आंवला क्या है? (What is Amla?)
आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। वैदिक काल से ही आंवला (phyllanthus emblica) का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है। प्राचीन आयुर्वेद के अनुसार, आंवला एक ऐसा फल है, जिसके मनुष्य जीवन के लिए अनगिनत लाभ (Amla Benefits in Hindi) हैं। आंवला न सिर्फ त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद है बल्कि कई तरह के रोगों के लिए एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी काम करता है। आंवला का प्रयोग मनुष्य जीवन के लिए कई तरह से किया जाता है, जैसे- आमला जूस (amla juice), आंवला पाउडर (amla powder), आंवला अचार, आंवला मुरब्बा आदि। आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल, और न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं, जो आंवला को अनमोल गुणों वाला बनाते हैं। आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप सिंह द्वारा इस लेख में हम आंवले के फायदे और उसे इस्तेमाल करने के तरीके पर चर्चा करेंगे।
यदि हम किसी ऐसे फल की बात करें जो गुणों की खान है, तो उसमें आंवले का नाम सबसे पहले आएगा। इसको गूजबेरी, आमलकी भी कहते हैं। आयुर्वेद में आंवले को अमृत फल कहा जाता है। आंवला विटामिन सी का काफी अच्छा स्रोत है। इसमें एक संतरे की तुलना में 8 गुना अधिक विटामिन सी होता है और 1 आंवले में संतरे से 17 गुना अधिक एंटीऑक्सिडेंट होता है।
विटामिन सी के साथ-साथ इसमें कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में होता है, इसलिए इसे मनुष्य के लिए प्रकृति का एक वरदान माना जाता है। यह गुणों की खान है। सर्दियों में इसका सेवन और ज्यादा फायदेमंद होता है। यह शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। आंवले के नियमित सेवन से आपकी काया निरोगी बनती है। इसमें विटामिन सी, एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन, ऐन्थो साइनिन, फ्लैवोनोइड्स और पोटेशियम होता है।
आंवला एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल मॉडर्न मेडिसिन बनाने के लिए भी किया जाता है। आंवला कई रोगों को तो दूर करता ही है साथ ही इससे स्किन और बालों को भी कई तरह के लाभ मिलते हैं। स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने वाली कई दवाओं और ब्यूटी प्रॉडक्ट्स में भी आंवले का प्रयोग किया जाता है। इसमें कई प्रकार के विटामिन व अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। आंवला को एक शक्तिशाली औषधि के रूप में जाना जाता है, जिसकी खेती प्रमुख रूप से भारत में होती है और इसलिए इसे अंग्रेजी में इंडियन गूसबेरी के नाम से जाना जाता है। यह एक वृक्ष पर लगने वाले फल के रूप में प्राप्त होता है और इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसे जड़ी-बूटियों की श्रेणी में रखा जाता है।
चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए अमला का उल्लेख मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है. इसे अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला (Indian gooseberry) का उपयोग किया जाता है। इसे कई जगहों पर अमला नाम से भी जाना जाता है।
अन्य भाषाओं में आंवला के नाम (Name of Amla in Different Languages)
Amla in –
- Hindi- आमला, आँवला, आंवरा, आंबला औरा;
- Urdu- आँवला (Anwala);
- Oriya- औंला (Onola);
- Assamese- अमला (Amla), आमलुकी (Amluki);
- Kannada- नेल्लि (Nelli), नेल्लिकाय (Nellikai);
- Gujarati- आमला (Amla), आमली (Amli);
- Tamil- नेल्लिमार (Nellimaram);
- Telugu- उसरिकाय (Usirikai);
- Bengali- आमला (Amla), आमलकी (Amlaki);
- Nepali- अमला (Amla);
- Punjabi- आमला (Amla);
- Marathi- आँवले (Anwale), आवलकाठी (Aawalkathi);
- Malayalam- नेल्लिका (Nellikka), नेल्लिमारम (Nellimaram)।
- English- इण्डियन गूजबेरी (Indian gooseberry);
- Arabic- आमलज्ज (Amlajj);
- Persian- आमलह (Amlah), आम्लाझ (Amlazh) कहते हैं।
आंवला के फायदे (Benefits of Amla)
आंवला आमतौर पर खट्टे फलों की श्रेणी में आता है और इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी, विटामिन बी, फास्फोरस और अन्य कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों से आमतौर पर निम्न स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं
इम्यूनिटी सिस्टम को बनाए मजबूत (Make immunity system strong)
खाली पेट में आंवला के सेवन से आपका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है। आंवला में विटामिन सी मौजूद होता है। साथ ही आंवला प्राकृतिक लैग्जेटिव का काम करता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। सुबह खाली पेट में कच्चा आंवला खाने से या जूस पीने से काफी फायदा मिलता है। आंवला में फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरिया से लड़ने की ताकत होती है।
आंखों की बीमारी में आंवला के फायदे (Benefits of Amla to Treat Eye Diseases in Hindi)
- आंवले के 1-2 बूंद रस को आंखों में डालने से आंखों के दर्द से राहत मिलती है।
- आंवले के बीज को घिसकर आंखों में लगाने से आंखों के रोग में फायदा पहुंचता है।
- अपांप्म, आंवले का रस, धाय के फूल, नीलाथोथा तथा खपरिया तुत्थ को नींबू के रस से मिला लें। इसकी गोली बनाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों के अनेक रोग ठीक होते हैं।
- 7 ग्राम आंवले को जौ के साथ कुटकर ठंडे पानी में भिगो लें। दो-तीन घंटे बाद आंवलों को निचोड़ कर निकाल लें। इसी पानी में फिर से दूसरे आंवला को ऐसे ही भिगो दें। दो-तीन घंटे बाद फिर निचोड़ कर निकाल लें। इस तरह तीन-चार बार करें। इस पानी को आंखों में डालने से आँखों की सूजन कम (amle ke fayde) होती है।
- आंवले के पत्ते और फल का मिश्रण आंखों में लगाएं। इससे आंख आने की परेशानी से राहत मिलती है।
- आंवले को पीसकर पेस्ट बना लें, और उसकी पोटली बनाकर आंखों पर बांधें। इससे पित्त दोष के कारण होने वाली आंखों की खुजली, जलन आदि की परेशानी में लाभ मिलता है।
पाचन तंत्र रखे दुरुस्त (keep digestive system healthy)
आंवला में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो, शरीर के पाचन तंत्र को ठीक कर पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। आंवला का खाली पेट में रोज सेवन करने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। खाली पेट में इसके सेवन से कब्ज और एसिडिटी से राहत मिलती है।
- कई बार असमय खाने या कुछ भी गलत खा लेने पर अपच या इंडाइजेशन हो जाता है। इसके लिए आंवला को पका लें। इसमें उचित मात्रा में काली मिर्च, सोंठ, सेंधा नमक, भूना जीरा और हींग मिला लें। इसे छाया में सुखाकर सेवन करने से भूख लगती है, तथा कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
- आजकल की जीवनशैली या खान-पान की वजह से सभी लोग कब्ज से परेशान रहते हैं। 3-6 ग्राम त्रिफला चूर्ण को गुनगुने जल के साथ सेवन करें। इससे कब्ज में लाभ मिलता है।
- 10-12 ग्राम आंवले के कोमल पत्तों को पीसकर, छाछ के साथ रोज सुबह-शाम सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।
- अम्लपित्त या हाइपरएसिडिटी आजकल आम समस्या बन गई है। बच्चों से लेकर बूढ़े, किसी को भी यह समस्या हो सकती है। आंवले (Indian gooseberry) के 10 ग्राम बीजों को रात भर जल में भिगोकर रखें। अगले दिन गाय के दूध में बीजों को पीस लें। इसे 250 मिली गाय के दूध के साथ सेवन करें। इससे एसिडिटी में लाभ होता है।
हड्डियां बनाए मजबूत बनाकर गठिया के दर्द से दिलाये राहत आंवला (Amla gives relief from arthritis pain by making bones strong)
आंवला में कैल्शियम की भरपूर मात्रा में होता है। आंवला के सेवन से हड्डियां मजबूत होती है और जोड़ों को दर्द से भी राहत मिलती है। आंवला में पोटैशियम की मात्रा भी होती है जो, शरीर की मांसपेशियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
- गठिया में जोड़ों में दर्द और सूजन हो जाता है। इस परेशानी से सबसे ज्यादा बड़े-बूढ़े ग्रस्त होते हैं। इसमें 20 ग्राम सूखे आंवले और 20 ग्राम गुड़ लें। इसे 500 मिली पानी में उबाल लें। 250 मिली पानी शेष रहने पर छानकर सुबह शाम पिएं। इससे गठिया में लाभ होता है। इस दौरान नमक का सेवन ना करें।
- आंवला रसायन होने के के कारण सभी शरीर की सभी धातुओं को पोषण देता है। अतः यह अस्थि धातु को भी पोषण देकर हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
पीलिया में लाभकारी आंवला (Amla Benefits in Jaundice in Hindi)
कामला को पीलिया भी कहते हैं। पीलिया होने पर त्वचा का रंग पीला हो जाता है और शुरुआती स्थिति में इलाज नहीं होने पर यह गंभीर हो सकता है।
- आंवले की चटनी बनाकर उसमें शहद मिला लें। इसका सेवन करने से लिवर विकार और पीलिया (amla ke fayde) में लाभ होता है।
- 125-250 मिग्रा लौह भस्म के साथ 1-2 नग आंवले के चूर्ण का सेवन करने से पीलिया और एनीमिया में लाभ होता है।
बुखार में आंवला के फायदे (Amla Benefits to Get Relief from Fever in Hindi)
मोथा, इद्रजौ, हरड, बहेड़ा, आंवला, कुटकी तथा फालसा का काढ़ा बना लें। इसे 10-30 मिली मात्रा में पिएं। इससे कफ दोष के कारण होने वाले बुखार में लाभ होता है।
प्रवाहिका में आंवला के फायदे (Amla Benefits in Dysentery in Hindi)
मल के साथ खून आने लगता है तो यह स्थिति शरीर के लिए गंभीर हो जाती है। 10-20 मिली आंवले के रस (amla juice benefits) में 10 ग्राम शहद और 5 ग्राम घी मिला लें। इसे पिएं, और इसके बाद 100 मिली बकरी का दूध पी लें। ऐसा दिन में तीन बार करें। पेचिश में लाभ होता है।
नाक से खून बहने की समस्या में फायदेमंद आंवला (Amla Benefits to Get Relieve from Epistaxis)
नाक से खून बहने की समस्या अनेक कारणों से हो सकती है। इसमें आंवला फायदेमंद होता है। जामुन, आम तथा आंवले को कांजी आदि के साथ बारीक पीस लें। इसे मस्तक पर लेप करने से नकसीर (नाक से खून बहने की समस्या) में लाभ होता है।
खून साफ करने में आमला फायदेमंद (Amla Beneficial in Blood Purification in Hindi)
आंवला का सेवन खून को साफ करने में सहायता करता है। अतः आंवला जूस खून के अशुद्ध से होने वाले रोगों से राहत दिलाने में फायदेमंद होता है।
कैंसर से बचने के लिए आंवले का उपयोग (Use of Amla to Prevent Cancer in Hindi)
आंवले का सेवन कैंसर को फैलने रोकने में भी सहायक होता है, क्योंकि इसमें कैंसर रोधी तत्व पाये जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार भी आंवला रसायन होता है यानि रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने बढ़ाता है अतः ये कैंसर को रोकने में मदद करता है।
त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद (beneficial for skin and hair)
बालों को काला, घना और चमकदार बनाने के लिए आंवले का प्रयोग बेहद फायदेमंद होता है। खाली पेट में आंवला खाने से या आंवले के पानी से बाल धोने से बाल चमकदार नजर आते हैं। साथ ही आंवले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण आपकी त्वचा के दाग-धब्बे भी ठीक हो जाते हैं और त्वचा खूबसूरत दिखाई देती है। इसके लिए आप चेहरे पर आंवला का पेस्ट बनाकर लगा सकते हैं।
- आंवला का सेवन नियमित रूप से लगातार करते रहने से मुंहासे, पिगमेंटेशन, झाइयां और दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं। यहां तक कि आंवले के पाउडर को फेस मास्क व हेयर मास्क के रूप में भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
- सफेद बालों की समस्या से हर उम्र के लोग जूझ रहे हैं। आंवला के मिश्रण का लेप लगाने से कुछ ही दिनों में बाल काले हो जाते हैं। 30 ग्राम सूखे आंवला, 10 ग्राम बहेड़ा, 50 ग्राम आम की गुठली की गिरी और 10 ग्राम लौह भस्म लें। इन्हें रात भर लोहे की कढ़ाई में भिगोकर रखें। अगर कम उम्र में बाल सफेद हो रहे हैं तो इस लेप को रोज लगाएं। कुछ ही दिनों में बाल काले होने लगते हैं।
- आंवला, रीठा और शिकाकाई को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसे बालों में लगायें। सूखने के बाद पानी से बालों को धो लें। इससे बाल मुलायम, घने और लंबे होते हैं।(शिकाकाई के फायदे)
- आंवले का फल, आम की गुठली के मज्जा को एक साथ पीस लें। इसे सिर पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बाल काले हो जाते हैं।
- लौह भस्म और आमला चूर्ण को गुड़हल फूल के साथ पीस लें। इसे नहाने से पहले सिर में कुछ देर लगाकर रखें, और फिर पानी से धो लें। इससे बाल सफेद नहीं होते हैं।
- नीम का पत्ता तथा आंवले को घी के साथ सेवन करें। इससे फोड़े, चोट संबंधी परेशानी, पित्त की समस्या, खुजली आदि में लाभ होता है।
- आंवला और नीम के पत्ते को समान मात्रा में लेकर महीन चूर्ण बना लें। इसकी 2 से 6 ग्राम या 10 ग्राम तक रोज सबुह शहद के साथ चाटें। इससे कुष्ठ की गंभीर बीमारी में भी तुरंत लाभ होता है।
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर (diabetes and high blood pressure)
आंवला क्रोमियम का सबसे अच्छा स्त्रोत है। आंवला से शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को कम करता है और डायबिटीज को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा यह हाई ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद करता है।
- प्रमेह को डायबिटीज या मधुमेह भी कहते हैं। वर्तमान में डायबिटीज से अनेक लोग ग्रस्त हैं। इसके लिए आंवला, हरड़, बहेड़ा, नागरमोथा, दारुहल्दी एवं देवदारु लें। इनको समान मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। इसे 10-20 मिली की मात्रा में सुबह-शाम डायबिटीज के रोगी को पिलाने से लाभ मिलता है।
नसों की कमज़ोरी दूर करने में आंवले का उपयोग (Use of Amla to Boost Nerve Weakness in Hindi)
आंवले का उपयोग नसों की कमज़ोरी दूर करने में सहायक होता है, क्योंकि आँवले में रसायन का गुण पाया जाता है। रसायन का गुण नसों में समय साथ हो रहे परिवर्तनों यानि डिजेनरेटिशन को नियंत्रित कर कमजोरी दूर करता है।
हिचकी से आराम दिलाये आंवला (Uses of Amla for Hiccup in Hindi)
हिचकी की परेशानी को ठीक करने के लिए पीपल, आंवला तथा सोंठ के 2-2 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम खांड तथा 1 चम्मच मधु मिला लें। इसे थोड़ी-थोड़ी देर में चाटने से हिचकी तथा दमा में लाभ होता है।
10-20 मिली आंवला रस तथा 2-3 ग्राम पीपल के पत्ते के चूर्ण में 2 चम्मच शहद मिला लें। दिन में दो बार सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।
बवासीर में आंवला के लाभ ( Amla to Get Relieve from Piles in Hindi)
अर्श यानि बवासीर कब्ज के कारण होने वाली बीमारी है। अक्सर जो लोग मसालेदार खाना खाते हैं उनको ये समस्या होती है। इसके लिए आंवला का उपयोग लाभ पहुंचाता है।
- आँवलों को अच्छी तरह पीसकर एक मिट्टी के बरतन में (अन्दर की तरफ) लेप कर देना चाहिए। रोगी को इस बरतन में छाछ रखकर पीना चाहिए। इससे बवासीर में लाभ होता है
- बवासीर में अधिक रक्तस्राव होता हो तो 3-8 ग्राम आंवला चूर्ण को दही की मलाई के साथ सेवन करें। ऐसा दिन में दो-तीन बार करें।
गले की खराश में आंवला के फायदे (Benefits of Amla for Sore Throat in Hindi)
जब भी मौसम बदलता है तो आमतौर पर गले में खराश की परेशानी होने लगती है। ऐसे में आमला चूर्ण काफी फायदेमंद है। अजमोदा, हल्दी, आंवला, यवक्षार तथा चित्रक को समान मात्रा में मिला लें। 1 से 2 ग्राम आमला चूर्ण को 2 चम्मच मधु तथा 1 चम्मच घी के साथ चाटें। इससे गले की खराश दूर होती है।
गले में खराश होने पर आंवले का उपयोग आपको फायदा पंहुचा सकता है।आंवला में लवण रस को छोड़ कर सभी पांच रस (मधुर-अम्ल -कटु -तिक्त -कषाय) होते है। अतः इसके मधुर और कषाय रस के कारण ये गले की खराश को कम करने में सहायता करता है। अगर गले में खराश सूजन के कारण है तो इसका शीत गुण और मधुर शोथ या सूजन को कम कर गले को आराम देता है।
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मोतियाबिंद में अमला के फायदे (Benefits of Amla in Cataract in Hindi)
आमतौर पर उम्र के बढ़ने के साथ कई लोगों को मोतियाबिंद की परेशानी होने लगती है। इससे बचने के लिए आंवला (Indian gooseberry) के साथ रसांजन, मधु और घी मिला लें। इस मिश्रण को आंखों में लगाने से आंखों के पीलेपन और मोतियाबिंद में फायदा मिलता है।
हृदय को स्वस्थ रखने में आंवले के फायदे (Amla Beneficial for Healthy Heart in Hindi)
आंवला का सेवन हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक होता है, क्योंकि आंवले का सेवन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता करता है साथ ही आंवले में पाये जाने वाला विटामिन-सी रक्तवाहिनी को संकुचित होने से रोकता जिसे रक्त का दबाब भी सामान्य रहता है।
खुजली से दिलाये राहत आंवला (Amla Benefits to Get Relief from Itching in Hindi)
आंवले की गुठली को जलाकर भस्म बना लें। इसमें नारियल तेल मिला ले। इसे गीली या सूखी किसी भी प्रकार की खुजली पर लगाने से लाभ होता है।
धातु (स्वप्नदोष, शुक्रमेह) रोग में आंवला के फायदे (Benefits of Amla in Spermatorrhoea in Hindi)
आंवले के गुठली रहित 10 ग्राम चूर्ण को धूप में सुखा लें। इसमें दोगुनी मिश्री मिला लें। इसे ताजे जल के साथ 15 दिन तक लगातार सेवन करें। इससे स्वप्नदोष, शुक्रमेह (spermatorrhoea) आदि रोगों में निश्चित रूप से लाभ मिलता है।
- सुजाक या गोनोरिया यौन संक्रमित रोग (एसटीडी) है। इस बीमारी में लिंग के अंदर घाव हो जाता है जिससे पस निकलता है। इसके लिए 2-5 ग्राम आंवला के चूर्ण को एक गिलास जल में मिला लें। इसे पिलाएं, और इसी जल से लिंग को धोएं। इससे सूजन और जलन शान्त होती है। इससे धीरे-धीरे घाव ठीक होता है और पीव आना बन्द हो जाता है।
- बढ़ती उम्र के प्रभाव को आंवला के सेवन के रोका जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार आंवला को रसायन माना गया है। यहाँ पर रसायन को मतलब जिसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। रसायन के सेवन से शरीर में होने वाले डिजेनरेटिव को रोकने में सहायता मिलती है जिससे बढ़ती उम्र के लक्षण कम होने लगते है।
दिमाग को तेज़ करने में आंवले का उपयोग (Amla Beneficial to Boost Memory in Hindi)
आंवला का उपयोग दिमाग की क्रियाशीलता बढ़ाने में सहायक होता है। आंवला में पाये जाने वाला रसायन गुण दिमाग को तेज करने में मदद करता हैं।
दांतों के लिए आंवला का उपयोग (Use of Amla for Teeth in Hindi)
आंवला की पत्तियां और फल दोनों ही मुँह से संबंधित रोगों में फ़ायदेमंद होते है। आंवला की पत्तियों का प्रयोग दांतो की मजबूती के लिए किया जाता है साथ हि फल का प्रयोग मसूड़ो यानि गम्स से संवंधी रोगों में फायदेमंद होता है।
बॉडी को करे डिटॉक्स (detox your body by Amla)
आंवला खाने का सबसे अच्छा समय सुबह होता है। आंवला एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, जिससे यह बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करता है और शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।
वज़न करे कम (Amla used for reduce your body fat)
आंवला में पर्याप्त मात्रा में अमीनो एसिड पाया जाता है, जो शरीर की मेटाबोलिक रेट को सुधारता है। आंवला पानी पीने से शरीर पर फैट नहीं जमता है। सुबह-सुबह खाली पेट आंवले का जूस पीना फायदेमंद होता है।
कच्चा आंवला का उपयोग (use of raw amla)
1. आंवला को आप रात को भिगोकर रख दें। रोज रात को एक कप में एक आंवला भीगा दें और सुबह उठकर खाली पेट में आंवले का पानी पी लें ।
2. इसके अलावा आप आंवले को पानी में उबालकर खाली पेट भी पी सकते हैं और उबले हुए आंवले को खा सकते हैं।
3. आप चाहे तो आंवले का मुरब्बा खा सकते हैं। लेकिन डायबिटीज के मरीज बिना डॉक्टर की सलाह के मुरब्बा न खाएं।
4. साथ ही आप खाली पेट आंवले को काले नमक के साथ भी खा सकते हैं।
5. खाली पेट में आंवला का चूर्ण, गरम पानी और शहद का सेवन कर सकते हैं।
आंवले की खुराक (Dosage of Amla)
आमतौर पर आप आंवले का सेवन कई तरह से कर सकते हैं। आंवले का कच्चा फल, आमला जूस, आमला चूर्ण, आमला कैंडी या आंवले का मुरब्बा बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है। इस लेख में ऊपर यह बताया गया है कि कौन सी बीमारी में कितनी मात्रा में आंवले का सेवन करना चाहिए। यहां यह बात ध्यान रखिये कि बहुत अधिक मात्रा में आंवले का सेवन करने से आंवला के नुकसान हो सकते हैं। इसलिए अगर आप किसी बीमारी के घरेलू उपाय के लिए आंवले का सेवन करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेकर सेवन करें।
कैसे बनाएं आंवला जूस (How to prepare Amla Juice)
- आंवले को छोटे टुकड़े में काट लीजिये, बीज हटा दीजिये।
- अब आंवले के थोड़े से टुकड़े मिक्सर जार जिसमें मसाला पीसा जाता है, उसमें डालिये और पीस लीजिए।
- इन टुकड़ों के पेस्ट बन जाने पर थोड़े और टुकड़े जार में डालें और बिलकुल बारीक होने तक पीस लीजिये।
- इस पेस्ट को साफ सूती कपड़े में या एक छलनी से छान लें।
- आंवला जूस को किसी कांच या प्लास्टिक के कन्टेनर में भरकर फ्रिज में रख लीजिये।
- इस आंवला जूस को एक महीने तक प्रयोग कर सकते हैं।
आंवले का जूस रोजाना लेने से पाचन दुरुस्त होता है, त्वचा के रोगों में लाभ मिलता है, चेहरे पर झुर्रियां नज़र नहीं आती और स्किन जवां रहती है। इसके अलावा बालों की चमक बढ़ाने व बालों को सफेद होने से रोकने में भी यह कारगर होता है।
कैसे करें आंवाला जूस का इस्तेमाल (How to use Amla Juice)
- आंवले का जूस सुबह खाली पेट लें और इसे 10 मिलीग्राम के मात्रा में ही लें।
- कुछ दिनों बाद इसे बढ़ाकर 20 मिलीग्राम भी कर सकते हैं।
- इससे ज्यादा आंवाला जूस का सेवन करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता हैं।
- आंवला एंटी एजिंग का काम भी करता है। यानी यह चेहरे की झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करता है। इसके लिए आप आंवला के रस को एलोवेरा जेल के साथ मिलाकर, चेहरे पर 15 -20 मिनट तक लगाने के बाद चेहरा धो लें, यह कम से कम हफ्ते में दो बार करना चाहिए।
- आयुर्वेद के अनुसार यदि आप रोज सुबह आंवले का रस शहद के साथ पीते हैं, तो आप दमकती हुई और स्वस्थ त्वचा पा सकते हैं। 2 चम्मच शहद के साथ 2 चम्मच आंवला पाउडर मिलाकर इसका सेवन भी कर सकते हैं। आप इसे दिन में तीन से चार बार ले सकते हैं। इस उपाय को प्राचीन काल से इस्तेमाल किया जाता है।
- अगर आप अपने बाल लम्बे करना चाहती हैं तो आंवले का रस बालों की जड़ों में लगाना चाहिए, इससे बालों में कोलेजन की मात्रा बढ़ती है और बाल लम्बे होते जाते हैं।
- आंवला का जूस औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यदि आप रोजाना आंवला का जूस का सेवन करने से रक्त शुद्ध बना रह सकता है। जिससे आपकी त्वचा हमेशा चमकती नजर आ सकती है।
- आंवले के जूस का रोज़ाना सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और रोग खत्म होते हैं।
आंवला के नुकसान (harm of amla)
आंवले का हमेशा संतुलित मात्रा में सेवन करें। अगर आप आंवला और अदरक का सेवन साथ में करते हैं तो लीवर की समस्या भी हो सकती है। साथ ही अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की समस्या है तो आंवले का कम मात्रा में सेवन करें। अधिक आंवले के सेवन से एसिडिटी और कब्ज की परेशानी हो सकती है। अत्यधिक आंवले के सेवन से यूरिन में जलन होती है। रोज एक आंवले का सेवन ही करें।
आंवला से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ Related to Amla in Hindi)
1-आंवला के सेवन से क्या नुकसान होता है?
सामान्यतः आंवला का प्रयोग करने से किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है, लेकिन इसकी तासीर शीत होने के कारण इसका सर्दी में फल रूप में प्रयोग करने से बचना चाहिए।
2-आंवले की तासीर क्या है?
आंवले एक प्रकार का स्वादिष्ट फल होता है। जिसमें आयुर्वेद के अनुसार लवण रस को छोड़कर पांचों रस पाए जाते हैं, जिसमें अम्ल और कषाय प्रधान होता है। आंवले की तासीर शीत यानि ठंडी होती है अर्थात इसके सेवन से शरीर शीतल होती है।
3- क्या आंवला खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है?
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, आंवले में कई ऐसे गुण होते हैं जो हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं. सर्दियों में सर्दी-जुकाम के साथ-साथ कई छोटी मोटी समस्याएं होती ही रहती हैं, ऐसे में अगर आप नियमित रूप से आंवले का सेवन करें तो इससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ जाती है. इम्यूनिटी मजबूत होने से इन सभी समस्याओं के होने की संभावना कम हो जाती है.
4- सर्दियों में आंवले का सेवन कैसे करें?
सर्दियों के दिनों में आप आंवले का सेवन कई तरीकों से कर सकते हैं। आप चाहें तो सीधे फल खा सकते हैं या फिर इसका जूस पी सकते हैं। सर्दियों में अधिकांश लोग इम्यूनिटी और शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश का सेवन करते हैं। च्यवनप्राश का मुख्य घटक भी आंवला ही होता है, इसलिए अगर आपको आंवले के फल या जूस का स्वाद पसंद नहीं है तो च्यवनप्राश के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा बाज़ार में मिलने वाले आंवले के चूर्ण, कैंडी , कैप्सूल और मुरब्बे का भी उपयोग किया जा सकता है।
5- सर्दियों में आंवले का जूस कब पीना चाहिए?
आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि सर्दियों के दिनों में हर उम्र के लोगों को नियमित आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए। इसके नियमित सेवन से पेट के रोग दूर होते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। रोजाना सुबह नाश्ते से पहले आंवले का जूस पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।
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