इसे प्राकृतिक खनिज पदार्थ के रूप में जाना जाता है। महिलाओं और पुरुषों में शिलाजीत के फायदे बहुत ही अद्भुत होते है। यह एक पत्थर की तरह होता है। जिसे बनने में वर्षों का समय लग जाता है। यह प्रकृति से प्राप्त होने वाली एक औषधि है। आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह बताते हैं कि शिलाजीत के इस्तेमाल से स्वास्थ्य को कई फायदे मिलते हैं। यह मनुष्य के शारीरिक और मानसिक विकास (Physical and Mental Development) में बेहद लाभकारी होता है और आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप आगे विस्तार से बताएँगे की मनुष्य जीवा के लिए शिलाजीत का इस्तेमाल क्यों जरुरी है
शिलाजीत क्या है – What Is Shilajit?
गिलगिट क्षेत्र, तिब्बत, हिमालय में स्थित कुछ खास चट्टानें होती है यह उनमें पाई जाती है जो की बहुत ही दुर्लभ है। शिलाजीत को आयुर्वेद में चिकित्सा के लिए औषधि के रूप में इस्तेमाल करते है यह कुछ चिपचिपा पदार्थ जैसा होता है।
हिमालय की चट्टानों से प्राप्त होने वाला यह पदार्थ हजारों साल के विघटन के बाद विकसित होता है जो की पौधों के विघटन से प्राप्त होता है। यह हिमालय की चट्टानों से निकलता है।
यह पदार्थ गर्म होता है जो शरीर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यह चिपचिपा पदार्थ काले और भूरे रंग का होता है। शिलाजीत में कुल 85 मिनरल्स पाए जाते है। जिससे दिमाग तेज होता है और मर्दाना शक्ति बढ़ती है। सूखे हुए शिलाजीत में से गौ मूत्र की तरह गंध आती है इसका स्वाद कड़वा और कसैला होता है।
शिलाजीत को भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक माना जाता है। यह लंबी उम्र और कई अन्य बीमारियों के लिए हजारों वर्षों से उपयोग किया जा रहा है। शिलाजीत एक मोटा, काले-भूरे रंग का खनिज तारकोल है, जो हिमालय पर्वतों में दरारें से गर्मियों में तापमान बढ़ने पर बाहर निकल जाता है। शिलाजीत सदियों पुराने, विघटित पौधों से बना है जो कि विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों का शक्तिशाली स्रोत हैं। यह एक शक्तिशाली अनुकूलन है, जो सभी प्रकार के मानसिक और शारीरिक तनाव से बचाव में मदद करता है।
इसी तरह जब आयुर्वेदिक पद्धति से सेक्शुअल हेल्थ (Sexual Health) सुधारने की बात होती है तो लोगों के मन में शिलाजीत (Shilajit) और अश्वगंधा (Ashwagandha) का नाम आने लगता है।
अधिकतर लोग शिलाजीत और अश्वगंधा को सेक्शुअल हेल्थ इम्प्रूव (Sexual health improvement) करने में मददगार मानते हैं। जबकि हकीकत यह है कि इसका सेवन आपके शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। लेकिन वहीं अगर आजकल के लोगों की बात मानें तो उन्हें लगता है कि शिलाजीत सिर्फ सेक्शुअल हेल्थ के लिए ही होती है। हो सकता है आपका मानना भी यही हो!
शिलाजीत के बारे में तो आपने पहले भी कई बार सुना होगा। शिलाजीत शब्द का संस्कृत में अर्थ है पहाड़ों का विजेता (conqueror of mountains)।
यह एक चिपचिपा पदार्थ होता है, इसे हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं (Himalayan mountain range) से निकाला जाता है। यह सबसे ताकतवर खनिजों में से एक है। इसका उपयोग सेहत से जुड़ी कई समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। शिलाजीत की उत्पत्ति पत्थर से होती है। गर्मियों में सूर्य की तेज गर्मी से पर्वत के धातु अंश पिघलकर रिसने लगते हैं। इस रिसे हुए पदार्थ को ही शिलाजीत कहा जाता है।
सूखने के बाद यह चमकदार पत्थर की तरह नजर आता है। किसी भी पुरुष की प्रजनन क्षमता (Male fertility) को बढ़ाने के लिए इसे सबसे उपयोगी माना जाता है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट (antioxidants), पेप्टाइड्स (peptides), लिपिड (lipids) और मोलिक्यूल्स (molecules) समेत 85 से अधिक मिनरल्स पाए जाते हैं। फुल्विक एसिड (Fulvic acid) शिलाजीत के प्रमुख कंपाउंड में से एक है, जिससे ब्लड प्यूरीफाई (blood purifie) होता है।
असली शिलाजीत की पहचान क्या है?
जिस शिलाजीत को जलते हुए कोयलों के उपर रखने से धुंआ न उठे, लेकिन लगातार जलने के बाद यह बहने लग जानी चाहिए. साथ ही जब उसे जीभ पर रखें तो उसका स्वाद कड़वा हो तो समझना चाहिए कि वो असली शिलाजीत है. इस पहचान करने का एक और तरीका ये है शिलाजीत को पानी में डाल दें और वो पानी में तार की तरह फैलने लगे तो समझिए यह असली शिलाजीत है.
असली शिलाजीत कहाँ मिलता है?
असली शिलाजीत पाकिस्तान द्वारा अधिकृत कश्मीर में हुंजा घाटी के पहाड़ों में पाया जाता हैं। शिलाजीत मध्य एशिया के पहाड़ों में पाया जाता है। पहाड़ों से इसे कच्चे माल के रूप में प्राप्त किया जाता हैं, फिर इसे शुद्ध किया जाता हैं।
कैसे बनता है शिलाजीत
जिस तरह पेड़ो से हमें गोंद प्राप्त होता है उसी तरह शिलाजीत पहाड़ो से निकलने वाला एक तरह का गोंद या टार है । इसके अंदर पहाड़ो की चट्टानों और पेड़ पौधों में पाए जाने वाले प्राकृतिक खनिज लवण पाए जाते है । यह खासकर तिब्बत और हिमालय की चट्टानों में ज्यादा मात्रा में पाया जाता है । चट्टानों से प्राकृतक शिलाजीत निकालने के बाद इसकी सारी गंदगी को फ़िल्टर करके निकाल दिया जाता है । और फिर इसे इसी तरह कच्चा और जड़ी बूटियों के साथ मिलाकर पैक करके बाजार में बेचा जाता है।
हिमालय की ऊंचाइयों पर पर्वतो से निकलने वाला शिलाजीत ही सबसे असरदार माना जाता है । आयुर्वेद के हिसाब से हमारे शरीर में 7 अलग अलग तरह के धातु पाए जाते है । रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, और शुक्र शिलाजीत एक मात्र ऐसी चीज है जिनका इन सभी तरह की धातुओं पर तेजी से असर होता है । आइये जानते है शिलाजीत के आश्चर्जनक फायदों और इसके इस्तेमाल के सही तरीकों के बारे में ।
किन किन लोगो को शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए
ये तो आप जान ही चुके है की शिलाजीत का उपयोग कैसे करे (shilajit ka upyog kaise kare)और कितना करना चाहिए । अब जानते है की शिलाजीत का सेवन कीन्हे नहीं करना चाहिए । जिन लोगो को गंभीर दिल की बीमारी या हाई ब्लड प्रेशर है उन लोगो का इसे सेवन नहीं करना चाहिए । इसके अलावा एनीमिया, थैलीसीमिया, एसिडिटी, हाई ब्लड प्रेशर और पाईल्स के रोगियों को भी शिलाजीत के सेवन से बचना चाहिए साथ ही 12 साल से कम उम्र के बच्चो और गर्भवती महिलाओ को भी शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए
जो लोग हार्मोन्स को बढ़ाने या घटाने की दवाई ले रहे हो उन्हें भी शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए । बुखार और इन्फेक्शन के समय भी शिलाजित का सेवन वर्जित माना गया है । शिलाजीत गर्म होता है इसलिए कोसिस करे की सर्दियों के मौसम में ही इसका सेवन करें।
शिलाजीत एक पावरफुल औषधि है, इसलिए इसका 3 महीने से ज्यादा इस्तेमाल ना करें । 3 महीने के बाद 1 महीने का ब्रेक लेकर इसका दुबारा इस्तेमाल किया जा सकता है । यह आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर या पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जायगा । और अगर आप चाहे तो इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते है ।
दूध में मिलाकर पिएं शिलाजीत, मर्दानगी बढ़ने के साथ मिलेंगे और भी बहुत से फायदे:
- मर्दानगी में होगी बढ़ोत्तरी
- दूध के साथ पीने से बढ़ेगा स्पर्म काउंट
- अनिद्रा की समस्या होगी खत्म
- खून की कमी का नहीं होगा खतरा
- याद करने की क्षमता में होगा विकास
- मजबूत होगी रोग प्रतिरोधक क्षमता
- एंटी-एजिंग के रूप में
प्रजनन क्षमता बढ़ाने के अलावा भी शिलाजीत के सेवन के कई फायदे हैं। जानिए इससे जुड़े अन्य फायदों के बारे में।
ऊर्जा और पुनरोद्धार प्रदान करता है:
सदियों से, आयुर्वेदिक दवाओं के चिकित्सकों ने ऊर्जा को बढ़ावा देने और शरीर को पुनर्जन्मित करने के लिए शिलाजीत का उपयोग किया है। शरीर के भीतर मिटोकोंड्रिया के कार्य को बढ़ाकर यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। यह जड़ी बूटी शरीर को मजबूत एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ पुनर्जीवित करती है। रोग पैदा करने वाले मुक्त कणों से लड़ कर, यह रसायनों और अन्य खतरनाक एजेंटों की वजह से होने वाले शरीर के आंतरिक नुकसान की मरम्मत करता है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है:
अध्ययनों से पता चलता है कि इसमें विशेष न्यूरोप्रोटेक्टेव क्षमता है। यह अविश्वसनीय पोषक तत्व अल्जाइमर रोग के हल्के मामलों का इलाज करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, शिलाजीत अपस्माररोधी गुण दिखाता है।
शिलाजीत में पाए जाने वाले कई कम्पाउंड (compounds) ब्रेन फंक्शन (brain function) में मददगार होते हैं। ये अल्जाइमर थैरेपी (Alzheimer’s therapy) में भी काफी सहायक है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज (International Journal of Alzheimer’s Disease) की एक स्टडी में बताया गया है कि शिलाजीत का उपयोग उम्र बढ़ने की प्रोसेस (longevity and to slow aging) को धीमा करने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद कम्पाउंड कांग्नेटिव डिसऑर्डर (cognitive disorders) को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है, जैसे अल्जाइमर।
रिसर्चस के मुताबिक शिलाजीत से कांग्नेटिव डिसऑर्डर को रोकने में मदद मिलती है। इन संभावनाओं का पता लगाने के लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है।
बढ़े ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करे:
बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए शिलाजीत को बेहतर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बात को शिलाजीत से संबंधित एक आयुर्वेदिक शोध में भी माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि शिलाजीत के औषधीय गुणों में से एक इसका एंटीहाइपरटेंसिव (ब्लड प्रेशर कम करने वाला) प्रभाव भी है। इस प्रभाव के कारण शिलाजीत का सेवन बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है। इस आधार पर शिलाजीत के लाभ हाई बीपी की समस्या में उपयोगी हो सकते हैं।
अनिद्रा की समस्या होगी खत्म:
अनिद्रा की समस्या टेस्टोस्टोरोंस हार्मोन की कमी के कारण होता है। जबकि शिलाजीत खाने से यह हार्मोन बढ़ जाता है। इसलिए रात में सोने से पहले आप शिलाजीत का सेवन करें।
हार्मोन और इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करता है:
शिलाजीत का एक और महत्वपूर्ण कार्य यह है कि यह विभिन्न शरीर प्रणालियों को नियंत्रित करता है, जैसे कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और हार्मोन का संतुलन।
टेस्टोस्टेरॉन पुरुषों में पाया जाने वाला एक सेक्स हार्मोन है। कई बार इसकी कमी होने से पुरुषों की सेक्स पावर, यौन इच्छा कम (Shilajit Benefits For Men) होने लगती है। इस हॉर्मोन की कमी से पुरुषों में बाल झड़ना, थकान और मोटापे की शिकायत भी शुरू हो सकती है। एक अध्ययन में 40 वर्ष के कुछ पुरुषों को प्लेसिबो नाम की दवा और कुछ को 250 मिलीग्राम शिलाजीत की खुराक लेने के लिए कहा गया। अध्ययन के परिणाम चौंकाने वाले थे। जिन पुरुषों ने तीन महीने तक शिलाजीत की खुराक ली, उनमें टेस्टोस्टेरॉन लेवल काफी बढ़ा हुआ पाया गया।
मर्दानगी बढ़ाए, बांझपन में लाभ पहुंचाए:
शिलाजीत को पुरुषों की मर्दानगी यानी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी उपयोगी माना जाता है। वजह यह है कि इसमें पुरुष टेस्टोस्टेरॉन (यौन क्षमता से संबंधित हॉर्मोन) को बढ़ाने की क्षमता पाई जाती है। इसके अलावा, यह ओलिगोस्पर्मिया (पुरुष स्पर्म का कम होना) और बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण पुरुष प्रजनन क्षमता में कमजोरी को ठीक करने में भी मदद कर सकता है। इस आधार पर इसे पुरुषों की मर्दानगी बढ़ाने के मामले में कारगर माना जा सकता है।
यह दर्द को दूर करता है। यह एक शक्तिशाली प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर के रूप में कार्य करता है।
अर्थराइटिस में पहुंचाए आराम:
अर्थराइटिस की समस्या में भी शिलाजीत के फायदे हासिल किए जा सकते हैं। अर्थराइटिस में अश्वशिला नाम की आयुर्वेदिक दवा के प्रभाव को जांचने के लिए किए गए चूहों पर आधारित साइंटिफिक रिपोर्ट्स के एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है। यह शोध एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलाजी इंफॉर्मेशन) की साइट पर उपलब्ध है। इस दवा को मुख्य रूप से अश्वगंधा और शिलाजीत दोनों को मिलाकर तैयार किया जाता है। शोध में यह भी स्वीकार किया गया है कि शिलाजीत में सेलेनियम पाया जाता है। सेलेनियम के कारण इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है। यह एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव ओस्टियोअर्थराइटिस (अर्थराइटिस का प्रकार) से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि अर्थराइटिस की सूजन को कम करने में शिलाजीत के लाभ सहायक हो सकते हैं।
हड्डियों के लिए शिलाजीत के फायदे | Shilajit Benefit for Bones in Hindi
यह हमारी हड्डियों की कमजोरी को दूर करके अर्थराइटिस और आस्ट्रियोप्रोसिस जैसी बीमारियों में राहत प्रदान करता है । शिलाजीत का सेवन करने से हमारे शरीर के जख्मो को भरने की क्षमता बढ़ती है । इसमें मौजूद विटामिन बी , कॉपर और फुलविक एसिड हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। जिससे बीमारिया और बुखार जैसी चीजे हमारे शरीर में आम लोगों के मुकाबले ज्यादा जल्दी ठीक होने लगती है।
मधुमेह को प्रबंधित करने में मदद करता है:
शिलाजीत मधुमेह रोगियों में रक्त ग्लूकोज और लिपिड प्रोफाइल को कम करने में मदद कर सकता है। शिलाजीत में एंटी-डायबिटिक गुण होते है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत ही लाभदायक है।
कैंसर से बचाव और रक्षा में मदद करता है:
शिलाजीत विभिन्न प्रकार के कैंसरों के लिए विषाक्त पाया गया है, जिनमें फेफड़े, स्तन, कोलन, डिम्बग्रंथि और यकृत कैंसर शामिल हैं।
शिलाजीत का सेवन कैंसर सेल्स (cancer cells) से लड़ने में भी मदद करता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि शिलाजीत ने लिवर कैंसर के सेल्स को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई।
शिलाजीत ने कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोका और इन्हें नष्ट भी किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि रिजल्ट से पता चला कि शिलाजीत में एंटी कैंसर इफेक्ट (anti-cancer effect) पाया जाता है, लेकिन अभी इस पर और रिसर्च होनी चाहिए।
कई लोग जो लिवर कैंसर के लिए काफी सारी मेडिसिन्स खाते हैं वे लोग डॉक्टर की सलाह से शिलाजीत का भी सेवन कर सकते हैं।
सूजन कम करता है और वायरस से लड़ता है:
यह गैस्ट्रिक अल्सर के उपचार और रोकथाम, तथा उनसे संबंधित सूजन को कम करने में प्रभावी है।
पीरियड्स में शिलाजीत से लाभ:
महिलाओं के लिए शिलाजीत बहुत ही शानदार है जो मासिक धर्म चक्र को नियमित करता है। यह हार्मोन को नियमित बनाने में मदद करता है। हार्मोन है एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन। मासिक धर्म में होने वाला दर्द और ऐंठन को भी दूर करता है।
महिलाओं को शिलाजीत खिलाने से क्या होता है?
साथ ही रिसर्च में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि शिलाजीत का सेवन करने से महिलाओं में कामेच्छा के साथ ही स्ट्रेस और एंग्जायटी की समस्या भी दूर होती है. जिससे सेक्स करने की इच्छा में बढ़ोतरी होती है. कैंसर में फायदेमंद- शिलाजीत शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकती है तथा उससे लड़ने के लिए ताकत प्रदान करती है.
वजन घटाने के लिए
शिलाजीत प्राकृतिक रूप से वजन कम करता है। इससे पेट भरा हुआ महसूस होता है और यह वसा को भी जलाने में मदद करता है। एक्स्ट्रा वेट उठाने से मसल्स थक जाते हैं जिससे हड्डियों पर स्ट्रेस आ सकता है। जर्नल ऑफ मेडिसिनल फूड (Journal of Medicinal Food) की स्टडी के मुताबिक मोटापे से ग्रस्त लोगों को शुद्ध शिलाजीत की डोज दी गई। इससे उनकी वर्कआउट इंटेंसिटी पहले से बेहतर हुई।
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि शिलाजीत बॉडी में जीन को एक्टिव करने में मदद करता है। इससे मसल्स फिर से वर्कआउट के लिए तैयार हो जाते हैं और एक्सरसाइज करने के लिए ज्यादा ताकत मिलती है। इसका परिणाम यह होता है कि आप हैवी वर्कआउट कर पाते हैं। नतीजतन ज्यादा कैलोरी बर्न होती है और आपका वजन कम हो सकता है।
रजोनिवृत्ति:
रजोनिवृत्ति की अवधि में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है। जिससे महिलाओं को हड्डियों के घनत्व में कमी जैसा लगता है। शिलाजीत मेनोपॉज में होने वाली समस्याओं को दूर करता है।
मूत्र संबंधी समस्याओं में उपयोगी:
मूत्र संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग लाभकारी माना जा सकता है। इसकी पुष्टि इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेदा रिसर्च के एक शोध के जरिए होती है। एनसीबीआई की साइट पर पब्लिश इस शोध में जिक्र मिलता है कि शिलाजीत में इम्यूनोस्ट्यूमुलेंट (प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला) गुण पाया जाता है। इस गुण के कारण ही यह मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है। आयुर्वेद में भी मूत्र संबंधी समस्याओं के लिए शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है।
बालों के लिए:
शिलाजीत में बहुत से ऐसे मिनिरल्स होते है जिनमें से ज़िंक, मैग्नीशियम, विटामिन्स आइरन और फुलविक एसिड हमारे बालों के लिए बहुत ही लाभकारी होते है।
हमारे वातावरण के विषैले तत्वों और भारी धातुई कणो के कारण हमारे रोम कोशिकाएं कमजोर होकर नष्ट होने लगती है । जिसके कारण बाल तेजी से झड़ने लगते है । शिलाजीत में फुलविक एसिड होता है जो की इन विषैले तत्वों और भारी धातुई कणो को पिघलाकर दूर करता है । साथ ही फुलविक एसिड हमारी कोशिकाओं की दीवारों को लचीला बनाता है । जिससे की भोजन के पोषक तत्व ये कोशिकायें गहराई तक अवशोषित कर सके । इसलिए फुलविक एसिड के कारण शिलाजीत के फायदे बालों के लिए बहुत अधिक होते है ।
दिल और रक्त के लिए अच्छा है:
हर एक खुराक में पाए जाने वाले लोहे की उच्च उपस्थिति के कारण यह एनीमिया के उपचार में भी प्रभावी होता है।
शिलाजीत डाइट्री सप्लीमेंट (dietary supplement) है, इसका सेवन करने से दिल दुरुस्त (heart health) रहता है। शोधकर्ताओं ने लैब में चूहों पर शिलाजीत के कार्डियक परफारमेंस का टेस्ट किया और उन्हें आइसोप्रोटेरिनॉल (isoproterenol) के साथ इंजेक्शन लगाया गया। इसमें शिलाजीत के प्रोएक्टिव इफेक्ट (protective effects) सामने आए थे।
यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि शिलाजीत कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर (blood pressure) को कम कर सकता है। यदि किसी को दिल की बीमारी है तो उसे शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए।
बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करे शिलाजीत:
यह त्वचा को सुन्दर बनाता है जिससे चेहरे पर निखार आता है। झुर्रियों को भी इसके सेवन से कम किया जा सकता है। शिलाजीत का प्रयोग अल्जाइमर्स और डिमेंशिया जैसी बुढ़ापे में होने वाली दिमागी समस्याओं में राहत दिला सकता है। वहीं, शिलाजीत से संबंधित एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध शोध में स्पष्ट रूप से माना गया है कि इसमें एंटीएजिंग (बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करना) और रेज्यूवेनेटिंग (तरोताजा करने वाला) गुण पाया जाता है। ये दोनों गुण सम्मिलित रूप से शरीर को नई ऊर्जा प्रदान कर बढ़ती उम्र के शरीर पर दिखने वाले प्रभावों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
व्यसनों को तोड़ने में मदद करता है:
अन्य दवा पदार्थों के साथ अपनी अनूठी बातचीत के कारण, शिलाजीत का लत को तोड़ने की प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जब ओपिओइड रोगियों को दिया जाता है तो यह वास्तविक व्यसन कम करता है और वापसी के लक्षण कम करता है।
अल्जाइमर रोग में शिलाजीत:
शिलाजीत के फायदे अल्जाइमर रोग को बढ़ने से रोकने में भी होते है और उसकी गति को धीमा करने में मदद कर सकता है। आमतौर पर बुजुर्गों को प्रभावित करने वाली अल्जाइमर की समस्या से राहत पाने के लिए भी बेनिफिट ऑफ शिलाजीत उपयोगी हो सकते हैं। एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में जिक्र मिलता है कि शिलाजीत में फुल्विक एसिड (fulvic acid) पाया जाता है। यह तत्व याददाश्त को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। इसी तत्व की मौजूदगी के कारण शिलाजीत में एंटीअल्जाइमर (अल्जाइमर से राहत दिलाने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि शिलाजीत का उपयोग अल्जाइमर की समस्या से बचा सकता है। वहीं, अगर किसी को यह समस्या है, तो कुछ सकारात्मक प्रभाव नजर आ सकता है।
थकावट को करें (reduces fatigue):
साल 2012 में नृवंशविज्ञान (Ethnopharmacology) जर्नल में पब्लिश स्टडी के मुताबिक शिलाजीत से क्रोनिक थकान सिंड्रोम (chronic fatigue syndrome) के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। यह भी बताया गया कि शिलाजीत के सेवन से शरीर में विभिन्न सेल्स को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है। इससे आपके शरीर की एनर्जी बढ़ती है और आपको थकान कम होती है।
शिलाजीत के फायदे में थकान की समस्या से राहत दिलाना भी शामिल है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि शिलाजीत में कई मिनरल्स के साथ फुलविक और हुमिक एसिड मौजूद होते हैं, जो थकान की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह कुछ हद तक मोटापे की समस्या से भी राहत दिला सकता है। इस आधार पर थकान की समस्या से राहत दिलाने में भी शिलाजीत सहायक साबित हो सकता है।
एनीमिया में मददगार:
आयरन की कमी के कारण होने वाली एनीमिया की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी शिलाजीत किसी औषधि से कम नहीं है। एशियन पेसेफिक जर्नल ऑफ टोपिकल बायोमेडिसिन के चूहों पर आधारित शोध में भी इस बात को स्वीकार किया गया है। शोध में माना गया है कि शिलाजीत में पर्याप्त मात्रा में आयरन मौजूद होता है। यह शरीर में आयरन की पूर्ति कर एनीमिया की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यह शोध एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध है। इस तथ्य को देखते हुए यह माना जा सकता है कि एनीमिया रोगी के लिए भी बेनिफिट ऑफ शिलाजीत लाभकारी साबित हो सकते हैं।
कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहायक:
शिलाजीत के लाभ बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने के मामले में भी मददगार हो सकते हैं। शिलाजीत के प्रभाव को समझने के लिए चूहों पर शोध किया गया। शोध में जिक्र मिलता है कि शिलाजीत का एक अहम गुण संपूर्ण लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रोल, ट्रिगलिसेराइड और हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) को सुधारना भी है। इस गुण के कारण यह बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि हाई कोलेस्ट्रोल की समस्या को नियंत्रित करने के लिए भी बेनिफिट ऑफ शिलाजीत हासिल किए जा सकते हैं।
डोज (Dose):
शिलाजीत मार्केट में पाउडर या सप्लीमेंट के रूप में आती है। शिलाजीत की रिकमेंडेड खुराक प्रतिदिन 300 से 500 मिलीग्राम (300 to 500 milligram) है।
शिलाजीत का उपयोग – How to Use Shilajit in Hindi
शिलाजीत खाने का तरीका समझने के लिए यहां हम शिलाजीत के उपयोग के कुछ विकल्प दे रहे हैं, जो इस प्रकार हैं :
- इलायची के दाने और शहद के साथ शिलाजीत पाउडर का सेवन किया जा सकता है।
- शिलाजीत का सेवन घी या मक्खन के साथ भी कर सकते हैं।
- शिलाजीत का सेवन दूध के साथ भी किया जा सकता है।
- नारियल तेल के साथ भी शिलाजीत का सेवन किया जा सकता है।
कब खाएं : शिलाजीत का सेवन रात को सोने से पहले और व्यायाम करने से पहले किया जा सकता है। इसका सेवन बहुत कम मात्रा में किया जाता है। बेहतर होगा किसी चिकित्सक से परामर्श के बाद ही इसका सेवन करें।
कितनी मात्रा में खाएं : बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन शिलाजीत की 300-500 मिलीग्राम मात्रा का उपयोग किया जा सकता है। शिलाजीत की यह मात्रा प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक क्षमता के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है। इस बारे में आपको डॉक्टर बेहतर बता सकते हैं। वहीं, अगर कोई शिलाजीत कैप्सूल्स के फायदे हासिल करना चाहता है, तो इस संबंध में भी डॉक्टर से राय ली जा सकती है।
शिलाजीत खाने का तरीका जानने के बाद अब हम शिलाजीत के नुकसान भी समझ लेते हैं।
शिलाजीत के दुष्प्रभाव – Shilajit Ke Nuksan
यदि सही तरीके से और सही मात्रा में लिया जाता है, तो शिलाजीत किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव से सम्बंधित नहीं है। परंतु यदि अधिक मात्रा में लिया जाए तो निम्न दुष्प्रभाव होने की संभावना है:
- शरीर में अत्यधिक गर्मी उत्तेजना।
- पैरों में जलन का अहसास।
- हाथ और पैरों में अधिक गर्मी महसूस करना।
- पेशाब में वृद्धि या कमी।
- एलर्जी: यदि आप शिलाजीत में मौजूद किसी भी मिश्रित या घटक के एलर्जी है। यदि आप एलर्जी की प्रतिक्रिया के लक्षणों को देखते हैं, जिसमें मतली, चक्कर आना, दिल की दर बढ़ने, खुजली आदि शामिल हैं, तो शिलाजीत का उपयोग करना बंद कर दें।
- शिलाजीत में ब्लड प्रेशर कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है। इसलिए, ब्लड प्रेशर की दवा लेने वाले लोगों को इसके सेवन से पूर्व डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए।
- ब्लड शुगर को कम करने में सहायक है। इसलिए, डायबिटीज की दवा के साथ इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से इस बारे में जरूर पूछ लें।
- शिलाजीत का सेवन अगर अशुद्ध रूप में किया जाए, तो इससे नशा भी हो सकता है, क्योंकि इसमें माइकोटॉक्सिन (फंगस द्वारा उत्पन्न एक विषैला पदार्थ) और फ्री रेडिकल्स आदि मौजूद होते हैं।
- शिलाजीत की तासीर गर्म होती है, जिस कारण अधिक सेवन करने से सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
क्या शिलाजीत इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) के लिए अच्छा है?
हां, लेख में ऊपर विस्तार से बताया गया है कि शिलाजीत पुरुष स्पर्म और पुरुष प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है। वहीं, पुरुष नपुंसकता से संबंधित एक शोध में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) के जोखिमों को कम करने के मामले में शिलाजीत को सहायक औषधि बताया गया है। इस आधार पर शिलाजीत को इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए अच्छा माना जा सकता है।
क्या शिलाजीत एक स्टेरॉयड है?
नहीं, शिलाजीत एक प्राकृतिक पदार्थ है, जिसमें प्रोटीन, मिनरल और लिपिड के साथ 5 प्रतिशत स्टेरॉयड जैसे गुणों वाला कंपाउंड भी मौजूद होता है।
क्या शिलाजीत लिवर के लिए अच्छा है?
हां, शिलाजीत के उपयोग से लिवर स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसलिए, आयुर्वेदिक दवा के तौर पर लिवर के लिए इसे अच्छा माना जा सकता है।
क्या शिलाजीत महिलाओं के लिए अच्छा है?
हां, शिलाजीत के उपयोग से महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह महिलाओं में ओवेल्यूशन (गर्भधारण के लिए अंडो के सक्रिय होने की प्रक्रिया) को बढ़ावा दे सकता है।
क्या शिलाजीत खाली पेट खाना चाहिए?
सुबह खाली पेट इसका सेवन करना सबसे बेहतरीन होता है। शिलाजीत की एक सही खुराक आप ले सकते है। इसमें ऊर्जा की वृद्धि करने वाले गुण होते हैं तो रात में इसका सेवन करने से बचना चाहिए। यह नींद को बिगाड़ने में सहायक होता है।
सबसे अच्छा शिलाजीत कौन सा है?
वैसे तो आपको मार्किट में बहुत सारे अलग-अलग कंपनी के शिलाजीत मिल जायेंगे, लेकिन मेरे हिसाब से तो उपकर्मा आयुर्वेदा का शिलाजीत रेसिन सबसे बेस्ट शिलाजीत है।
शिलाजीत की तासीर क्या होती है?
शिलाजीत की तासीर गर्म होती है और यह पचने में भरी होता है। इसलिए इसका सेवन गर्मियों में और अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
शिलाजीत हफ्ते में कितनी बार खाना चाहिए?
नपुंसकता या नामर्दी जैसे पुरुष विकारों में इसे 6 महीने तक लगातार सुबह खाली पेट दूध के साथ एक से 2 कैप्सूल सेवन करने की सलाह दी जाती है।
शिलाजीत खाने से सेक्स में क्या फर्क पड़ता है?
शिलाजीत पुरुषों में सेक्सुअल परफॉर्मेंस को बढ़ाने में जादुई दवा की तरह कार्य करता है। इसके सेवन से पेनिस की ब्लड वेसल्स में भरपूर ब्लड सप्लाई होती है, जिससे हार्ड इरेक्शन पाने में सहायता मिलती है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का सामना कर रहे पुरुषों के लिए यह बहुत लाभदायक है।
पुरुष शिलाजीत का सेवन कैसे करें?
शिलाजीत (Shilajit ) को प्राचीन समय से ही बहुत अच्छी पुरुषों की सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली (sex Power Boosting) दवा माना जाता है।
- पाउडर के रूप में शिलाजीत
- सबसे पहले 2 से 4 चम्मच शिलाजीत पाउडर लें( 150 mg )।
- उसे पानी या दूध के अंदर अच्छे से मिक्स कर लें।
- इस प्रकार रोजाना एक गिलास दूध या पानी शिलाजीत के साथ पी सकती हैं।
शिलाजीत कब लेना चाहिए?
अनिद्रा की समस्या होगी खत्म: अनिद्रा की समस्या टेस्टोस्टोरोंस हार्मोन की कमी के कारण होता है। जबकि शिलाजीत खाने से यह हार्मोन बढ़ जाता है। इसलिए रात में सोने से पहले आप शिलाजीत का सेवन करें।
Discussion about this post