भिंडी क्या है? (What is Bhindi in Hindi?)
क्या आपने कभी कच्ची भिंडी खाई है? भिंडी की सब्जी ताे हम सभी बनाकर खाते ही हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कच्ची भिंडी खाने से भी सेहत काे कई तरह से लाभ मिलते हैं। आपने भिंडी (bhindi ke fayde in hindi) की सब्जी कई बार खाई होगी, और यह पक्की बात है कि केवल सब्जी (bhindi ki sabji) के रूप में ही खाई होगी। भिंडी से कई तरह के व्यंजन, जैसे- गीली भिंडी की सब्जी, भुजिया (सूखी सब्जी), सूप, रायता, और कढ़ी आदि बनाये जाते हैं। लोग इन्हें बहुत पसंद से खाते हैं। क्या आपको पता है कि जिस भिंडी को आप बहुत साधारण-सी सब्जी समझते हैं, उससे रोगों का इलाज भी किया जाता है।
वास्तव में भिंडी खाने के फायदे अनेक हैं। अगर आप भिंडी के सेवन से होने वाले फायदे जानेंगे, तो आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे। आईएसकेडी मेडीफिट के इस लेख के माध्यम से आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह बताएँगे कि भिंडी खाने के सही इस्तेमाल से स्वास्थ्य को किस किस तरह से आपको फायदे मिल सकते हैं।
कच्ची भिंडी काे स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसमें काफी अच्छी मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी पाया जाता है (Vitamin A , Vitamin C)। साथ ही यह शरीर की राेग प्रतिराेधक क्षमता काे बढ़ाने में भी सहायक हाेता है (Lady Finger Increase Immunity)। चलिए आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह से जानते हैं कच्ची भिंडी काे चबाने या खाने से सेहत काे कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं (Health Benefits to Eating Raw Lady Finger)।
बता दें भिंडी की तासीर ठंडी होती है. ऐसे में गर्मियों में इसका सेवन भरपूर मात्रा में किया जा सकता है. भिंडी (bhindi ke fayde) का इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। प्राचीन आयुर्वेद में भिंडी के बारे में बड़े विस्तार से बताया गया है। अगर आपको भिंडी के फायदे (bhindi ke fayde) की जानकारी नहीं है, तो जरूर जान लीजिए।
भिंडी का प्रयोग (kachi bhindi ke fayde) भिंडी की सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके फल अंगुली के समान लम्बे होते हैं। भिंडी का पूरा पौधा रोमों से युक्त होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फल हरे रंग के होते हैं। भिंडी के फल आगे की तरफ से नुकीले, या पतले होते हैं। भिंडी (ladiesfinger) के अन्दर सफेद रंग के गोलाकार, चिपचिपे द्रव्य से युक्त अनेक बीज होते हैं। भिंडी के प्रयोग (bhindi ka upyog) से मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है, और वात-पित्त रोग के साथ-साथ मल संबंधी परेशानी भी दूर होती है।
भिंडी के औषधीय गुण
वैसे तो सभी को मालूम है कि भिंडी काे स्वाद के लिए सब्जी के रूप में खाया जाता है, लेकिन क्या कभी किसी ने इसे खाते-खाते भिंडी के औषधीय गुण के बारे में सोचा है। यह विटामिन, पोटेशियम, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (लिनोलेनिक और ओलिक एसिड) जैसे अहम पौष्टिक तत्वों से संपन्न होती है। इसमें पॉलीफेनोलिक यौगिक, कैरोटीन, फोलिक एसिड, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन-सी और अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें कार्डियोप्रोटेक्टिव, रीनल प्रोटेक्टिव, न्यूरोप्रोटेक्टिव, एंटी-कैंसर, एनाल्जेसिक, एंटी-अल्सर, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफेटिग गुण भी पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले ये औषधीय गुण और तत्व सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
भिंडी में पाेषक तत्व (Nutrient in Lady Finger)
- विटामिन ए (Vitamin A)
- विटामिन सी (Vitamin C)
- विटामिन के (Vitamin K)
- मैग्नीशियम (Magnesium)
- फाइबर (Fiber)
- एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants)
- पाेटैशियम (Potassium)
- साेडियम (Sodium)
- कैल्शियम (Calcium)
अन्य भाषाओं में भिंडी के नाम (Name of Lady Finger (Bhindi) in Different Languages)
भिंडी का वानस्पतिक नाम ऐबलमोस्कस ऐस्कुलेन्टस (Abelmoschus esculentus (Linn.) Moench, Syn-Hibiscus esculentus Linn., है, और यह मालवेसी (Malvaceae) कुल की है। इसे दुनिया भर में इन नामों से भी जाना जाता हैः-
Bhindi in-
- Hindi- भिण्डी, रामतोरई
- Urdu- भिन्डी (Bhindi)
- English – Lady’s finger (लेडी फिंगर), गुम्बो (Gumbo), ओकरा (Okra)
- Sanskrit- तिण्डिशा, भेण्डा, करपर्णफल, गन्धमूला
- Konkani- बेन्डो (Bendo)
- Kannada- बेन्डेकायी (Bendekayi)
- Gujarati- भिंडो (Bhindo)
- Tamil- वेन्डी (Vendi)
- Telugu- वेन्डा (Venda)
- Bengali- भेण्डी (Bhendi), ढेरासा (Dherasa)
- Nepali- रामतोरिया (Ramturiya)
- Punjabi- भिंडी (Bhindi), भेंडा (Bhenda)
- Malayalam- वेन्टा (Vanta)
- Marathi- भेण्डी (Bhendi)
- Arabic- बामीया (Bamyah)
- Persian- बामीयाह (Bamiyah)
कच्ची भिंडी खाने के फायदे (Health Benefits of Raw Lady Finger)
कच्ची भिंडी खाने से स्वास्थ्य काे कई लाभ मिलते हैं। यह प्राेटीन, विटामिंन और मिनरल्स से भरपूर हाेता है। ऐसे में इसके सेवन से आपके शरीर काे बेहद फायदे मिलते हैं। यह पेट के राेगाें काे दूर करने के साथ ही राेग प्रतिराेधक क्षमता काे भी मजबूत बनाता है।
पेट के राेग दूर हाेंगे (Raw Lady Finger Good for Stomach)
कच्ची भिंडी पाचनतंत्र के राेगाें काे दूर करने में मददगार हाेता है। इसके सेवन से गैस, कब्ज, अपच, एसिडिटी की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा यह पेट फूलना, पेट में दर्द से भी राहत दिलाता है। कच्ची भिंडी में लसलसा फाइबर मौजूद हाेता है, जाे पाचन तंत्र या पाचन क्रिया काे मजबूत बनाता है। कच्ची भिंडी आंताें काे भी स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह आंताें की सूजन काे दूर करने में सहायक हाेता है। पाचन तंत्र काे बढ़ाने के लिए आप भिंडी का सेवन कर सकते हैं।
ब्लड शुगर कंट्राेल करे (Raw Lady Finger Control Blood Sugar)
डायबिटीज राेगियाें के लिए कच्ची भिंड़ी का सेवन करना बेहद लाभकारी माना जाता है। इसमें यूगेनॉल नामक तत्व पाया जाता है, जाे मधुमेह या डायबिटीज राेगियाें के लिए फायदेमंद हाेता है। साथ ही कच्ची भिंडी शरीर में शर्करा के लेवल काे भी बढ़ने से राेकता है, जिससे डायबिटीज का खतरा कम हाेता है। डायबिटीज मरीजाें काे ब्लड शुगर लेवल काे कंट्राेल में रखने के लिए हफ्ते में एक बार कच्ची भिंडी का सेवन जरूर करना चाहिए।
हृदय काे स्वस्थ रखे (Raw Lady Finger is Good for Heart Health)
अपने हृदय या दिल काे स्वस्थ रखने के लिए आप कच्ची भिंडी का सेवन कर सकते हैं। कच्ची भिंडी हृदय के स्वास्थ्य काे बेहतर बनाए रखने में मददगार हाेती है। कच्ची भिंडी में पैक्टिन नामक तत्व पाया जाता है, जाे बैड काेल्स्ट्रॉल लेवल (Bad Cholesterol Level) काे कम कर हृदय काे स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं कच्ची भिंडी में घुलनशील फाइबर भी पाया जाता है, जाे रक्त में काेलेस्ट्रॉल काे नियंत्रित करता है। इसके सेवन से आप हृदय राेगाें से अपना बचाव कर सकते हैं। साथ ही हृदय राेगियाें काे इससे फायदा मिल सकता है।
इम्यूनिटी पावर बढ़ाए (Raw Lady Finger Increase Immunity Power)
बीमारियाें से बचाव करने के लिए राेग प्रतिराेधक क्षमता का मजबूत हाेना बहुत जरूरी हाेता है। कच्ची भिंडी शरीर की राेग प्रतिराेधक क्षमता काे मजूबत बनाए रखने में मदद करता है। भिंडी में काफी अच्छी मात्रा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स (Lady Finger Good Source of Vitamin C and Antioxidants) पाए जाते हैं, जाे आपकी इम्यूनिटी काे स्ट्रॉन्ग बनाने में मददगार हाेते हैं।
एनीमिया की समस्या दूर करे (Raw Lady Finger Cure Anemia Problem)
भिंडी खाने से स्वास्थ्य काे कई लाभ मिलते हैं। इसमें आयरन भरपूर हाेता है, जाे एनीमिया की समस्या काे दूर करने में मदद करता है। एनीमिया की समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखने काे मिलती है। शरीर में खून की कमी हाेने पर अकसर यह समस्या हाेती है। ऐसे में कच्ची भिंडी का सेवन करना लाभदायक हाे सकता है। इसे खाने से शरीर में हीमाेग्लाेबिन बढ़ता है और एनीमिया की समस्या दूर हाेती है। इसके अलावा इसमें विटामिन के (Vitamin K) भी पाया जाता है, जाे रक्तस्त्राव काे राेकने में सहायक हाेता है।
वजन घटाने में सहायक (Raw Lady Finger to Loss Weight)
आजकल बढ़ा हुआ वजन कई लाेगाें की समस्या बन गई है। इसे कंट्राेल में करने के लिए कई उपाय अपनाते हैं, लेकिन वजन कम करने में कामयाब नहीं हाे पाते हैं। ऐसे में आप चाहें ताे कच्ची भिंडी का सेवन कर सकते हैं। सुबह-शाम कच्ची भिंडी काे चबाने से आप अपने वजन काे कम कर सकते हैं। भिंडी में काफी अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन कम हाेने में मदद मिलती है। अगर आपका वजन पहले से ही कम है, ताे आप डायटीशियन की सलाह पर ही इसका सेवन करें। इसके अलावा कच्ची भिंडी काे खाने से चयापचय या मेटाबॉलिज्म काे बढ़ावा मिलता है (Raw Lady Finger Boost Metabolism)।
बढ़ता हुआ वजन कई बीमारियों का कारण बन सकता है, जिनमें मधुमेह और हृदय की समस्या प्रमुख है। भिंडी का उपयोग वजन को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार भिंडी में गुड कार्ब्स और वसा जैसे पोषक तत्व हाेते हैं, जो वजन को नियंत्रित करने में मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा, शोध में यह जानकारी भी दी गई कि भिंडी में पाया जाने वाला फाइबर मोटापे को कम करने के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया कि भिंडी में एंंटी-ऑवेसिटी गुण पाया जाता है। यह गुण अतिरिक्त वजन को कम करने के साथ ही मोटापे को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
प्राेटीन से भरपूर भिंडी (Protein Rich Lady Finger)
भिंडी के बीजाें काे सेवन करना भी स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी माना जाता है। इसके बीजाें में काफी अच्छी मात्रा में प्राेटीन पाया जाता है। ऐसे में इसके सेवन से शरीर में प्राेटीन की पूर्ति हाेती है। आप चाहें ताे प्राेटीन के लिए आप कच्ची भिंडी का सेवन कर सकते हैं। प्राेटीन बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हाेता है।
कच्ची भिंडी खाने के नुकसान (Side Effects of Eating Raw Lady Finger)
हर चीज के कुछ फायदे ताे कुछ नुकसान जरूर हाेते हैं। कच्ची भिंडी के भी कुछ फायदे, ताे कुछ नुकसान हाेते हैं। अगर आप कच्ची भिंडी का सेवन करते हैं, ताे आपकाे इसके नुकसान के बारे में भी जानकारी जरूर हाेनी चाहिए।
- खांसी की समस्या हाेने पर कच्ची भिंडी का सेवन करने से बचना चाहिए।
- अगर आपकाे पाचनतंत्र से जुड़ी काेई समस्या है, ताे इस स्थिति में भी आपकाे भिंडी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बहुत अधिक मात्रा में भिंडी का सेवन करने से बचें। क्याेंकि ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या हाे सकती है।
- आप भी कच्ची भिंडी का सेवन करके इन सभी राेगाें से अपना बचाव कर सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, ताे ऐसे में आपकाे डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
भिंडी के फायदे – Benefits of Lady Finger in Hindi
भिंडी के गुण और इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण ही यह सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकती है, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
आंखों बेहतर रोशनी के लिए भिंडी का इस्तेमाल किया जाता है
अच्छी सेहत के साथ ही भिंडी का उपयोग आंखों की बेहतर रोशनी के लिए भी किया जा सकता है। एक शोध पत्र के अनुसार भिंडी में बीटा कैरोटीन जो शरीर में जाकर विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है, जो कि आंखाें की रोशनी को बढ़ाने में फायदेमंद हो सकते हैं। इसके साथ ही भिंडी का उपयोग दृष्टि में सुधार और आंखों से संबंधित कई बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।
बालों के लिए भिंडी के फायदे
बालों के लिए भी भिंडी का उपयोग किया जा सकता है। इससे जुड़े वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, भिंडी का उपयोग हेयर कंडीशनर के रूप में किया जा सकता है। साथ ही यह स्कैल्प के लिए एक अच्छा मॉइस्चराइजर हो सकती है। भिंडी का उपयोग स्कैल्प की खुजली, जूं और रूसी की समस्या दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, इसका इस्तेमाल बालों को चमकदार बनाने में मदद कर सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में पाया गया कि भिंडी में पाया जाने वाला विटामिन-सी बालों को फिर से नया जीवन प्रदान करने में मदद कर सकता हैं।
मधुमेह में भिंडी के फायदे (diabetes)
मधुमेह की समस्या एक आम समस्या है, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर के बढ़ने के कारण होती है। भिंडी का उपयोग इस समस्या को कुछ हद तक कम कर सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहाें के ऊपर इस विषय में एक शोध उपलब्ध है। शोध के अनुसार भिंडी में एंटी डायबिटीज और एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। भिंडी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है, जिस वजह से इसका सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता है। इसके अलावा, इसमें पाया जाने वाला फाइबर रक्त के ग्लूकोज को नियंत्रित करने में फायदेमंद हो सकता है। इसी वजह से मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भिंडी उत्तम आहार हो सकती है।
पाचन शक्ति के लिए भिंडी के फायदे
बिगड़ा हुआ पाचनतंत्र अक्सर दैनिक जीवन में परेशानी का सबब बन सकता है। भिंडी के औषधीय गुण पाचनतंत्र को सुधारने में मदद कर सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में पाया गया कि भिंडी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है और फाइबर पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। फाइबर का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने के साथ ही इससे जुड़ी अपच की समस्या को दूर करने में मददगार हो सकता है।
दस्त रोकने के लिए फायदेमंद भिंडी का सेवन (Benefits of Bhindi to Stop Diarrhea in Hindi)
दस्त में भी भिंडी का प्रयोग करना फायदेमंद (bhindi ke fayde in hindi) होता है। दस्त की बीमारी में भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।
हृदय के लिए स्वास्थ्यवर्धक है भिंडी
हृदय रोग की समस्या को कम करने के लिए भी भिंडी का उपयोग किया जा सकता है। इस विषय पर कई शोध हुए हैं। शोध के अनुसार भिंडी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। दरअसल, फाइबर का सेवन सीरम कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल संबंधी हृदय रोग की आशंका कम हो सकती है।
भिंडी के प्रयोग से पेचिश में लाभ (Bhindi Benefits to Stop Dysentery in Hindi)
आप भिंडी के प्रयोग से पेचिश में लाभ ले सकते हैं। इसके लिए भिण्डी के फल की सब्जी (bhindi ki sabji) बनाकर खाएं। इससे पेचिश में लाभ होता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है भिंडी
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस शरीर को कई तरीके से नुकसान पहुंचाने का काम कर सकता है, जिसमें कैंसर, गठिया, ऑटोइम्यून विकार और हृदय रोग शामिल हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कुछ हद कम करने करने में भिंडी का उपयोग कारगर हो सकता है। दरअसल, एक शोध में जिक्र मिलता है कि सूखी भिंडी के छिलके और बीजों के पाउडर एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए भिंडी को इस्तेमाल में लाया जा सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
कैंसर की रोकथाम के लिए लाभदायक है भिंडी का प्रयोग
कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिससे बचने के उपाय करना बहुत जरूरी है। यहां भिंडी फायदेमंद साबित हो सकती है। एक शोध में पाया गया कि भिंडी में मौजूद फाइबर कोलन कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक रोकने में मदद कर सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में पाया गया कि भिंडी में एंटी-ट्यूमर गुण पाए जाते हैं, जो कि स्तन कैंसर को बढ़ाने वाले सेल्स को रोकने में फायदेमंद हो सकते हैं।
नोट: भिंडी का सेवन सिर्फ कैंसर से बचने में कुछ हद मदद कर सकता है। यह कैंसर का इलाज नहीं है। अगर कोई इस बीमारी की चपेट में आ चुका है, तो जल्द से जल्द डॉक्टरी उपचार करवाना जरूरी है।
पेशाब में जलन की समस्या में भिंडी का सेवन (Benefits of Bhindi to Treat Burning Sensation in Urine in Hindi)
किसी व्यक्ति को पेशाब में जलन की परेशानी हो, तो उसे भिण्डी के फूलों का काढ़ा बना लेना है। इसमें 10-15 मिली मिश्री मिलाकर सेवन करना है। इससे पेशाब में जलन की परेशानी ठीक हो जाती है।
त्वचा के लिए भिंडी के फायदे
सेहत और आंखें के साथ ही भिंडी का उपयोग त्वचा के लिए भी किया जा सकता है। इससे जुड़े एक शोध के अनुसार भिंडी में विटामिन-सी पाया जाता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण हाेते हैं। यह शरीर के टिश्यू यानी ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए मददगार हो सकता है। इसके साथ ही भिंडी का सेवन त्वचा को फिर से जवां बनाने में सहायक हो सकता है। शोध में आगे जानकारी दी गई कि इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन, जो विटामिन ए का रूप होता है, त्वचा की सेहत को बढ़ाने के साथ ही इससे जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है।
भिंडी का उपयोग कर खुजली का इलाज (Lady Finger Benefits in Itching Treatment in Hindi)
अक्सर ऐसा देखा जाता है, कि जब लोगों को खुजली होती है, तो वे खुजली के इलाज के लिए कई तरह के नुस्खे आजमाते हैं। कई बार जब कोई उपाय काम ना करे, तो आप भिंडी के फल को पीसकर लेप बना लें। इसे खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इससे खुजली ठीक हो जाती है।
मूत्र रोग में भिंडी के सेवन से लाभ (Lady Finger Benefits in Treating Urinary Disease in Hindi)
मूत्र रोग जैसे पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब करते समय दिक्कत होना, पेशाब करते समय दर्द होना, मूत्र नलिका संबंधित विकार हो तो भिंडी का उपयोग फायदा पहुंचा सकता है। इस रोग में भिण्डी के फल का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीएं। इससे मूत्र रोग ठीक (bhindi khane ke fayde) होता है।
कब्ज की रोकथाम के लिए भिंडी का इस्तेमाल किया जाता है
कब्ज की समस्या एक ऐसी समस्या है, जिसमें मल त्यागने में कठिनाई होती है और इस के कारण पेट जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। भिंडी का सेवन कब्ज के लिए रामबाण का काम कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में पाया गया कि भिंडी में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो आहार को पचा कर कब्ज जैसी समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। ऐसे में भिंडी के रूप में फाइबर का सेवन करना कब्ज के लिए अच्छा साबित हो सकता है।
रक्तचाप को नियंत्रित करने में भिंडी के फायदे
रक्तचाप का बढ़ना भी आज एक आम समस्या हो गई है। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए भिंडी का सेवन एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया कि भिंडी के बीज के अर्क में पाया जाने वाला एंटी हाइपरटेंसिव इफेक्ट बढ़ते रक्तचाप की समस्या को नियंत्रित करने में योगदान दे सकता है। बेशक, भिंडी का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है, लेकिन इसकी गंभीर स्थिति होने पर डॉक्टर से सलाह लेना ही फायदेमंद हो सकता है।
ल्यूकोरिया में भिंडी के फायदे (Bhindi Benefits in Leukorrhea Treatment in Hindi)
भिंडी का सेवन करने से ल्यूकोरिया में भी फायदा लिया जा सकता है। इसके लिए 15-20 मिली फल का काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे ल्यूकोरिया में लाभ (bhindi ke fayde in hindi) होता है।
वीर्यपात (शीघ्रपतन) में भिंडी के लाभ (Lady Finger Benefits for Premature Ejaculation in Hindi)
वीर्यपात (शीघ्रपतन) से बहुत से लोग परेशान रहते हैं, और इस समस्या से निजात पाने के लिए अपना इलाज भी कराते हैं। शीघ्रपतन की समस्या में भी भिंडी का सेवन फायदा (bhindi ke fayde)पहुंचाता है। भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से वीर्यस्राव की परेशानी में लाभ होता है।
गर्भावस्था में भिंडी का सेवन फायदेमंद
गर्भावस्था के दौरान भी भिंडी का सेवन फायदेमंद हो सकता है। कई स्थानों में इसका उपयोग गर्भावस्था में स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए किया जाता है। एक शोध पत्र के अनुसार इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था के लिए जरूरी होते हैं। जैसे कि इसमें पाया जाने वाला विटामिन-बी नए सेल्स के निर्माण में फायदेमंद हो सकता है। साथ ही इसका सेवन करने पर स्पाइना बिफिडा (रीढ़ का विकास ठीक से न हो पाना) जैसे जन्म दोष को रोकने में और इसमें मौजूद विटामिन-सी बच्चे के विकास में मददगार हाे सकता है। भिंडी में फोलेट की भी मात्रा पाई जाती है। फोलेट एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो भ्रूण के मस्तिष्क के विकास को बढ़ा सकता है। हालांकि, गर्भावस्था में अगर भिंडी खाने का मन हो, तो एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह जरूर लें।
योनि रोग में भिंडी के फायदे (Bhindi Benefits for Vaginal Disease in Hindi)
योनि से संबंधित विकारों में भिण्डी की जड़ का पेस्ट बना लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। एक माह तक सेवन करना है। इससे योनि से संबंधित रोगों में लाभ (Bhindi ke Fayde) होता है।
भिंडी के उपयोगी भाग (Useful Parts of Bhindi – Lady Finger)
भिंडी का सेवन इस तरह से किया जा सकता हैः-
- भिंडी के पौधे के फूल
- पौधे के पत्ते
- भिंडी फल
- पौधे की जड़
भिंडी का उपयोग – How to Use Lady Finger (Okra) in Hindi
भिंडी का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। यहां हम आपको इसके उपयोग करने के कुछ आसान से तरीकों के बारे में बता रहे हैं:
- कई स्थानों पर भिंडी का अचार बनाया जाता है, जो कि बहुत लोकप्रिय भी है।
- भिंडी का उपयोग आलू के साथ स्वादिष्ट सब्जी बनाने के लिए भी कर सकते हैं। भिंडी को कई दूसरी सब्जियों के साथ भी बना सकते हैं।
- बेक्ड और कुरकुरी भिंडी की सब्जी भी कई स्थानों पर चाव से खाई जाती है।
- इसका उपयोग बालों और त्वचा के लिए भी किया जा सकता है।
- डॉक्टरी परामर्श पर भिंडी के पाउडर का सप्लिमेंट (Okra supplement) लिया जा सकता है।
भिंडी का चयन और सुरक्षित रखने का सही तरीका
भिंडी का चुनाव करने के लिए नीचे दिए हुए कुछ आसान से टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
- हमेशा ताजी भिंडी का ही चुनाव करें।
- भिंडी को दबाकर देखें, अगर भिंडी नरम है, तो ही खरीदें, क्योंकि कड़क भिंडी आसानी से नहीं पकती हैं।
- इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि भिंडी में किसी भी तरह के केमिकल या कीटाणु वाली दवाई का उपयोग नहीं किया गया हो।
- भिंडी को धोकर फ्रिज में स्टोर करके रख सकते हैं। इससे भिंडी का उपयोग कुछ दिनों तक किया जा सकता है।
- चार दिन से ज्यादा फ्रिज में स्टोर की गई भिंडी का सेवन करने से बचना चाहिए।
भिंडी के नुकसान – Side Effects of Lady Finger in Hindi
अगर भिंडी को सीमित मात्रा में लिया जाए, तो भिंडी के फायदे मिल सकते हैं। वहीं, अधिक मात्रा में सेवन करने से भिंडी खाने के नुकसान कुछ इस प्रकार देखने को मिल सकते हैं –
त्वचा के घाव : भिंडी से निकलने वाले प्रोटियोलिटिक नामक एंजाइम के संपर्क में आने से त्वचा पर घाव हो सकते हैं। सेंसिटिव त्वचा पर इसका इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
गुर्दे की पथरी का कारण : भिंडी में ऑक्सालेट्स नामक यौगिक की मात्रा होती है। शरीर में इसकी अधिकता होने से गुर्दे की पथरी हो सकती है। अगर कोई गुर्दे की पथरी से पीड़ित हैं, तो भिंडी का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
पेट की समस्या : बहुत अधिक भिंडी खाने से कुछ लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। भिंडी कार्बोहाइड्रेट में समृद्ध होती है। इसके अधिक सेवन से दस्त, गैस, ऐंठन और आंतों में सूजन जैसी समस्या हो सकती है।
ज्यादा गाढ़ा हो सकता है खून : भिंडी मेंएक दिन में कितनी भिंडी खा सकते हैं? विटामिन-के पाया जाता है। यह शरीर में खून को गाढ़ा (कोएग्युलेशन) करने का काम कर सकता। जो लोग रक्त को गाढ़ा करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं, उन्हें भिंडी का कितनी मात्रा में सेवन किया जाए, इसे लेकर डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
भिंडी खाने के अन्य नुकसान
- खांसी में भिंडी का सेवन ना करें।
- पाचनतंत्र विकार (मन्दाग्नि) में भिंडी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- वात रोग में भिंडी का सेवन करने से नुकसान हो सकता है।
- साइनस (पीनस रोग) में भिण्डी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- भिंडी का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज की परेशानी हो सकती है।
संभव है कि आपने इससे पहले कभी भिंडी के इतने गुणों के बारे में नहीं जाना होगा। अब जब अगली बार आप भिंडी खाएं, तो भिंडी के गुण को जरूर याद कर लें। भिंडी आपके मुंह का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ आपकी सेहत के लिए भी लाभकारी साबित हो सकती है। हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद, जिन्हें भिंडी पसंद नहीं है, वो भी इसे खाना शुरू कर देंगे। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए जुड़े रहिए आईएसकेडी मेडीफिट के साथ।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
भिंडी को फ्रीज कैसे करें?
सबसे पहले भिंडी या उसके टुकड़ों को कुछ घंटे के लिए ट्रे में रख कर फ्रीजर में रख दें। इसके बाद उनके जम जाने पर उन्हें फ्रीजर बैग में रख सकते हैं।
क्या भिंडी के पत्ते खाए जा सकते हैं?
हां, भिंडी की पत्तियों को पकाकर खाया जा सकता है। अच्छा होगा इसका सेवन करने से पहले डाइटिशियन से परामर्श लें।
क्या आप भिंडी को कच्चा खा सकते हैं?
हां, भिंडी को कच्चा खाया जा सकता है, लेकिन अच्छी तरह से धो लेने के बाद। ध्यान रहे, इसका सेवन ज्यादा न करें। वहीं, अच्छा होगा कि इसका सेवन करने से पहले एक बार डाइटिशियन की सलाह लें।
एक दिन में कितनी भिंडी खा सकते हैं?
एक दिन में कितनी भिंडी का सेवन किया जा सकता है, इस विषय में कोई शोध उपलब्ध नहीं है। लेकिन इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। वहीं, इसके नुकसान से बचने के लिए इसका सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं। इसके अलावा, इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर भी कर सकते हैं।
क्या भिंडी के पानी से कोई लाभ होता है?
भिंडी के पानी पीने से क्या फायदे हो सकते हैं, इस विषय से जुड़ा वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। अच्छा होगा इस विषय पर डॉक्टरी परामर्श लिया जाए।
भिंडी खाने से क्या नुकसान होते हैं?
सावधान- भिंडी में ओजलेट अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है, जो गुर्दे और पित्त में पथरी या स्टोन के खतरे को बढ़ा देता है, और पहले से मौजूद स्टोन को बढ़ाकर मजबूत कर देता है। इसके अलावा इसे भूनकर पकाने पर यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है।
भिंडी कब नहीं खाना चाहिए?
भिंडी खाने के बाद करेला बिल्कुल नहीं खाना चाहिए क्योंकि भिंडी की सब्जी खाने के बाद यदि हम करेले की सब्जी खाते हैं तो यह हमारे पेट में जाकर जहर उत्पन्न करता है। यदि यह जहर अधिक मात्रा में आपके शरीर में उत्पन्न हो गया तो इसकी वजह से आपको काफी हानि पहुंच सकते हैं।
सुबह खाली पेट भिंडी खाने से क्या फायदा होता है?
कच्ची भिंडी पाचनतंत्र के राेगाें काे दूर करने में मददगार हाेता है। इसके सेवन से गैस, कब्ज, अपच, एसिडिटी की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा यह पेट फूलना, पेट में दर्द से भी राहत दिलाता है। कच्ची भिंडी में लसलसा फाइबर मौजूद हाेता है, जाे पाचन तंत्र या पाचन क्रिया काे मजबूत बनाता है।
भिंडी की सब्जी से गैस बनती है क्या?
भिंडी में फाइबर की मात्रा भरपूर रहती है जिससे कि पेट में मरोड़ वाले दर्द, गैस की वजह से पेट फूलने की समस्या, डायरिया, कब्ज और एसिडिटी की समस्या से निजात मिलता है.
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