क्या आप जानते हैं मोटापा और शरीर के वजन का बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। आपको बता दें कि अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण होता है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का सबसे प्रमुख कारणों में से एक है। असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से भी लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।
मोटापा क्या है? (What is obesity?)
मोटापा (Obesity) एक शब्द है जिसका इस्तेमाल ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है जिसके शरीर में वसा की उच्च मात्रा के कारण उसका वजन बहुत अधिक बढ़ जाता है।
किसी व्यक्ति के वजन का आकलन आमतौर पर कई तरीकों से लगाया जा सकता है। मोटापे (Obesity) को मापने की बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाने वाली विधि बॉडी मास इंडेक्स (Body mass index (BMI)) है।
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वजन को किलोग्राम में माप कर उसे लंबाई के मीटर वर्ग से विभाजित करके पता किया जाता है। अपने खुद के बीएमआई का पता लगाने के लिए आप एनएचएस के बीएमआई स्वस्थ वजन कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं:
- यदि आपका बीएमआई 25 और 29 के बीच है, तो आपका वजन अधिक है
- यदि आपका बीएमआई 30 से 40 के बीच है, तो आपका वज़न मोटापे की श्रेणी में आएगा
- यदि आपका बीएमआई 40 से अधिक है तो आपको बहुत मोटा (“अस्वस्थ रूप से मोटा”) माना जाएगा
इसके अलावा कमर की चर्बी माप कर भी मोटापे का पता लगाया जाता है। बहुत मोटी कमर वाले लोगों (पुरुषों में 94 सेमी या इससे अधिक और महिलाओं में 80 सेमी या इससे अधिक) में मोटापे से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने का खतरा अधिक होता है।
मोटापे के कारण (Causes of obesity)
मोटापे के अधिकांश मामलों में एक व्यक्ति जितनी कैलोरी बर्न करता है उससे बहुत अधिक कैलोरी का सेवन करता है। शरीर द्वारा इस्तेमाल न की जाने वाली कैलोरी वसा के रूप में जमा हो जाती है। इसके अलावा खराब जीवनशैली के कारण भी यह समस्या बढ़ सकती है:
- अधिक एनर्जी वाले खाद्य पदार्थों या आसानी से उबलब्ध जंक फूड का सेवन करने से
- लोगों का पहली की अपेक्षा कम सक्रिय जीवनशैली जीना और ऐसे नौकरी करना जहाँ शारीरिक श्रम ना हो, जैसे लंबे समय तक बैठकर टीवी देखना, वीडियो गेम खेलना या इंटरनेट ब्राउज करना
- अपने वाहन या सार्वजनिक वाहन से यात्रा करना, जिसके कारण कम टहल पाना
मोटापे का जोखिम (The risks of obesity)
मोटापे के कारण आपको कई तरह की गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है, जैसे:
- टाइप 2 डायबिटीज
- हृदय रोग
- कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे स्तन कैंसर और बड़ी आंत का कैंसर
- आघात (स्ट्रोक)
इसके अलावा, मोटापे के कारण आपका जीवन प्रभावित हो सकता है और अवसाद भी हो सकता है।
मोटापे का इलाज (Treatment of obesity):
मोटापे के इलाज का चार मुख्य उद्देश्य होता है:
- आगे वजन बढ़ने से रोकना
- कम कैलोरी युक्त आहार और नियमित व्यायाम के जरिए धीरे-धीरे वजन कम करना
- वजन घटने के बाद दोबारा उसे बढ़ने से रोकना
- स्वास्थ्य को सुधारना और मोटापे के कारण होने वाली समस्याओं को कम करना
यदि आप मोटापे से पीड़ित हैं और वजन घटाना चाहते हैं तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
वे आपको सलाह देंगे:
- आपको किस तरह के आहार का सेवन करना चाहिए
- आपको कितना व्यायाम करने की आवश्यकता है
- आपको मोटापे से जुड़ी समस्याओं की जांच और इलाज की जरूरत है या नहीं
- मोटापे के मौजूदा कारण जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज की जरूरत है या नहीं
कुछ लोग प्रशिक्षक या आहार विशेषज्ञ से परामर्श लेना पसंद करते हैं, जबकि अन्य लोग वजन घटाने वाले समूह का हिस्सा बनना पसंद करते हैं, जो या तो स्थानीय नैदानिक कमीशन समूहों (सीसीजी) या वाणिज्यिक संगठनों के जरिए आयोजित किया जाता है। आप अपने वजन की जांच के करने लिए इंटरनेट एप्लिकेशन एनएचएस बीएमआई ट्रैकर टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वजन घटाने के लिए ओर्लिस्टेट(orlistat) नामक दवा का भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसका उपयोग ऊपर दिए गए उपायों के साथ साथ किया जाना चाहिए, न कि विकल्प के रूप में। डॉक्टर यह सलाह दे सकते हैं कि ओर्लिस्टेट आपके लिए उपयुक्त है या नहीं।
अधिकांश लोगों को अपनी ऐसे सोच और व्यवहार को बदलने के लिए मदद की जरूरत होती है, जो उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक है।
लक्षण (Symptoms) :
थोड़ा वजन बढ़ने से आमतौर पर मोटापे के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन अगर कुछ अतिरिक्त किलो बढ़ जाता है तो कई लक्षण विकसित होने लगते हैं जो आपके दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं।
अल्पकालिक समस्याएं:
मोटापे के कारण कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं:
- सांस फूलना
- अधिक पसीना आना
- खर्राटे लेना
- सोने में कठिनाई
- अचानक शारीरिक गतिविधियां करने में परेशानी
- रोजाना अधिक थकान महसूस होना
- पीठ और जोड़ों में दर्द
बढ़ते वजन और मोटापे के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। जैसे –
- उच्च रक्तचाप (high blood pressure) (हाइपरटेंशन) – इससे गंभीर हृदय रोग (ऐसी समस्या जो शरीर के चारों ओर रक्त के प्रवाह को प्रभावित करती है) की समस्या बढ़ सकती है
- बांझपन (infertility)
- टाइप 2 डायबिटीज
- कई प्रकार के कैंसर
- हृदय रोग
- आघात (stroke)
- अस्थमा
- ऑस्टियोअर्थराइटिस (जोड़ों को प्रभावित करने वाली समस्या)
- पीठ दर्द
- अवसाद
- लिवर रोग
- किडनी रोग
- स्लीप एप्निया-ऐसी समस्या जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में परेशानी होती है।
- गैस्ट्रो-ओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (gastro-oesophageal reflux disease)
मोटापे की वजह से होने वाली दीर्घकालिक समस्याएं (Long term problems caused by obesity):
मोटापे के कारण होने वाले बदलाव अक्सर नजर नहीं आते हैं लेकिन ये स्वास्थ्य को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं। जैसे:
- उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन)
- हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल ( वसा जमा होने से धमनी का अवरूद्ध हो जाना)
दोनों ही समस्याएं हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकती हैं। जैसे:
- कोरोनरी हार्ट डिजीज, जिसके कारण हार्ट अटैक हो सकता है।
- स्ट्रोक, इसके कारण विकलांगता हो सकती है और यह घातक हो सकता है।
मोटापे के कारण टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है जो व्यक्ति के जीवन को लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है। एक अनुमान के अनुसार मधुमेह के आधे मामले मोटापे से जुड़े होते हैं। मधुमेह के मुख्य लक्षण हैं:
- बहुत अधिक प्यास लगना
- बार-बार शौचालय जाना, खासतौर पर रात में
- अधिक थकान महसूस होना
आहार (Diet):
वजन घटाने का कोई एक नियम नहीं है। ज्यादातर मोटे लोगों को सुझाव दिया जाता है कि उन्हें अपने आहार से प्रतिदिन 600 कैलोरी ऊर्जा की मात्रा कम करनी चाहिए।
आहार से कैलोरी घटाने का सबसे आसान तरीका है अधिक एनर्जी वाले खाद्य पदार्थों जैसे फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और मीठे पेय पदार्थों से पूरी तरह परहेज करना।
एक स्वस्थ आहार में शामिल करना चाहिए:
- खूब सारे फल और सब्जियां
- पर्याप्त आलू, रोटी, चावल, पास्ता और अन्य स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थ ( साबुत अनाज की विभिन्न किस्में भी)
- दूध और डेयरी उत्पाद
- मांस, मछली, अंडे, बीन्स और प्रोटीन के अन्य नॉन-डेयरी उत्पाद
- अधिक वसा और शर्करा वाले कम खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन करना
अधिक नमक वाले भोजन से परहेज करना। इसका कारण यह कि इससे आपका रक्तचाप बढ़ सकता है और यह मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।
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खाने से पहले आपको हर तरह के खाद्य और पेय पदार्थों में कैलोरी की मात्रा की जांच करनी चाहिए। ताकि आप अपनी सीमा से ज्यादा कैलोरी का सेवन करने से बच सकें।
कुछ रेस्टोरेंट और कैफे में खाद्य पदार्थों में मौजूद कैलोरी के बारे में जानकारी दी जाती है। लेकिन वे आपको जानकारी दें, यह जरूरी नहीं है। कुछ खाद्य पदार्थ जैसे बर्गर, फ्राइड चिकन, करी और चाइनीज डिश खाने से आपका वजन काफी तेजी से बढ़ सकता है।
कम कैलोरी वाले आहार (Very low calorie diet): कम कैलोरी वाले आहार (VLCD) ऐसे आहार को कहते हैं, जिससे आप एक दिन में 1000 से कम कैलोरी प्राप्त करते हैं। VLCD के उदाहरण हैं:
- नाश्ते में एक कटोरी कॉर्नफ्लेक्स
- मिड-मॉर्निंग स्नैक में एक जाफा केक
- दोपहर के भोजन में चिकन सलाद सैंडविच
- शाम के भोजन में कम कैलोरी युक्त लसान्या(एक प्रकार का पास्ता)
- रात के भोजन के बाद एक नाशपाती
व्यायाम (Exercise): भोजन में कैलोरी की मात्रा घटाने से अधिक वजन नहीं बढ़ता है। लेकिन यदि आप वजन घटाना चाहते हैं तो कैलोरी की मात्रा कम करने के साथ ही आपको नियमित व्यायाम करने की जरूरत पड़ेगी।
आपके डॉक्टर या परामर्शदाता आपके लिए उपयुक्त एक्सरसाइज प्लान के बारे में बताएंगे। जिसमें आपको हफ्ते में कई घंटों तक मॉडरेट-इंटेंसिटी शारीरिक गतिविधि करने की सलाह दी जा सकती है।
मॉडरेट-इंटेंसिटी शारीरिक गतिविधि में कोई भी गतिविधि शामिल हो सकती है जिसे करने पर आपके हृदय और श्वसन की दर बढ़ने से आपको खूब पसीना होता है। लेकिन फिर भी आप सामान्य बातचीत कर सकते हैं
इनमें शामिल है:
- तेजी से चलना
- जॉगिंग
- तैरना
- टेनिस
- स्टेप ट्रेनर का इस्तेमाल करना
आपको नियमित एक्सरसाइज करने की जरूरत पड़ेगी। इसलिए वही शारीरिक गतिविधि करें जो आपको पसंद हो।
वजन कम करने का सबसे आसान प्राचीन आयुर्वेदिक तरीका (Easiest ancient ayurvedic way to lose weight):
कचनार एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। जिसका सेवन कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। कचनार की छाल से लेकर जड़ों तक का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं, कई लोग कचनार की पत्तियों का साग भी बनाकर खाते हैं। प्राचीनकाल से ही कचनार का सेवन किया जा रहा है। इसके सेवन से सर्दी-खांसी से लेकर वजन कम करने तक कई बीमारियों से राहत पाने के लिए किया जाता रहा है।
आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप सिंह बताते हैं कि कचनार के फूलों से तैयार दवाई का सेवन करने से कई रोगों को दूर किया जा सकता है। इसके सेवन से आप थायराइड, सर्दी-खांसी, मुंह में खाले जैसी कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं। लेकिन इसका सेवन करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। आइए जानते हैं कचनार के सेवन से सेहत को होने वाले फायदे और इस्तेमाल करने का तरीका.
त्रिफला एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर लोग कब्ज़ को दूर करने और बढ़ते हुए शरीर के वजन को कम करने के लिए करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि यह सिर्फ़ कब्ज़ दूर करने की ही दवा नहीं है बल्कि इसके हजारों तरह के अनेकों फायदे हैं। प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा में सदियों पहले से त्रिफला का इस्तेमाल होता आया है। त्रिफला चूर्ण को आयुर्वेद में शरीर का कायाकल्प करने वाला रसायन औषधि माना गया है।
त्रिफला क्या है ?
त्रिफला तीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है। ये तीन जड़ी बूटियों निम्न हैं :
- आंवला
- बहेड़ा
- हरड़
इन तीनों फलों के चूर्ण का मिश्रण ही त्रिफला कहलाता है। इसका सेवन हमेशा आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
अगर आप तेजी से अपने बढ़ते हुए वजन को कम करना चाहते हैं तो आपको कचनार और त्रिफला का सेवन करना होगा
इस प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार के सेवन की विधि कुछ तरह रहेगी.
सबसे पहहले आपको कचनार की 100 ग्राम छाल को लेना है और साथ ही 100 ग्राम त्रिफला चूर्ण लेना है फिर दोनों को अच्छे से मिलकर पीस लेना है और छान कर रख लेना है, इसके बाद सुबह साम एक एक चम्मच लेकर एक गिलास पानी में अच्छे से उबाल लेना है तबतक उबालना है जबतक वह एक गिलास पानी आधा गिलास नहीं हो जाता इसके बाद जब यह गुनगुना रह जाये तब इस पानी को पि लेना है.
सुबह खली पेट और रात में खाना खाने के एक घंटे बाद. साथ ही रात में आपको खाने के किसी भी तरह के अन्न का सेवन नहीं करना है. याद रहे अगर आपको हाइ BP है तो आपको पूरी तरह से ठंडा करके पीना है.
साथ में कुछ व्यायाम भी जरूर करें. अगर आप दो से तीन महीना इसका सेवन करते हैं तो आप देखेंगे की आपका तीन महीने में कम से कम 15 से 20 किलो वजन कम हो चूका होगा और आपके शरीर में कमजोरी भी नहीं आयेगी साथ ही शरीर शक्तिशाली बन जायेगा और हजारों बीमारियां आपके शरीर से हजारों मील दूर रहेंगी.
इस प्राचीन आयुर्वेदिक नुश्खे को हजारों लोगों ने अपनाकर लाभ उठाया है आप भी इस नुश्खे का लाभ उठा सकते हैं और अपने बढ़ते हुए वजन को सिमित रख कर वजन कम कर सकते हैं.
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