हेल्दी स्नैकिंंग हो या वेट लॉस, बादाम खाना हर मौसम में लाभकारी माना जाता है बस मौसम के हिसाब से बादाम खाने का सही तरीका पता होना चाहिए। क्योंकि,बादाम की कुछ गिरियों में ही जरूरतभर का पोषण प्राप्त हो सकता है। बादाम डाइटरी फाइबर के अलावा विटामिन ई का अच्छा स्रोत माना जाता है। इस लेख में आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह द्वारा बादाम खाने के फायदे और नुकसान को लेकर पूरी विस्तृत जानकारी दी जाएगी जो आपके लिए बहुत ही लाभकारी होगी क्यूंकि बहुत से लोगों को बादाम को लेकर पूर्ण जानकारी नहीं होती है सिर्फ खाने से मतलब है
बादाम में प्रोटीन और फाइबर काफी बड़ी मात्रा में होता है, जो पेट को देर तक भरा रखता है और आपके शरीर को अस्वस्थ चीजें खाने की आशंका को कम कर देता है। इसके अलावा बादाम जैसे नट्स खाने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और शरीर तेजी से फैट बर्न करता है। बादाम में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में होता है। जो कि आपकी दिमागी क्षमता बहुत तेजी से बढ़ाता है।
आपको पता है कि बादाम खाने से पेट जल्दी भर जाता है और क्रेविंग कम होती है। जैसा कि ड्राई फ्रूट्स का सेवन हेल्थ के लिए सबसे अच्छी डाइटरी हैबिट (Healthy eating habits) में से एक मानी जाती है। क्योंकि, ड्राई फ्रूट्स या सूखे मेवे ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और विटामिन ई (Vitamin E) जैसे हेल्दी फैट्स से भरपूर होते हैं। इसके अलावा ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने से शरीर को जिंक, पोटैशियम, डाइटरी फाइबर और विटामिन बी (Vitamin B) जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
आपके लिए बादाम गर्मियों, सर्दियों और बरसात के मौसम में हेल्दी स्नैकिंग का सबसे अच्छा श्रोत हैं। ड्राई फ्रूूट्स के सेवन से जहां पेट भरता है और क्रेविंग्स कम हो जाती हैं। इस तरह ड्राई फ्रूट्स का सेवन वेट लॉस में भी मदद करता है।जबकि हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल (High cholesterols in hindi) और हाई ब्लड शुगर लेवल्स जैसी स्थितियों को नियंत्रित करने में भी ड्राई फ्रूट्स का सेवन लाभकारी होता है।
बादाम में होते हैं ये पोषक तत्व (Almond Nutrition & Benefits)
बादाम में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। बादाम खाने से शरीर को फाइबर, मोनोअनसैचुरेटेड फैट, प्लांट बेस्ड प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन ई, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, नियासिन, पोटैशियम से भरपूर होता है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। इसीलिए बादाम का सेवन ना केवल मधुमेह बल्कि, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल्स के लक्षणों (High Cholestrol Levels in hindi) से भी आराम दिलाता है।
प्राचीन समय से ही बादाम को ड्राईफ्रूट का राजा कहा जाता है और इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू के कारण इसका सेवन अधिक किया जाता है। इसके न्यूट्रिशन के कारण ही इसका हर कोई सेवन करता है। बच्चे, एडल्ट और बुजुर्ग भी अपनी क्षमता और कैपेसिटी के मुताबिक बादाम का सेवन करते हैं। लोगों को नहीं पता कि बादाम नुट्रिशन किस मात्रा में होता है तो आइए अब बादाम की न्यूट्रिशनल वैल्यू के बारे में भी जान लेते हैं।
- 28 gm बादाम : 150 Cal. (Calories)
- फाइबर (Fiber): 3.5 gm
- प्रोटीन (Protein): 6 gm
- फैट (Fat): 14 gm (जिसमें 9 मोनोअनसैचुरेटेड (Monounsaturated)है।)
- विटामिन ई (Vitamin E): RDI का 37%
- मैंगनीज (Manganese): RDI का 32%
- मैग्नीशियम (Magnesium): RDI का 20%
बादाम खाने के फायदे- Badam Khane ke fayde in Hindi
मधुमेह का स्तर हो प्रभावित (Almonds affect the level of diabetes)
बता दें कि जिन लोगों को मधुमेह है वे अपनी डाइट में बादाम को जोड़ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बादाम के अंदर फाइबर, लो कार्बोहाइड्रेट और अनसैचुरेटेड फैट्स मौजूद होते हैं जो ना केवल टाइप टू डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकते हैं बल्कि यदि व्यक्ति खाली पेट बादाम का सेवन करें तो इससे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर भी कम हो सकता है।
मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सुधारे (Almonds improve brain function)
बेहतर याददाश्त के लिए और मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने में बादाम का सेवन एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। बता दें कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे व्यक्ति की यादास भी कमजोर होने लगती है। ऐसे में इस समस्या को दूर करने में बादाम बेहद उपयोगी है। बदाम के अंदर पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और पॉलिफिनॉल्स मौजूद होते हैं जो याद्दाश्त को कम करने में उपयोगी हैं। वहीं अगर रात भर भीगे हुए बादामों को खाया जाए तो यादाश्त तेज हो सकती है।
BP कंट्रोल (Almonds Control BP)
बादाम लोग खूब खाना पसंद करते हैं। जो लोग बादाम खाने से (Almond in hindi) परहेज करते हैं या जिन्हें बादाम का स्वाद भाता नहीं है, वो इसे ना खाकर अपनी ही सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह कहा गया है कि बादाम सेहत के लिए कई तरह से लाभदायक (Health Benefits of Almonds) है। अध्ययन में कहा गया है कि दिन भर में यदि आप दो बार बादाम (Badam khane ke fayde) का सेवन करते हैं, तो ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सुधार होने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
त्वचा के लिए उपयोगी (Almonds is useful for skin)
अगर खाली पेट बादाम का सेवन करता है तो इससे त्वचा को भी स्वस्थ बनाया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बदाम में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण मौजूद होते हैं जो न केवल ड्राई स्किन की समस्या को दूर कर सकते हैं बल्कि सोरायसिस, एग्जिमा जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में भी उपयोगी है।
विटामिन-E का है सबसे अच्छा सोर्स (Almond is the Best source of Vitamin-E)
बादाम विटामिन ई के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सोर्स में से हैं, केवल 28 gm बादाम से ही हमारी डेली जरूरत (RDI) का 37% हिस्सा मिल जाता है। इससे कैंसर, अल्जाइमर जैसी कई बीमारियां होने की संभावना काफी कम हो जाती है। बादाम Fat Soluble Antioxidant कैटेगरी में आता है। ये एंटीऑक्सिडेंट बॉडी में कोशिका झिल्ली (Cell Membranes) बनाते हैं, जो आपकी कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज (Oxidative Damage) से बचाते हैं।
पाचन क्रिया को बनाएं तंदुरुस्त (Almonds make digestion healthy)
पाचन क्रिया को तंदुरुस्त बनाने में खाली पेट बादाम का सेवन एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। बता दें कि बदाम की स्किन में प्रोबायोटिक्स और फाइबर दोनों ही मौजूद होते हैं। ऐसे में इसके सेवन से आंतों के बैक्टीरिया की गतिविधि में सुधार लाया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल (Almonds control cholesterol)
इसके अलावा, बादाम के सेवन से कुल कोलेस्ट्रॉल और बैड एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रण समूह की तुलना में काफी कम कर दिया, जबकि ‘गुड’ एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखा गया। मुंबई में सर विठ्ठलदास ठाकरसी कॉलेज ऑफ होम साइंस में प्रोफेसर और प्रिंसिपल जगमीत मदन ने कहा “किशोरावस्था और युवा वयस्कों पर लक्षित बेहतर पोषण और व्यायाम सहित जीवनशैली में बदलाव में प्री-डायबिटीज से टाइप-2 डायबिटीज की प्रगति को रोकने की क्षमता है। इस अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि दो बार बादाम खाने से फर्क पड़ सकता है।
हार्ट को बनाता है हेल्दी (Almonds makes heart healthy)
बादाम हार्ट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि यदि कोई व्यक्ति दिन में 5 बादाम खाता है उसमें हार्ट अटैक का खतरा 50% तक कम होता है।
शरीर में बढ़े ऊर्जा (Almonds increased energy in the body)
बता दें कि बादाम में प्रोबायोटिक्स और फाइबर आदि महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं जो न केवल शरीर में उर्जा बनाए रखने में मददगार है बल्कि यह सुस्ती, थकान आदि को दूर भी रख सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति रात में बादाम को भिगोए और अगले दिन उसका सेवन करें। इससे अलग चार से पांच बादाम बिना भीगे हुए भी व्यक्ति सेवन कर सकता है। ऐसा करने से दिनभर शरीर में उर्जा बनी रह सकती है।
वजन कम करने में भी करता है मदद (Almonds helps in reducing weight)
अक्सर जो लोग वजन कम करने के पीछे परेशान रहते हैं बादाम का सेवन करना उनके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। हाई फैट होने के बाद भी बादाम वजन घटाने के लिए बेस्ट माना जाता है। इसे खाने से मेटाबॉलिज्म भी फास्ट होता है।
बादाम में मौजूद मोनोसेच्युरेटेड फैट आपकी भूख को रोकने और पेट को लंबे समय तक भरे रहने का एहसास दिलाता है। जिससे आपको भूख नहीं लगती और आप कम खाते हैं। बादाम में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो इन कार्ब्स की क्रेविंग (Craving) को कम करने में मदद करते हैं। इससे आपका मन कार्ब्स खाने को नहीं करता और आप अपना वेट कम कम कर पाते हैं।
एक रिसर्च के मुताबिक, लो कैलोरी डाइट (Low-Calorie Diet) के साथ 84 ग्राम बादाम खाने से कॉम्प्लेक्स कार्ब (Complex Carbohydrates) डाइट की अपेक्षा 62% जल्दी वजन कम हुआ। वहीं एक अन्य रिसर्च में 100 ओवरवेट महिलाओं में अखरोट की अपेक्षा बादाम खाने वाली महिलाओं का अधिक वजन कम हुआ था। साथ ही साथ उनकी कमर के साइज (Waist Circumference) के साथ ही पूरी बॉडी में भी काफी अंतर देखा गया था।
खाली पेट बादाम खाने के नुकसान (Almonds Disadvantages of eating almonds on an empty stomach)
- यदि कोई खाली पेट बादाम का सेवन करता है तो इससे उसके शरीर में फूड एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- गर्भवती महिलाएं खाली पेट बादाम का सेवन करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
- जैसा कि हमने पहले भी बताया बादाम के अंदर फाइबर मौजूद होता है। ऐसे में इसके सेवन से पेट में गैस की समस्या हो सकती है।
किस प्रकृति के लोगों को बादाम का सेवन करना चाहिए: वात, पित्त और कफ प्रकृति के अनुसार कौन खाए और कौन बादाम नहीं खाये..?
बादाम को आयुर्वेद में Vataj भी कहा जाता है और इसके बारे में ऐसा कहा गया है बादाम का जो नेचर है, उसे आयुर्वेद में गर्म कहा गया है! इसे आयुर्वेद में उष्ण गर्म कहा गया है। गर्म होने के साथ साथ ushna – snigdha कहा गया है ओर साथ साथ इसका जो रस है, मधुर कहा गया है।
अगर वात, पित्त, कफ में से बात करे, तो ये जो सबसे बेस्ट दवा है वो वात वालो के लिए है। क्यों वात के अच्छा है, अब वात का नेचर क्या है। वात का जो नेचर है, वो रुस्क ओर शीत है । अर्थात जो वायु होती है वो रूखी होती है , ओर ठंडी होती है। ओर वायु के कारण जो भी बीमारिया होगी ,उसके शरीर में इस तरह के गुण बढ़ जाते है। तो वायु का क्या treatment है । तो आयुर्वेद क्या बोलता है, जो भी चीज बड़ी है उसका oposite डाल दो बैलेंस हो जायेगा। जैसे कि ठंडी बहुत लग रही है ,आपने कुछ गर्म पी लिया । बैलेंस हो गया! जलन हो रही थी कुछ ठंडा खा लिया बैलेंस हो गया! तो ऐसे ही आयुर्वेद बैलेंस का science है! तो आयुर्वेद कहता है जो वात की बीमारियां होती है वो रुस्क ओर स्निग्ध के कारण होती है इसलिए ऐसी चीज डालो जो चिकनी हो। रूखापन खत्म करेगी चिकनी चीजें । वात का जो शीत गुण है।
वह शीत को खत्म करने के लिए गर्म चीज डालो! गर्म और चिकनी चीजें वात को खत्म करती है। तो इसका क्या गुण हुआ , Snigdha ushna इसका गुण है! वायु की जितनी भी बीमारी आप जानते हैं, आप बादाम खा सकते हैं। पित्त वाले बादाम खा सकते हैं क्या – नहीं, कफ वाले भी नहीं – उन दो प्रकृति के लिए यह उतना सूटेबल नहीं है। प्रॉब्लम करता है। ये वात वालो के लिए ज्यादा suitable है। ये बादाम जो है ना ये मज्जा धातु ओर शुक्र धातु पर बहुत अच्छा काम करता है। अर्थात ब्रेन को टॉनिक देना है ,मज्जा धातु ब्रेन ओर आखो को narish करने का काम करती है। तो बादाम बहुत अच्छा है । बचपन में हम सुनते होंगे कि 4 या फिर 5 बादाम खाने से दिमाग बढ़ता है। जी हां – ये मज्जा धातु को narish करती है। आपकि मज्जा धातु जितनी अछि होगी उतना आपका दिमाग अच्छा होगा।
तो किस तरह के दिमाग वालो के लिए अच्छा है , ऐसे लोग जो चंचल होते हैं हमेशा कुछ ना कुछ खटपट करते रहते हैं ! शांत नहीं बैठ सकते, जिनके दिमाग में हमेशा कुछ ना कुछ चालू रहता है या हमेशा बड़बड़ करते रहते हैं! कभी अपनी उंगली मोड़ देंगे, कभी हाथ हिलाते रहेंगे, शांत नहीं बैठते, उनको बदाम खिलाओ!
जो हमेशा सोचते रहते हैं मतलब ट्रेन का टाइम है 1:00 बजे का, और इन को सुबह 5:00 बजे से ही चालू हो जाता है ट्रेन आने वाली है ट्रेन आने वाली है देर ना हो जाए! इस तरह करने वाले को आप बादाम दे सकते हैं! जिनको हमेशा टेंशन लेने वाला काम है ठंडी से जिनको बहुत तकलीफ होती है उन सभी के लिए बादाम बहुत अच्छे है।
वात की जितनी बीमारी है याद आती है वात प्रकर्ति वाले आ जाओ आज ये आपके लिए ही बना है मतलब दुनिया में आप कोई फ़ूड ढूंढ रहे हो जो आपको खाने में मजा आये । बादाम – बिंदास खायो । क्यों – वात की जो जो प्रॉब्लम याद आती है , वात वालो का दिमाग बहुत चलता रहता है उनके लिए ठीक है ।
अगर आपको ड्राई हेयर की तकलीफ है , तो बादाम बहुत अच्छा है । ड्राई aye जैसी तकलीफ हो रही है वात के कारण, तो उसके लीय बादाम बहुत अच्छा है । वात प्रकृति के जो पुरुष है शुक्र धातु से जुड़ी हुई कोई समस्या है शुक्र बहुत कम बनता है या फिर शुक्र निकलते समय बहुत ज्यादा pain होता है। बहुत gases होती है। या शुक्र निकल जाने के बाद बहुत कमजोरी महसूस होती है। इस तरह से अगर शुक्र धातु से जुड़ी हुई कोई तकलीफ है तो बादाम बहुत अच्छा है। ऐसी महिलाएं जो वात प्रकर्ति की है , जिनको मासिक धर्म बहुत late से आता है मासिक धर्म आते समय बहुत ज्यादा pain होता है। गर्भ से कमजोर है या फिर एक दम दुबली पतली सी छड़ी काया टाइप की जो स्त्री है जिनका वजन ही नही बढ़ता है। कुछ भी कहा ले वजन नही बढ़ता है जिनकी हड़िया से खट ख़त की आवाजें आती है , उन सभी के लिए आपके शरीर में मतलब वात है तो आपको बादाम जरूर खाना चाहिए।
एक और तकलीफ होती है वात वालों की, की उनका वजन नहीं बढ़ता है वजन बढ़ाना है तो बदाम बहुत अच्छा है!ल।
तो भाई वात से रिलेटेड जो भी बीमारी याद आती है 80 की 80 बीमारियों में बादाम आपको जरूर खाना चाहिए! अगर आपको वात के कारण कहीं शरीर में दर्द हो रहा है या degenrative जो बीमारिया होती है जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस, इसमे आप बादाम खा सकते हो । या फिर masculler degenration हो रहा है इसमे भी आप बादाम खा सकते हो । ऐसे बढ़ने के कारण शरीर कमजोर होता जा रहा है, इसमें बादाम बहुत अच्छा है! उम्र बढ़ने के साथ-साथ दिमाग में चिड़चिड़ापन आता जा रहा है शरीर बहुत सूखता चला जा रहा है, बादाम बहुत अच्छा है।
तो वात से रिलेटेड सभी बीमारियों में आपको बादाम खाना चाहिए! चाहे बात के कारण आपकी शरीर में दर्द हो रहा हो या ठंडी में, AC में, पंखे में, बैठने से शरीर को तकलीफ होती हो सब शरीर को गर्मी देने के लिए, दर्द कम करने के लिए, यह बदाम आपके लिए बहुत उपयोगी है।
वात के कारण आपको सुखी खांसी आने की तकलीफ हो, वाद के कारण आपका heart कमजोर हो गया हो, वाद के कारण आपके मसल्स ठीक से ना बन रहे हो,lungs से रिलेटेड वात के कारण आपके शरीर में कोई बीमारी हो , तभी भी बादाम आपके लिए फायदेमंद है।
अब वात के कारण आपका मल बहुत सुख जाता है खासकर के वात वालो के साथ, या वात की बीमारियों में कैसा होता है । ये जो मल होता है वो एक दम सूखा हुया आता है , एक दम कड़क आता है कही बार तो इतना कड़क आता है की उसको हाथ से निकलना पड़ता है । या फिर उसके कड़क पन के कारण जो उसके अंदर की मसल्स है , उसको वह छीलते हुये आता है । ओर कई बार ब्लीडिंग भी होने लगती है । ऐसे में अगर आप बादाम का तेल 1 या 2 चम्मच पीते है गर्म दूध के साथ। तो फिर इससे आपका पेट आसानी से साफ हो जायेगा तो फिर आप भी बोल सकोगे – पेट सफा तो हर रोग दफा।
वात के कारण ऐसी लोग जिन्हें नींद न आने की तकलीफ है , या जिनको हिस्टीरिया जैसी तकलीफ होती है , जो बहुत ज्यादा जलदी डिप्रेशन में चले जाते है । उन्माद जैसी जो प्रॉब्लम है उन्माद मतलब कहि भी बोलते रहना, कहि भी गाते रहना, अपने आप में ही बड़बड़ाते रहना , आजकल टिकटोक पर भी लोग ऐसे करते है । अगर इस तरह की समस्या है तो आप उन्हें बादाम की सलाह उन्हें जरूर दे । क्यों सलाह देनी है क्योंकि उसके अंदर फास्फोरस और थायमीन बहुत अच्छी मात्रा में होता है! और फास्फोरस और थायमिन है आयुर्वेदिक शब्दों में कहूं कि ईसका तेल मजजा पे काम करता है इसलिए ये ब्रेन के लिए बेस्ट टॉनिक है।
अब इसको किस तरह खा सकते है तो वात वाले तो इसे जैसे चाहे वैसे खा सकते हैं, हा केवल इसका छिलका उतारकर खाइये । क्यों छिलका निकालकर खाइये , क्योंकि बादाम के ऊपर का जो छिलका होता है वह शरीर में जलन पैदा करने का काम करता है । इसके अंदर कुछ ऐसे लवण होते है जोकि शरीर में जलन पैदा करते है । इसलिए इसका आप छिलका निकाल देंगे तो आपके लिए ज्यादा बेटर होगा। तो 5 से 7 बादाम रात को पानी में भिगो दीजिये ओर सुबह इसको आराम से चबा चबा कर खाइये । क्यू भिगोकर कहना है क्योंकि जब भी आप कोई भी चीज भिगोते है तो वह पाचन के लिए अच्छा होता है । क्योंकि जल वहां उसके अंदर आ जाता है तो आप इसको भिगो कर खा सकते है ।
अब जानते हैं वात,पित्त, और कफ की बीमारियों में इसे कैसे कैसे खाना है तो ये सबसे बेस्ट तो वात वालो के लिए है । आप इसे गाजर के हलवे में डालकर खा सकते है , इसका तेल पी सकते हैं , ड्राई स्किन हुई है, होंठ फट गए हैं तो आप उसकी मालिश कर सकते है । दिमाग में बहुत चंचलता है तो बादाम रोगन नाम का तेल मार्केट में मिलता है, उस बादाम के तेल को नाक में डाल सकते हो! बादाम के तेल को आप नाभि पर भी लगा सकते हो! बादाम का तेल आप हर जगह यूज कर सकते हैं
अगर आप वात प्रकृति के हो तो, या वायु से रिलेटेड आपको प्रॉब्लम होती है तो, इसको भिगोकर रात में खाइए या कैसे भी फॉर्म में खाइये।
अगर आप पित्त प्रकृति के हैं अगर आप गर्म है या गर्मी से रिलेटेड प्रॉब्लम है तो बादाम आपके लिए उतना अच्छा नही है । पर क्या करे कि दिल है कि मानता नी , ऐसी वाली बात है तो बादाम को आपको मुनक्के के साथ लेना चाहिए । 10 से 20 काला मुनक्का जो होता है उसके साथ इसको पानी में भिगो दो ओर मुनक्के के साथ खायोगे तो इसकी जो गर्मी है । वो कंट्रोल हो जाएंगी आपको तकलीफ नही करेंगी ।
अगर आप कफ प्रकर्ति के हो तो आप बादाम से दूर ही रहो क्योंकि बादाम आपकि बॉडी के लिए किसी भी काम का नही है । मोटे लोग बादाम खाकर क्या करेंगे , बादाम आप जैसे लोगो के लिए फायदेमंद नही है । फिर भी अगर ऐसा है कि नही भाई , मैं तो खायउँग ही खयूंगा । तो आप इसे शहद के साथ use करे। क्योंकि इसके अंदर का जो कफ बढ़ाने वाला प्रोडक्ट है स्निग्ध गुण है, मधुर गुण है , शहद उसको कंट्रोल में कर देगा ।
तो वात वाले जैसे मन हो वैसे खायो, चलेगा! खाने में जिसमे भी मिलाकर खाना है खायो।
कई लोग कहते है कि इसे खाने के पहले ओर बाद मे नही खाना चाहिए क्योंकि इसमें प्रोटीन होती है, अरे कोई प्रॉब्लम नही होगी । आप खा सकते हो , कोई खास फर्क नही पड़ता ।
तो बादाम, वात वाले जैसे चाहो वैसे खायो , दिन मे 10 से 15 बादाम आप खा सकते हो । पित्त वाले जो तो कम यूज़ करो या फिर मुनक्के के साथ खायो । कफ वाले हो तो एकदम ही कम खायो वो भी शहद के साथ।
बादाम खाने के रिव्यु
आप जब भी बादाम खायो उसका छिलका उतारकर खायो क्योंकि यह शरीर में। जलन का काम करती है । तो ये बादाम गुरु,उष्ण, स्निग्धा, मधुरा है ये वात वालो के लिए परफेक्ट क्वालिटी है ये पचने में भारी होता है तो पाचन कम होता है तो इसे कम मात्रा में ही यूज़ करे।
नोट : ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बादाम के सेवन से सेहत को कई फायदे हो सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति सुबह उठकर खाली पेट बादाम की चार से पांच गिरी का सेवन करें। इससे अलग यदि आपको कोई समस्या है या आप कोई स्पेशल डाइट फॉलो कर रहे हैं तब भी अपनी डाइट में बादाम को जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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