वंशलोचन (Banslochan) बांस के पेड़ की एक किस्म से बनता है। दरअसल, ये बांस का एक तना होता है जो कुछ पत्तियों के साथ बाहर से सख्त और अंदर से नरम होता है। वंशलोचन या ताबाशीर दिखने में एक सफेद पदार्थ की तरह दिखता है, जो मुख्य रूप से सिलिका और पानी से बना होता है, जिसमें चूने और पोटाश के निशान होते हैं, जो बांस की कुछ प्रजातियों से निकलते हैं। वंशलोचन का कोई स्वाद नहीं होता है।
लेकिन ये जीभ पर लगाते ही पानी सोख लेता है। यह गंधहीन होता है और इसकी शेल्फ लाइफ एक वर्ष से अधिक होती है। वंशलोचन की खास बात ये है कि ये औषधीय गुणों से भरपूर है और बड़े से लेकर बच्चों तक सबके लिए फायदेमंद है। इस लेख में हम आज वंशलोचन के विभिन्न फायदे और उपयोग को लेकर चर्चा करेंगे.
वंशलोचन के कोंपलों में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन ए, ई, बी6, मैग्निशियम, कॉपर जैसे पोषक तत्व होते हैं। जिसके कारण आयुर्वेद में बांस को कई बीमारियों के लिए उपचार के तौर पर प्रयोग में लाया जाता है। चलिये बिना समय नष्ट किये बांस के फायदे और उसके अनजाने गुणों के बारे में जानते हैं।
वंशलोचन (तबाशीर) के अन्य भाषाओं में नाम — Names in other languages of Vanshlochan
संस्कृत—वंशलोचन (vanshlochan), त्वक्रक्षीरी(tavkrshiri), क्षीरिका (shkrika), कपूर रोचन (Kapur Rochan), तुग्ङा (Tugda), रोचनिका (Rochnika), पिंगा (Pinga), बंशशर्करा (Banssarkara), बंस कर्पूर (Bans Karpur)।
हिन्दी—बंशलोचन (Banshlochan) ।
गुजराती—बांसकपूर (Banshkapur)।
बंगाल—बंशलोचन (Banshlochan), बांसकावर (Banskavar)।
मराठी—बंशलोचन (Banshlochan)
फारसी—तबाशीर (Tabasir)।
अंग्रेजी—Bamboo Manna।
लेटिन–Bambuna Arundinacea (बाबूना अरंडी-नेसिया)।
वंशलोचन के खास गुण : वंशलोचन की खास बात ये है कि इसमें सिलिकॉन डाइऑक्साइड है, जो हड्डियों, जोड़ों, टेंडन और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता। वंशलोचन के सेवन से शरीर के ऊतकों का पूरी तरह से विकास होता है। आयुर्वेद के अनुसार, ये इम्यूनो-मॉड्यूलेटर की तरह काम करता है जो कि इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस तरह ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें कुछ खास मेडिसनल गुण होते हैं, जैसे कि
- कैल्शियम
- आयरन से भरपूर
- एंटी इंफ्लेमेटरी
- इम्यूनिटी बूस्टर
- एंटासिड
- गठिया रोधी
- एंटी बैक्टीरियल
- एंटी-गाउट
वंशलोचन के फायदे-Banslochan benefits in hindi
1. हड्डियों को मजबूत बनाता है : वंशलोचन में कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो कि हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसे अगर आप प्रेग्नेंसी के समय खाएं तो, आपके बच्चे की हड्डियों का विकास होता है। बड़े बच्चों को खिलाएं तो उनकी हड्डियां मजबूत होती है और बढ़ती उम्र में खाएं तो, ये हड्डियों का मजबूत बनाता है और जोड़ों के दर्द, गठिया और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे समस्याओं से बचाता है। ऐसे में आप वंशलोचन को दूध में मिला कर पी सकते हैं।
2. पित्त शांत करता है: वंशलोचन ठंडी तासीर वाला होता है इसलिए जिन लोगों को हाथ पैर में जलन और हाथ से पसीने निकले की परेशानी होती है उनके लिए भी वंशलोचन का सेवन फायदेमंद है। ये पित्त को शांत करता है और शरीर के बाकी दोष जैसे कि वात, पित्त और कफ में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसके लिए आपको वंशलोचन के पानी का नियमित रूप से सेवन करना होगा।
3. पेट में सूजन को कम करता है: पेट में सूजन के पीछे कई कारण हो सकते हैं।जैसे कि पेप्टिक अल्सर, अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग आदि। इन सब में पेट का अस्तर प्रभावित होने लगता है और पेट में सूजन आ जाती है। ऐसे में मुलेठी के साछ वंशलोचन लेने से आपको फायदा मिल सकता है।
4. मुंह के छालों को दूर करता है: जिन लोगों को मुंह में छाले की समस्या हर कुछ दिनों पर हो जाती है उन्हें वंशलोचन को शहद में मिला कर इसका सेवन करना चाहिए। दरअसल, मुंह के छाले पेट की गर्मी बढ़ जाने के कारण होने लगते हैं। साथ ही जिन लोगों का पित्त ज्यादा होता है उनमें भी ये परेशानी ज्यादा होती है। तो, वंशलोचन पेट की गर्मी को शांत करता है और शहद का एंटीबैक्टीरियल गुण माउथ इंफेक्शन को कम करता है और मुंह के छालों को ठीक करने में मदद करता है।
5. शरीर को डिटॉक्स करता है: वंशलोचन शरीर को डिटॉक्स करता है और शरीर के सभी अंगों के काम काज को बेहतर बनाने में मदद करता है। ये शरीर के विषाक्त पदार्थों को दूर करता है और आंतों की सफाई में मददगार होता है। इसके अलावा वंशलोचन मेटाबोलिज्म को तेज करने में भी मददगार है जो कि खाने-पीने के फंक्शन को सही करने में मदद करता है।
6. बालों के विकास में मददगार: वंशलोचन बालों के विकास को प्रोत्साहित करता है और बालों को मजबूत करता है। यह प्रभाव इसमें प्राकृतिक सिलिका सामग्री के कारण होता है। इसमें मौजूद सिलिका बालों को पतला होने और बालों को झड़ने से रोकता है। इसका रेगुलर सेवन करने से स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बालों की जड़ें मजबूत रहती हैं और बाल तेजी से बढ़ते हैं।
7. एसिडिटी की समस्या को दूर करता है: एसिडिटी पेट में ज्यादा एसिड प्रोडक्शन होने की वजह से होता है। ऐसे में वंशलोचन आपकी काफी मदद कर सकता है। सुबह खाली पेट वंशलोचन का सेवन करने से एसिडिटी की समस्या को कम किया जा सकता है। साथ ही जिन लोगों को कब्ज की दिक्कत होती है उन लोगो के लिए भी वंशलोचन बहुत फायदेमंद है।
8. बच्चों में मिट्टी खाने की आदत को दूर करता है: कुछ बच्चों को मिट्टी खाने की आदत होती है और आसानी से जाती नहीं। ऐसे में इस आदत को दूर करने में वंशलोचन आपकी मदद कर सकता है। ऐसे में वंशलोचन को पीस लें और शहद में मिला कर इसकी गोलियां बना कर बच्चों को दें। इससे बच्चों में कैल्शियम की कमी दूर हो जाएगी और मिट्टी खाने की उनकी आदत ही चले जाएगी।
9. महिलाओं के लिए फायदेमंद: वंशलोचन महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। ये पीरियड्स के क्रैंप्स को कम करने में मदद करता है और शरीर में खून की कमी भी नहीं होने देता। साथ ही जिन महिलाओं में आयरन की कमी होती है उनके लिए भी वंशलोचन बहुत फायदेमंद है। ये उन्हें एनीमिया के लक्षण को कम करने में मदद करता है।
10. चेहरे की रंगत निखारता है: वंशलोचन चेहरे की रंगत निखारता है और आपको गोरा होने में मदद करता है। दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी में जो महिलाएं वंशलोचन लेती हैं उनके बच्चे गोरे होते हैं। इसके अलावा वंशलोचन खून साफ करने में मदद करता है, जिससे कील-मुंहासे से छुटकारा मिलता है और रंगत भी साफ होती है।
वंशलोचन लेने से पहले आप अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर बात करें। जैसे कि शिशु को आप उनके शरीर के वजन के अनुसार 10 मिलीग्राम दे सकते हैं। बच्चे 125 से 500 मिलीग्राम तो, वयस्कों को 250 से 500 मिलीग्राम और गर्भावस्था में 125 से 250 मिलीग्राम दिन में दो बार दे सकते हैं। पर अगर आप कोई रेगुलर दवा ले रहे हैं तो, अपने डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन करें।
बन्सलोचन से किन रोगों का उपचार किया जाता है/बंसलोचन के फायदे Banslochan Ke Fayade Hindi: वंसलोचन/तबासीर का उपयोग अनेको रोगों के उपचार के लिए किया जाता है, जिनमे से प्रधान रूप से निम्न हैं।
- शरीर में कैल्शियम की कमी को प्राकृतिक रूप से दूर करता है। कमजोर हड्डियों के लिए अत्यंत उपयोगी होता है। घुटनों के दर्द में भी असरदायक होता है।
- ज्वर के इलाज में भी इसका उपयोग होता है।
- शरीर से विषाक्त प्रदार्थों को बाहर निकालता है।
- तृष्णा, काश, रक्तपित्त, स्वांस सबंधी रोग, ज्वर आदि रोगों में भी यह लाभदायी होता है।
- छोटे बच्चो में मिटटी खाने के रोग को भी वंसलोचन का उपयोग लाभदायी होता है।
- कफ्फ को शरीर से दूर करता है और पेट साफ़ करता है।
- रक्त से कफ्फ बनने की प्रक्रिया को भी नियंत्रित करता है।
- गर्भवती महिलाओं में इसका उपयोग लाभदायी होता है। जहाँ एक और महिलाओं की काल्सियम की कम दूर होती है वही दूसरी और गर्भ में पल रहे शिशु को भी इसका लाभ मिलता है और उसकी हड्डियाँ मजबूत बनती हैं।
- शरीर में बने हुए कफ्फ को शरीर से बाहर निकालने में लाभदायी होता है।
- दमे के रोगियों के लिए भी लाभदायी होता है।
- इससे कामोत्तेजना बढती है।
- हाथ पैरो में जलन में भी यह लाभदायी होता है।
- मुंह में छाले और पेट की गर्मी को शांत करने में प्रभावी
- शुक्राणु को गाढ़ा करने में भी उपयोग में लिया जाता है।
- गाय के दूध के साथ वंसलोचन का सेवन करने से गर्भ नहीं ठहरने में लाभ मिलता है।
- यदि मुंह में छाले हो गए हों तो इसके चूर्ण को शहद में मिलाकर मुंह में लगाने से फायदा होता है।
- शरीर में सातो धातुओं का पोषण करता है।
- अस्थमा रोग में भी इसके सेवन से लाभ मिलता है।
- एसिडिटी, शरीर में बनने वाली गैस आदि में प्रभावी
- अनिन्दा रोग को भी इससे दूर किया जाता है क्योकि यह शरीर को शांत करता है।
- पित्त की अनियमितता को शांत करता है।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है।
- वंसलोचन की तासीर : इसकी तासीर ठंडी होती है।
बंसलोचन का उपयोग कब नहीं करे : भले ही यह आयुर्वेदिक औशधि है, फिर भी इसका उपयोग आप वैद्य की सलाह के उपरान्त ही करे। अधिक मात्रा में इसका सेवन हानि पंहुचा सकता है। यदि पथरी की कोई शिकायत हो तो इसे अमूमन नहीं लेना चाहिए। इस सबंध में आप वैद्य की सलाह अवश्य ही ले। अधिक मात्रा फेफड़ो के लिए भी नुकसानदायी होती है।
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