माहवारी (पीरियड) क्या है?
पीरियड या माहवारी एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जिसमें आपके यूटेरस के अंदर से रक्त और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। यह आमतौर पर महीने में एक बार होता है। लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का मतलब है कि उनका शरीर अपने आप को संभावित गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के लिए तैयार करता है। एस्ट्रोजन, और प्रोजेस्ट्रोन जैसे हॉर्मोन अंडाशय (ओवरी) से निकलते हैं। ये वो फ़ीमेल सेक्स हॉर्मोन हैं जो यूटेरिन लाइनिंग या एंडोमेट्रियम का बनना शुरू कराते हैं जोकि एक फर्टिलाइज़्ड एग को पोषित करते हैं।
यही हॉर्मोन ऑव्युलेशन के दौरान किसी एक ओवरी में से एग निकालने की प्रक्रिया को भी शुरू करते हैं। यह एग फेलोपियन ट्यूब से होकर गुजरता है और यूटेरिन लाइनिंग से जुड़ जाता है – जोकि फ़र्टिलाइज़ेशन के लिए तैयार है।
यह लाइनिंग बनने, टूटने, और निकलने में करीब 28 दिन लेती है। ज़्यादातर महिलाओं में पीरियड साइकिल 21 से 35 दिनों के बीच में कभी भी होती है।
मेनोपॉज क्या है ..?
कुदरती रूप से जब महिलाओं में मासिक धर्म चक्र पूरी तरह बंद हो जाता है तो उस स्थिति को रजोनिवृति (मेनोपॉज) कहते हैं। रजोनिवृति (मेनोपॉज) में महिलाएं मां बनने की क्षमता खो देती है। महिलाओं के लिए शरीर की ये अवस्था उसके लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर बहुत सारे बदलाव लाती है।
अगर किसी महिला को 40 साल की उम्र से पहले मीनोपॉज होता है तो उसे प्रीमेच्योर मीनोपॉज कहते हैं। जिन महिलाओं को 41-45 साल की उम्र में मीनोपॉज होता है उसे अर्ली मीनोपॉज(Early Menopause) कहते हैं। भारत में ज्यादातर महिलाओं को मीनोपॉज 46 साल की उम्र में होता है।
पीरियड साइकिल क्या है?
पीरियड साइकिल या मेंस्ट्रुअल साइकिल आपके पीरियड के पहले दिन और अगले पीरियड के बीच का समय है। उदाहरण के लिए अगर आपका पिछले पीरियड 10 जनवरी को शुरू हुआ था और आपका अगला पीरियड 8 फरवरी को आया, तो इसका मतलब है कि आपकी मेंस्ट्रुअल साइकिल 10 जनवरी से 8 फरवरी के बीच का समय है। इस इन चार चरणों में अच्छे से समझा जा सकता है:
- आपकी यूटेरिन लाइनिंग 28 दिनों में मोटी हो जाती है और आपके पीरियड शरू होने पर टूटने लगती है। आपके पीरियड का पहला दिन आपकी मेंस्ट्रुअल साइकिल का पहला दिन होता है।
- औसतन एक पीरियड 2 से 7 दिनों तक चल सकता है और इस समय के दौरान यूटेरिन लाइनिंग टूटटी है और वजाइना से बाहर निकल जाती है। जैसे ही आपका पीरियड ख़त्म होता है यूटेरिन लाइनिंग फिर से मोटी हो जाती है – ताकि संभावित प्रेगनेंसी के लिए तैयार हो सकें।
- चौदवे दिन के करीब, ओवरी एग बाहर निकालती हैं और इस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहते हैं, यहाँ से यह एग यूटेरस में जाकर यूटेरिन लाइनिंग से जुड़ जाता है।
- अगर इस पीरियड के दौरान, एग फर्टिलाइज़्ड नहीं होता है, तो यूटेरस की लाइनिंग टूट जाती है और बाहर निकलने लगती है और फिर से पीरियड आ जाता है।
- प्यूबर्टी की शुरुआत से यह पूरी साइकिल बार-बार होती है मतलब आपके पहले पीरियड से लेकर मेनोपॉज़ तक, मतलब आपका पीरियड आना बंद होने तक। ज़्यादातर महिलाओं को 40 वर्ष की उम्र के बाद से 50 वर्ष की उम्र के दौरान मेनोपॉज़ के लक्षणों का और फिर पीरियड पूरी तरह से बंद हो जाने का अनुभव होने लगता है।
- जब आपके पीरियड आना शुरू होते हैं, आपकी मेंस्ट्रुअल साइकिल कुछ सालों के लिए अनियमित होती है और इसके आने का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। क्योंकि इस समय आपका शरीर अपना प्राकृतिक तालमेल बना रहा होता है, जोकि पूरी तरह से सामान्य है। एक बार यह तालमेल बैठ जाए, फिर आपके पीरियड हर महीने आना शुरू हो जाते हैं।
पीरियड के समय होने वाले दर्द को कैसे कम करें?
आमतौर पर जैसे-जैसे दिन बीतते जाते हैं पीरियड का दर्द कम होता जाता है लेकिन अगर पीरियड का दर्द आपके रोज के कामों में रुकावट ला रहा है तो आप इन नुस्खों को आजमा सकते हैं:
- एक हॉट वाटर बैग या दर्द से चटकारा देने वाला गर्म पैड आपके पीरियड के दर्द को असरदार रूप से कम कर सकता है।
- दर्द निवारक दवाई लें।
- हालाँकि अगर दर्द निवारक गोलियों से पीरियड के दर्द में कोई राहत ना मिले, तो आपको अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
पीरियड्स में क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए इन हिंदी:
पीरियड यानी के मासिक धर्म ये महिलाओं के शरीर में होने वाली अहम् प्रक्रिया है और महिलाओं के अच्छे स्वास्थय के लिए इसका सही समय पर होना जरुरी है। पीरियड के दौरान शरीर में बदलाव, पेट और कमर में दर्द जैसी कई परेशानियां होती है और अगर मासिक धर्म में सावधानी बरती जाये तो इन परेशानियों को कम किया जा सकता है।
Period के दौरान अक्सर महिलाओं के मन में कुछ सवाल होते है जैसे की पीरियड्स में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाएं, क्या पीरियड्स के समय मेल करना ठीक है, पीरियड्स में एक्सरसाइज और योग करना चाहिए या नहीं और भूल कर भी पीरियड के समय क्या काम नहीं करना चाहिए। आज इस लेख में हम इन सब सवालों का जवाब जानेंगे और पढ़ेंगे पीरियड में क्या करें क्या न करे।
कोशिश करें कि आप जो भी आहार लें वो पौष्टिक ही हो. अगर पीरियड्स के दौरान आपको तेज दर्द होता है या फिर पीठ में अकड़ आ जाती है तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप शारीरिक श्रम करने से बचें. वरना आपके शरीर का ये दर्द और अधिक बढ़ सकता है. पीरियड्स के दौरान ये बहुत जरूरी है कि आप हर तीन घंटे पर सैनेटरी नैपकिन बदलती रहें.
Symptoms of Menopause in Hindi – मेनोपॉज के लक्षण हिंदी में
हालाँकि रजोनिवृत्ति कोई बीमारी या विकार नहीं है, बल्कि यह किसी महिला के शरीर में कुछ गहरा परिवर्तन ट्रिगर करता है। मेनोपॉज (Menopause Meaning in Hindi) या रजोनिवृत्ति की पहचान की तब पुष्टि हो जाती है जब एक महिला के पास मासिक धर्म की अवधि नहीं होती है। हालांकि, रजोनिवृत्ति के लक्षण (Symptoms of Menopause in Hindi) आमतौर पर उस एक वर्ष की अवधि के अंत से पहले प्रकट होते हैं। लक्षण इस प्रकार हैं-
- मासिक धर्म चक्र का नुकसान
- गर्म चमक और रात पसीना
- कम प्रजनन क्षमता
- हृदय रोग
- ऑस्टियोपोरोसिस
- भावनात्मक परिवर्तन
- योनि में सूखापन / संक्रमण
- असंतुलन / मूत्र पथ संक्रमण
- सेक्स ड्राइव में गिरावट
- अनिद्रा – Insomnia Meaning in Hindi
- ध्यान केंद्रित करने और याद करने में परेशानी होना
- मोटापा
- बाल झड़ना/ बाल पतले हो जाना
- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन
- वजन बढ़ जाना
- डिप्रेशन
- घबराहट
- जोड़ों में कठोरता
- शरीर के अन्य अंगों जैसे चेहरे, गर्दन, छाती पर बाल आना
- सरदर्द
- जोर से दिल का धड़कना
मासिक धर्म में सावधानी – Masik Dharm in Hindi
- शरीर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दे।
- खाना पीना ना छोड़े और पौष्टिक भोजन खाये।
- दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल डॉक्टर की राय से ही करे।
- जंक फूड और किसी भी प्रकार के नशे से परहेज करे।
- भारी वजन उठाने और थका देने वाले योग एक्सरसाइज से बचे।
पीरियड्स में क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए: Period Me Kya Kare Kya Na Kare in Hindi
1. पीरियड्स के दौरान मेल बना सकते है या नहीं अगर आप का भी यही सवाल है तो जवाब है हाँ आप पीरियड में आपसी मेल बना सकते है।
2. इस दौरान मेल करना आसान होता है, चिड़चिड़ापन तनाव कम होता है और पीरियड का टाइम भी कम हो जाता है जिससे शरीर में दर्द पैदा करने वाले तत्व बाहर निकल जाते है।
3. गलत तरीके से मेल ना बनाये और ऐसा भूल कर भी ना सोचे की पीरियड्स के समय मेल होने से आप गर्भवती (pregnant) नहीं हो सकती, हां गर्भ ठहरने की संभावना कम होती है पर फिर भी सावधानी जरुरी रखनी चाहिए।
4. पीरियड्स में दर्द कम करने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा (medicine) ना खाये। इससे आपके शरीर और हार्मोन पर बुरा असर पड़ता है। दर्द का इलाज के लिए आप घरेलू नुस्खे और उपचार कर सकते है।
5. कुछ महिलायें mc के दौरान खाना पीना कम कर देती ही या छोड़ देती है। पीरियड्स में भूल कर भी खाना नहीं छोड़ना चाहिए इससे आप की परेशानी और बढ़ जाएगी। पौष्टिक आहार लेने पर शरीर में कमजोरी नहीं आती है।
6. अगर पेट और कमर में तेज दर्द हो रहा हो तो माहवारी में व्यायाम और ज्यादा श्रम नहीं करना चाहिए, नहीं तो आप का दर्द और बढ़ सकता है।
7. Periods me kya kare in hindi इस बात का ध्यान रखना जरुरी है की हर 3 घंटे में पैड बदले। इससे आप इन्फेक्शन और बदबू से दूर रहेंगे।
8. माहवारी के दिनों में ज्यादा तंग कपड़े नहीं पहनना चाहिए। ऐसे कपड़े पहने जिसमें आप आराम महसूस करें।
9. पीरियड के समय एक दम पेट भर खाना नहीं खाना चाहिए। अगर आप दिन भर में 2 बार खाना खाते है तो अपनी डाइट को 4 बार में खाये। इससे पाचन क्रिया अच्छी होती है और पेट पर दबाव कम पड़ता है।
10. पानी ज्यादा पीना चाहिए। पीरियड्स के समय खूब सारा पानी पिए इससे आप का शरीर साफ रहता है।
पीरियड में एक्सरसाइज और योग करना चाहिए या नहीं – Periods Me Yoga Exercise in Hindi
- पीरियड्स में महिला के शरीर में काफी बदलाव होते है जिसके बारे में ध्यान रखना जरुरी है। अगर आपका मन exercise या yoga करने का नहीं तो इसे ना करना ही अच्छा है।
- क्या पीरियड्स में एक्सरसाइज योग करनी चाहिए अगर आपके मन में भी ये सवाल है तो इसका जवाब है हां, period me yoga aur exercise kar sakte hai.
- मासिक धर्म में व्यायाम से दर्द और शरीर की ऐंठन को कम करने में मदद मिलती है पर व्यायाम हल्का ही करना चाहिए।
- योग में भी मुश्किल आसन करने से बचे और ऐसे योग ना करे जिसमें शरीर को उल्टा करना पड़ता हो। इससे तनाव कम करने और सूजन को दूर करने में मदद मिलती है।
- पीरियड में सबसे अच्छी और आसान एक्सरसाइज है पैदल चलना, इसके लिए आप सुबह शाम सैर के लिए भी जा सकते है।
- पीरियड में कौन सा योग करना चाहिए – बालासन। ये दर्द दूर करने और तनाव व खिंचाव से राहत पाने में अच्छा व्यायाम है।
पीरियड्स में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
- पीरियड्स के दौरान ज्यादा मीठा खाने से परहेज करे और जितना हो सके नमक का सेवन भी कम करना चाहिए।
- अधिक वसा वाला और भारी भोजन खाने से बचना चाहिए जैसे की मीट और फास्ट फ़ूड।
- अगर आप non vegetarian खाना चाहते है तो फिश खा सकते है।
- चाय, कॉफ़ी, सोडा और ऐसी चीजें जिसमें कैफीन अधिक हो खाने से बचे। इससे पेट से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती है।
- चाय कॉफ़ी की जगह अदरक वाली चाय या ग्रीन टी (green tea) का सेवन कर सकते है।
- हरी सब्जियों का सेवन अधिक करे इससे शरीर में खून बनता है और पीरियड के दौरान खून की कमी नहीं होती।
- ज्यादा तला और मसालेदार खाने से भी परहेज करना चाहिए। इसके इलावा ऐसी चीजें भी ना खाएं जिससे पेट में गैस बनती हो।
- पीरियड्स में भूलकर भी शराब का सेवन ना करें नहीं तो परेशानी और बढ़ जाएगी।
- वैसे तो मिर्च मसालेदार खाने से बचना चाहिए पर थोड़ी लाल मिर्च का सेवन अच्छा माना जाता है। इससे खून का प्रवाह सही रहता है।
- Vitamin E पीरियड्स में हार्मोन्स के उतार चढ़ाव को कण्ट्रोल करने में मदद करता है, इसके लिए अंडा और बादाम का सेवन करें।
क्या मासिक धर्म स्वास्थ्य को सुधारने के उपाय है? जानिए विशषज्ञ क्या कहते हैं
मासिक धर्म के स्वास्थ्य (Menstrual Health) और स्वच्छता को अक्सर महिलाएं अनदेखा करती हैं। भले ही यह अत्यंत महत्वपूर्ण हो। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप इसे सुधार सकती हैं।
पीरियड्स आमतौर पर महिलाओं के लिए एक मुश्किल समय होता है। मिजाज से लेकर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) तक, महीने का वह समय आपके दैनिक जीवन में हस्तक्षेप कर सकता है। उग्र हार्मोन और विभिन्न प्रकार की क्रेविंग के बीच में, एक चीज जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है वह है स्वच्छता और मासिक धर्म स्वास्थ्य की देखभाल।
हालांकि, स्वास्थ्य के इन पहलुओं को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। मासिक धर्म स्वच्छता और प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। ताकि शारीरिक बीमारियों और संक्रमणों से बचा जा सके। आपका मासिक धर्म स्वास्थ्य कई दैनिक और मासिक कारकों से प्रभावित होता है। इसलिए दैनिक जीवन में स्वच्छता रखना बहुत जरूरी है।
यहां हैं इंटीमेट हाइजीन को बनाएं रखने के 5 तरीकें
1. अपने शरीर को एक्टिव रखें
आम धारणा के विपरीत, पीरियड्स के दौरान व्यायाम और हलचल से बचना अच्छा विचार नहीं है। वास्तव में, हल्के व्यायाम मासिक धर्म, मानसिक और समग्र स्वास्थ्य के लिए चमत्कार कर सकते हैं। मासिक धर्म के तनाव को कम करने के लिए योग एक अच्छे और विश्वसनीय विकल्प के रूप में कार्य करता है।
निर्देशित योग अभ्यासों के माध्यम से अपने शरीर को ध्यान से चलाने से तनाव और रक्त प्रवाह में सुधार करने में मदद मिल सकती है। यह मासिक धर्म में ऐंठन और दर्द की तीव्रता को कम करता है।
डिजिटलीकरण की शुरुआत के साथ, कोई भी आसानी से ऑनलाइन योग सत्रों का विकल्प चुन सकता है। अपने घर में आराम से इसके लाभों का आनंद ले सकता है। यह मासिक धर्म को बेहतर बनाने में मददगार हो सकते हैं।
2. स्वच्छता का अभ्यास करें
हर समय अंतरंग स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। खासकर आपके पीरियड्स के दौरान। भले ही योनि एक स्व-सफाई वाला अंग है, फिर भी संक्रमण को दूर रखने के लिए योनि को साफ रखने की जरूरत है। इसे सुनिश्चित करने के लिए, योनि को पीएच-बैलेंसिंग क्लींजर की मदद से धो सकते हैं। यह आपके मासिक धर्म के दौरान गंध को कम करने और स्वच्छता बनाए रखने में मदद कर सकता है।
संक्रमण या जलन के मामले में, जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करें। समय पर परामर्श से स्थिति को और अधिक बढ़ने से रोका जा सकता है और अच्छे स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है।
3. स्वस्थ आहार का सेवन करें
पीरियड हाइजीन, वेलनेस के अन्य क्षेत्रों की तरह, आपकी आहार संबंधी आदतों से काफी हद तक प्रभावित होती है। यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति अपने मासिक धर्म और प्रजनन स्वास्थ्य को विनियमित करने के लिए एक संतुलित आहार का सेवन करे। इसमें महत्वपूर्ण पोषक तत्व शामिल होना आवश्यक है।
मासिक धर्म शरीर के लिए थकाऊ हो सकता है, जिससे महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार बनाए रखना और समय पर भोजन करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इससे उनके शरीर को पीरियड्स के साथ आने वाले बदलावों से निपटने में मदद मिलेगी।
4. सप्लीमेंट लें
पीरियड क्रैम्प से राहत पाने के लिए पेन किलर का सेवन एक अच्छा समाधान लग सकता है। लेकिन लंबे समय के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह अच्छा विकल्प नहीं हैं। दर्द निवारक दवाओं के कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं और लंबे समय तक और नियमित उपयोग के बाद अपना असर खो सकते हैं।
इसके बजाय यह सलाह दी जाती है कि किसी समग्र और प्राकृतिक समाधान का विकल्प चुनें। मासिक धर्म चक्र प्रबंधन में सप्लीमेंट सहायक हो सकते हैं। इनमें आवश्यक पोषक तत्व, विटामिन और खनिज होते हैं, जो अच्छे मासिक धर्म की सुविधा प्रदान करते हैं। यह मासिक धर्म के दर्द को कम करते हैं, जिससे प्राकृतिक और सुरक्षित रूप से मासिक धर्म प्रवाह को नियंत्रित करता है।
हालांकि, सामग्री और विक्रेताओं पर अपना शोध करना महत्वपूर्ण है। ऐसे ब्रांड का चयन करना सबसे अच्छा है, जो विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टरों तक पहुंच की अनुमति देते हैं। सुनिश्चित करें कि ब्रांड या विक्रेता को मासिक धर्म की दवाओं और आहार संबंधी आवश्यकताओं के बारे में अच्छी तरह से जानकारी हो। क्योंकि सही पोषक तत्वों का सेवन महत्वपूर्ण है।
5. डॉक्टर से सलाह लें
स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास नियमित रूप से जाना अच्छा अभ्यास माना जाता है। अपनी गाइनी का दौरा करना और समय-समय पर जांच करवाना महत्वपूर्ण है। खासकर 18-20 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए यह अभ्यास जरूरी है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, मासिक धर्म का स्वास्थ्य बदलता है।
यही वजह है कि अपनी सेहत का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर से परामर्श किसी भी अनियमितता या समस्या का पहले से पता लगाने में मदद कर सकता है। इससे आप खराब मासिक धर्म या प्रजनन स्वास्थ्य के लिए किसी भी अंतर्निहित चिंताओं का प्रबंधन कर सकेंगी।
इसके अतिरिक्त, पीरियड्स और पीएमएस भी मन की शांति और संतुलन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। लगातार तनाव भारी महसूस करा सकता है। परामर्श और चिकित्सा के रूप में पेशेवर मदद लेने में कोई शर्म नहीं है। यह किसी के मूड और समग्र स्वास्थ्य में काफी सुधार कर सकता है। सोशल डिस्टेंसिंग और तकनीकी नवाचार के समय में, ऑनलाइन परामर्श तेजी से लोकप्रिय विकल्प बनता जा रहा है।
तो लेडीज, पीरियड्स के दौरान अपने हाइजीन को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह लंबे समय में स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकता है।
पीरियड के वक़्त काम आने वाले अलग-अलग प्रोडक्ट कौन से हैं?/पीरियड मैनेजमेंट के अलग-अलग प्रोडक्ट कौन से हैं?
सबसे ज़रूरी चीज जो आपके पीरियड का अनुभव आरामदायक बना सकती है, वो है पीरियड के लिए सही प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना। पीरियड के लिए ऐसे प्रोडक्ट चुनना जो आपकी ज़रूरतों को पूरा करें आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि आपको उसके लिए कई प्रोडक्ट का इस्तेमाल करके देखना होगा। इसलिए ज़रूरी है कि अपने लिए सही प्रोडक्ट का फैसला करने से पहले आप अलग-अलग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। आपका प्रोडक्ट आपके पीरियड में होने वाले बहाव के हिसाब से होना चाहिए।
हम समझते हैं कि पीरियड आपके लिए दर्द और परेशानी भरा हो सकता है। स्टेफ्री, में हम पीरियड के लिए ऐसे ख़ास प्रोडक्ट बनाते हैं जो सुरक्षित होने के साथ-साथ आरामदायक भी हों ताकि आप खुलकर अपना जीवन जी सकें। स्टेफ्री के सेनेटरी नेपकिन की रेंज आपके लिए कई तरह के प्रोडक्ट लाती है, ताकि आप अपनी पसंद का प्रोडक्ट चुन सकें।
ज़रूरी बातें
लड़कियों के लिए पीरियड बस एक बड़ा होने की प्रक्रिया है और इसमें किसी भी तरह की शर्म की कोई बात नहीं है। अगर आपके मन में इससे जुड़ी कोई भी दुविधा या सवाल हो तो अपने माता-पिता, बड़े भाई-बहन, या डॉक्टर, या टीचर से इस पर खुलकर बात करने की कोशिश करें।
पीरियड आने के दौरान एक डॉक्टर से अक्सर पूंछे जाने वाले सवाल
पीरियड आने की सही उम्र क्या है?
ज़्यादातर लड़कियों में उनका पहला पीरियड 12 साल की उम्र तक आता है। हालंकि, हर लड़की एक दूसरे से अलग होती है और उनका विकास भी अलग-अलग होता है। कुछ लड़कियों में पीरियड 8 साल की उम्र से ही शुरू हो जाते हैं जबकि कुछ में यह 15 साल की उम्र तक भी हो सकता है।
पीरियड में खट्टा खाने से क्या होता है?
मिथक: पीरियड्स के दौरान खट्टे और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। सच: इस तथ्य के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है कि पीरियड्स के दौरान खट्टा क्यों नहीं खाना चाहिए। खट्टे खाद्य पदार्थ विटामिन-सी से भरपूर होते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है। ठंडा चीज़ें भी खाई जा सकती हैं।
पीरियड होने से पहले दर्द क्यों होता है?
यह दर्द आमतौर पर किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को होता है क्योंकि यह पीरियड्स की शुरुआत का संकेत है । पेट में ऐंठन गर्भाशय के सिकुड़ने के कारण होती है । गर्भाशय में खून की कमी के कारण भी दर्द हो सकता है । दर्द मुख्य रूप से पेट के निचले हिस्से में होता है लेकिन जांघों के पीछे और नीचे भी जा सकता है।
क्या पीरियड में दूध पीना चाहिए?
डेयरी प्रोडक्ट न खाएं : डेयरी मतलब दूध, दही या पनीर इन सभी का इस्तेमाल न करें। ये सभी बेहद पौष्टिक हैं लेकिन इनमें एक खास एसिड होता है जो आपके पीरियड के दर्द को बढ़ा सकता है।
पीरियड के समय संबंध बनाने से क्या होता है?
एक्सपर्ट की मानें तो इस दौरान संबंध बनाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन इससे संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है. आमतौर पर योनि का pH स्तर 3.8 से 4.5 होता है लेकिन पीरियड्स में pH स्तर बढ़ जाता है। इससे यीस्ट इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है. पीरियड्स में संबंध बनाने से कुछ महिलाओं में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है.
पीरियड के पहले सफेद पानी क्यों आता है? पीरियड की डेट से कुछ दिन पहले
पीरियड की डेट से कुछ दिन पहले होने वाला वाइट डिस्चार्ज कोशिकाओं और द्रव से भरा होता है। इसका रंग कभी-कभी हल्का पीला भी हो सकता है। परंतु अगर इसके कारण आपको खुजली, जलन या वजाइना में कोई और समस्या नहीं हो रही है, तब तक यह सामान्य माना जाता है।
पीरियड आने के संकेत क्या है?
मासिक धर्म चक्र/मेंस्ट्रुअल साइकल अक्सर पीरियड आने से पहले अपने कई असहज लक्षणों का अहसास करा ही देता है या कहें कि अपने आने का आभास दे देता है। जिनमें, हाथ पैरों में दर्द, पेट के निचले भाग में हल्का सा दर्द होना, मतली आना, थकान, ऐंठन आदि लक्षण शामिल हैं। जो कि पीरियडस शुरू होने के साथ ही बंद भी हो जाते हैं।
पीरियड में रोमांस करने से क्या होता है?
ऐसे में संबंध बनाने से उनका चिड़चिड़ापन कम हो सकता है. पीरियड में संबंध बनाने से ऐंडोरफिंस और ऑक्सिटोसिन शरीर से निष्कासित होते हैं. इसके परिणामस्वरूप दिमाग में प्लेजर सेंटर्स सक्रिय हो जाते हैं और चरम आनंद की अनुभूति होती है. इसके अलावा तनाव से भी छुटकारा मिलता है.
पीरियड्स में कैसे कपड़े पहनने चाहिए?
जबकि पीरियड्स के दौरान बॉडी हगिंग कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए. दरअसल इन दिनों में सूजन और ब्लोटिंग होती है अगर आप टाइट कपड़े पहनेंगी तो ब्लड सर्कुलेशन रुक जाएगा और इससे आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ जाएगा. जहां तक हो पीरियड्स के दौरान हल्के और आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए. जैसे आप ढीले से कुर्ता, टॉप प्लाजो आदि.
क्या पीरियड पर टाइट पैंट पहनना बुरा है?
उच्च कमर वाली स्कर्ट या पैंट (आदर्श रूप से खिंचाव वाली या ढीली) आपको दिखाई देने वाली सूजन का ख्याल रखने में मदद करेगी। और हल्का सा दबाव भी ऐंठन में मदद कर सकता है। सुनिश्चित करें कि आप अपने आप को जकड़न में नहीं फंसाते हैं । अब, पीरियड्स के दौरान जींस एक लोकप्रिय विकल्प नहीं हो सकता है।
Discussion about this post