गोखरू का परिचय (Introduction of Gokhru)
गोखरू एक ऐसी जड़ी बूटी है जो सदियों से मानव के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद ही साबित हुआ है। ये उन जड़ी बूटियों में से एक है जो वात पित्त और कफ तीनों को नियंत्रित करने में सहायता करती है। गोखरू का फल, पत्ता और तना आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग (gokhru ke fayde) किये जाता है। ये सिर्फ बीमारियों के लिए नहीं बल्कि यौन समस्याओं को ठीक करने में बहुत फायदेमंद साबित होता है। आइये जानते हैं गोखरू का उपयोग और गोखरू के फायदे। आईएसकेडी मेडीफिट (ISKD Medifit) के इस लेख के माध्यम से प्राचीन आयुर्वेदाचार्य श्री ब्रह्मस्वरूप बताएँगे कि गोखरू खाने से स्वास्थ्य क्या क्या लाभ होते हैं
कई जंगली पौधे हमारे घर के आसपास या घर के गार्डन में ही नजर आ जाते हैं, जिनमें गोखरू का पौधा भी है। यह जंगली पौधे की तरह ही दिखता है, जिसमें पीले रंग के छोटे फूल खिलते हैं और जिसका फल कांटे की तरह होता है। इसका वैज्ञानिक नाम ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus terrestris) है। इसे गोखरू, गुड़खुल और गोक्षुर के नाम से भी जाना जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको गोखरू के बारे में ही बताएंगे कि कैसे गोखरू का उपयोग करके आपको गोखरू के फायदे भी मिल सकते हैं और आपने अगर थोड़ी लापरवाही से इसका सेवन किया तो गोखरू के नुकसान भी हो सकते हैं।
गोखरू के फायदे और नुकसान | Gokhru ke Fayde in Hindi
भारत में बीते कई हज़ार सालों से गंभीर से गंभीर रोग या शारीरिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार के तहर कई जड़ी बूटियों का और पेट पौधों का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि एक बेहतरीन औषधि के रूप में काम करती है। वैसे तो आयुर्वेद में बहुत सी औषधियों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन उन सभी में सबसे खास है गोखरू या गोक्षुर जिसे ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस के नाम से भी जाना है। यह एक खास पौधा है जो कि मानव शरीर को गंभीर से गंभीर रोगों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो चूका है। यह पौधा भले ही दिखने में छोटा होता है लेकिन इसमें मिलने वाले फायदे जबर्दस्त होते हैं। इस पौधे का हर हिस्सा अलग-अलग रोगों में अलग-अलग तरीके इसे इस्तेमाल किया जाता है। चलिए इस लेख के जरिये गोखरू यानि गोक्षुर से मिलने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
गोखरू क्या है? (What is Gokhru in Hindi?)
शायद आप इस बात से अनभिज्ञ हैं कि वर्षा ऋतु में गोखरू अधिकता से फलते-फूलते हैं। इसके पौधे जमीन पर छत्ते की तरह फैले रहते हैं। चरक-संहिता में इसका मूत्र संबंधी रोग तथा वात रोग में उपचार स्वरुप उपयोग करने का उल्लेख मिलता है।
यहां तक कि सूजन कम करने में भी गोखरू का प्रयोग किया जाता है। गोक्षुर के जड़ को दशमूल में और फल को वृष्य के रुप में प्रयोग करते है। इसके पत्ते चने के जैसे होते हैं। इसलिए संस्कृत में इसे चणद्रुम कहते हैं।
गोखरू वर्षा ऋतु में जमीन पर फैलकर बढ़ने वाला, शाखा-प्रशाखायुक्त पौधा होता है। इसके तने 1.5 मी लम्बे, और जमीन पर फैले हुए होते हैं। शाखाओं के नये भाग मुलायम होते हैं; पत्ते चने के पत्तों के समान, परन्तु आकार में कुछ बड़े होते हैं। इसके फूल पीले, छोटे, चक्राकार, कांटों से युक्त, चमकीले लगभग 0.7-2 सेमी व्यास या डाइमीटर के होते हैं।
इसके फल छोटे, गोल, चपटे, पांच कोण वाले, 2-6 कंटक युक्त व अनेक बीजी होते हैं। इसकी जड़ मुलायम रेशेदार, 10-15 सेमी लम्बी, हल्के भूरे रंग के एवं थोड़े सुगन्धित होते हैं। गोखुरू अगस्त से दिसम्बर महीने में फलते-फूलते हैं।
गोखुर के गुण अनगिनत है। जिसके कारण ही यह सेहत और रोगों दोनों के लिए औषधि के रुप में काम करता है। गोक्षुर या गोखरू वातपित्त, सूजन, दर्द को कम करने में सहायता करने के साथ-साथ, रक्त-पित्त(नाक-कान से खून बहना) से राहत दिलाने वाला, कफ दूर करने वाला, मूत्राशय संबंधी रोगों में लाभकारी, शक्तिवर्द्धक और स्वादिष्ट होता है।
गोक्षुर का बीज ठंडे तासीर का होता है। इसके सेवन से मूत्र अगर कम हो रहा है वह समस्या दूर हो जाती है। गोखुर का क्षार या रस मधुर, ठंडा तथा वात रोग में फायदेमंद होता है।
अन्य भाषाओं में गोखरू के नाम (Name of Gokshur in Different Languages?)
गोखुरू का वानस्पतिक नाम : Tribulus terrestris Linn. (ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस) Syn-Tribulus lanuginosus Linn है। गोखरू Zygophyllaceae (जाइगोफिलेसी) कुल का है।
इसके अलावा गोखरू को अंग्रेज़ी में Land caltrops (लैण्ड कैल्ट्रॉप्स) कहते हैं, लेकिन यह भारत के अन्य प्रांतों में कई नामों से जाना जाता है।
- Name of Gokhru or Gokshura in Sanskrit –गोक्षुरक, त्रिकण्ट, स्वादुकण्टक, गोकण्टक, गोक्षुरक,वन शृङ्गाट, पलङकषा, श्वदंष्ट्रा, इक्षुगन्धिका, चणद्रुम;
- Name of Gokhru or Gokshura in Hindi –गोखरू, छोटा गोखरू, हाथीचिकार;
- Name of Gokhru or Gokshura in Oriya –गाखुरा (Gokhura), गोक्षरा (Gokshra);
- Name of Gokhru or Gokshura in Urdu –गोखरू (Gokharu);
- Name of Gokhru or Gokshura in Kannada –नेग्गिलुमुल्लु (Negillumullu), नेरूंजी (Nerunji);
- Name of Gokhru or Gokshura in Gujrati –बेटागोखरू (Betagokharu), नहानगोखरू (Nahanagokharu);
- Name of Gokhru or Gokshura in Tamil –नेरिंजिल (Nerinjil), नेरींजीकाई (Nerinjeekai);
- Name of Gokhru or Gokshura in Telugu –पाल्लैरु (Palleru), चिरूपाल्लैरू (Chirupalleru), चिरूपल्लेख (Cherupallekh);
- Name of Gokhru or Gokshura in Bengali –गोखरू (Gokharu), गोखुरी (Gokhuri);
- Name of Gokhru or Gokshura in Punjabi –बखरा (Bakhra), लोटक (Lotak), भखर (Bhakhar);
- Name of Gokhru or Gokshura in Marathi –शराट्टे (Sharatte), काटे गोखरू (Kate gokharu), लहानगोखरू (Lahangokharu), सरला ज्ञरोत्ते (Sarla gyarote);
- Name of Gokhru or Gokshura in Malayalam –नेरिंजिल (Neringil)।
- Name of Gokhru or Gokshura in English –डेविल्स् थोर्न (Devil’s thorn), गोट हैड (Goat head), पंक्चर वाईन (Puncture vine), स्मॉल कैल्ट्रॉप्स (Small caltrops);
- Name of Gokhru or Gokshura in Arbi –बास्तीताज (Bastitaj), खसक (Khasak), मसक (Masak);
- Name of Gokhru or Gokshura in Persian –खारेखसक (Khare khasak)।
सिरदर्द में गोखरू काढ़ा के फायदे (Gokshura kadha benefits to get relief from Headache in Hindi)
आजकल के तनाव भरे जिंदगी में सिर दर्द की बीमारी का शिकार ज्यादा से ज्यादा लोग होने लगे हैं। 10-20 मिली गोखरू काढ़ा (Gokhru kadha) को सुबह-शाम पिलाने से पित्त के बढ़ जाने के कारण जो सिर दर्द होता है उससे आराम मिलता है। इस तरह गोखरू का उपयोग करने से लाभ होगा।
गोखरू गठिया की समस्या में राहत दिलाए (Gokhru provides relief from arthritis problem in Hindi)
एक उम्र के बाद अक्सर गठिया की समस्या होना बहुत ही आम बात है, जिसकी वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे छुटकारा पाने के लिए गोखरू का इस्तेमाल कर सकते हैं यह गठिया रोग को जड़ से खत्म करने में काफी मददगार है। गोखरू का उपयोग जोड़ो के दर्द और मांसपेशी के दर्द को कम करने के लिए किया जाता है। यह जोड़ों और मांसपेशियों में सूजन को कम करने के लिए भी जाना जाता है। गठिया, घुटने और पीठ दर्द से आराम पाने के लिए गोखुरा फल का पाउडर, सूखा अदरक और पानी को बराबर मात्रा में उबाल लें फिर इसे उबलने के बाद रोज सुबह में 50 से 100 मिलीलीटर खाली पेट इसका सेवन करें।
गोखरू चूर्ण के फायदे – दमा से दिलाये राहत गोखर (Pedalium murex or Gokshura Benefits in Asthma in Hindi)
आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण के कारण बहुत लोग दमे का शिकार होने लगे हैं। गोखरू का सेवन इस तरह से करने पर दमे से जल्दी आराम मिलता है। 2 ग्राम गोखुर के फल चूर्ण (gokhru powder benefits in hindi) को 2-3 नग सूखे अंजीर के साथ दिन में तीन बार कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से दमा में लाभ होता है। गोक्षुर तथा अश्वगंधा को समान मात्रा में लेकर उसके सूक्ष्म चूर्ण में 2 चम्मच मधु मिलाकर दिन में दो बार 250 मिली दूध के साथ सेवन करने से सांस संबंधी समस्या एवं कमजोरी में लाभ मिलता है।
हाजमा बढ़ाये गोखरू का काढ़ा (Gokhru Kadha Beneficial in Digestion in Hindi)
गोखरू का काढ़ा (gokhru ke fayde in hindi) पिलाने से जिसकी हजम शक्ति कमजोर है उसको खाना हजम करने में आसानी होती है। गोखरू के 30-40 मिली गोखरू काढ़ा (Gokhru Kadha) में 5 ग्राम पीपल के चूर्ण का मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से पाचन-शक्ति बढ़ती है। यह गोखरू का उपयोग बहुत ही फायदेमंद है।
दस्त रोकने में फायदेमंद गोखरू (Gokhru or Gokshura to Fight Diarrhoea in Hindi)
अगर मसालेदार खाना खाने के बाद दस्त हो रहा है तो गोखरू बहुत काम आता है। 500 मिग्रा गोक्षुरफल चूर्ण (गोखरू चूर्ण पतंजलि) को मट्ठे के साथ दिन में दो बार खिलाने से अतिसार और आमातिसार में लाभ होता है।
मूत्रकृच्छ्र या पेशाब संबंधी बीमारी में गोखरू के फायदे(Benefits of Gokhru Kadha in Dysuria in Hindi)
मूत्रकृच्छ्र की बीमारी में मूत्र संबंधी बहुत तरह की समस्याएं आती हैं, जैसे- मूत्र करते समय दर्द और जलन, रुक-रुक पेशाब आना, कम पेशाब आना आदि। ऐसे समस्याओं में गोखरू (gokhru ke fayde in hindi) बहुत काम आता है।
- 20-30 मिली गोखरू काढ़ा (Gokhru Kadha) में 125 मिग्रा यवक्षार या मधु (एक चम्मच) डालकर दिन में दो-तीन बार पिलाने से मूत्रकृच्छ्र में लाभ होता है।
- गोखरू की जड़ (10-15 ग्राम) और समान मात्रा में चावलों को एक साथ अच्छी तरह मिलाकर पानी में उबालकर पिलाने से मूत्रवृद्धि होती है।
- 2 ग्राम पतंजलि गोखरू चूर्ण (Gokhru patanjali) में 2-3 नग काली मिर्च और 10 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह, दोपहर और शाम सेवन करने से मूत्रकृच्छ्र में लाभ होता है।
पथरी या अश्मरी में गोखरू के फायदे (Gokshura Benefits in Kidney Stone in Hindi)
आजकल के जीवनशैली और प्रदूषित आहार के कारण पथरी की समस्या से लोग परेशान रहते हैं। गोखरू के सेवन (gokhru ke fayde) से पथरी को प्राकृतिक तरीके से निकालने में मदद मिलती है। 5 ग्राम पतंजलि गोखरू चूर्ण (Gokhru patanjali) को 1 चम्मच मधु के साथ दिन में तीन बार खाने के बाद ऊपर से बकरी का दूध पिलाने से अश्मरी टूट-टूट कर निकल जाती है।
अगर आप किडनी में पथरी की बीमारी से जूझ रहें हैं, तो आपको गोखरू का सेवन जरूर करना चाहिए। इसके लिए आप गोखरू के फल को धुप थोड़ा अलग छाव में अच्छे से सुखा लेना चाहिए और जब गोखरू सूख जाए तो उसके बाद इसका चूर्ण बना लें। सूखे गोखरू से तैयार चूर्ण को शहद में मिलाकर सुबह और शाम इसका सेवन करना शुरू करें। अगर आप चूर्ण का सेवन करने में समर्थ नहीं है तो आप इससे काढ़ा बना कर भी इसका सेवन कर सकते हैं। गोखरू के नियमित सेवन से पथरी जल्द ही टूटकर पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकल जायगी। आप गोखरू के चूर्ण का सेवन दूध में उबालकर मिश्री के साथ भी कर सकते हैं, अगर आप मधुमेह रोगी हैं तो आप मिश्री को कम मात्रा में लें।
गर्भाशय शूल या यूटेरस के दर्द में गोखरू के फायदे (Benefits of Gokshura in Uteralgia in Hindi)
अगर किसी कारण गर्भाशय में दर्द हो रहा है तो गोखरू का सेवन बहुत गुणकारी (gokhru ke fayde) होता है। 5 ग्राम गोखरू फल, 5 ग्राम काली किशमिश और दो ग्राम मुलेठी इनको पीसकर सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय के दर्द से राहत मिलती है।
इंफर्टिलिटी होती है ठीक (Gokhru or Gokshura Benefits for to cure infertility in Hindi)
गोखरू पुरुषों में सेक्स पावर बढ़ाता है। कई अध्ययन बताते हैं कि गोखरू का सेवन (Benefits of Gokhru) सिर्फ 60 दिन में स्पर्म कांउट को बढ़ा देता है, जिससे पुरुषों को इंफर्टिलिटी की समस्या से निजात मिलती है। दो से तीन महीने तक इसका सेवन करने से पुरुषों की सेक्सुअल डिजायर और फर्टिलिटी दोनों बढ़ती है। पुरुषों को बांझपन से छुटकारा मिलता है।
महिलाओं की यौन समस्याएं भी हों ठीक (Gokhru or Gokshura Benefits for women’s sexual problems should also be cured)
कुछ शोध के अनुसार, यह महिलाओं में भी सेक्सुअल समस्याओं को ठीक करता है। एक महीने तक इसके लगातार सेवन से सेक्सुअल डिजायर, कामुकता, सेक्स पावर, लुब्रिकेशन और सेक्स करने की ताकत में इजाफा होता है। यौन समस्याओं से निजात दिलाने में गोखरू का सेवन फायदेमंद (Gokhru) होता है।
पीसीओडी में मददगार है गोखरू (Gokhru is helpful in PCOD in Hindi)
गोखरू महिलाओं में पीसीओडी को ठीक करने में फायदेमंद माना जाता है। यह बाझपन का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इतना ही नहीं गोखरू रीरियड्स में होने वाले दर्द को कम करने में भी फायदेमंद माना जाता है। गोखरू महिलाओं में उम्र से पहले ही होने वाले मेनोपॉज के खतरे को भी कम कर सकता है।
आमवात या रूमाटाइड के दर्द से दिलाये आराम गोखरू का उपयोग (Uses of Gokhru or Gokshura to Treat Rheumatism in Hindi)
उम्र के बढ़ने के साथ जोड़ो में दर्द से सब परेशान रहते हैं। गोखरू फल में समान भाग सोंठ चतुर्थांश का काढ़ा बनाकर सुबह एवं रात में सेवन करने से कमर दर्द, जोड़ो के दर्द से आराम मिलती है।
चर्मरोग में गोखरू के फायदे (Gokhru or Gokshura Benefits for Skin Disease in Hindi)
आज के प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा रोग होना लाज़मी हो गया है। गोखुर फल को पानी में पीसकर त्वचा में लेप करने से खुजली, दाद आदि त्वचा संबंधी रोगों में लाभ (gokhru benefits) होता है।
लो स्पर्म काउन्ट में फायदेमंद गोखरू (Gokshura or Gokhru Benefits to Boost Low Sperm Count in Hindi)
अगर स्पर्म काउन्ट कम होने के कारण आपके पिता बनने में समस्या उत्पन्न हो रही है तो गोखरू का सेवन इस तरह से करें। गोखरू के 20 ग्राम फलों को 250 मिली दूध में उबालकर सुबह शाम पिलाने से स्पर्म या वीर्य संबंधी समस्याएं कम होती है। इसके अलावा 10 ग्राम गोखरू एवं 10 ग्राम शतावर को 250 मिली दूध के साथ उबालकर पिलाने से स्पर्म का काउन्ट और क्वालिटी बढ़ती है तथा शरीर को शक्ति मिलती है।
शारीरिक कमजोरी करे दूर (Gokshura or Gokhru Benefits for Remove physical weakness in Hindi)
गोखरू पुरूषों के प्रजनन अंगों में मजबूती लाता है। बांझपन को दूर करता है। स्पर्म की गुणवत्ता बढ़ाता है। यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Gokhru benefits for sexual disorder) की समस्या को भी दूर करता है, इसलिए पुरुषों के लिए इसे काफी लाभकारी माना जाता है। जिन्हें शारीरिक कमजोरी महसूस होती है, उन्हें भी इसका सेवन करना चाहिए। इसके लिए आपको चना, गोखरू का रस या चूर्ण और मिश्री की बराबर मात्रा चाहिए। चनों को 24 घंटे के लिए गोखरू के रस में मिलाएं। जब चने रस से भर जाएं तब इन्हें छाया में सुखा लें। सूखने के बाद इनका चूर्ण बना लें। इसका 1 चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ शहद मिला कर खाएं। आपकी सेक्स से संबंधित सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
सेहत बनाने के लिए गोखरू के फायदे (Benefits of Gokhru for health in Hindi)
सेहत बनाने के लिए भी गोखरू का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि यह आपकी सेहत में प्रभावशाली असर दिखा सकता है। सेहत बनाने के लिए गोखरू के फायदे को ध्यान में रखते हुए किए गए एक वैज्ञानिक रिसर्च में बताया गया है कि गोखरू के अर्क का उपयोग ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन को बढ़ाता है, जो शरीर की मांसपेशियों को मजबूत और शारीरिक ताकत को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन करे दूर (Gokshura or Gokhru Benefits for cure erectile dysfunction in Hindi)
यौन स्वास्थ्य बेहतर न होने से सेक्सुअल लाइफ बुरी तरह से प्रभावित होती है। इससे कई बार शादीशुदा रिश्ते में दरार आ जाती है। यौन स्वास्थ्य के लिए गोखुरू लाभकारी (How Gokhru is healthy) होता है। शोध के अनुसार, 3 महीने तक गोखरू का सेवन (health benefits of Gokhru) करने से इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से काफी हद तक निजात मिलती है।
ज्वर या बुखार में गोखरू के फायदे (Benefits of Gokhru kadha for Fever in Hindi)
अगर मौसम के बदलने के साथ-साथ बार-बार बुखार आता है तो गोखरू का सेवन बहुत फायदेमंद (gokhru benefits) हैं। 15 ग्राम गोखरू पञ्चाङ्ग को 250 मिली जल में उबालकर, काढ़ा (Gokhru Kadha) बना लें। काढ़ा को चार बार पिलाने से ज्वर के लक्षणों से राहत मिलती है। इसके अलावा 2 ग्राम पतंजलि गोखरू पञ्चाङ्ग चूर्ण के नियमित सेवन करने से बुखार कम होता है।
रक्तपित्त ((कान-नाक से खून बहना) में गोखरू के फायदे (Gokhru kadha Beneficial in Haemoptysis ya Raktpitta in Hindi)
अगर रक्तपित्त के समस्या से पीड़ित हैं तो गोखरू का ऐसे सेवन करने से लाभ मिलता है। 10 ग्राम गोखुर को 250 मिली दूध में उबालकर पिलाने से रक्तपित्त में लाभ होता है।
गोखरू का उपयोगी भाग (Useful Parts of Gokhru)
गोखरू का औषधि के रूप में पत्ता, फल, तना और पञ्चाङ्ग का प्रयोग किया जाता है।
गोखरू का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? (How to Use Gokhru podi in Hindi?)
बीमारी के लिए गोखरू के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए गोखरू का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
चिकित्सक के परामर्शानुसार
गोखरू चूर्ण -3-6 ग्राम और गोखरू काढ़े -20-40 मिली का सेवन कर सकते हैं।
गोखरू से क्या कोई नुकसान भी हो सकते हैं? What are the disadvantages of gokhru?
हां, भलें ही गोखरू के कई फायदें हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि इससे केवल और केवल फायदे ही मिलेंगे। यह एक औषधि है इससे भी नुकसान हो सकते हैं। गोखरू से आमतौर पर निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं :-
-
अगर ज्यादा लंबे समय तक गोखरू का सेवन किया जाए तो इसकी वजह से पौरुष ग्रंथि (Prostate gland) से जुड़ी समस्याएँ हो सकती है। साथ ही जो लोग स्तन व पौरुष ग्रंथि कैंसर रोगी (breast and prostate cancer patients) से जूझ रहे हैं उन्हें गोखरू का किसी भी रूप से सेवन नहीं करना चाहिए।
-
अगर आप गर्भवती है या बच्चे को दूध पिलाती है तो ऐसे में आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है जिससे समस्याएँ होने की आशंका बनी रहती है।
-
जो बच्चे डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।
-
अगर आप इसका अधिक सेवन करते हैं तो इसकी वजह से पीलिया या किडनी से जुड़ी समस्याएँ हो सकती है। इसकी वजह से किडनी सामान्य से ज्यादा पेशाब बनाती है जिससे किडनी पर काम का बोझ पड़ता है। पीलिया ग्रस्त रोगी को गोक्षुर केवल थोड़ी सी मात्रा में ही खाना चाहिए।
-
अगर गोखरू का ज्यादा सेवन कर लिए जाए तो इसकी वजह से नींद से जुड़ी समस्याएँ होने की आशंका बनी रहती है।
-
अगर आप पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गोखरू का इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में या नहीं करना चाहिए।
-
यह मासिक धर्म चक्र (menstrual cycles) पर भी असर डाल सकता है। इसलिए गोखरू का उपयोग सावधानी से और डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। गोखरू को गोक्षुर चूर्ण और कैप्सूल के रूप में भी ले सकते हैं।
-
अगर आपका हाल ही में ऑपरेशन हुआ है या किसी अन्य मेडिकल ट्रीटमेंट से गुजर रहे हैं तो गोखरू का सेवन नहीं करना चाहिए। यह रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा देता है, जोकि ऑपरेशन के दौरान हानिकारक साबित हो सकता है। इसके साथ ही यह रक्तचाप को भी निम्न कर देता है। इसलिए ऐसे में इसके सेवन से बचना चाहिए।
-
अधिक मात्रा में गोखरू का सेवन करने से पेट दर्द, ऐंठन जैसी समस्या पैदा हो सकती है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से जी-मिचलाने, उल्टी, नींद आने में परेशानी होने जैसी समस्या भी पैदा हो जाती है।
Discussion about this post