अमलतास पौधा फबासिए (Fabaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। इसका वानस्पातिक नाम कैसिया फिसट्युला (Cassia fistula) है। इसका इस्तेमाल यूनानी चिकित्सा में कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। आपने अमलतास के पेड़ को अनेक स्थानों पर देखा होगा। यह पेड़ प्रायः सड़कों के किनारे या बाग-बगीचे में दिखाई देते हैं। इसमें पीले-पीले फूल होते है। ये फूल देखने में बहुत ही मनमोहक होते हैं। इन फूलों को घरों में सजावट के लिए प्रयोग किया जाता है।
अगर आप अमलतास पेड़ को पहचानते होंगे तो शायद इतनी ही जानकारी रखते होंगे। सच यह है कि अमलतास का पेड़ (amaltas ka ped) एक औषधी भी है और अमलतास के पेड़ से फायदे (Amaltas ke fayde) होते हैं। क्या आपको पता है कि रोगों के उपचार में भी अमलतास से लाभ मिलता है।
अमलतास के फायदे शरीर को फिट रखने के साथ ही लोग डेकोरेशन के तौर पर भी इस पौधे को लगाते हैं। इस पौधे पर चमकीले पीले रंग के फूल होते हैं। पूरे भारत में इसकी खेती होती है। अमलतास पौधा को इंडियन लैबरनम (Indian Laburnum), परजिंग फिसट्युला (Purging Fistula), कैसिआ (Cassia), गोल्डन शॉवर (Golden Shower), चमकानी (Chamkani) के नाम से भी जाना जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें इस पेड़ की पत्तियां त्वचा की जलन, सूजन और दर्द का इलाज करने के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। आप दाद और सूजन जैसी समस्याओं का इलाज करने के लिए अमलतास के पत्तों का रस और पेस्ट इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रभावित क्षेत्रों पर अमलतास की पत्तियों को रगड़ने से भी काफी आराम मिलता है। आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह
अनेक भाषाओं में अमलतास के नाम (Name of Amaltas in Different Languages)
भारत में अमलतास (amaltas) को अमलतास के नाम से ही जानते हैं, लेकिन देश-विदेश में अमलतास को और भी नामों से जाना जाता है। अमलतास का वानस्पतिक नाम कैसिया फिस्टुला (Cassia fistula L., Syn-Cassia rhombifolia Roxb., Cassia excelsa Kunth.) है। यह सेजैलपिनिएसी (Caesalpiniaceae) कल का है। इसके अन्य नाम ये हैंः-
Amaltas in-
- Hindi – अमलतास, सोनहाली, सियरलाठी
- English – कैसिया (Cassia), गोल्डन शॉवर (Golden shower), इण्डियन लेबरनम (Indian laburnum), परजिंग स्टिक (Purging stick), पॅरजिंग कैसिया (Purging cassia)
- Sanskrit – आरग्वध, राजवृक्ष, शम्पाक, चतुरङ्गुल, आरेवत, व्याधिघात, कृतमाल, सुवर्णक, कर्णिकार, परिव्याध, द्रुमोत्पल, दीर्घफल, स्वर्णाङ्ग, स्वर्णफल
- Urdu – अमलतास (Amaltas)
- Oriya – सुनारी (Sunari)
- Assamese – सोनारू (Sonaru)
- Kannada – कक्केमरा (Kakkemara)
- Gujarati – गर्मालो (Garmalo)
- Tamil – कोन्डरो (Kondro), कावानी (Kavani), सरकोन्नै (Sarakonnai), कोरैकाय (Karaikaya)
- Telugu – आरग्वधामु (Aragvadhamu), सम्पकमु (Sampakamu);
- Bengali – सोनाली (Sonali), सोनूलु (Sonulu), बन्दरलाठी (Bandarlati), अमुलतास (Amultas)
- Nepali – अमलतास (Amaltas);
- Punjabi – अमलतास (Amaltas), करङ्गल (Karangal), कनियार (Kaniar)
- Marathi – बाहवा (Bahawa)
- Malayalam – कणिकोन्ना (Kanikkonna)
- Arabic – खियार-शन्बर (Khiyar-shanbar)
- Persian – ख्यार-शन्बर (Khyar-shanbar)
अमलतास की पत्तियां : इसकी पत्तियां चिकनी और अंडाकार होती हैं। ये पत्तियां वैकल्पिक रूप से एक के बाद के क्रम से होती हैं जो कि 3-8 के जोड़े में होती हैं। इनके पत्तों का समूह 15 से 60 सेमी लंबा और 7 से 15 सेमी चौड़ा हो सकता है। इसकी पत्तियां 7-15 सेमी लंबी और 2-7 सेमी चौड़ी हो सकती हैं।
फूल : अमलतास के फूल मुख्य रूप से मार्च से जुलाई तक दिखाई देते हैं। फूलों का रंग पीला और चमकदार होता है। इन फूलों की लंबाई लगभग 20-40 सेमी हो सकती हैं। इन फूलों का व्यास 4-7 सेमी का होता है जिनमें पांच पंखुड़ियां (petals) होती हैं।
अमलतास के फल : इसके फल लंबे और बेलनाकार (Long and cylindrical) होते हैं जो कि पकने के पहले हरे रंग के होते हैं। पकने के बाद इनका रंग भूरा हो जाता है। इनकी लंबाई 20-60 सेमी और चौड़ाई लगभग 1-2.5 सेमी होती है। इस फल से तेज गंध आती है और इनके अंदर बहुत सारे चमकदार और हल्के भूरे रंग के बीज होते है।
अमलतास (Golden Shower Tree) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
अमलतास पौधे की पत्तियों से लेकर फल और छाल में औषधीय गुण होते हैं। इसमें एस्ट्रिंजेंट, कूलिंग, टॉनिक, लैक्सेटिव, ड्युरेटिक, कार्मिनिटिव, एंटी-इंफ्लामेटरी, पर्जेटिव और एंटी एमिटिक प्रॉपर्टिज होती हैं। इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसलिए अमलतास के फायदे भी होते हैं:
अमलतास के उपयोगी भाग (Useful Parts of Amaltas Tree)
अमलतास के पेड़ के अनगिनत फायदे (amaltas tree benefits) हैं। इस पेड़ के निम्न हिस्सों को उपयोग में लाया जा सकता हैः-
- पत्ते
- फूल
- बीज
- जड़
- तने की छाल
- फल का गूदा
अमलतास का इस्तेमाल कैसे करें ? (How to Use Amaltas Tree?)
अमलतास का प्रयोग इतनी मात्रा में करना चाहिएः-
- काढ़ा- 20-40 मिली
- फलमज्जा (विरेचनार्थ)- 15-20 ग्राम
अमलतास (Golden Shower Tree) को लेने की सही खुराक क्या है?
- फ्रूट पल्प (Fruit Pulp): 5 से 10 ग्राम
- विरेचन(For Purgation): 10 से 20 ग्राम
- जड़, छाल का काढ़ा (Root bark decoction):50 से 100 मिलीलीटर
- फूल (Flower): 5 से 10 ग्राम
- पेस्ट (paste): 1 से 2 टेबल स्पून दिन में एक बार
- कैप्सूल (capsule): 1 से 2 कैप्सूल
- पाउडर (powder): 1/4-1/2 टीस्पून, दिन में दो बार
अमलतास (Golden Shower Tree) किन रूपों में उपलब्ध है?
अमलतास निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
- फ्रूट पल्प (Fruit Pulp)
- विरेचन(For Purgation)
- जड़, छाल का काढ़ा (Root bark decoction)
- फूल (Flower)
- पेस्ट (paste)
- कैप्सूल (capsule)
- पाउडर (powder)
अमलतास के फायदे और लाभ – Amaltas Ke Fayde Aur Labh in Hindi
कैसिया फिस्टुला को हर्बल दवा के रूप में पेट साफ करने वाली दवा (laxative), इम्यूनो मॉड्यूलेटर (immuno modulator), घाव उपचार आदि के लिए किया जाता है। इसका उपयोग मुंहासों, त्वचा की जलन (Skin irritation) आदि के इलाज में भी किया जाता है। आधे कप पानी में 5 ग्राम कैसिया लुगदी और ½ ग्राम अजवाइन पाउडर को मिला कर दिन में एक बार खाने से भूख की कमी को दूर किया जा सकता है। आइए विस्तार से जाने अमलतास के फायदे क्या हैं।
बुखार में अमलतास के फायदे (Amaltas Tree Benefits in Fighting with Fever in Hindi)
- अमलतास फल मज्जा (amaltas ki phali), पिप्पली की जड़, हरीतकी, कुटकी एवं मोथा के साथ बराबर-बराबर मात्रा में लें। इसका काढ़ा बनाकर पिएं। इससे बुखार उतर जाता है।
- अमलतास की पत्तियां बुखार के इलाज के लिए भी उपयोगी हैं। बुखार को कम करने के लिए इसका टॉनिक दिया जाता है। इसकी पत्तियों को उबालकर काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
फुंसी और छाले की परेशानी में अमलतास के फायदे (Amaltas Tree Uses for Pimple in Hindi)
अमलतास के पेड़ (amaltas ka ped) से पत्ते लें। इसे गाय के दूध के साथ पीस लें। इसका लेप करने से नवजात शिशु के शरीर पर होने वाली फुंसी या छाले दूर हो जाते हैं।
घाव को सुखाने में अमलतास के औषधीय गुण से फायदा (Uses of Amaltas Tree in Healing of Chronic Wounds in Hindi)
- अमलतास ट्री, चमेली तथा करंज के पत्तों को गाय के मूत्र से पीस लें। इसे घाव पर लेप के रूप में लगाएं। इससे पुराना से पुराना घाव भी ठीक हो जाता है।
- अमलतास के पत्तों को दूध में पीस लें। इसे घाव पर लगाएं। इससे तुरंत फायदा होता है।
- घाव को भरने के लिए अमलतास का इस्तेमाल किया जाता है। ये हर्ब ऊतक का पुनर्जनन में अहम भूमिका निभाती है। घाव की ड्रेसिंग के लिए इसकी पत्तियों से रस निकालकर इस्तेमाल किया जाता है।
नाक की फुंसी में अमलतास के फायदे (Amaltas Tree Benefits for Pustule Treatment in Hindi)
अमलतास ट्री के पत्तों और छाल को पीस लें। इसे नाक की छोटी-छोटी फुन्सियों पर लगाएं। इससे फुन्सियां ठीक हो जाती हैं। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
बिवाई (एड़िया फटना) रोग में अमलतास के इस्तेमाल से लाभ (Amaltas Tree Uses to Treat Cracked Heels in Hindi)
कई लोगों या अनेक महिलाओं को पैर के एड़ियों के फटने की शिकायत रहती है। ऐसे में अमलतास के पत्ते का पेस्ट बनाकर एड़ियों पर लगाएं। इससे एड़ी के फटने (बिवाई रोग) में लाभ होता है।
अमलतास के औषधीय गुण से कब्ज का इलाज (Amaltas Tree Uses for Constipation in Hindi)
- अमलतास के फूलों का गुलकंद बनाकर सेवन कराने से कब्ज में लाभ होता है।
- इसी तरह 15-20 ग्राम अमलतास फल का गूदा लें। इसे मुनक्का के रस के साथ सेवन करने से कब्ज ठीक (Amaltas ke fayde) हो जाता है।
- आरग्वध (अमलतास) के कच्चे फलों के चूर्ण लें। इसके चौथाई भाग सेंधा नमक मिला लें। इसमें नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से कब्ज में फायदा होता है।
- इस पेड़ से निकाले गए पल्प में लैक्सेटिव प्रॉपर्टीज होती हैं। इसका इस्तेमाल कब्ज के इलाज के लिए किया जाता है।
अमलतास इम्यूनिटी को बढ़ने के लिए (Amaltas to increase immunity in Hindi)
गोल्डन शॉवर ट्री के तने और फल में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करते हैं। नियमित रूप से इसके फल और छाल से अर्क को लेने से इम्यून सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पाचनतंत्र विकारों में अमलतास का औषधीय गुण लाभदायक (Amaltas Tree Uses for Indigestion in Hindi)
अमलतास फल मज्जा, पिप्पली की जड़, हरीतकी, कुटकी एवं मोथा को बराबर मात्रा में लें। इसका काढ़ा बनाकर पिएं। इससे पाचनतंत्र संबंधी विकार ठीक होते हैं, भूख बढ़ती है।
मुंह के छाले में अमलतास के उपयोग से लाभ (Amaltas Tree Benefits for Mouth Ulcer Treatment in Hindi)
- अमलतास ट्री के फल (amaltas ki phali) मज्जा को धनिया के साथ पीस लें। इसमें थोड़ा कत्था मिलाकर चूसें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
- केवल अमलतास के गूदे को मुंह में रखकर चूसने से भी मुंह के छाले ठीक होते हैं।
खांसी के इलाज के लिए अमलतास का सेवन (Uses of Amaltas Tree in Fighting with Cough in Hindi)
- अमलतास ट्री की 5-10 ग्राम गिरी को पानी में घोटें। उसमें तीन गुना चीनी का बूरा डाल लें। इसे गाढ़ी चाशनी बनाकर चटाने से सूखी खांसी ठीक होती है।
- अमलतास फल मज्जा को पिप्पली की जड़, हरीतकी, कुटकी एवं मोथा के साथ बराबर भाग में मिलाएं। इसका काढ़ा बनाकर पिएं। इससे कफ में लाभ (Amaltas ke fayde) होता है।
- अमलतास के फल के गूदा का काढ़ा बना लें। इसमें 5-10 ग्राम इमली का गूदा मिलाकर सुबह और शाम पिएं। यदि रोगी में कफ की अधिकता हो तो इसमें थोड़ा निशोथ का चूर्ण मिलाकर पिलाने से विशेष लाभ होता है।
- कोल्ड और कफ के लिए गोल्डन शॉवर ट्री को बहुत लाभदायक माना जाता है। इसके लिए इस पौधे की जड़ के धुएं को इनहेल किया जाता है। इससे तुरंत राहत मिलती है। इसके फल का उपयोग खांसी के लिए किया जाता है। इसके फल के बीज को भी खांसी के लिए अच्छा माना जाता है। इसका बीज स्वाद में हल्का मीठा होता है। पुरानी खांसी में भी इसे दवा के तौर पर लेने की सलाह दी जाती है।
वात विकार में अमलतास से गुण से फायदा (Amaltas Tree Benefits in Vata Disorder in Hindi)
अमलतास फल के गूदा को पिप्पली की जड़, हरीतकी, कुटकी एवं मोथा के साथ बराबर मात्रा में मिलाएं। इसका काढ़ा बनाकर पिएं। इससे वात संबंधित विकार में लाभ होता है।
कंठ के रोग में अमलतास के औषधीय गुण से फायदा (Benefits of Amaltas Tree for Throat Disorder in Hindi)
अमलतास के पेड़ (amaltas ka ped) की जड़ लें। इसे चावल के पानी के साथ पीस लें। इसे सुंघाने और लेप करने से कंठ के रोगों में लाभ होता है।
दमा (श्वसनतंत्र विकार) में अमलतास के सेवन से लाभ (Benefits of Amaltas Tree in Fighting with Asthma (Respiratory Disease) in Hindi)
अमलतास के पड़े (amaltas ka ped) से गूदे को निकाल लें। दमा या श्वसनतंत्र विकार को ठीक करने के लिए गूदे का काढ़ा बना लें। इसे पिलाने से सांसों की बीमारी में लाभ होता है।
शरीर की जलन में अमलतास के उपयोग से लाभ (Amaltas Tree Uses for Body Irritation in Hindi)
अमलतास के पेड़ (amaltas ka ped) की 10-15 ग्राम जड़ लें। आप जड़ की जगह छाल भी ले सकते हैं। इसे दूध में उबालें। इसे पीसकर लेप करने से शरीर की जलन ठीक हो जाती है।
अमलतास के फायदे : डायजेस्टिव और इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (Digestive and intestinal disorders in Hindi)
डायजेशन संबंधित परेशानियां जैसे गैस और खाना न पचने की समस्या के लिए इस पौधे के फल का पल्प उपयोगी माना जाता है। इसके पल्प में बादाम या अलसी के तेल को मिलाकर आंत्र संबंधित परेशानियों के लिए प्रयोग किया जाता है। पेट फूलने की परेशानी में बच्चों की नाभि के चारों ओर इसके पल्प को लगाकर राहत मिलती है।
कुष्ठ रोग में अमलतास के गुण से लाभ (Uses of Amaltas Tree in Leprosy Treatment in Hindi)
- अमलतास के पत्ते अथवा जड़ को पीसकर लेप करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है। इससे दाद या खुजली जैसे चर्म रोगों में भी लाभ होता है।
- अमलतास की पत्तियों तथा कुटज की छाल का काढ़ा बना लें। इसे स्नान, सेवन, लेप आदि करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
डायबिटीज में अमलतास के सेवन से लाभ (Uses of Amaltas Tree for Controlling Diabetes in Hindi)
- 10 ग्राम अमलतास के पत्तों को 400 मिली पानी में पकाएं। जब काढ़ा एक चौथाई रह जाए तो इसका सेवन करें। इससे मधुमेह या डायबिटीज में लाभ होता है।
- अमलतास का इस्तेमाल शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल कर इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होती है जिससे शरीर में शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
गठिया रोग (जोड़ों के दर्द) में अमलतास का औषधीय गुण फायदेमंद (Benefits of Amaltas Tree for Arthritis in Hindi)
- गठिया की बीमारी के लिए 5-10 ग्राम अमलतास की जड़ को 250 मिली दूध में उबालें। इसे देने से गठिया में लाभ होता है।
अमलतास के 10-15 पत्तों को गर्म करके उनकी पट्टी बांधने से गठिया में फायदा होता है। - सरसों के तेल में पकाए हुए अमलतास के पत्तों को शाम के भोजन में सेवन करें। इससे आम का पाचन होता है और आमवात में लाभ होता है।
- जोड़ों के दर्द में अमलतास फल के गूदा और पत्तों का लेप करें। इससे आराम मिलता है।
पीलिया में अमलतास के फायदे (Uses of Amaltas Tree in Fighting Jaundice in Hindi)
अमलतास के फल का गूदा लें। इतना ही गन्ना या भूमि कूष्मांड या आंवले का रस लें। इसे दिन में दो बार देने से पीलिया रोग में लाभ हेता है।
अमलतास के औषधीय गुण से बवासीर का इलाज (Amaltas Tree Benefits for Piles Treatment in Hindi)
अमलतास, चमेली तथा करंज के पत्तों को गाय के मूत्र के साथ पीस लें। इसे बवासीर के मस्से पर लेप के रूप में लगाएं। इससे बवासीर में लाभ होता है।
चेहरे के लकवा में अमलतास से लाभ (Amaltas Tree Uses to Treat Paralysis Treatment in Hindi)
- अमलतास के 10-15 पत्तों को गर्म करके उनकी पट्टी बांधने से चेहरे के लकवा रोग में लाभ होता है।
- इसके अलावा अमलतास के पत्ते के रस को पिलाने से भी चेहरे के लकवे की बीमारी ठीक हो जाती है।
अमलतास के औषधीय गुण से त्वचा रोग का इलाज (Uses of Amaltas Tree for Skin Problems in Hindi)
- अमलतास, मकोय तथा कनेर के पत्तों को छाछ से पीस लें। इसके बाद शरीर पर सरसों के तेल से मालिश करें, फिर लेप को प्रभावित अंगों पर लेप करें। इससे त्वचा रोग में फायदा होता है।
- कांजी से पत्तों को पीसकर लेप करने से त्वचा रोग जैसे कुष्ठ रोग, दाद, खुजली आदि में लाभ होता है।
हाइड्रोसील (अण्डकोष वृद्धि) विकार में अमलतास के सेवन से लाभ (Amaltas Tree Uses in Hydrocele Problem in Hindi)
अमलतास के पेड़ के कई फायदे (amaltas tree benefits) हैं। 15 ग्राम अमलतास फल के गूदा को 100 मिली पानी में उबालें। जब पानी 25 मिली शेष रह जाए तो उसमें गाय का घी मिलाकर पिएं। इससे अण्डकोष (हाइड्रोसील) के बढ़ने की परेशानी में लाभ होता है।
गर्भवती स्त्रियां शरीर के स्ट्रेच मार्क्स को अमलतास से हटाएं (Amaltas Tree Benefits in Removing Pregnancy Stretch Marks in Hindi)
अमलतास के पत्तों को दूध में पीस लें। इसे गर्भवती स्त्रियों के शरीर पर होने वाली धारियों पर लगाएं। इससे तुरंत फायदा होता है।
पित्तज विकार अमलतास के गुण से लाभ (Benefits of Amaltas Tree in Pittaj Disorder in Hindi)
- अमलतास के फल के गूदा का काढ़ा बना लें। इसमें 5-10 ग्राम इमली का गूदा मिलाकर सुबह और शाम पिएं। इससे पित्त विकार ठीक होता है। यदि रोगी में कफ की अधिकता हो तो इसमें थोड़ा निशोथ का चूर्ण मिलाकर पिलाने से विशेष लाभ होता है।
- अमलतास फल के गूदा का काढ़ा बनाकर पिलाएं, या अमलतास फल के गूदा से पेस्ट बना लें। इसे दूध में पकाएं और पिएं। इससे पित्त विकारों में लाभ होता है।
- अमलतास फल के गूदा और एलोवेरा के गूदे को जल के साथ घोट लें। इसका मोदक बना लें। इसे रात में सेवन करें। इससे पित्त के विकारों में फायदा होता है। इसके लिए जल के स्थान पर गुलाबजल का प्रयोग भी किया जा सकता है।
- लाल निशोथ के काढ़ा के साथ अमलतास के फल का गूदा का पेस्ट मिला लें। इसके अलावा बेल के काढ़ा के साथ अमलतास के गूदा का पेस्ट, नमक एवं मधु मिला सकते हैं। इसे 10-20 मिली मात्रा में पीने से पित्तज विकार ठीक होता है।
अमलतास से विसर्प रोग का उपचार (Amaltas Tree Uses to Treat Herpes in Hindi)
- अमलतास के पत्तों तथा श्लेष्मातक की छाल का लेप बना लें। इसे लगाने से विसर्प रोग ठीक हो जाते हैं।
- अमलतास के 8-10 पत्तों को पीसकर घी में मिला लें। इसका लेप करने से भी विसर्प रोग में लाभ होता है।
अमलतास के फायदे यूरिन संबंधित परेशानियों को करे दूर करने के लिए (Benefits of Amaltas to remove urine related problems in Hindi)
यदि आपको यूरिन पास करते समय दिक्कत हो रही है या दर्द का सामना करना पड़ रहा है तो अमलतास आपको राहत दिला सकता है। यह यूरिन को आसानी से पास होने में मदद करता है। इसकी रूट को रात भर भिगोकर रखें और इसका पेस्ट बनाएं। इसमें घी मिलाकर रोजाना सुबह लें।
पेट के रोग में फायदेमंद अमलतास का सेवन (Benefits of Amaltas Tree for Stomach Related Problem in Hindi)
- पेट के रोगों का इलाज करने के लिए अमलतास के 2-3 पत्तों में नमक और मिर्च मिला लें। इसे खाने से पेट साफ होता है।
- आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह द्वारा प्रयोग में लाया गया उपायः- अमलतास फल के 10 से 20 ग्राम गूदे को रात में 500 मिली पानी में भिगो दें। इसे सुबह मसलकर छानकर पीने से पेट साफ हो जाता है, और पेट की गंदगी बाहर निकल (Amaltas ke fayde) जाती है।
- अमलतास फल की मज्जा को पीसकर बच्चों की नाभि के चारों ओर लेप करें। इससे पेट के दर्द से आराम मिलता है।
टॉन्सिल में अमलतास के उपयोग से लाभ (Benefits of Amaltas Tree to Treat Tonsil in Hindi)
कफ के कारण टान्सिल बढ़ने पर अमलतास का पानी पीने में आराम मिलता है। टान्सिल में जब दर्द हो रहा हो तब 10 ग्राम अमलतास ट्री की जड़ की छाल लें। इसे थोड़े जल में पकाएं। इसे बूंद-बूंद कर मुंह में डालते रहने से आराम (Amaltas ke fayde) होता है।
सावधानियां और चेतावनी, अमलतास (Golden Shower Tree) का उपयोग करना कितना सुरक्षित है?
अमलतास के फायदे के साथ ही निम्नलिखित परिस्थितियों में अमतलास का सेवन करने से परहेज करना चाहिए:
- यदि आपको डायरिया है तो अमलतास का सेवन एवॉइड करें। इसमें लैक्सिटेव गुण होते हैं। जिससे आपकी स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो सकती है।
- छोटे बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन की मनाही होती है। इन दोनों ही स्थितियों में कोई भी हर्ब या दवा का सेवन चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श लेने के बाद ही करना चाहिए।
- यदि आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो भी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें क्योंकि हो सकता है दवा के साथ यह हर्ब इंटरैक्ट करें। इससे आपको फायदे की जगह नुकसान पहुंच सकता है।
- यदि आपको कोई मेडिकल कंडिशन है तो गोल्डन शॉवर हर्ब का सेवन करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह लें।
- आपको किसी जड़ी बूटी या खाद्य पदार्थ से एलर्जी है तो भी इसे लेकर पहले चिकित्सक से चर्चा करें।
साइड इफेक्ट्स, अमलतास (Golden Shower Tree) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
प्यूरिफिकेशन प्रोसेस के बिना अमलतास का सेवन करना जहरीला हो सकता है। इसका सेवन आमतौर सभी लोगों के लिए सुरशक्षित है। लेकिन कुछ लोगों में अमलतास के फायदे होने के साथ ही नीचे बताए साइड इफेक्ट्स भी नजर आ सकते हैं:
- मतली (nausea)
- चक्कर आना (dizziness)
- दस्त (diarrhea)
- डिसेंटरी (dysentery)
नोट: यहां अमलतास के फायदे से जुड़ी सभी जानकारियां बहुत ही आसान शब्दों में (amaltas benefits in hindi) लिखी गई है ताकि आप अमलतास से पूरा-पूरा लाभ ले सकें, लेकिन एक औषधि के रूप में अधिक लाभ लेने के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार प्रयोग करें।
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