बड़ी अरणी क्या है? (What is Headache Tree?)
बड़ी अरणी का पेड़ पहाड़ों पर पाया जाता है. बड़ी अरणी और छोटी अरणी में मुख्य अंतर यह है कि बड़ी अरणी का तना काफी बड़ा और मजबूत होता है. इसकी शाखाएं भी विपरीत दिशाओं में दूर तक फैली होती हैं जबकि छोटी अरणी का पौधा आकार में छोटा होता है. ग्रंथों के अनुसार बड़ी अरणी की तासीर गर्म होती है और अग्नि की तरह इसमें रोगों को तुरंत खत्म करने की क्षमता होती है. इसीलिए इसे संस्कृत में अग्निमंथ नाम दिया गया है.
हमारे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में इस औषधि का कई स्थानों पर वर्णन आया है सुप्रसिद्ध दशमूल क्वाथ के अंदर यह औषधि भी एक प्रधान अंग मानी गई है। इसके अतिरिक्त चरक में यह औषधि बवासीर के लिए, सुश्रुत में इक्षुप्रमेह के लिए, चक्रदत्त में वसाप्रमेह के लिए और हारित में वात व्रण के लिए इत्यादि विभिन्न प्रांतों में भिन्न-भिन्न रोगों के लिए उपयोगी बतलाई गई है।
अरनी दो प्रकार की होती है, एक तो छोटी और दूसरी बड़ी। सफेद व काले रंग के फूलों के भेद से भी यह दो प्रकार की होती है। बड़ी का वृक्ष 30 फीट ऊंचा होता है। इसके पत्ते कटे हुए वह कंगूरेदार होते हैं। इसकी पुरानी शाखाओं में आमने-सामने मजबूत कांटे लगे हुए होते हैं। इसमें कुछ नीली झाई लिए हुए सफेद रंग के फूल लगते हैं। फूलों की पंखुड़ियां कुछ मोटी होती है। इसकी लकड़ी मजबूत व सफेद रंग की होती है उसपर बैंगनी रंग की धारियां पड़ी हुई होती है। चैत्र-वैशाख में इसके फूल लगते हैं। फूलों के गिरने के बाद काले रंग के छोटे फल आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इसकी लकड़ी को परस्पर में रगड़ने से अग्नि उत्पन्न होती है इससे इसका नाम अग्निमन्थ पड़ा है।
छोटी अरनी (अग्निमन्थ) का झाड़ प्रायः 2-3 गज ऊंचा होता है। इसकी जड़ मोटी, कड़वी या भूरे रंग की होती है। उसमें कुछ-कुछ सुगंध भी आती है। इसके पत्ते 1 से 2 इंच तक लंबे होते हैं। इन पत्तों पर सुगंध युक्त सफेद रंग के फूल लगते हैं। इसके फल काले रंग के होते हैं। जिनमें चार-चार बीज निकलते हैं। आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह
Headache Tree in :
- Hindi : बड़ी अरनी, अरनी, अरणी, अंगेथु, गणियारी, गानियार, गानियारी, वाकर
- English : क्रीक प्रेम्ना (Creek premna), स्पाइनस फायर बैंड टीक (Spinous fire brand teak), कोस्टल प्रेम्ना (Coastal premna)
- Sanskrit : अग्निमंथ, वृहतग्निमन्थ, गणिकारिका, कणिका, श्रीपर्णी, वैजयन्तिका, जया, जयन्ती, नादेयी, वातघ्नी
- Udia : भूतोबैरी (Bhutobairi), आगोबोथु (Ogobothu)
- Urdu : अराणी (Arani)
- Kannad : अग्निमन्धा (Agnimandha)
- Gujrati : अरणी (Arni)
- Tamil : मुन्नई (Munnai), पारुमुन्नाई (Parumunnai)
- Telugu : गाब्बूनेल्ली (Gabbunelli), कर्निका (Karnika), नागुरा (Nagura), नेल्ली (Nelli)
- Bengali : बंगाली-गनिर (Ganir), गानियारि (Ganiari)
- Nepali : गिनेरी (Gineri)
- Punjabi : अगेथु (Agaithu), गनियार (Ganiyar)
- Marathi : नरवेल (Narvel), अरन (Aran), अरणी (Arni)
- Malyalam : मुन्ना (Munna)
बड़ी अरनी के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Badi Arani in Hindi)
बड़ी अरनी पाचक अग्नि को बढ़ाने वाली, कटु और पौष्टिक होती है. यह कफघ्न, वातघ्न, शोथघ्न, अनुलोमक शीत-प्रशमनकारक तथा पांडुरोग नाशक होती है। इसके पत्र वातानुलोमक, स्तन्यवर्धक तथा आमाशयिक-क्रियाविधिवर्धक होते हैं। इसकी मूलत्वक् स्तम्भक होती है। इसकी मूल विरेचक, अग्निवर्धक, बलकारक, उत्तेजक तथा यकृत् की पीड़ा को दूर करने वाली होती है।
मोटापा दूर करने में बड़ी अरणी के फायदे (Badi Arani Helps to get rid of Obesity in Hindi)
10 ग्राम अरणी तथा 5 ग्राम त्रिफला लेकर रात को 1 लीटर पानी में मिट्टी के बर्तन में भिगों दें. सुबह इसका काढ़ा क्वाथ बनाकर पीएं. सुबह और शाम दोनों समय इसका उपयोग करें साथ में हल्का व सुपाच्य भोजन लें. इससे कुछ ही दिनों में मोटापा दूर होने लगता है. अगर इस काढ़े के सेवन से आपको दस्त होने लगें तो इसकी मात्रा कम कर दें या चिकित्सक से सलाह लें।
बड़ी अरणी के फायदे और उपयोग (Benefits and Uses of Badi Arani in Hindi)
बड़ी अरनी के औषधीय गुणों के कारण ही आयुर्वेद में इसे इतना महत्व दिया गया है. विशेषज्ञों के अनुसार बड़ी अरनी कई रोगों को ठीक करने में फायदेमंद है. आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
कब्ज दूर करने के लिए करें बड़ी अरणी का उपयोग ( Benefits of Headache Tree for Constipation in Hindi)
3 ग्राम अरणी के पत्ते तथा 3 ग्राम बड़ी हरड़ का छिलका लेकर 250 मिली पानी में पकाकर, काढ़ा बना लें। इसे सुबह-शाम 20-40 मिली की मात्रा में पिएं. इससे कब्ज की समस्या दूर होती है।
50 ग्राम अरणी की जड़ को आधा लीटर पानी में पकाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को 20-40 मिली मात्रा में सुबह शाम पीने से कब्ज दूर होती है। यह काढ़ा बहुत पौष्टिक भी होता है।
बवासीर के इलाज में सहायक है बड़ी अरणी (Benefits of Badi Arani for Piles Treatment in Hindi)
अरणी के पत्तों का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में पिलाने से तथा इसके पत्तों की पोटली बनाकर बांधने से बवासीर के दर्द से राहत मिलती है।
मूली, त्रिफला, मदार, बांस, वरुण, अरणी, सहिजन और अश्मतंक के पाटों का काढ़ा बना लें. इस काढ़े को एक टब में डालें और उस टब में कुछ देर तक बैठें. ऐसा करने से बवासीर के दर्द से तुरंत आराम मिलता है.
गठिया के दर्द को कम करती है बड़ी अरणी (Benefits of Badi Arani for Gouts in Hindi)
अरणी के पंचांग का काढ़ा बनाकर सुबह शाम 20-30 मिली मात्रा में पीने से गठिये के दर्द से आराम मिलता है. इसके अलावा पंचांग को पीसकर गुनगुना करके जोड़ों पर लगाने से आर्थराइटिस, गठिया आदि में होने वाले दर्द से आराम मिलता है।
ह्रदय की कमजोरी दूर करती है बड़ी अरनी (Benefits of Headache Tree to Strengthen Heart in Hindi)
शरीर को निरोग रखने के लिए ह्रदय का स्वस्थ रहना बहुत ज़रूरी है. अरणी के पत्ते और धनिया दोनों को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाएं। 10-30 मिली मात्रा में इस काढ़ा को पीने से हृदय की कमजोरी मिटती है।
पेट फूलने की समस्या ठीक करती है बड़ी अरणी (Benefits of Badi Arani in Treatment of Bloating in Hindi)
पेट फूलने की समस्या होने पर अरनी के उपयोग करना लाभदायक है. इसके लिए बड़ी या छोटी अरणी की जड़ों को 10-15 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बनाएं. 40 मिली गुनगुने काढ़े में 30 ग्राम गुड़ मिला कर पिलाने से तीनों दोषों के कारण होने वाली पेट फूलने की समस्या से आराम मिलता है।
इसके अलावा उबाल कर और ठंडा किए हुए पानी में अरणीक्षीर घोलकर पीने से और उसी पानी से मालिश करने से पेट की सूजन की समस्या ठीक होती है। 20 ग्राम अरणी के पत्तों को 400 मिली पानी में पकाकर काढ़ा बनायें। इस काढ़े को 20-40 मिली की मात्रा में सुबह शाम पीने से पेट फूलना, पेट में दर्द, मंद जठराग्नि आदि पेट से जुड़ी समस्याओं में लाभ मिलता है।
इसके अलावा अरणी की पत्तियों की सब्जी बनाकर खाने से पेट दर्द और अपच की समस्या दूर होती है.
दस्त रोकने में फायदेमंद बड़ी अरनी (Badi Arani helps to Stop Loose Motions in Hindi)
अरणी के पंचांग का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम 20-30 मिली मात्रा में पीने से दस्त से राहत मिलता है, साथ ही साथ इसके सेवन से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं।
सिफलिस के इलाज में उपयोगी है बड़ी अरनी (Uses of headache Tree in Treatment of Syphilis in Hindi)
10-12 मिली अरणी के पत्तों के रस को कुछ दिनों तक सुबह शाम पीने से सिफलिस में लाभ मिलता है। इसके पत्तों को उबालकर सिकाई करने से या पत्तियों को लिंग पर बांधने से भी सिफलिस के कारण लिंग में होने वाली सूजन में कमी आती है।
ठंड लगकर बुखार आने की समस्या में लाभदायक है बड़ी अरणी ( benefits of Headache Tree in Treatment of Fever in Hindi)
बड़ी अरणी की जड़ या तने की छाल को पीसकर थोड़ा सा कपूर मिलाकर माथे पर लेप करने से ठंड लगकर आने वाले बुखार में लाभ होता है। अरणी के 10-15 पत्तों और 10 काली मिर्च को पीसकर सुबह-शाम सेवन करने से ठंड लगकर आने वाले बुखार में में लाभ होता है। बच्चों के लिए इसे कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए और चिकित्सक के सलाह के अनुसार ही उपयोग करें।
अर्टिकरिया की समस्या दूर करती है बड़ी अरणी (Uses of Headache Tree in Treatment of Urtikaria in Hindi)
2 ग्राम अरणी की जड़ के चूर्ण को, घी के साथ मिलाकर 6 दिन तक सुबह शाम खाने से अर्टिकरिया की समस्या में लाभ मिलता है।
मोच की सूजन कम करती है बड़ी अरणी (Badi Arani Reduces Swelling of Sprain in Hindi)
अरणी की जड़ और पुनर्नवा की जड़ दोनों को समान मात्रा में लेकर पीस लें. इसे गर्म करके मोच वाली जगह पर लेप करें. इससे मोच में होने वाली सूजन कम होती है.
खून को साफ करती है बड़ी अरणी (Badi Arani helps in Purification of Blood in Hindi)
5 ग्राम अरणी की जड़ की छाल में 3 ग्राम नीम की छाल मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को 20-30 मिली की मात्रा में सुबह शाम पीने से रक्त साफ होता है। इसके अतिरिक्त 5 मिली अरणी के रस में शहद मिलाकर प्रतिदिन पिलाने से भी रक्त की शुद्धि होती है।
बड़ी अरणी के उपयोगी भाग (Useful Parts of Headache Tree in Hindi)
आयुर्वेद में बड़ी अरणी के निम्न भागों को सेहत के लिए उपयोगी बताया गया है.
- तना
- पत्तियां
- जड़
- फल
बड़ी अरणी का इस्तेमाल कैसे करें? (How to use Headache tree in Hindi?)
बड़ी अरणी के जड़ के चूर्ण को 2 से 4 ग्राम की मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए. इसी तरह इससे तैयार काढ़े को 20-40 मिली मात्रा में और पत्तियों के रस को 5-10 एमएल मात्रा में लेना चाहिए. यदि आप किसी विशेष बीमारी के घरेलू इलाज के रूप में बड़ी अरणी का सेवन करना चाहते हैं तो चिकित्सक की सलाह लें.
विशेष : दोनों अरणी के बहुत से गुण एवं उनके प्रयोग काफी समान हैं, बड़ी अरणी में छोटी अरणी की तुलना में गन्ध व तीक्ष्णता ज्यादा होती है।
बड़ी अरणी कहां पायी या उगाई जाती है? (Where is Headache Tree Found or Grown in Hindi)
यह पौधा उत्तर भारत में विशेषत गंगा के मैदानों, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा उत्तराखण्ड से भूटान तक की पहाड़ियों में 2,000 मी की ऊंचाई तक पाया जाता है।
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