क्या है स्वर्ण भस्म
स्वर्ण यानी सोने (Gold) को रसायनिक विधि से राख बनाया जाता है, जिसे भस्म कहते हैं। स्वर्ण भस्म में 90 प्रतिशत तक सोने के शुद्ध कण मौजूद होते हैं। इसे आप एंटी एजिंग फेशियल के रूप में भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यूं तो बाजार में कई तरह के गोल्ड फेशियल मौजूद हैं, क्योंकि गोल्ड को एंटी एजिंग एजेंट माना जाता है। पर शुद्ध स्वर्ण भस्म इन सभी गोल्ड फेशियल से ज्यादा कारगर है। जो आपकी स्किन में अद्भुत निखार ला सकती है। आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह बताते हैं कि स्वर्ण भस्म के इस्तेमाल से स्वास्थ्य को कई फायदे मिलते हैं। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास (Physical and Mental Development) में बेहद लाभकारी होता है।
आपने कभी स्वर्ण भस्म के बारे में बहुत बार सुना होगा? स्वर्ण भस्मा एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने (Swarna Bhasma Increase Immunity) और बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। प्राचीन आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल रोगों का इलाज करने के लिए किया जाता है। स्वर्ण भस्म एक रसायन होता है। इसे गोल्ड भस्म और स्वर्णा भस्म (Gold or Swarna Bhasma) के नाम से भी जाना जाता है।
स्वर्ण भस्म, एक प्राचीन भारतीय लोकप्रिय आयुर्वेदिक दवा है. इसे भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में सबसे उपयोगी तत्त्व के रूप में स्वीकार कर लिया गया है. स्वर्ण भस्म गोल्ड(स्वर्ण) से तैयार किया जाता है. स्वर्ण भस्म को बनाने के लिए इसमें सोने के अतिरिक्त हेम, हाटकं, ब्रह्मकंचन, चामीकरा, शतकुंभ, तपनीय रुक्कम जाबूनद हिरण्य, सुरल और जातरूपकम का इस्तेमाल किया जाता है. स्वर्ण भस्म प्रमेह और उपदंश के प्रभावी उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है. यह एक हार्ट टॉनिक के रूप में बहुत प्रभावी है. यह एक सामान्य लाइफ पॉवर बूस्टर है.
आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप बताते हैं कि स्वर्ण भस्म तासीर में ठंडी होती है, ऐसे में पित्त प्रकृति वाले लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं। इसमें कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिससे आप एकदम स्वस्थ रह सकते हैं। आयुर्वेद में इसे तंत्रिका टॉनिक के रूप में उपयोग किया जाता है जो समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है। ऐसा कहा जाता है कि स्वर्ण भस्म में लगभग 28-35 नैनोमीटर के क्रिसटलीय कण होते हैं जो कि 90 % w/w शुद्ध सोने के कण होते हैं।
स्वर्ण भस्म में पोषक तत्व (Nutrients in Swarna or Gold Bhasma)
स्वर्ण भस्म में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, तभी इसे सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद सभी पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी और लाभकारी होते हैं।
- आयरन (Iron)
- सिलिका (Silica)
- कैल्शियम (Calcium)
- सल्फर (Sulphur)
- कॉपर (Copper)
- पोटैशियम (Potassium)
- सोडियम (Sodium)
- फेरस ऑक्साइड (Ferrous Oxide)
इस तरह बनाई जाती है स्वर्ण भस्म
यह शुद्ध सोने से तैयार की जाती है। इसके लिए शुद्ध स्वर्ण पत्र को नींबू के रस में डुबोकर रखा जाता है। नींबू के रस में डालने से पहले स्वर्ण पत्र में रससिंधुरा (Mercurial compound) का पेस्ट लगाया जाता है। इस मिश्रण को एक हवा बंद कंटेनर में रखा जाता है। इसके बाद इस कंटेनर को 400 से 500 डिग्री सेंटी ग्रेट के तापमान वाले हवा बंद स्थान में 4 से 5 घंटों के लिए रखा जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि स्वर्ण भस्म में लगभग 28-35 नैनोमीटर के क्रिसटलीय कण होते हैं जो कि 90 % w/w शुद्ध सोने के कण होते हैं।
स्वर्ण भस्म में मौजूद पोषक तत्व
शुद्ध सोने से तैयार स्वर्ण भस्म में सल्फर – 3.3 % w/w, कैल्शियम – 1.6 % w/w, सोडियम – 0.9 % w/w, पोटेशियम – 0.4 % w/w, कॉपर – 17.2 % w/w, फेरिक ऑक्साइड – 85 % w/w, फेरस ऑक्साइड – 5.7 % w/w, आयरन – 36 से 52 % w/wतक, फॉस्फेट – 1.1 % w/w, अघुलनशील अम्ल – 3.8 % w/w, सिलिका – 3.8 % w/w पाए जाते हैं।
स्वर्ण भस्म के इस्तेमाल से आपको क्या क्या फायदे हो सकते हैं (What are the benefits of using Swarna Bhasma?)
1. पुरानी बीमारियों के इलाज में सहायक स्वर्ण (Swarna Bhasma Helpful in Chronic Diseases)
आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह बताते हैं कि स्वर्ण भस्म का उपयोग तब किया जाता है, जब व्यक्ति को किसी दवा से आराम नहीं मिलता है। यानी यह सभी तरह की बीमारियों को ठीक करने में मददगार होता है। आयुर्वेद में स्वर्ण भस्म का उपयोग पुरानी से पुरानी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
2. ताकतवर बनाता है स्वर्ण भस्म (Swarna Bhasma Makes Powerful)
जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं, उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए। स्वर्ण भस्म शरीर की कमजोरी को दूर करने में मदद करते हैं। अगर आपको दुबले-पतले हैं, तो आप डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन कर सकते हैं। इससे भूख में वृद्धि होती है, जिससे आप ताकतवर बनते हैं। भूख न लगने की स्थिति में भी इसका सेवन किया जा सकता है। बच्चों को शारीरिक विकास करने और उन्हें ताकतवर बनाने के लिए आप बच्चों को स्वर्ण भस्म का सेवन करवा सकते हैं।
3. मानसिक विकास और स्वास्थ्य ठीक करें स्वर्ण भस्म (Swarna Bhasma Beneficial for Mental Health)
बच्चों को नियमित रूप से स्वर्ण भस्म का सेवन करवाने से उनका मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है। स्वर्ण भस्म लेने वाला बच्चा दूसरे बच्चों की तुलना में ज्यादा समझदार, सक्रिय और विकसित होता है। साथ ही यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर रखता है। इसके सेवन से मन शांत होता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है। तनाव, चिंता और अवसाद की स्थिति में इसका सेवन किया जा सकता है।
स्वर्ण भस्म दिमाग को स्वस्थ रखता है और एक्टिव बनाता है। इसके नियमित इस्तेमाल से बच्चो में मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है। अधययन में पाया गया है की स्वर्ण भस्म सेवन करने वाले बच्चो का दिमाग दूसरे बच्चो की तुलना में ज्यादा तेज, एक्टिव और विकसित था। इसके सेवन से मन शांत होता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है। तनाव, चिंता और अवसाद की स्थिति में इसका सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है।
4. यौन स्वास्थ्य में फायदेमंद (Swarna Bhasma Beneficial in Sexual Health)
स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल पुरुष अपनी यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। इसके सेवन से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या यास्पर्म काउंट (Sperm Count)में वृद्धि होती है। साथ ही यह शीघ्रपतन की समस्या में भी लाभकारी होता है। अगर आप इन समस्याओं से परेशान हैं, तो इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं। यह महिला और पुरुषों दोनों की फर्टिलिटी को भी बढ़ाता है।
अगर पुरुष अपनी यौन जीवन में कमजोर प्रदर्शन से दुखी है तो यौन शक्ति बढ़ाने के लिए स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह श्रेष्ठ बलवर्धक फार्मूला है। इसके इस्तेमाल से शुक्राणुओं की संख्या (sperm count) में बृद्धि होती है। यह शीघ्रपतन की समस्या को हल करने में मदद करता है। इसके अलावा पुरुष तथा महिला दोनों स्वर्ण भस्म की मदद से अपनी फर्टिलिटी में सुधार कर सकते है।
5. इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार (Swarna Bhasma Increase Immunity Power)
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वर्ण भस्म का सेवन करना बेहद लाभकारी होता है। आयुर्वेद मेंइम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। स्वर्ण भस्म में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चे बड़े और बुजुर्गों की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने में मदद करते हैं। कोरोना काल में इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है, ऐसे में आप उन्हें इसका सेवन करवा सकते हैं।
6. कैंसर से करे बचाव (Swarna Bhasma Prevent From Cancer)
स्वर्ण भस्म में कई सारे ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। साथ ही आयुर्वेद में कैंसर का उपचार करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह एंटी-कैंसर दवा के रूप में काम करती है। लेकिन अगर आप कैंसर से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।
7. हृदय को रखे स्वस्थ स्वर्ण भस्म (Swarna Bhasma for Healthy Heart)
स्वर्ण भस्मा शरीर में रक्त संचार या ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद करता है। अपने दिल की सेहत (Heart Health) को हमेशा स्वस्थ रखने के लिए आप इसका सेवन कर सकते हैं। यह शरीर में खून के थक्के या ब्लड क्लॉट बनने से रोकता है। साथ ही हृदय के कार्यों में बाधा डालने वाले तत्वों को दूर करता है। आयुर्वेद में दिल से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आप आपको दिल की कोई बीमारी है, तो डॉक्टर के परामर्श पर ही आपको इसका सेवन करना चाहिए।
स्वर्ण भस्म शरीर में ब्लड सर्कुलशन को बेहतर बनाता है। इससे दिल में बेहतर ढंग से रक्त संचार होता है और दिल की सेहत ठीक रहती है। यह शरीर में खून के थक्के या ब्लड क्लॉट बनने से रोकता है। साथ ही हृदय के कार्यों में बाधा डालने वाले तत्वों को दूर करता है। आयुर्वेद में दिल से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आप आपको दिल की कोई बीमारी है, तो डॉक्टर के परामर्श पर ही आपको इसका सेवन करना चाहिए।
8. शरीर में करे ऊर्जा का निर्माण (Develop energy in the body)
स्वर्ण भस्म एक बलवर्धक औषधि है। यह कमजोर से कमजोर व्यक्ति को तंदुरुस्त और शक्तिमान बना सकती है। जो व्यक्ति बहुत ही दुबला कर कमजोर हो उसे इसका सेवन अवश्य करनी चाहिए। यह भूख बढ़ाती है व बेहतर चयापचय के मदद से पोषक तत्वों को प्रत्येक पार्ट में ट्रांसफर करती है। जिससे तेजी से शारीरिक विकास होता है और कमजोर शरीर ताकतवर बनने लगती है।
स्वर्ण भस्म के अन्य फायदे (Another benefits of Swarn bhasm)
फेफड़े मजबूत बनाने, पाचन तंत्र मजबूत बनाने, स्किन से जुड़ी समस्याएं दूर करने, आंखों की रोशनी बढ़ाने, अस्थमा, जैसी अन्य कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने में स्वर्ण भस्म अहम भूमिका निभा सकती है।
- त्वचा का रंग निखारे : – इसके सोने(स्वर्ण) के अंश(आधार) के कारण, यह रंग में सुधार लाने में सहायक है.
- पुरानी बीमारियों का भी करे नाश : – स्वर्ण भस्म सभी पुरानी बीमारियों का नाश करता है जब लगातार इस्तेमाल किया जाए.
- खांसी और अनिद्रा आदि के उपचार में : – यह खांसी, दमा, मूत्र विकार, अनिद्रा और कमजोर पाचन में उपयोगी है.
- मन्श्पेशियों की मजबूती के लिए : – यह कमजोर मांसपेशियों, वृद्धावस्था के साथ जुड़ी कमज़ोरी में मजबूती प्रदान करता है.
- टीबी के उपचार में : – यह क्षय रोग के इलाज के लिए उत्कृष्ट है.
- एंटी एजिंग के रूप में : – स्वर्ण भस्म ऊतकों के अध: पतन की प्रक्रिया को धीमा कर देती है इस प्रकार समय से पहले बूढ़ा होने की प्रक्रिया को रोकने के लिए मदद करता है.
- इसका सेवन आपको बनाए जवान : – यह झुर्रियों, त्वचा की सुस्ती, आंख, दुर्बलता, थकान, आदि के आसपास काले घेरे की तरह उम्र बढ़ने के लक्षणों को रोकने में मदद करने के साथ ही स्वर्ण भस्म ऊतकों और मानव शरीर के स्नायुबंधन को मजबूत करता है.
- वैकल्पिक टॉनिक के रूप में : – यह एक वैकल्पिक और एक तंत्रिका टॉनिक के रूप में कार्य करता है यदि नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाए.
- एनीमिया और जीर्ण ज्वार के उपचार के लिए : – स्वर्ण भस्म एनीमिया और जीर्ण ज्वर के इलाज में उत्कृष्ट है.
स्वर्ण भस्म को लेने का तरीका (How to Use Swarna Bhasma)
सामान्य रूप से 0-5 उम्र के लिए 5 मिलीग्राम 5-10 उम्र के लिए 10 मिलीग्राम 10-15 उम्र के लिए 10-15 मिलीग्राम वही वयस्क रोगी को प्रतिदिन 15 से 30 मिलीग्राम स्वर्ण भस्म का सेवन रोगानुसार विभिन्न अनुपात के साथ सुरक्षित बताया गया है।
स्वर्ण भस्म का सेवन बच्चे, बड़े और बुजुर्ग सभी आसानी से कर सकते हैं। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। साथ ही स्वस्थ व्यक्ति भी बीमारियों से अपना बचाव करने के लिए इसका सेवन कर सकता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।
- आम तौर से स्वर्ण भस्म दिन में दो बार लेनी चाहिए. किंतु आपको डॉक्टर से बात करने के बाद ही अपने लिए तैय करना चाहिए की स्वर्ण भस्म की सही मात्रा क्या है.
- स्वर्ण भस्म सबसे अधिक भोजन के बाद लेने की सूचना है. हर व्यक्ति की ज़रूरत फरक होती है, तो अपने डॉक्टर से पनी स्थिति के बारे में परमर्शक करें स्वर्ण भस्म लेने से पहले.
- बच्चे (Children) : 2-5 मिली ग्राम प्रतिदिन रोज सुबह दूध के साथ
- वयस्क (Adult) : 5-20 मिली ग्राम प्रतिदिन रोज सुबह दूध के साथ
आप भी स्वर्ण भस्म के फायदों को पाने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं। लेकिन ज्यादा मात्रा में आपको इसका सेवन करने से बचना चाहिए। अति हर चीज की बुरी होती है, इसका भी ज्यादा सेवन करने से नुकसान हो सकता है। साथ ही अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर के परामर्श पर ही इसका सेवन करें। आप चाहें तो इसका सेवन शुरू करने से पहले अपने नजदीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
स्वर्ण भस्म के संभवतः नुकसान (Side effects of Swarna Bhasma in Hindi)
इस औषधीय धातु के सेवन की मात्रा और समय, रोगी के उम्र और रोग के आधार पर किया जाता है। अधिक मात्र में सेवन से कुछ गलत परिणाम भी देखने को मिल सकते है। जैसे-
- घबराहट, बेचैनी और जी मिचलाना
- उलटी की समस्या होना
- शारीरिक शक्ति में कमी और थकावट महसूस होना
- अशुद्ध भस्म के सेवन से मानसिक थकान और कमजोरी महसूस होना
- अत्यधिक खनिजो और पोषक तत्वों से भरपूर होने की वजह से अधिक मात्रा में सेवन से या ख़राब क्वालिटी होने से इसे पचा पाना काफी मुश्किल ह जाता है ऐसी स्थिति में दस्त की समस्या होना इत्यादि
Discussion about this post