यह मसालों की रानी मानी जाती है। चाहे हम कोई भी सब्जी बनाएं। सब्जी सूखी हो या रसेदार या फिर नमकीन से लेकर सूप आदि तक, हरेक व्यंजन में काली मिर्च का प्रयोग जरूर होता है। भोजन में काली मिर्च का इस्तेमाल केवल स्वाद के लिए नहीं किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक (Black Pepper Health Benefits) है। काली मिर्च एक अच्छी औषधि भी है। लंबे समय से आयुर्वेद में इसका औषधीय प्रयोग होता रहा है। वास्तव में काली मिर्च के औषधीय गुणों के कारण ही इसे भोजन में शामिल किया जाता है। काली मिर्च का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
सलाद, शिकंजी या सैंडविच कुछ भी बनाओ, बस ऊपर से थोड़ी काली मिर्च छिड़क दो, तो खाने का स्वाद बढ़ जाता है। हालांकि, काली मिर्च सिर्फ इन्हीं चीजों का जायका नहीं बढ़ाती, बल्कि यह किसी भी खाने का स्वाद बढ़ाने का काम कर सकती है। साथ ही यह सेहत पर कई तरह के लाभकारी असर भी डाल सकती है, जिस बारे में जानकर आपको हैरानी हो सकती है। यह लेख खास काली मिर्च के विषय पर है। इस लेख में हम काली मिर्च के फायदे, काली मिर्च के उपयोग व काली मिर्च के औषधीय गुण आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे। ये गुण स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं और किसी शारीरिक समस्या से उबरने में भी मदद कर सकते हैं। हां, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। आईएसकेडी मेडीफिट, आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप सिंह
काली मिर्च क्या है? – What is Black Pepper
जगह के हिसाब से काली मिर्च के अलग-अलग नाम हैं। तेलुगू में इसे नाला मिरियालु, तमिल में करूमिलाकु व कन्नड़ में कारे मनसु कहा जाता है। यहां बता दें कि काली मिर्च एक फूल वाली बेल है, जिसकी खेती इसके फल के लिए की जाती है। वैज्ञानिक रूप से इसे पाइपर नाइग्रम (Piper nigrum) कहा जाता है। जब इस बेल का फल सूख जाता है, तो इसे मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी मसाले को काली मिर्च कहा जाता है। इसे पेपरकॉर्न भी कहा जाता है।
एक वर्ष में इसकी लगभग दो उपज प्राप्त होती हैं। पहली उपज अगस्त-सितम्बर में और दूसरी मार्च-अप्रैल में। बाजारों में दो प्रकार की मिर्च बिकती है – सफेद मिर्च और काली मरिच। कालीमिर्च की तासीर आयुर्वेद के अनुसार न शीत है और न उष्ण, लेकिन कहीं-कहीं पर इसको उष्ण तासीर का भी बताया गया है।
कुछ लोग सफेद मिर्च को काली मिर्च की एक विशेष जाति मानते हैं। कोई सहिजन (Moringa) के बीजों को ही सफेद मिर्च मान लेते हैं। सफेद मिर्च काली मिर्च (Marich Herb) का ही एक अलग रूप है। आधे पके फलों की काली मिर्च बनती है तथा पूरे पके फलों को पानी में भिगोकर, हाथ से मसल कर ऊपर का छिल्का उतार देने से वह सफेद मिर्च बन जाती है। छिल्का हट जाने से इसकी गरम तासीर कुछ कम हो जाती है तथा गुणों में कुछ सौम्यता आ जाती है।
अनेक भाषाओं में मिर्च के नाम (Name of Black Pepper in Different Languages)
काली मिर्च (Marich Herb) का वानस्पतिक यानी लैटिन भाषा में नाम पाइपर नाइग्रम् (Piper nigrum Linn.) है। यह पाइपरेसी (Piperaceae) कुल का पौधा है। अंग्रेजी और विविध भारतीय भाषाओं में इसके नाम निम्नानुसार हैं-
Black Pepper in –
- Hindi – मरिच, मिरच, गोल मरिच, काली मरिच, दक्षिणी मरिच, चोखा मिरच
- English – ब्लैक पेपर (Black Pepper), कॉमन पेपर (Common pepper), पेपर (Pepper)
- Sanskrit – मरिच, वेल्लज, उष्ण, ऊषण, कृष्ण, पवित्र, श्याम, वेणुज, यवनप्रिय, शुद्ध, कोलक, वरिष्ठ, वृत्तफल, शाकाङ्ग,वेणुक, कटुक, शिरावृत्त, सर्वहित
- Oriya – कान्चा गोट मिर्चा (Kancha-got-mircha)
- Urdu – काली मिर्च (Kali mirch)
- Konkani – मिरीअम (Miriam)
- Kannada – ओल्ले मोणसु (Olle monasu)
- Gujarati – मरितीखा (Maritikha), मिरी (Miri)
- Telugu- मरिचमु (Marichamu), षव्यमु (Shavyamu), मीरीयालू (Miriyalu)
- Tamil – मिलागु (Milagu), मोलह शेव्वियम् (Molah shevviyam)
- Bengali – मिर्च (Marich), गोल मोरिच (Gol morich)
- Punjabi – काली मिर्च (Kali marich), गोल मिरिच (Gol mirich)
- Marathi – मिरे (Mire), काली मिरीं (Kali mirin)
- Malayalam – लह (Lah), कुरू मुलक (Kuru mulak)
- Arabic – फूलफिल असवद (Fulfil aswad), बाबेरी (Babary)
- Persian – फूलफूल् अस्वद (Phulphul asvad)
काली मिर्च के औषधीय गुण (Black Pepper Benefits and Uses in Hindi)
काली मिर्च में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिससे कई रोगों को दूर रखा जा सकता है। साथ ही कई रोगों के इलाज में मदद मिल सकती है। इसमें मुख्य रूप से एंटी-फ्लैटुलेंस, ड्यूरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव, मैमोरी इनहेंसर और पेन रिविलर गुण पाए जाते हैं। ये सभी गुण विभिन्न समस्याओं के इलाज में मदद कर सकते हैं इसके अलावा भी काली मिर्च के कई औषधीय गुण व फायदे हैं, जिनके बारे में आप नीचे विस्तार से जानेंगे।
काली मिर्च नपुंसकता, रजोरोध यानी मासिक धर्म के न आने, चर्म रोग, बुखार तथा कुष्ठ रोग आदि में लाभकारी है। आँखों के लिए यह विशेष हितकारी होती है। जोड़ों का दर्द, गठिया, लकवा एवं खुजली आदि में काली मिर्च में पकाए तेल की मालिश करने से बहुत लाभ होता है।
कोलेस्ट्रॉल को कण्ट्रोल रखने के लिए काली मिर्च के फायदे Benefits of black pepper to control cholesterol)
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर कई समस्याओं के पनपने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो काली मिर्च में पाइपरिन होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकता है। यह तत्व कोलेस्ट्रॉल ट्रांसपोर्टर प्रोटिंस को भी दबाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रह सकता है। यह जानकरी एनसीबीआई वेबसाइट पर भी उपलब्ध है । इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने के लिए काली मिर्ची के फायदे हो सकते हैं।
गठिया का दर्द कम करे काली मिर्च का औषधीय गुण (Benefit of Black Pepper to Get Relief from Gout in Hindi)
गठिया दर्द को कम करने में कालीमिर्च एक अच्छा उपाय है, क्योंकि कालीमिर्च में आयुर्वेद के अनुसार वात को कम करने का गुण होता है। जिसके वजह से गठिया का दर्द को कम होने में मदद मिलती है। आयुर्वेद में गठिया को वात प्रधान रोग माना जाता है।
विटिलिगो के इलाज में काली मिर्च का औषधिय गुण फायदेमंद (Black Pepper Beneficial in Vitiligo in Hindi)
विटिलिगो की समस्या में कालीमिर्च का उपयोग फ़ायदेमंद हो सकता है, क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार कालीमिर्च का जब बाहरी रूप से प्रयोग किया जाता है तो ये पिगमेंटेशन को बढ़ाकर रोगों के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
सिर के जुंए (डैंड्रफ या रूसी) भगाए काली मिर्च का प्रयोग (Benefits of Black Pepper in Cure Head Lice in Hindi)
बालों में जूँ हो जाने पर 10-12 सीताफल के बीज और 5-6 काली मिर्चों (black pepper in hindi) को पीस कर सरसों के तेल में मिला लें। इसे रात में सोने से पहले बालों की जड़ों में लगा लें। सुबह बाल धोकर साफ कर लें। जूं नष्ट हो जाएगी।
सिर के बाल यदि झड़तें हो तो काली मिर्च को प्याज व नमक के साथ पीसकर लगाने से लाभ (uses of black pepper) होता है।
आँखों की बीमारी में फायदेमंद काली मिर्च का उपयोग (Black Pepper Benefits in Cure Eye Problems in Hindi)
- काली मिर्च (black pepper in hindi)को दही के साथ पीसकर आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी में लाभ होता है। इसे अत्यन्त सावधानीपूर्वक बाहर-बाहर ही लगाएं।
- आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए रोजाना सुबह आधा से 1 ग्राम तक काली-मिर्च (black pepper benefits in hindi) में 1 चम्मच घी तथा आवश्यकतानुसार मिश्री मिलाकर चाटें। बाद में दूध पीएं। इससे आंखों की बीमारी में लाभ होता है।
- आँखों की पलकों पर अगर फुंसी हो जाए तो काली मिर्च को पानी में घिसकर लेप करने से फुंसी पककर फूट जाती है।
- काली मिर्च के आधे ग्राम चूर्ण को एक चम्मच देशी घी में मिलाकर खाने से अनेक प्रकार के नेत्र रोगों का खात्मा होता है।
दांत दर्द में आराम दिलाये काली मिर्च का इस्तेमाल (Black Pepper Benefits in Cure Toothache & Mouth Ulcer in Hindi)
- काली मिर्च (black pepper in hindi)के 1-2 ग्राम चूर्ण को 3-4 जामुन या अमरूद के पत्तों या पोस्तदानों के साथ पीस लें। इससे कुल्ला करने से दांत दर्द ठीक होता है।
- गले के रोग व आवाज बैठ जाने पर भी यह प्रयोग लाभप्रद है।
- सेंधा नमक, काली मिर्च (Marich Herb), शहद तथा नींबू के रस को मिला कर तालू पर लेप करने से मुँह के छाले में लाभ होता है।
काली मिर्च का सेवन से दमा-खाँसी का इलाज (Black Pepper Benefits in Fighting with Bronchitis in Hindi)
- 2-3 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को शहद और घी (असमान मात्रा में) में मिला लें। इसे सुबह-शाम चाटने से सर्दी, सामान्य खाँसी, दमा और सीने का दर्द मिटता है। इससे फेफड़ों में जमा कफ निकल जाता है।
- 200 मिली गाय के दूध में 2 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को पकाकर पिलाने से दमा-खाँसी में लाभ होता है।
- यदि खाँसी बार-बार उठती हो, भोजन निगलने में कष्ट हो तो दिन में 2-3 बार काली मिर्च के हल्के काढ़े से कुल्ला करें।
- काली मिर्च (Marich Herb) चूर्ण 2 भाग, पीपली चूर्ण 2 भाग, अनार की छाल 4 भाग तथा जौ एक भाग का चूर्ण बना लें। इसमें 8 भाग गुड़ मिलाकर 1-1 ग्राम की गोलियाँ बना लें। इसे दिन में तीन बार सेवन करने से गले का दर्द (कष्टदायक खाँसी) में लाभ होता है।
- गले की खराश व खाँसी में 2-3 काली मिर्च (black pepper in hindi)मुंह में रखकर चूसने मात्र से लाभ होता है।
खाँसी-जुकाम दूर करे काली मिर्च का सेवन (Benefits of Black Pepper in Fighting with Cough & Cold in Hindi)
काली मिर्च (black pepper in hindi)के 2 ग्राम चूर्ण को गर्म दूध तथा मिश्री के साथ पी लेने अथवा इसके 7 दाने निगलने से जुकाम तथा खाँसी में लाभ होता है।
50 ग्राम दही, 15-20 ग्राम गुड़ और एक-डेढ़ ग्राम काली मिर्च चूर्ण (Marich Herb) को मिला लें। इसे दिन में 3-4 बार सेवन करने से जुकाम में लाभ होता है।
सिर दर्द दूर करे काली मिर्च का सेवन (Benefits of Black Pepper Get Relief from Headache in Hindi)
एक काली मिर्च (Marich Herb) को सुई की नोंक पर लगाकर उसे दीपक में जला लें। उसमें से निकलने वाले धुएं को सूंघने से सिरदर्द में आराम होता है। इससे हिचकी भी बंद होती है। सिर दर्द में काली मिर्च के फायदे बहुत लाभकारी साबित होते हैं।
भृंगराज के रस अथवा चावलों के पानी के साथ काली मिर्च को पीसकर माथे पर लेप करने से आधासीसी का दर्द यानी माइग्रेन भी ठीक होता है।
दस्त रोकने के लिए करें काली मिर्च का प्रयोग (Kali Mirch Benefits to Stop Dysentery in Hindi)
- एक भाग काली मिर्च की चूर्ण तथा एक भाग भुनी हींग को अच्छी तरह खरल कर लें। इसमें दो भाग शुद्ध देशी कपूर मिलाकर 125 मि.ग्राम की गोलियाँ बना लें। इसे आधे घंटे के अंतर से 1-1 गोली देने से हैजे की शुरुआती (प्रथम) अवस्था में लाभ (black pepper benefits in hindi)होता है।
- काली मिर्च की चूर्ण 1 ग्राम तथा भुनी हींग 1 ग्राम को अच्छी तरह खरल कर लें। इसमें 3 ग्राम अफीम मिलाकर शहद में घोटकर 12 गोलियाँ बना लें। कर 1-1 गोली 1 घंटे के अंतर से दें। बहुत समय तक न दें। इससे पेचिश में भी अत्यन्त लाभ होता है। अफीम मिले होने के कारण इसका प्रयोग सावधानी से करें।
- काली मिर्च चूर्ण 1/2 ग्राम, हींग 1/4 ग्राम तथा अफीम 100 मिग्रा को मिला लें। इसे जल या शहद के साथ सुबह, दोपहर तथा सायं सेवन करने से पेचिश में लाभ होता है।
पेट के रोगों में फायदेमंद काली मिर्च का उपयोग (Kali Mirch Benefits in Cure Stomach Problems in Hindi)
- 2-3 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को 1 कप छाछ के साथ सुबह (Benefits Of Black Pepper In Morning) खाली पेट लेने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
- 8-10 काली मिर्च (black pepper in hindi) को 5-7 ग्राम शिरीष के पत्तों के साथ पीसकर छान लें। इसे पीने से गैस के कारण होने वाले पेट दर्द और पेट फूलने में आराम (black pepper benefits in hindi)मिलता है।
- एक कप पानी में आधा नींबू निचोड़ लें। इसमें 5-6 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर भोजन के बाद सुबह-शाम पीने से पैट की गैस, भूख का घटना-बढ़ना आदि में लाभ होता है।
- काली मिर्च के चूर्ण के साथ बराबर भाग सोंठ, पीपली, जीरा और सेंधा नमक मिला लें। 1-1 ग्राम की मात्रा में, भोजन के बाद गर्म जल के साथ लेने से अपच तथा बदहजमी में लाभ होता है।
- काली मरिच, सोंठ, पीपल तथा हरड़ चूर्ण मिलाकर शहद के साथ देने से अथवा इसके काढ़े को पीने से अपच तथा पैट की गैस में लाभ (black pepper benefits in hindi)होता है।
कैंसर के इलाज में काली मिर्च फायदेमंद (Black Pepper Beneficial to Treat Cancer in Hindi)
कालीमिर्च का सेवन कैंसर को फैलने से रोकने में आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि कालीमिर्च में एंटी- कैंसर का गुण पाया जाता है जो कि कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करता है।
अवसाद या डिप्रेशन को कम करने में उपयोगी काली मिर्च का सेवन (Black Pepper Beneficial to Treat Depression in Hindi)
कालीमिर्च का सेवन आपको डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है क्योंकि रिसर्च के अनुसार इसमें पाये जाने वाले एल्कलॉइड में एंटी -डिप्रेशन का गुण पाया जाता है।
काली मिर्च के सेवन से बवासीर में फायदा (Kali Mirch Benefits in Piles in Hindi)
- दो ग्राम काली मिर्च चूर्ण, 1 ग्राम भुना जीरा, 15 ग्राम शहद या शक्कर को मिला लें। दो बार छाछ के साथ या गर्म जल के साथ सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।
- काली मिर्च चूर्ण 25 ग्राम, भुना जीरा चूर्ण 35 ग्राम और शुद्ध शहद 180 ग्राम को मिला लें। इसे अवलेह (चटनी) बनाकर रखें। इस अवलेह को 3 से 6 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। इससे बवासीर में फायदा (health benefits of kali mirch) होता है।
- काली मिर्च (Marich Herb) और जीरे के मिश्रण में सेंधा नमक मिला लें। इसे दिन में दो बार छाछ के साथ 3-4 मास तक सेवन करते रहने से बवासीर में आराम मिलता है। इससे कमजोरी या वृद्धावस्था के कारण हुए बवासीर या गुदभ्रंश (काँच निकलना) ठीक होते हैं। इससे पाचन व जठराग्नि ठीक रहती है। कब्ज और पैट की गैस में भी यह प्रयोग लाभप्रद है।
- एक ग्राम काली मिर्च चूर्ण को शहद के साथ दिन में तीन बार प्रयोग करें। इससे गुदा का बाहर निकलना बंद हो जाता है।
काली मिर्च धूम्रपान छोड़ने में मदद करे (Black pepper help quit smoking)
जो लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए काली मिर्च का उपयोग मददगार साबित हो सकता है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि काली मिर्च पाउडर की भाप लेने से धूम्रपान की तलब को धीरे-धीरे नियंत्रित किया जा सकता है । इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
मूत्र रोग (पेशाब संबंधी बीमारी) में फायदेमंद मिर्च का इस्तेाल (Black Pepper Health Benefits in Cure Urine Problems in Hindi)
एक ग्राम काली मिर्च (Marich Herb) और बराबर मात्रा में खीरा या ककड़ी के बीज को 10-15 मिली पानी के साथ पीस लें। इसमें मिश्री मिलाकर छानकर पिलाएं। इससे पेशाब में जलन तथा पेशाब में दर्द आदि की परेशानी में लाभ होता है।
नपुंसकता दूर करे काली मिर्च का सेवन (Black Pepper Health Benefits in Impotency in Hindi)
एक गिलास दूध में 8-10 काली मिर्च को डाल लें। इसे अच्छी तरह उबालकर, सुबह-शाम नियमपूर्वक सेवन करने से वीर्य विकार ठीक होता है। गर्मी के मौसम में मात्रा कम की जा सकती है।
काली मिर्च के यफदे डायबिटीज और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए (Use of black pepper to control diabetes and blood sugar)
काली मिर्च खाने के फायदे मधुमेह और ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिए हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, काली मिर्च में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम कर सकते हैं। इससे डायबिटीज के इलाज में मदद मिल सकती है (12)। एक अन्य शोध के अनुसार, सीमित मात्रा में पाइपरिन लेने से शरीर में एंटीहाइपरग्लिसेमिक प्रभाव नजर आ सकता है। वहीं, अधिक मात्रा में लेने पर मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय से जुड़ी समस्या हो सकती है।
घाव सुखाने के लिए करें मिर्च का उपयोग (Benefits of Kali Mirch in Wounds Healing in Hindi)
काली मिर्च को पानी में पीसकर फोड़े-फुंसियों व सूजन पर लेप करने से घाव सुख जाता है। इससे घाव जल्दी भर जाते हैं और सूजन दूर होती है।
हिस्टीरिया में फायदेमद मिर्च का प्रयोग (Benefits of Kali Mirch in Hysteria in Hindi)
3 ग्राम वच चूर्ण में 1 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिला लें। इसे खट्टी दही के साथ सुबह खाली पेट सेवन करने से हिस्टीरिया में लाभ होता है।
चेहरे के लकवा में लाभकारी है मिर्च का प्रयोग (Benefits of Kali Mirch in Facial Paralysis in Hindi)
अर्दित रोग यानी फेशियल पैरालिसिस में चेहरे के अंगों में लकवा मार देता है। यदि जीभ में जकड़न हो तो मिर्च (Marich Herb) के चूर्ण को जीभ पर घिसने से लाभ होता है।
काली मिर्च चूर्ण को किसी भी वातशामक तेल में मिला लें। इसे लकवाग्रस्त अंग पर मालिश करने से बहुत लाभ होता है। काली मिर्च खाने के फायदे चेहरे पर लकवा मारने में बहुत फायदेमंद होता है।
कमजोरी दूर कर शारीरिक ताकत बढ़ाए काली मिर्च का सेवन (Uses of Black Pepper in Treating Body Weakness in Hindi)
कमजोरी आलस्य, उदासीनता आदि दूर करने के लिए काली मिर्च (Marich Herb) के 4-5 दाने, सोंठ, दालचीनी, लौंग और इलायची थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिला लें। इसे चाय की तरह उबाल लें। इसमें दूध और शक्कर मिलाकर पीने से लाभ होता है। कमजोरी दूर करने में काली मिर्च के औषधीय गुण बहुत फायदेमंद (kali mirch in hindi) साबित होते हैं।
बुखार उतारे काली मिर्च का प्रयोग (Uses of Black Pepper in Fighting with Fever in Hindi)
- 1-3 ग्राम काली मिर्च चूर्ण में आधा लीटर पानी और 20 ग्राम मिश्री मिलाकर आठवाँ भाग शेष रहने तक उबाल कर काढ़ा बना लें। इसे सुबह, दोपहर तथा शाम पिलाने से साधारण बुखार यानी वायरल फीवर में लाभ होता है।
- 5 दाने काली मरिच, अजवायन एक ग्राम और हरी गिलोय 10 ग्राम, सबको 250 मिली पानी में पीस, छानकर पिलाने से तेज बुखार में लाभ होता है।
- एक ग्राम काली मिर्च चूर्ण (Marich Herb)को शहद के साथ दिन में तीन बार सेवन करने से गैस के कारण होने वाला बुखार तथा पेट दर्द दूर होता है ।
शरीर का पोषण बढ़ाने में फायदेमंद काली मिर्च (Black Pepper Beneficial to Boost Nutrition of Body in Hindi)
कालीमिर्च में आयुर्वेद के अनुसार ऐसे गुण होते है जो कि शरीर के पोषण को बढ़ावा देते है विशेष रूप से दीपन का गुण जो कि पाचकाग्नि का बढ़ा कर शरीर को पोषण देने में मदद कर करता है।
वजन कम करने में फायदेमंद काली मिर्च (Black Pepper Beneficial for Weight Loss in Health)
अगर आप बढ़े हुए वजन से परेशान है तो, कालीमिर्च का सेवन आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है। क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार कालीमिर्च में पाये जाने वाला एक तत्व चर्बी यानि फैट को कम करने में मदद करता है।
काली मिर्च खाने के फायदे वजन कम करने के लिए भी हो सकते हैं। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के दौरान कुछ हफ्तों तक काली मिर्च युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन किया गया। इससे भूख में किसी तरह का बदलाव हुए बिना शरीर में फैट और लिपिड का स्तर कम मापा गया। इससे शरीर का वजन कुछ कम हो सकता है। यह सब काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन और एंटीओबेसिटी प्रभाव की वजह से ही संभव हो पाता है । इसलिए, कहा जा सकता है कि काली मिर्च के औषधीय गुण के कारण वजन कम हो सकता है।
स्तेमाल के लिए काली मिर्च के उपयोगी हिस्से (Beneficial Parts of Kali Marich)
फल
काली मिर्च के सेवन की मात्रा (Uses & Doses of Kali Marich)
चूर्ण – 1-2 ग्राम
औषधि के रूप में काली मिर्च (Marich Herb) का इस्तेमाल (kali mirch uses)से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
काली मिर्च से नुकसान (Black Pepper Side Effects in Hindi)
इन रोगों की अवस्था में काली मिर्च का उपयोग नहीं करना चाहिएः-
- घाव
- एसिडिटी
- खूनी बवासीर
- गर्भावस्था की अवस्था
काली मिर्च के पौष्टिक तत्व – Black Pepper Nutritional Value in Hindi
इसमें कोई दो राय नहीं है कि काली मिर्च गुणों का खजाना है। यह जानना काफी दिलचस्प होगा कि इसके पौष्टिक मूल्य क्या हैं। नीचे हम 100 ग्राम काली मिर्च के पौष्टिक मूल्य बता रहे हैं.
पोषक तत्व | पोषक मूल्य प्रति 100 G |
---|---|
पानी | 12.46 g |
ऊर्जा | 251 kcal |
प्रोटीन | 10.39 g |
टोटल लिपिड (फैट) | 3.26 g |
कार्बोहाइड्रेट | 63.95 g |
फाइबर, टोटल डाइटरी | 25.3 g |
शुगर | 0.64 g |
कैल्शियम, Ca | 443 mg |
आयरन, Fe | 9.71 mg |
मैग्नीशियम, Mg | 171 mg |
फास्फोरस, P | 158 mg |
पोटैशियम, K | 1329 mg |
सोडियम, Na | 20 mg |
जिंक, Zn | 1.19 mg |
कॉपर, Cu | 1.33 mg |
मैंगनीज, Mn | 12.753 mg |
सेलेनियम, Se | 4.9 µg |
थायमिन | 0.108 mg |
राइबोफ्लेविन | 0.18 mg |
नियासिन | 1.143 mg |
विटामिन-बी6 | 0.291 mg |
फोलेट | 17 µg |
विटामिन-ए, RAE | 27 µg |
विटामिन-ई (अल्फा टोकोफेरोल) | 1.04 mg |
विटामिन-के | 167.7 µg |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 1.392 g |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 0.739 g |
फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड | 0.998 g |
काली मिर्च की चाय बनाने की विधि
काली मिर्च की चाय के फायदे कई हो सकते हैं। अगर किसी को काली मिर्च की चाय बनानी नहीं आती है, तो वे हमारे इस लेख के मदद से काली मिर्च की चाय बनाना सीख सकता है।
सामग्री :
लगभग दो चुटकी ताजा पिसी हुई काली मिर्च
एक गिलास पानी
दो चम्मच शहद
एक चम्मच नींबू का रस
एक चम्मच ताजा कटा अदरक
बनाने की विधि:
सबसे पहले पानी को उबाल लें।
उसके बाद सभी सामग्रियों को उबलते हुए पानी में डालें।
फिर कुछ सेकंड बाद गैस बंद कर दें और कुछ देर के लिए पतीले को गैस पर ही रहने दें।
अब चाय को छानकर पी लें।
इस चाय को हमेशा हल्का गर्म ही पिए।
चलिए, अब जानते हैं कि काली मिर्च का सुरक्षित कैसे रखना चाहिए।
काली मिर्च का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका
चयन : बाजार में काली मिर्च साबुत और पिसी हुई दोनों ही रूप में मिल जाएगी। ऐसे में कोशिश करें कि साबुत काली मिर्च खरीदें, क्योंकि यह मिलावट रहित होती है। जब भी काली मिर्च खरीदें, तो ध्यान दें कि यह छोटी, भारी और साफ-सुथरी हो।
स्टोरेज : काली मिर्च को शीशे के जार में अच्छी तरह बंद करके रखें, ताकि उसमें हवा न जाए। इसके अलावा, काली मिर्च को फ्रीज करके भी लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
काली मिर्च के नुकसान – Side Effects of Black Pepper in Hindi
काली मिर्च खाने के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। नीचे हम इन्हीं काली मिर्च के नुकसान के बारे में बता रहे हैं :
- काली मिर्च का अधिक सेवन करने से पेट में जलन हो सकती है।
- काली मिर्च को आंखों के संपर्क में न आने दें। इससे आंखों में जलन हो सकती है।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
इस लेख में हमने काली मिर्च के फायदे को वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर बताने की कोशिश है। यह मिर्च इतनी गुणकारी है कि काली मिर्च के औषधीय गुण आयुर्वेद में भी काफी प्रचलित हैं। इसलिए, सदियों से कई समस्याओं के इलाज में यह सहायक रही है। फिर भी इसे किसी समस्या का सटीक इलाज न समझें। अगर कोई किसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है, तो समय गंवाए बिना डॉक्टरी इलाज का सहारा लें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दी गई प्रत्येक जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
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