ताक़त बनी रहती है व पेशाब में जलन और पेशाब सम्बंधित बीमारी में यह रामबाण की तरह काम करता है गोंद कतीरा का प्रयोग विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। आईएसकेडी मेडीफिट (ISKD Medifit) के इस लेख के माध्यम से प्राचीन आयुर्वेदाचार्य श्री ब्रह्मस्वरूप सिंह बताएँगे कि गोंद कतीरा खाने से स्वास्थ्य को किस तरह से आपको फायदे मिल सकते हैं।
गोंद कतीरा क्या होता है:
गोंद कतीरा को खांसी, गले में खराश और श्वसन अवरोध जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। एक सुखदायक पेय बनाने के लिए भीगे हुए और सूजे हुए गोंद कतीरा जेल को शहद और नींबू के रस के साथ मिलाएं जो लक्षणों को कम करने और राहत प्रदान करने में मदद कर सकता है।
वैसे तो इसे लोग लड्डू जैसे व्यंजन बनाने के लिए जानते हैं। गोंद कतीरा भारत के उत्तरी भाग में आसानी से मिल जाता है। यह गोंद चिपचिपा, रंगहीन और स्वाद रहित होता है। गोंद कतीरा बबूल, कीकर, नीम की लकड़ी से निकाला जाता है। गोंद कतीरा पानी में घुलनशील है। शीतल और पाचन संबंधी गुणों के कारण गोंद कतीरा का आयुर्वेद में बहुत अधिक इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसा माना जाता है की गोंद कतीरा से बने हुए लड्डू शरीर के लिए अत्यंत गुड़कारी होते हैं । गोंद कतीरा के लड्डू में होने से इनका सेवन और हेवी हो जाते है । कई लोग गोंद कतीरा के लड्डू का सेवन रोज़ाना सुबह दूध के साथ करते हैं इससे आपके शरीर की कई समस्या दूर हो जाती हैं । माना जाता है कि गोंद का सेवन इसे रात में पानी में भिगोकर करना चाहिए।
ऐसे करने से ये आपका दोगुना बेहतर फायदा करता है। गोंद कतीरा पोशाक तत्वों का अद्भुत खज़ाना माना जाता है। गोंद कतीरा शरीर के खून को गाढ़ा करता है, हृदय की कठोरता को दूर करता है और आंतों की खराश को दूर करके बलवान बनाता है। यह शरीर से निकलने वाले खून को रोकता है, सांस के रोग को दूर करता है , खांसी को नष्ट करता व कफ दूर करता है। यह छाती की खरखराहट और फेफड़ों के जख्मों को भी खत्म करता है। इसका प्रयोग जहर को उतारने के लिए भी किया जाता है विशेषकर गर्म मिजाज वालों व्यक्ति के जहर को। पेशाब की जलन, पिरिएइड्स (periods) के दौरान होने वाली समस्या , हाथ-पैरों की जलन, सिर की जलन, खुश्की, अधिक प्यास लगना आदि रोग ठीक होते हैं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इसके फायदे के :
यह सफेद और पीले रंग की बेहद गुणकारी औषधि है। यह औषधि पेड़ से निकलने वाले गोंद के सूखने के बाद बनती है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। गोंद कतीरा बहुत ही लाभदायक औषधि है जो हृदय रोगों, श्वास संबंधी रोगों, टॉन्सिल जैसी समस्याओं में लाभकारी है। इसके अलावा कई अन्य समस्याओं में भी गोंद कतीरा के फायदे देखने को मिलते हैं। आज इस लेख में हम गोंद कतीरा के फायदे के बारे में पढ़ेंगे।
गोंद कितने प्रकार की होती है?
नीम का गोंद:
इसमें एंटीसेप्टिक गुण पाया जाता है चोट के घाव को जल्दी ठीक कर देता है। नीम के गोद मे रक्त को शुद्ध करने का भी गुण पाया जाता है ।
इसका सेवन करने से यह शरीर में रक्त की गति को बढ़ाने के साथ – साथ शरीर को ताकत और स्फूर्ति देता है।यह चर्म रोगों में भी लाभ करता है।
हींग का गोंद:
यह एक प्रकार का हींग के पौधे की जड़ में चीरा लगाकर उसमें से निकलने वाले दूध से तैयार होता है।आयुर्वेद में इसका प्रयोग पेट से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में किया जाता है।
आम का गोंद:
यह आम की शाखाओं और पेड़ों की छाल को काटने से निकलता है।आयुर्वेद में इसका प्रयोग फोड़े फुंसी और चर्म रोगों को दूर करने में किया जाता है।
बबूल या कीककर का गोंद:
इसका गोंद भी इसके पेड़ और डालियों में चिरा लगाकर प्राप्त किया जाता है ।इसके गोंद में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, विटामिन्स ,प्रोटीन ,आयरन और फोलिक एसिड पाया जाता है जो शरीर को ताकत प्रदान करता है।
पलास का गोंद:
यह गोंद पलास के पेड़ और डालियों में चीरा लगाकर निकल जाता है। इसे कमरकस भी कहा जाता है।इसका प्रयोग डिलीवरी के बाद महिलाओं की कमर में आयी कमजोरी को दूर करने के लिए किया जाता है
रक्त की समस्या में गोंद कतीरा के फायदे: (Benefits of gond katira for blood associated problems)
गोंद कतीरा में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाएं जाते है। गोंद कतीरा शरीर के खून को गाढ़ा करता है। माना जाता है कि 10 से 20 ग्राम गोंद कतीरा रात को पानी में भिगोने और सुबह उसी पानी में मिश्री मिलाकर शर्बत बनाकर सेवन करने से रक्त से संबंधित सभी समस्या दूर होती है।
हाथ पैरों की जलन और गर्मी से राहत दिलाता है गोंद कतीरा :
गर्मी में ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन अधिक किया जाता है ताकि शरीर को ठंडा रखा जा सके। यदि आप भी हाथ पैरों में जलन की समस्या और शरीर में गर्मी महसूस करते हैं तो आप गोंद कतीरा का इस्तेमाल कर सकते हैं। गोंद कतीरा शरीर को लू और हीट स्ट्रोक से भी बचाता है। दो चम्मच कतीरा को रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह जब कतीरा फूल जाए तो इसमें शक्कर मिलाकर खाएं। गोंद कतीरा शरीर को ठंडा रखने का काम करता है। यदि आपको शरीर में बहुत अधिक गर्मी महसूस हो रही है तो कतीरा को पानी में भिगो लें और इस पानी में मिश्री मिलाएं और शरबत बनाकर इसका सुबह-शाम सेवन करें। इससे शरीर की गर्मी कम होती है।
कमजोरी करें दूर करने में गोंद कतीरा के फायदे:
इसमें फॉलिक एसिड और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गोंद कतीरा के इस्तेमाल से शरीर में तुरंत ताकत आती है। 20 ग्राम गोंद कतीरा को एक गिलास पानी या दूध में भिगोकर रात भर रखें और फिर सुबह इसमें मिश्री मिलाकर इसका शरबत बनाकर पिएं। ऐसा करने से शरीर में हो रही कमजोरी से छुटकारा मिलता है। यही कारण है कि महिलाओं के लिए गोंद कतीरा काफी अच्छा माना जाता है।
यदि किसी कारणवश शरीर मे कमजोरी आ गयी हो तो गोंद कतीरा में नियमित प्रयोग से शरीर मे आयी कमजोरी शीघ्र दूर हो जाती है।
क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड,कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए 10 ग्राम गोंद कतीरा को एक गिलास पानी में रातभर के लिए भिगो दें ।और सुबह मिश्री को मिलाकर सेवन करे।
वजन घटाने में गोंद कतीरा के फायदे:
गोंद कतीरा के फायदे में यह भी गिना जाता है कि यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही साथ यह मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है। गोंद कतीरा में बहुत अधिक फाइबर कंटेंट मौजूद होते हैं। साथ ही यह पेट और पाचन तंत्र में भी सुधार करने के लिए जाना जाता है।
वजन घटाने के लिए गोंद कतीरा बहुत इस्तेमाल किया जाता है और इसे गोंद कतीरा के फायदे में से एक माना जाता है। यदि आप अपना वजन घटाना चाहते हैं तो लगातार 6 सप्ताह तक नियमित रूप से 3 ग्राम बबूल गोंद का सेवन करें। यह शरीर की वसा को कम करता है, भूख पर नियंत्रण करता है। इसे लेने के लिए खाली पेट गुनगुने पानी में एक चम्मच रात भर भिगोकर रखा हुआ गोंद कतीरा डालकर पिएं।
सिर के दर्द में गोंद कतीरा के फायदे: (Benefits of gond katira for headache)
सिर दर्द की समस्या आजकल हर व्यक्ति को और अब तो ये समस्या बच्चों में भी होने लगी है । तो लगभग 4 ग्राम मेंहदी के फूल और लगभग 3 ग्राम गोंद कतीरा को मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें और सुबह मिश्री के साथ पीस कर इसका सेवन करें, इससे सिर दर्द के अलावा जलन और सिर के बालों का झड़ना भी बंद हो जाएंगे। गोंद कतीरा का सेवन सिर के साथ बालों के लिए भी लाभदायक होता है।
हाथ -पांव के जलन को दूर करने में गोंद कतीरा लाभदायक:
जिन लोगों के हाथ -पांव के तलुओं में जलन हुआ करता है उन लोगों को गोंद कतीरा का सेवन जरूर करना चाहिए।
इसके लिए 10 ग्राम गोंद कतीरा को एक गिलास पानी में रात को भिगो दें ।और उसमें मिश्री मिलाकर सेवन करने से हाथ -पांव की शीघ दूर हो जाती है।
पुरुषों के लिए गोंद कतीरा फायदेमंद:
गोंद कतीरा के फायदे में से एक है कि यह पुरुषों में किसी भी प्रकार की यौन अपर्याप्तता के इलाज में एक बहुत ही प्रभावी उपाय हैं। पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाने के लिए गोंद कतीरा बहुत मदद करता है इसलिए पुरुषों के लिए गोंद कतीरा काफी लाभकारी माना जाता है। यह काफी हद तक पुरुषों में प्रजनन संबंधित समस्याओं में भी काम आता है।
इसके अलावा पुरुषों में होने वाली समस्याओं जैसे स्वप्नदोष, शीघ्रपतन के लिए गोंद कतीरा के फायदे सामने आए हैं। इन सभी समस्याओं के इलाज के लिए 10 ग्राम गोंद कतीरा लें और इसे एक कप पानी में रात भर के लिए भीगने दें। सुबह इसमें एक चम्मच चीनी मिलाएं और इसका सेवन करें। ऐसा करने से पुरुषों में होने वाली अनेकों समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
जिन लोगों को रात को सोते समय स्वप्नदोष (Nightfall)हो जाया करता है।उन्हें गोंद कतीरा के पाउडर को दूध में मिलाकर सेवन करना चाहिए । इसके सेवन से स्वप्नदोष की समस्या दूर हो जाती है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में गोंद कतीरा फायदेमंद:
यदि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तो आप कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं और कोरोना काल में तो इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बेहद जरूरी है। ऐसे में अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए आप गोंद कतीरा का इस्तेमाल कर सकते हैं। गोंद कतीरा कमजोर तंत्रिका तंत्र, चिंता, अवसाद के अलावा ज्यादा और कम विटामिन डी के स्तर वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है। मजबूत इम्यूनिटी के लिए आप रात भर पानी में गोंद कतीरा को भिगोकर रख दें और इसका एक पौष्टिक पेस्ट बनाकर इसका सेवन करें। आप अंडा, बादाम पाउडर और दूध जैसी चीजें मिलाकर भी गोंद कतीरा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
भीषण गर्मी में गोंद कतीरा के फायदे: (Benefits of gond katira in hot summers)
गोंद कतीरा का सेवन भीषड़ गर्मी में भी अत्यंत फायदेमंद होता है। इसमें अद्भुत शीतलन गुण होते हैं और इस प्रकार इसे अक्सर एक पेय पदार्थ के रूप में प्रयोग किया जाता है जो गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडा करने में मदद करता है। यह कूलिंग एजेंट की तरह काम करता है और शरीर के तापमान को कम करता है। यह टर्न हीट स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है। गोंद कतीरा अत्यधिक गर्मी के मौसम में बच्चों में अक्सर होने वाले नकसीर( एक बीमारी ) को नियंत्रित करने में बहुत लाभदायक है।
पेट संबंधित समस्याओं का गोंद कतीरा से करें इलाज:
अगर आपको पेट संबंधित परेशानियों से जल्द राहत चाहिए तो आप गोंद कतीरा का इस्तेमाल करें। गोंद कतीरा के इस्तेमाल से पेट की समस्याओं में राहत मिलती है। इससे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या दूर होती है। इसके अलावा पेट में दर्द, पेट फूलना, सूजन, कब्ज आदि की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। पेट संबंधी समस्याओं में गोंद कतीरा को दही के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें। ऐसा करने से जल्द आराम मिलेगा।
टॉन्सिल में फायदेमंद गोंद कतीरा:
यदि टॉन्सिल जैसी परेशानी भी आपको बार-बार परेशान करती हैं तो आप दो भाग कतीरा और दो भाग नानख्वा को बारीक पीस लें। फिर इसमें हरी धनिया पत्ती का रस मिलाकर एक पेस्ट बनाएं इस पेस्ट और रोजाना गले पर लगाएं। ऐसा करने से आपको जल्द ही टॉन्सिल की समस्या से आराम मिलेगा। इसके अलावा 10 से 20 ग्राम गोंद कतीरा को पानी में भिगोकर फूला लें और इसमें मिश्री मिलाकर इसका शरबत बनाएं और सुबह शाम इसे पिएं। ऐसा करने से भी टॉन्सिल की समस्या में फायदा होता है।
महिला संबंधी परेशानियों में रामबाण गोंद कतीरा:
महिलाओं के लिए गोंद कतीरा बहुत ही फायदेमंद है। कई महिलाओं को अनियमित पीरियड की समस्या रहती है। इस अनियमित पीरियड्स के कारण खून की कमी हो जाती है। डिलीवरी के बाद महिलाओं में बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है। इन सभी परेशानियों में राहत दिलाने का काम गोंद कतीरा करता है। यदि आप गोंद कतीरा को मिश्री के साथ पीस लें और इसमें कच्चा दूध मिलाकर खाएं तो आपको बहुत फायदा होगा। इसके अलावा इससे पीरियड्स के समय होने वाले पेट के दर्द और ऐंठन में भी आप को राहत मिलेगी।
कुछ महिलाएं अपने कम ब्रेस्ट साइज को लेकर बहुत परेशान रहती हैं ऐसे में यदि वह गोंद कतीरा का इस्तेमाल करती है तो वह अपनी इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच गोंद कतीरा रात भर भिगोकर छोड़ दें फिर इसे शहद मिलाकर पी सकते हैं। इससे इस समस्या में फायदा होता है।
पीरियड्स खत्म होने के बाद भी महिलाओं की समस्याएं कम नहीं होती इसके बाद उन्हें मोनोपॉज की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के लिए आप गोंद कतीरा और दूध का सेवन कर सकते हैं। आप चाहे तो गोंद के लड्डू का सेवन भी कर सकती हैं। इन्हीं सब कारणों से महिलाओं के लिए गोंद कतीरा अच्छा माना जाता है।
जिन महिलाओं को मासिकधर्म के दौरान बहुत अधिक ब्लीडिंग होती है, मासिकधर्म के समय बहुत दर्द का सामना करना पड़ता है या मासिकधर्म आनियमित होता है। तो ऐसी महिलाओं के लिए गोंद कतीरा का सेवन अमृत के समान गुणकारी होता है। इसके लिए भीगे हुए गोंद कतीरा में मिश्री मिलाकर खाने से मासिकधर्म की समस्या बहुत जल्द दूर हो जाती है।
महिलाओं के स्तन के साइज को बढ़ने में गोंद कतीरा के फायदे:
जिन महिलाओं के स्तन का साइज कम होता है और वे अपने स्तन के आकार को बढ़ाना चाहती हैं उनके लिए गोंद कतीरा का सेवन जरूर करना चाहिए।इसके लिए गोंद कतीरा को भिगो कर दूध के सेवन करना चाहिये।
बालों के लिए गोंद कतीरा है लाभकारी
आज के प्रदूषण भरे वातावरण में बालों को स्वस्थ रखना एक भारी चुनौती है। आज हर कोई बालों में होने वाली अनेकों समस्याएं जैसे बालों का झड़ना, बालों का समय से पहले सफेद होना और बालों में रूसी जैसी समस्याओं से परेशान है। ऐसे में गोंद कतीरा का बालों के लिए इस्तेमाल आपकी इस समस्या से आपको छुटकारा दिला सकता है। इसके लिए 10 ग्राम से 20 ग्राम गोंद कतीरा को रात भर पानी में भिगोकर फुला लें फिर इसे मिश्री के साथ घोटकर और इसका शरबत बनाकर पिएं।
ऐसा करने से आपको बालों की समस्या में फायदा होगा। इसके साथ ही आप गोंद कतीरा का पेस्ट बनाकर बालों पर भी लगा सकते हैं। यह बालों की देखभाल के लिए बालों में कंडीशनर या मास्क की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा करने से सूखे बेजान बालों में चमक आती है। इसके अलावा वज़न घटाने के लिए गोंद कतीरा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
त्वचा में लाए निखार गोंद करतीरा के फायदे:
त्वचा के लिए गोंद कतीरा बहुत लाभकारी होती है। त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए गोंद कतीरा को आप रोज सुबह खाली पेट अच्छी तरह से चबा-चबा कर खाएं। इसके बाद आधे घंटे तक कुछ भी ना खाएं। यदि आप नियमित रूप से ऐसा करते हैं तो आप अपनी त्वचा पर काफी फर्क देख सकते हैं। गोंद कतीरा को सुबह खाली पेट दूध के साथ खाना भी बहुत फायदेमंद होता है। यदि आप चेहरे पर झुर्रियों की समस्या से परेशान है तो आप रोज सुबह एक गिलास दूध में गोंद कतीरा और मिश्री डालकर पिएं। ऐसा करने से चेहरे की झुर्रियां कम होंगी और स्किन भी टाइट होगी और झुर्रियों के साथ-साथ झाइयां भी कम हो जाएंगी।
यदि पिंपल और एक्ने जैसी समस्याओं से परेशान हैं तो भी गोंद कतीरा में मौजूद पोषक तत्व आपकी इस समस्या से आपको निजात दिला सकते हैं। गोंद कतीरा ब्लड को साफ करने का काम करता है जिससे चेहरे के पिंपल और एक्ने कम होते हैं। साथ ही साथ रूखी और बेजान त्वचा निखर जाती है। गोंद कतीरा में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो कि स्किन को ग्लोइंग बनाने में फायदेमंद है। गोंद कतीरा में आयरन और फॉलिक एसिड पाया जाता है जिससे शरीर में ब्लड का प्रवाह सही बना रहता है और आपकी त्वचा का निखार भी बना रहता है। त्वचा के लिए गोंद कतीरा के फ़ायदों की वजह से इसका काफी इस्तेमाल किया जाता है।
इसके लिए 10 ग्राम गोंद कतीरा को भिगोकर उसमे मिश्री को मिलाकर शरबत बनाकर सेवन करें।
क्योंकि की गोंद कतीरा की तासीर ठंडी होती है ।जो पेट की गर्मी को शांत करने में सहायक होता है।
इसके लिए 10 ग्राम गोंद कतीरा को रात में एक गिलास पानी मे भिगो दें।और सुबह उसमे मिश्री को मिलाकर सेवन करें।
गोंद कतीरा के सेवन का सही तरीका
गोंद कतीरा और गोंद दोनों अलग-अलग चीज है। अक्सर लोग इन्हें एक ही समझते हैं। गोंद कतीरा थोड़ा मोटा होता है और इसमें किसी भी तरह की चमक नहीं होती। गोंद कतीरा की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका इस्तेमाल गर्मियों में अधिक किया जाता है। यह पानी और दूध में भिगोने पर फूल जाता है जबकि गोंद पानी और दूध में फूलता नहीं है, देखने में छोटा होता है और चमकदार होता है।
गोंद की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका इस्तेमाल सर्दियों में लड्डू बनाने के लिए किया जाता है। अगर आपको पता है कि गोंद कतीरा को कैसे खाएं और किस समय पर खाएं तो इससे काफी सारे लाभ मिलते हैं। ज्यादातर गोंद कतीरा को सुबह खाली पेट अच्छी तरह से चबाकर खाना चाहिए। इसे भिगोकर भी खा सकते हैं। गोंद कतीरा को सुबह खाली पेट दूध के साथ खाना भी फायदेमंद होता है। गोंद कतीरा को मिट्टी के बर्तन में रात भर दूध या पानी में भिगोकर छोड़ दें फिर इसमें मिश्री मिलाकर अच्छे से मिक्स करके खाएं।
मिश्री के साथ खाने से इसके फायदे और बढ़ जाते हैं। गोंद कतीरा का सेवन सुबह उठकर खाली पेट करने से फायदा मिलता है लेकिन यदि आप इसे दिन में किसी और समय खाना चाहते हैं तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि इसे खाने के 30 मिनट तक आप और कुछ भी ना खाएं। गोंद कतीरा की चाय भी लोग बड़े चाव से पीते हैं। इस तरह से अगर आपको पता है कि गोंद कतीरा को कैसे खाएं तो इसके सेवन के कुछ ही दिनों बाद आपको अपनी परेशानियों में खुद ही फर्क महसूस होने लगेगा।
गोंद कतीरा के नुकसान
- गोंद कतीरा चिपचिपा होता है इसलिए इसे पचाना आसान नहीं होता। यह आपकी आंतों और नसों में रह जाता है। जिससे यह पाचन तंत्र पर असर डालता है। इसलिए गोंद कतीरा खाने के बाद आपको पानी बहुत अधिक मात्रा में पीने की सलाह दी जाती हैं। अगर आप पानी कम पीते हैं तो इससे आपको अपच, कब्ज, सूजन, ब्लोटिंग और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह गोंद कतीरा के नुकसान में से एक है।
- श्वास संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों को गोंद कतीरा का सेवन बहुत ही सीमित मात्रा में करना चाहिए। अगर बहुत अधिक मात्रा में वे लोग इसका सेवन करते हैं तो इससे उनकी स्थिति और भी बिगड़ सकती हैं। इससे सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- गोंद कतीरा का अधिक सेवन करने से उल्टी की समस्या हो सकती हैं और यह समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती हैं।
- कुछ लोगों को गोंद कतीरा के इस्तेमाल से एलर्जी की समस्या हो जाती है जिससे लोगों की त्वचा में चकत्ते, खुजली और दाने जैसी समस्या देखने को मिलती है। अगर आपको भी गोंद कतीरा के सेवन के बाद इस तरह की समस्याएं होती हैं तो ऐसे में अपने चिकित्सक की सलाह से ही इसका सेवन करें।
- गर्भवती महिलाओं को और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना गोंद कतीरा का सेवन ना करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे गर्भावस्था के दौरान परेशानियां बढ़ सकती हैं इसलिए गर्भवती महिलाओं को गोंद कतीरा के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- यदि आप एलोपैथिक दवा का सेवन कर रहे हैं तो कम से कम 1 घंटे के अंतराल के बाद ही इस जड़ी बूटी का सेवन करें।
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