प्राचीन सभ्यता के अनुसार हिन्दू धर्म में व्रत का बहुत महत्व होता है और यह हमारी धार्मिक आस्था का भी एक प्रतिबिंब है। व्रत एक प्रकार का तप माना जाता है जिसमें व्यक्ति अपनी आस्था के रूप में अनाज जैसे भोजन के सेवन को एक बार यानि व्रत या फ़िर पूरे दिन उपवास करके त्याग करता है। व्रत में स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी ज़्यादा ज़रूरत होती हैं क्योंकि यह डेली डाइट से विपरीत होता है। व्रत के दौरान मधुमेह के व्यक्तियों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं आईएसकेडी मेडीफिट के इस लेख के माध्यम से बता रहे हैं प्राचीन आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप।
डायबिटीज के मरीजों के लिए नवरात्रि व्रत में फल (Fruits For Navratri Fast For Diabetes Patients)
शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुकी है और आज यानी 15 अक्टूबर रविवार को नवरात्रि का पहला दिन है। हिंदू धर्म के अनुसार यह एक बड़ा पर्व है और इसमें व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है। इन दिनों में व्रत रखना शुभ भी माना जाता है और लोग बहुत खुश होकर उत्साह के साथ व्रत रखते हैं।
व्रत का केवल एक पवित्र पहलू ही नहीं पर यह शरीर को शुद्ध करने में भी सहायता करता है। यह अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकालता है। डाईबिटीज़ वाले व्यक्तियों के लिए व्रत क्या सही है? अगर हाँ तो शुगर के मरीज़ व्रत में क्या खाएं जिससे उनके शुगर लेवल नियंत्रित रहें, आज नवरात्री स्पेशल में ऐसी विषय पर चर्चा की जाएगी।
मधुमेह से ग्रसित व्यक्तियों को व्रत करना मना नहीं हैं लेकिन अपनी डाइबीटिक डाइट व निर्धारित दवाओं का ध्यान रखें। इसके लिए उन्हें एक सही डाइट प्लान की ज़रूरत होती है जिससे आप अच्छे मन व सुरक्षित तरीके से व्रत का आनंद ले सकें।इसके लिए डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें। यदि बिना परामर्श डाइबीटिक व्यक्ति अपनी दवाएं बंद कर देता है तो इससे समस्या और बढ़ सकती है।
व्रत का डाईबिटीज़ पर क्या असर पड़ता है? (What effect does fasting have on diabetes?)
मधुमेह की देखभाल या डाईबिटीज़ मेनेजमेंट का महत्वपूर्ण लक्ष्य ब्लड शुगर लेवल को सामान्य सीमा के अंदर रखना है। एक अच्छा डाईबिटीज़ मेनेजमेंट प्लान ब्लड शुगर को ऊपर नीचे होने से रोकता है। व्रत के दिनों में यह शुगर कंट्रोल थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि व्रत के बाद जो खाना खाया जाता है वह ब्लड ग्लुकोज़ के लिए उचित नहीं होता। हालांकि उपवास या व्रत पाचन अंगों को आराम देता है जिससे शरीर ऊर्जावान होने के साथ सेल्फ-रीपेयरिंग करता है। इसलिए विज्ञान भी सप्ताह में व्रत करने का समर्थन करता है। यह शरीर को रीजुवीनेट करता है। लेकिन डाईबिटीज़ में एक सही डाइट लेना ज़रूरी है इसलिए व्रत में यह डाइट मेनेज करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए एक सही डाइट को फॉलो करके आप अपने व्रत के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं।
व्रत के दौरान एक सही व आदर्श डाइट प्लान (A correct and ideal diet plan during fasting)
अलग-अलग समुदाय और राज्यों में व्रत के भोजन के रूप में अलग-अलग डाइट ली जाती है। इनको बनाने की विधि भी अलग होती है। यह आदर्श डाइट प्लान हो, यह ज़रूरी नहीं है। इसके लिए न्यूट्रीशनिस्ट या हेल्थकेयर प्रोवाइडर को हर राज्य के खान-पान के अनुसार एक अच्छी व्रत डाइबीटिक डाइट को बनाना चाहिए। इसके अलावा, उपवास या व्रत के दौरान कुछ लोग एक बार भोजन करते हैं और कुछ लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं। साथ ही कुछ लोग फल, सब्जियाँ व डेयरी उत्पादों का प्रयोग करते हैं। इसलिए इन सब के अनुसार ही अपना डाइट प्लान तैयार करें जो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें।
भोजन संरचना
एक व्रत की प्लेट में सभी प्रमुख खाद्य प्रकार शामिल होने चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण है पूरे दिन में विवेक के साथ कार्ब्स का सेवन। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, साथ ही कम कैलोरी वाले पेय पदार्थों में साधारण कार्ब्स और concentrated पेय पदार्थों की तुलना में कम जीआई होता है। ऐसे में उन्हें अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें। पर्याप्त मात्र में तरल पदार्थ को अपनी डाइट में शामिल करना निम्नलिखित लाभ देता है:
- शरीर को हाइड्रेट करना, और
- निर्जलीकरण को रोकना।
गैर-उपवास के वक्त, आवश्यक फिज़िकल ऐक्टिविटी के रूप में 15-20 मिनट की वॉक व खाने के बाद वॉक ज़रूर करें।
कार्बोहाइड्रेट
अपने खाने के प्लेट में अनाज को ज़रूर शामिल करें। इस तरह से उपवास के दौरान अनाज खाना सुरक्षित माना जाता है। वे शरीर के अंगों को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त चीनी और ऊर्जा प्रदान करते हैं। प्रतिदिन कुल किलोकैलोरी का लगभग 50-60% कार्ब्स होना ज़रूरी है।
उच्च जीआई वाले खाद्य पदार्थ शरीर के वज़न पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इसके अलावा, वे ग्लूकोज़ के स्तर और इंसुलिन रेज़िस्टेंस को बढ़ाते हैं। इसके अलावा यह खाने के बाद फ्री फैटी एसिड के उत्पादन को भी बढ़ाते हैं। इसलिए व्रत या उपवास के दौरान अनाज के साथ अन्य खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियां, आहार फाइबर और साथ ही कम मात्रा में तेल शामिल करें। वे डाइट प्लान के कुल ग्लाइसेमिक लोड को कम करते हैं।
प्रोटीन
कुल ऊर्जा का लगभग 15% से 20% हिस्सा प्रोटीन से पूरा किया जाना चाहिए ताकि एक बेहतर व आइडियल डाइट बनाई जा सके। हर व्यक्ति में ये ज़रूरत अलग-अलग हो सकती है। विशेष अनाज, लहसुन, प्याज, दालें और कई अन्य प्रोटीनयुक्त भोजन को व्रत या उपवास के समय नहीं खाया जाता है। इनके स्थान पर लो-फैट डेयरी उत्पादों का प्रयोग किया जाता है जो प्रोटीन की पूर्ति करते हैं।
इसके अलावा एक व्रत के खाने के तौर पर चीनी रहित शेक, फ्लेवर्ड मसाला दूध, मट्ठा, रायता, लस्सी, छाछ और नट्स को शामिल किया जा सकता है।
फैट
वसा या फैट का रोज़ की ज़रूरत में 30% से कम कैलोरी का कुल योगदान होना चाहिए। शोध अध्ययन बताते हैं की कम वसा, मध्यम कार्ब व साथ ही उच्च फाइबर आहार HbA1C को काफ़ी कम करते हैं। इसलिए व्रत या उपवास में भी इन्हें सही मात्रा में शामिल किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, वसा और तेलों की विशेष फैटी एसिड या फैटी एसिड संरचना मधुमेह रोगियों के डाइट प्लान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 10% से कम कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त वसा को प्रति दिन 300 मिलीग्राम से कम में शामिल करना बेहतर रहता है।
अतिरिक्त वैज्ञानिक शोध अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि संतृप्त फैटी एसिड को कम करने या मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड को बढ़ाने से ग्लूकागन पेप्टाइड -1 की गतिविधि में वृद्धि हो सकती है, इस प्रकार पोस्टप्रैन्डियल ट्रांसग्लुकोसिडेज़ को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, ओमेगा -3 फैटी एसिड (फ्लैक्ससीड्स उत्कृष्ट स्रोत हैं, जिन्हें आमतौर पर उपवास के दौरान अनुमति दी जाती है) को टाइप 2 डाईबिटीज़ में हृदय की समस्याओं के बायोमार्कर के जोखिम में कमी से संबंधित देखा गया है। उपवास के दौरान नट्स एक उत्कृष्ट प्रोटीन का स्त्रोत माना जाता है इसलिए इन्हें अपनी व्रत डाइबीटिक डाइट में ज़रूर जोड़ें।
विटामिन और मिनरल
अपनी डाइट में फलों और सब्जियों को शामिल करने से प्लाज़्मा कैरोटेनॉयड्स के साथ-साथ विटामिन सी की मात्रा में वृद्धि होती है, जो एंटीऑक्सिडेंट और फ़ाइटोकंपाउंड का एक समृद्ध स्त्रोत है। जब रेशेदार सब्जियों को उच्च कार्ब-उच्च वसा वाले भोजन के साथ मिलाया जाता है तो इसका ग्लाइसेमिक लोड कम हो जाता है। यह पोस्टप्रांडियल ग्लूकोज़ के स्तर को भी कम करता है। जूस के बजाय साबुत फल (गूदे के साथ), ताजी सब्जियां और फाइबर एक अच्छा विकल्प है।
साबुत फल व साथ ही पत्तेदार साग, ऊर्जा घनत्व में कम होने के साथ उच्च फाइबर, कम ग्लाइसेमिक लोड, साथ ही उच्च सूक्ष्म पोषक तत्व से युक्त होता है। इसके अलावा यह कुल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसलिए एक बेहतर व्रत वाली डाइबीटिक डाइट में जूस या शुगरी खाने के बजाय सलाद, फ्रूट चाट, कस्टर्ड, वेजिटेबल स्मूदी, वेजिटेबल सूप को बीच-बीच में भोजन के रूप में लें।
फाइबर या रेशा
उपवास या व्रत के दौरान अपने खाने में प्रति 1000 कैलोरी 25 ग्राम या पूरे दिन में 30-40 ग्राम फाइबर ज़रूर शामिल करें। व्रत के दिनों में आपके खान-पान, पैटर्न व समय में काफ़ी बदलाव होते हैं जिससे शुगर लेवल को कंट्रोल करना और भी ज़रूरी हो जाता है।
भरपूर पानी और तरल पदार्थ
विशेष रूप से गर्मियों के दौरान प्यास बुझाने के लिए ग्रीन टी, नींबू पानी, लस्सी, छाछ, मट्ठा, पुदीना पानी आदि जैसे कम कैलोरी वाले पेय को अपनी व्रत डाइट में ज़रूर जोड़ें। उपवास के दिनों में मीठा खाने से बचना बेहतर है।
मधुमेह रोगियों के लिए “व्रत का सात्विक भोजन (आहार) योजना” (“Vrat Ka Satvik Food (Diet) Plan” for diabetic patients)
व्रत में आपके पास विकल्प कम रह जाते हैं इसलिए यहाँ हम आपको ऐसे 10 खाने के विकल्प बताएंगे जो आपके मुंह में पानी ले आने के साथ ही आपके शुगर लेवल्स को भी कंट्रोल में रखेगा। यह हैं:
- ऐप्पल स्मूदी या कुछ वेजिटेबल स्मूदी: ऐप्पल स्मूदी बहुत ही स्वादिष्ट होती है। सेब कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये पोषक तत्व हैं कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन ए, सी, पोटेशियम, आयरन और फाइबर। इन फ्रूट स्मूदी को और भी दिलचस्प बनाया जा सकता है इसके लिए इसमें पत्तेदार सब्जियां डालें। इस प्रकार उपवास या व्रत के दिनों में यह डाइबीटिक पेशेंट के लिए अच्छी मानी जाती हैं।
- केले की जगह खाएं सेब (Eat Apple Instead Of Banana)
केला पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन व्रत के दौरान डायबिटीज के मरीजों के लिए यह अच्छा ऑप्शन नहीं है। इसमें शुगर की मात्रा ज्यादा होती है और इसलिए केला का सेवन करना व्रत के दौरान ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। केले की जगह पर सेब का सेवन करना चाहिए, जो ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने की बजाय शरीर को कई अन्य पोषक तत्व प्रदान करता है।
- सिंघारा या कुट्टू के आटे टिक्की: आटे के इस रूप में अच्छी मात्रा में पोटेशियम और कम मात्रा में सोडियम होता है। यह शरीर में वाटर रिटेंशन के लिए मददगार है। इस आटे को पानी के साथ मिलाएं और इसमें थोड़ी उबली हुई लौकी मिलाएं। इसके बाद थोड़े से जैतून के तेल का उपयोग करके स्वादिष्ट टिक्की बनाएं। एक कप चाय के साथ शाम के भोजन के रूप में इस विशेष व्रत वाले नाश्ते का आनंद लें। इसके अलावा, स्वाद बढ़ाने के लिए पूदीने की हरी चटनी बनाएं।
- चीकू की जगह खाएं अमरूद (Eat Guava Instead Of Chiku)
चीकू एक हाई शुगर फ्रूट है और नवरात्रि व्रत के दौरान डायबिटीज के मरीजों को चीकू का सेवन नहीं करना चाहिए। एक चीकू से ज्यादा सेवन करना आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है, इसकी बजाय आप अमरूद का सेवन कर सकते हैं। अमरूद ब्लड शुगर बढ़ाने की बजाय भूख कम करने में मदद करेगा। - कद्दू के कटलेट: नवरात्रि के दिनों में कद्दू सबसे ज्यादा खाई जाने वाली सब्जी है। इन्हें भी कुट्टू की रोटियों में डाल सकते हैं। इसके अलावा, व्रत या उपवास में एक स्नैक्स के रूप में कद्दू के कटलेट आज़मा सकते हैं। कद्दू को छील कर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। उन्हें प्रेशर कुकर में तब तक पकाएं जब तक कि सब्जी नरम और गूदेदार न हो जाए।
- भुना हुआ मखाना या मेवे: मखाना व्रत त्योहार के दौरान सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय नाश्ता है। मधुमेह रोगियों या शुगर के मरीजों के लिए नाश्ते के रूप में बादाम, मूंगफली या मखाने जैसे नट्स का उपयोग करें।
- लीची की जगह खाएं पपीता (Eat Papaya Instead Of Lychee)
लीची भी हाई शुगर फ्रूट है और इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करना आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। नवरात्रि के दौरान डायबिटीज के मरीजों के लिए लीची का सेवन करना अच्छा विकल्प नहीं है, इसकी बजाय पपीते का सेवन करना चाहिए। पपीता डायबिटीज से जुड़ी कई जटिलताएं होने के खतरे को भी कम करता है।
- लौकी या तोरी जैसी सब्जियों के साथ कुट्टू या सिंघारे के आटे की रोटी: कुट्टू के आटे में डाइटरी फाइबर, प्रोटीन, जिंक, कैल्शियम, आयरन और विटामिन बी होता है। इसके अलावा, यह मधुमेह वाले व्यक्ति के लिए भी बहुत उपयोगी है।
- पनीर भुरजी: पनीर कैल्शियम, प्रोटीन और लिनोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह वज़न घटाने में उपयोगी है और मधुमेह रोगियों के लिए भी अच्छा है। व्यक्ति की पसंद के अनुसार पनीर (भुरजी या बेक्ड टिक्का फॉर्म) का सेवन करें। यह विटामिन ए से युक्त होने के साथ ट्रांस-फैट-फ्री होता है।
- लीची की जगह खाएं पपीता (Eat Papaya Instead Of Lychee)
लीची भी हाई शुगर फ्रूट है और इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करना आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। नवरात्रि के दौरान डायबिटीज के मरीजों के लिए लीची का सेवन करना अच्छा विकल्प नहीं है, इसकी बजाय पपीते का सेवन करना चाहिए। पपीता डायबिटीज से जुड़ी कई जटिलताएं होने के खतरे को भी कम करता है।
- फ्रूट रायता: यह विटामिन, और मिनरल (कैल्शियम) युक्त सबसे स्वस्थ खाद्य पदार्थ है। यह उपवास या व्रत के दिनों में ऊर्जा प्रदान करता है। यह शुगर लेवल को बनाए रखने के लिए भी अच्छा है।
- चेरी की जगह खाएं संतरा (Eat Orange Fruit Instead Of Cherries)
चेरी जैसे फ्रूट्स में भी हाई शुगर होता है जिसका ज्यादा मात्रा में सेवन करना ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। इसकी बजाय संतरे का सेवन करना काफी अच्छा विकल्प हो सकता है, जिसमें विटामिन समेत कई खास पोषक तत्व पाए जाते हैं। साथ ही संतरे का सेवन करना शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है।
- मखाना खीर : व्रत के दौरान लोगों को कुछ मीठा खाने की इच्छा होती है। उपवास के दौरान इस लालसा को नियंत्रित करने या उससे बचने के लिए मखाना खीर सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें सभी स्वास्थ्य लाभ शामिल हैं। दूध, मखाना, स्टीविया और सूखे मेवों का उपयोग करके इसे तैयार करें।
- फल: फल खाना समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। साथ ही मधुमेह के रोगी इन दिनों फलों का सेवन कर सकते हैं। ये हैं सेब, जामुन, अमरूद या पपीता। भोजन में दो से अधिक फल न खाएं।
मधुमेह रोगियों के लिए व्रत का डाइट चार्ट
मधुमेह रोगियों के लिए व्रत का डाइट चार्ट | ||||
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समय | मेन्यू | |||
जल्दी सुबह ( 6-7 बजे) | 1 ग्लास गुनगुना पानी | |||
ब्रेकफास्ट ( प्रातः 9-10 बजे) | चाय (बिना शक्कर वाली) या skimmed दूध/ सेब स्मूदी (200 ml)पनीर या सब्जियों की स्टफिंग के साथ सिंघाड़ा चीला/ कुट्टु चीला | |||
मिड-मॉर्निंग (11-12 बजे) | एक मौसमी फल (संतरा/अमरूद/जामुन/सिंघाड़ा) याएक ग्लास छाछ या नट्स के साथ कोल्ड कॉफी | |||
लंच ( दोपहर 1-2 बजे) | लोकी/तौरी/ कद्दू की एक कटोरी सब्जी व सिंघाड़ा/कुट्टु आते की रोटी (एक या दो)दही या वेजीटेबल रायता | |||
शाम का खाना (शाम 4-5 बजे) | कुछ मखाने या मूंगफली के साथ चाय/कॉफी/दूध | |||
शाम (6-7 बजे) | घर में बना टमाटर का सूप/ सेब की स्मूदी/ नारियल पानी/ ग्रीन टी (150 ml) |
व्रत के दौरान मधुमेह रोगियों के लिए कुछ विशेष डाइट टिप्स (Some special diet tips for diabetic patients during fasting)
ऊपर बताए गए सभी स्वादिष्ट व मुंह में पानी लाने वाले व्यंजन आपकी भूख और खाने की इच्छा को पूरा करते हैं। हालांकि इच्छाओं को पूरा करने के साथ ही एक शुगर पेशेंट को अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना भी उतनी ही ज़रूरी है। इसलिए व्रत के दौरान कुछ उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप व्रत के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य भी पा सकते हैं।
व्रत के दौरान ग्लूकोज के स्तर को मेनेज रखने के लिए कुछ डाइट टिप्स हैं:
- मधुमेह रोगियों या शुगर पेशेंट को लंबे समय तक भूखा नहीं रहना चाहिए। उन्हें थोड़े अंतराल के बाद कुछ भोजन करते रहना चाहिए। और, ऐसा करने से शुगर लेवल सीमा के भीतर रहते है।
- एक व्यक्ति को दिन में कई बार ग्लूकोज़ के स्तर की जांच करनी चाहिए।
- मधुमेह रोगी उपवास शुरू करने से पहले कम जीआई वाले धीमी गति से अवशोषित होने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ उपवास या व्रत के दौरान भी शर्करा के स्तर को बनाए रखते हैं।
- उपवास के दिनों में, यदि कोई व्यक्ति कम सक्रिय महसूस करता है, तो चाय या कॉफी के अधिक सेवन का सहारा लेने से बचें। इसके स्थान पर, दिन भर पर्याप्त पानी और चीनी मुक्त पेय जैसे नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन करना अच्छा है।
- डाइबीटिक लोगों को इन दिनों आलू या अन्य स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों से पूरी तरह बचना चाहिए।
- मधुमेह रोगी जो इंसुलिन इंजेक्शन का उपयोग कर रहे हैं उन्हें अपने डोज़ को मेनेज करने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि इन दिनों में इंसुलिन की आवश्यकता 4% तक कम हो सकती है।
- व्रत या उपवास के दौरान ऊर्जावान रहने के लिए डाइट प्लान का पालन करें।
- ऐसे खाद्य समूहों का चयन करें जो फास्ट कोर्स के दौरान शुगर के स्तर को और भी अधिक बनाए रखने के अलावा पेट भरने में व्यक्ति की मदद करें। इनमें फल, सब्जियां या सलाद शामिल हो सकते हैं।
- निर्जलीकरण को रोकने के लिए, पर्याप्त चीनी मुक्त और डिकैफ़िनेटेड पेय (पानी, छाछ, या नींबू पानी) का सेवन करें।
शुगर के मरीजों के लिए सबसे अच्छा फल कौन सा है?
ऐसे में आइए जानते हैं कि शुगर रोगी कौन सा फल बिना डरे आसानी से खा सकते हैं.
- बेरीज़ (Berries) शुगर रोगियों के लिए ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, या किसी अन्य प्रकार की बेरी सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है
- चेरी (Cherry) चेरी में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो सूजन को कम करते हैं.
- खुबानी (Apricot)
- संतरे (Orange)
नवरात्रि के व्रत में कौन सा फल खाना चाहिए?
दूध शरीर को भरपूर मात्रा में प्रोटीन देता है, जो आपको नवरात्रि के नौ दिन बिना भोजन के भी कमजोरी नहीं होने देता। फलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। आप केला, सेब, अमरूद, खीरा, संतरा आदि फलों का सेवन कर सकते हैं।
शुगर के मरीज को व्रत में क्या खाना चाहिए?
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को उपवास से पहले कंपलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स वाले खाद्य पदार्थ का सेवन कर लेना चाहिए, इनका कार्ब्स को तोड़ने और पचाने में अधिक समय लगता है, जिसकी वजह से व्यक्ति जल्दी भूखा महसूस नहीं करता, व्रत शुरु करने से पहले आप सूखे मेवे और फलों का सेवन करें जिसमें शक्कर की कम मात्रा हो.
डायबिटीज के मरीज को कौन कौन से फल खाने चाहिए?
ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी सहित सभी तरह की बेरीज शुगर के मरीजों के लिए सबसे बेस्ट फल हैं। ADA के अनुसार, बेरीज सुपरफूड हैं क्योंकि इनमें एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। एक कप ताजा ब्लूबेरी में 84 कैलोरी और 21 ग्राम (जी) कार्बोहाइड्रेट होते हैं।
व्रत के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा है?
मोनो फ्रूट फास्टिंग में, आपको सेब, अंगूर, अंगूर और खरबूजे जैसे साफ करने वाले फल खाने की कोशिश करनी चाहिए। उपवास की अवधि के दौरान, आप केवल अपनी पसंद का फल ही खाते हैं, उदाहरण के लिए, केवल सेब या केवल अंगूर।
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