सनाय का परिचय
समस्त भारत में मुख्यत गुजरात के कच्छ एवं तमिलनाडू में इसकी खेती की जाती है। इसके पत्तों का प्रयोग विरेचनार्थ किया जाता है तथा यह पंचसकार चूर्ण का एक अंग है। आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह बता रहे हैं सनाय के पत्ते के इस्तेमाल से स्वास्थ्य क्या क्या फायदे मिलते हैं। सनाय पेट की चर्बी और कब्ज कई समस्याओं में बहुत फायदेमंद हैं सनाय (सेना) के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है।
यह 75-150 सेमी ऊँचा, सीधा, बहुवर्षायु क्षुप होता है। इसके पुष्प पीत वर्ण के तथा कुछ सुगन्धित होते हैं। इसकी फली चिपटी, 3.5-7.0 मिमी लम्बी, 20 मिमी चौड़ी, अपक्व अवस्था में हरी तथा पकने पर गहरे भूरे वर्ण की होती है। प्रत्येक फली में 5-7 गहरे भूरे वर्ण के बीज होते हैं। दुनियाभर में कई तरह के औषधीय पेड़-पौधे उपलब्ध हैं। इन्हीं में से एक है सनाय का पौधा। सनाय को सेना के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा पौधा है, जिसमें फूल काफी ज्यादा होता है।
यह दाल और फलियों के परिवार का पौधा है। इसकी 50 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं। इस पौधे के कई हिस्सों का इस्तेमाल किया जा सकता है। खासतौर पर इसकी पत्तियों और फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके पौधे में लैक्सेटिव गुण पाए जाते हैं, जो कब्ज की
सनाय के प्रकार:
दुनिया भर में सनाय की अलग-अलग प्रजातियों के पौधों को प्रयोग में लाया जाता है। लेकिन औषधीय उपयोगों के आधार पर जिन 4 प्रकार के सनाय पौधों को सबसे ज्यादा प्रयोग में लाया जाता है वे हैं:
- कैसिया एंगुस्टिफोलिया: टिनेवली सेना या भारतीय सनाय
- कैसिया एलेक्जेंड्रिना: सेना एलेक्जेंड्रिना
- सेना टोरा
- कैसिया ओसिडेंटैलिस
वानस्पतिक नाम : Senna alexandrina Mill. (सेना अलेक्सन्ड्रिना) Syn-Cassia angustifolia Vahl, Cassia senna Linn.
कुल : Caesalpiniaceae (सेजैलपिनिएसी)
अंग्रेज़ी में नाम : Indian senna (इण्डियन सेना)
संस्कृत-मार्कण्डिका, भूमिवल्ली, मार्कण्डी, स्वर्णपत्री, मृदुरेचनी;
हिन्दी-देशी सनाय;
उड़िया-सोनामुखी (Sonamukhi);
कन्नड़-नीयावरा नेलावरिके (Niyavara nelavarike);
गुजराती-मीठीआकवल (Mithiakval), सेनामुखी (Senamukhi);
तेलुगु-नेलातेनगेडु (Nelatungedu);
तमिल-नीला वाकाई (Nila vakai), गिलाविरै (Gilavirai);
बंगाली-सोनपात (Sonpat), सोनामुखी (Sonamukhi);
नेपाली-सनाय (Sanaya);
मराठी-सोनामुखी (Sonamukhi), भुईतखड़ (Bhuitkhad);
मलयालम-नीलवाक (Nilavaka)।
अंग्रेजी-ऐलेक्जेन्ड्रियन सेना (Alexandrian senna), बाँबे सेना (Bombay senna), मेडिसिनल सेना (Medicinal senna), तिन्नेवल्ली सेना (Tinnevelly senna);
अरबी-सनाए हिंदी (Senaehindi);
फारसी-सानेहिन्दी (Sanaehindi)।
आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव
- सनाय कटु, मधुर, तिक्त, कषाय, उष्ण, लघु, रूक्ष, तीक्ष्ण तथा वातकफशामक है।
- यह ऊर्ध्व तथा अधकाय का शोधन करने वाली होती है व कुष्ठ, विष, दुर्गन्ध, उदर रोग, गुल्म, कृमिरोग, कास, विबन्ध, प्लीहोदर तथा अग्निमांद्य नाशक है।
- इसकी मूल सारक, गुरु, मधुर, अग्निदीपक, वातशामक, रक्तपित्त, तृष्णा, मोह, शुक्रक्षय, कृमि, कुष्ठ तथा प्लीहाविकार शामक है।
- इससे प्राप्त सेन्नोसाइड्स (Sennosides), तीव्र आंत्र क्षोभक संलक्षण (Severe irritable syndrome) से ग्रस्त रोगियों के तीव्र कब्ज को दूर करता है।
विभिन्न रोगों में सनाय के फायदे (Treatment of various diseases)
सनाय पौधे (Senna Plant) की पत्तियों में चमत्कारिक औषधीय गुण होते हैं। इस पौधे का आयुर्वेद में विशेष स्थान है। जैसे सनाय कब्ज को जड़ से खत्म करता है। सनाय बवासीर से राहत दिलाने में सहायक होता है। सनाय पेट के कीड़ों को खत्म करता है। सनाय वजन घटाने में सहायक होता है।
चूंकि सनाय आंतों की सफाई करने में मदद करता है, इसलिए इसे कभी-कभी अन्य घटकों जैसे सोडियम पिकोसल्फेट और पॉलीथाइलीन ग्लाइकोल के साथ कोलोनोस्कोपी से पहले प्रयोग में लाया जाता है। कोलोनोस्कोपी, एक प्रकार का नैदानिक परीक्षण है जिसमें बड़ी आंत या कोलोन के अंदर की स्थिति को देखने के लिए एक कैथेटर और छोटे से कैमरे का उपयोग किया जाता है।
हर्निया के लिए प्रयोग में लाई जाने वाले कुछ आयुर्वेदिक उपचारों में भी सनाय का प्रयोग किया जाता है। यहां ध्यान रखना महत्वपूर्ण हो जाता है कि सनाय का लंबे समय तक इस्तेमाल- विशेष रूप से हाई डोज में- नुकसानदेह हो सकता है। लिहाजा इसके उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
स्किन के संक्रमण को करे दूर के लिए सनाय के फायदे
सनाय के फूलों और पत्तियों के इस्तेमाल से स्किन पर मौजूद संक्रमण को दूर किया जा सकता है। स्किन पर किसी तरह के दाग-धब्बे नजर आने पर सनाय के पत्तों का पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को अपने स्किन पर लगाएं। इससे स्किन पर मौजूद संक्रमण नष्ट हो सकते हैं।
वायरल इंफेक्शन को काम करने के लिए सनाय के फायदे
सनाय के पौधों और पत्तियों के इस्तेमाल से वायरल इंफेक्शन की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसका सेवन करने के लिए 1 से 2 ग्राम सनाय का चूर्ण लें। इसमें 10 मिली करीब आंवला का रस मिक्स करके पिएं। इससे वायरस इंफेक्शन की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
सेना के पत्ता का उपयोग इंफेक्शन यानी संक्रमण की समस्या से छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है। एक मेडिकल रिसर्च में दिया हुआ है कि सेना के पत्ते के अर्क में एंटी-माइक्रोबियल गुण होता है। साथ ही इसे एंटीबायोटिक पदार्थ की तरह भी उपयोग किया जा सकता है, जो बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन से राहत दिलाने का काम कर सकता है। इसे गोनोरिया (यौन संबंध से फैलने वाला संक्रमण), निमोनिया, यूरिनरी ट्रैक्ट और माइकोटिक संक्रमण से बचाव करने के लिए जाना जाता है।
वायरल इंफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस बी में सनाय के फायदे- एन्थ्राक्विनोन, उन एंजाइम्स के उत्पादन को बाधित कर देता है जो हेपेटाइटिस बी बीमारी के लिए जिम्मेदार वायरस को बढ़ने और प्रतिकृति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सर्वाइकल कैंसर में सनाय के फायदे- सर्वाइकल कैंसर के 70 फीसदी मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) 16 या एचपीवी 18 संक्रमण के कारण होते हैं। अनुसंधानों से पता चला है कि इन वायरस के खिलाफ भी सनाय का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। मनुष्यों पर इस लाभ की पुष्टि के लिए और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
वजन करे कम के लिए सनाय के फायदे
सनाय के फूलों और पत्तियों के सेवन से आप अपने वजन को भी कम कर सकते हैं। इसकी पत्तियों और फूलों से हर्बल चाय बनाकर पिया जा सकता है। हर्बल टी के नियमित सेवन से आप अपने वजन को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इसके चाय का सेवन लगातार 1 से 2 सप्ताह से अधिक न करें। चाय के साथ-साथ अपने खानपान को भी सही रखें। साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूर करें।
वजन घटाने के लिए भी सेना के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट में भी इस बात का जिक्र मिलता है। बताया गया है कि सेना के पत्तों से बनाई गई हर्बल टी के सेवन से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। इसमें सेना के पत्तों में मौजूद सक्रिय घटक एंथ्राक्विनोन डेरिवेटिव और उसके ग्लूकोसाइड को मददगार माना जाता है। बस सेना के पत्तों का सेवन एक या दो हफ्ते से ज्यादा नहीं करना चाहिए। साथ ही वजन कम करने के लिए संतुलित खानपान और नियमित व्यायाम भी जरूरी है।
सनाय के फायदे कैंसर में – Anti-cancer properties of Senna in Hindi
वैज्ञानिकों ने कैसिया एंजुस्टिफोलिया में तीन प्रकार के फ्लैवनॉयड्स पाए जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते हैं। फ्लैवनॉयड्स, एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाले प्लांट केमिकल होते हैं जो निम्नलिखित प्रकार के हैं-
- क्वर्सिमेरिटिन
- स्कटेलेरिन
- रुटिन
लिवर से जुड़ी बीमारी के लिए सनाय के फायदे
सनाय लिवर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में असरकारी होता है। अगर आप नियमित रूप से 1 ग्राम सनाय के चूर्ण का सेवन करते हैं, तो इससे लिवर से जुड़ी समस्याओं को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
पशुओं पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि सनाय के एक प्रकार- कैसिया एंगुस्टिफोलिया का मेथनॉल अर्क लिवर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के साथ गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा को कम करने के साथ लिवर में होने वाले घाव से भी बचाता है। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि सनाय टी का लंबे समय तक उपयोग किया जाए तो यह लिवर को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि सनाय की कई प्रजातियों को प्रयोग में लाया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी एक प्रजाति कैसिया ओसिडेंटैलिस को लिवर रोग की आयुर्वेदिक दवा के महत्वपूर्ण घटक के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। शराब की लत के कारण होने वाली लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में भी यह प्रभावी है।
लिवर की बीमारी को ठीक करने के लिए यदि आप सनाय को प्रयोग में लाने का विचार कर रहे हैं तो अपनी सेहत के मुताबिक उचित खुराक के बारे में जानने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
बालों के लिए सनाय के फायदे
सेना के पत्ते के फायदे में बालों की समस्याओं से छुटकारा पाना भी शामिल है। माना जाता है कि सेना के पत्तों का उपयोग करने से बाल जड़ों से मजबूत हो सकते हैं। साथ ही ये बालों को कंडीशनिंग करने और बालों को झड़ने से रोकने में भी मदद कर सकता हैं। सेना के पत्ते को पीसकर एसेंशियल ऑयल के साथ मिलकर पेस्ट तैयार करके सिर में लगाया जा सकता है। फिर कुछ घंटों बाद पानी से बालों को धो लें। हां, इन सब बातों के लिए ठोस वैज्ञानिक प्रमाण की कमी है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसका उपयोग बालों के लिए अच्छा होता है।
कब्ज से छुटकारा पाने के लिए सनाय के फायदे
सनाय के फूलों और पत्तियों से बना काढ़ा पीने से कब्ज की समस्या से राहत पाया जा कता है। यह आपके लिए पेट साफ करने की दवा की तरह कार्य करता है। इसके सेवन से आंतों की गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। साथ ही यह आपके बाउल मूवमेंट को बेहतर करता है।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से बचाव के लिए सनाय के फायदे
सनाय के इस्तेमाल से इर्रिटेबल बाउडल सिंड्रोम का इलाज किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार, सनाय की पत्तियों का इस्तेमाल इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से बचाव के लिए किया जा सकता है। दरअसल, इस समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को पेट में दर्द, डायरिया, कब्ज जैसी परेशानी होती है। सनाय की पत्तियों में लैक्सेटिव का असर होता है, जो कब्ज से राहत दिलाने में आपकी मदद करता है। साथ ही यह पेट फूलने और कुपच जैसी परेशानी को दूर करता है।
सनाय के औषधीय प्रयोग की मात्रा एवं विधि
श्वास- 10 मिली आँवला स्वरस के साथ 1-2 ग्राम सनाय पत्र चूर्ण का सेवन करने से श्वास में लाभ होता है।
उदर रोग- 1-2 ग्राम सनाय पत्र चूर्ण का नियमित सेवन करने से मल का सम्यक् निर्हरण होकर उदर रोगों में लाभ होता है।
वायु विकार : 20 ग्राम सनाय, 40 ग्राम सुरंजान और सौंठ, 10-10 ग्राम नेत्रवाला, सफेद जीरा और पीपल को पीसकर छान लें। इस बने चूर्ण को शहद में मिलाकर 1-1 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम लेने से वायुविकार के रोग मे लाभ होता है।
विबन्ध- 1-2 ग्राम सनाय चूर्ण को 5-10 मिली इमली स्वरस में मिलाकर सेवन करने से विबन्ध में लाभ होता है।
दाह- 1-2 ग्राम सनाय चूर्ण को अनार स्वरस के साथ सेवन करने से दाह का शमन होता है।
पित्तज- विकार-1-2 ग्राम सनाय पत्र चूर्ण में समभाग शर्करा मिलाकर सेवन करने से पित्तज विकारों का शमन होता है।
पाण्डु- कामला-सनाय पत्र क्वाथ (10-20 मिली) या चूर्ण (1-2 ग्राम) का सेवन करने से पाण्डु, कामला तथा प्लीहा वृद्धि का शमन होता है।
कुष्ठ- कुष्ठ आदि त्वचा रोगों में विरेचनार्थ पत्रों का प्रयोग किया जाता है।
अग्निमांद्य- 1-2 ग्राम सनाय चूर्ण में समभाग शर्करा मिलाकर, बिजौरा नींबू स्वरस के साथ सेवन करने से अग्निदीप्त होती है तथा भूख बढ़ती है।
अग्निमांद्यता (अपच) होने पर :
सनाय की पत्ती, सोंठ, बड़ी हर्रे, सौंफ, आंवला को खूब बारीक से पीसकर चूर्ण बनाकर कपड़े में छान लें। यह चूर्ण 2 चम्मच गर्म पानी में रोजाना खाना खाने के पहले सेवन करने से अपच (भोजन का ना पचना) में लाभ होता हैं।
वातजगुल्म- 1-2 ग्राम सनाय पत्र चूर्ण में समभाग वच चूर्ण मिलाकर सेवन करने से वातजगुल्म में लाभ होता है।
आंत्रिक-ज्वर- 10-20 मिली सनाय पत्र क्वाथ या 1-2 ग्राम सनाय पत्र चूर्ण का सेवन करने से आंत्रिक ज्वर में लाभ होता है।
विरेचनार्थ योग- 5 ग्राम सनाय के पत्र, 2 ग्राम सोंठ चूर्ण तथा 1 ग्राम लौंग चूर्ण को पानी में डालकर उबालकर, छानकर 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से विरेचन द्वारा दोषों का निर्हरण हो जाता है।
वातज- शूल-1-2 ग्राम सनाय चूर्ण में शक्कर तथा सोंठ मिलाकर सेवन करने से वातज-शूल का शमन होता है।
आंव रक्त (पेचिश) होने पर :
सनाय की पत्ती, त्रिफला और कालानमक को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में नींबू का रस मिलाकर गोली बना लें। यह 1 गोली सुबह-शाम खाने से पेचिश के रोगी का रोग दूर हो जाता है।
जलोदर- 1-2 ग्राम सनाय पत्र चूर्ण को 10 मिली आमलकी स्वरस के साथ सेवन करने से जलोदर में लाभ होता है।
उदरशोथ- 1-2 ग्राम सनाय पत्र चूर्ण को अजा मूत्र के साथ सेवन करने से उदरशोथ का शमन होता है।
मात्रा : चूर्ण 1-2 ग्राम, क्वाथ 10-20 मिली या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
कब्ज होने पर :
- 50 ग्राम सनाय की पत्ती, 100 ग्राम सौंफ और 20 ग्राम मिश्री का चूर्ण बनाकर रख लें। फिर इस 10 ग्राम चूर्ण को गर्म पानी के साथ खाने से कब्ज (पेट मे गैस) के रोग में राहत मिलती है।
- 15 ग्राम सनाय, 15 ग्राम सौंठ, 15 ग्राम सौंफ और 15 ग्राम सैंधा नमक को एकसाथ पीसकर छान लें। रात को सोने से पहले गुनगुने पानी मे इस चूर्ण को डालकर मसलकर और छानकर इसमें चीनी को मिलाकर पीने से कब्ज (पेट मे गैस) में लाभ होता है।
- 20 ग्राम सनाय के पत्तों को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में बीज रहित 30 ग्राम मुनक्के को घोट लें। इसमें पानी न डालें, इस मिश्रण की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। यह 2 गोलियां रात में दूध या पानी के साथ खाने से कब्ज (पेट मे गैस) मिटती है।
- 6 ग्राम सनाय, 6 ग्राम जागी हरड, 6 ग्राम निशोत और 6 ग्राम मुनक्का को मिलाकर और 10 ग्राम मिश्री को दूध के साथ पीने से दस्त आने शुरू हो जाते हैं और पेट साफ हो जाता हैं। ध्यान रहें कि शाम को भोजन में केवल चावल और दहीं का ही सेवन करें।
- लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग सनाय की पत्ती के चूर्ण को लौंग और मुलेहठी के साथ रात में लेने से सुबह शौच खुलकर आती है।
बवासीर में सनाय के फायदे
सनाय बवासीर में बहुत लाभदायक होता है क्यूंकि यह सूजन को कम करता है। सनाय मल को मुलायम करने के काम करता है। यह गुदा में फिशर जैसी पैथोलोजिकल समस्या में सोचालय को आसान बनता है।
सनाय के पत्ते का उपयोग – How to Use Senna Leaf in Hindi
अगर आप सोच रहे हैं कि सनाय के पत्ते का उपयोग कैसे और कितनी मात्रा में करना चाहिए, तो इसके लिए आप
- सनाय पत्तों को सुखाकर या फिर पाउडर बनाकर हर्बल चाय की तरह सुबह या शाम ले सकते हैं।
- सनाय की कुछ पत्तियों को सब्जी बनाते समय उसमें मिलाया जा सकता है।
- सनाय के पत्ते से बना सिरप और कैप्सूल भी उपलब्ध है।
इस्तेमाल में लाये जाने वाले सनाय के भाग
- सनाय की पत्तियां, सनाय के फूल, सनाय की फलियां
कितना खाएं : कुछ समस्याओं से राहत पाने के लिए सनाय के पत्ते व इससे बने पदार्थ का उपयोग किया जा सकता है, जो इस प्रकार है।
- वजन कम करने के लिए दो सप्ताह तक प्रतिदिन2 मिलीग्राम सेना का उपयोग किया जा सकता है।
- कब्ज से छुटकारा पाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कैप्सूल और गोलियों में 10 मिलीग्राम से 60 मिलीग्राम तक सेना का उपयोग होता है। इसे 10 दिन तक लगातार लिया जा सकता है।
नोट: जैसा कि हम बता चुके हैं कि सेना के पत्तों में लैक्सेटिव गुण होता है, इसलिए इसकी कितनी मात्रा लेनी है, इस संबंध में एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
यहां हम आपको WHO की जरूरी दवाइयों की लिस्ट में सनाय की जो खुराक बताई गई है उसके बारे में बता रहे हैं:
- लैक्सेटिव के रूप में: सेनोसाइड्स युक्त 7.5 मिलीग्राम की गोलियां या दवा का पारंपरिक रूप
- दर्दनिवारक के रूप में: 5 एमएल लिक्विड में सनाय के अर्क की 7.5 मिलीग्राम मात्रा
कैसे कर सकते हैं सनाय का इस्तेमाल? (How to Use Sanay)
- सनाय के फूलों और पत्तियों को सूखाकर इसका चूर्ण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सनाय के पत्तों का साग के रूप में भी सेवन किया जा सकता है।
- सनाय के पत्तों और फूलों से तैयार काढ़े का सेवन किया जा सकता है।
- मार्केट में सनाय के कैप्सूल भी मौजूद हैं।
सनाय का सेवन आप अपनी कई परेशानियों को दूर करने के लिए कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना है। अगर आप अधिक मात्रा में सनाय का सेवन करते हैं, तो इससे आपकी कई अन्य परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसलिए सही मात्रा में सनाय का सेवन करें।
सनाय के पत्ताें के नुकसान – Side Effects of Senna Leaf in Hindi
सनाय की पत्तियों का लगातार उपयोग करने से कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। सेना के पत्ता के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं
पाचन संबंधी समस्या: लंबे समय तक अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से इसमें मौजूद लैक्सेटिव के कारण डाइजेस्टिव संबंधित समस्या हो सकती है।
इलेक्ट्रोलाइट की समस्या: सनाय के अधिक सेवन से शरीर में पोटैशियम की कमी का जोखिम बना रहता है, जो इलेक्ट्रोलाइट को प्रभावित कर सकता है।
डिहाइड्रेशन: सनाय की चाय को डिहाइड्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे मरीज को दस्त लग सकते हैं।
इन्हें न दें सेना के पत्ते: पेट में दर्द, आंतों में रुकावट, क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस, अपेंडिक्स, पेट में सूजन व बवासीर आदि की समस्या जिन्हें हो, उन्हें भी सेना के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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