भारत देश में सालों से आयुर्वेद का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा के तौर पर किया जाता रहा है। इसके पीछे का कारण है यहां मौजूद अनगिनत जड़ी बूटियां, जिनका इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं के इलाज के लिए फायदेमंद माना जाता है। मालकांगनी भी उन्हीं में से एक है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम मालकांगनी के फायदे नुकसान तो बताएंगे ही, लेकिन उससे पहले हम मालकांगनी है क्या इस बारे में समझाएंगे। साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्वों और इसके उपयोग करने के तरीकों से जुड़ी जानकारी भी साझा करेंगे.
मालकांगनी क्या है – What is Jyotishmati in Hindi
मालकांगनी को ज्योतिषमति और ब्लैक ऑयल प्लांट भी कहते हैं। यह एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, जो सेलस्ट्रासै (Celastraceae) परिवार से आता है। इसका वैज्ञानिक नाम सेलसट्रस पैनिकुलेटस (Celastrus paniculatus) है। इसके अलावा, मालकांगनी ब्लैक ऑयल ट्री, ज्योतिश्का, क्लिम्बिंग स्टाफ ट्री, कटाभी आदि नाम से भी प्रचलित है। आयुर्वेद में इसका उल्लेख ‘ट्री ऑफ लाइफ’ के रूप में किया गया है। स्वास्थ के लिए ज्योतिषमति के पत्ते, बीज, छाल और तेल को लाभकारी माना गया है । लेख में आगे हमने मालकांगनी के फायदे नुकसान, दोनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
मालकांगनी के फायदे नुकसान जानने के साथ-साथ इसके पौष्टिक तत्व के बारे में भी जान लीजिए।
मालकांगनी के पौष्टिक तत्व – Jyotishmati Nutritional Value in Hindi
यहां हम मालकांगनी में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार है (7) :
- मालकांगनी फैटी एसिड, एसिटिक और बेंजोइक एसिड से समृद्ध होता है। इसके अलावा, इसमें सोडियम, मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, पोटेशियम, कैल्शियम, वैनेडियम, क्रोमियम, मैंगनीज, आयरन, कोबाल्ट, निकल, कॉपर, तांबा और मोलिब्डेनम जैसे अन्य कई मिनरल्स मौजूद होते हैं।
- वहीं, मालकांगनी के बीज टैनिन, ऐश, फैटी एसिड, एसिटिक एसिड, बेंजोइक एसिड टेट्राकैसनॉल और स्टेरोल जैसे तत्वों से समृद्ध होते हैं।
- जबकि, मालकांगनी का तेल प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन-सी, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन आदि से भरपूर होता है।
मालकांगनी के फायदे – Benefits of Jyotishmati in Hindi
स्वास्थ के लिए मालकांगनी के फायदे कई सारे हैं। यहां हम उन्हीं फायदों के बारे में क्रमवार तरीके से बताने वाले हैं, लेकिन उससे पहले हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि मालकांगनी को किसी भी गंभीर समस्या का संपूर्ण इलाज समझने की भूल न करें। यह केवल उन समस्याओं के लक्षणों को कुछ हद तक कम कर सकता है। अब पढ़ें मालकांगनी बीज के फायदे :
1. मस्तिष्क के लिए लाभकारी
मालकांगनी को दिमाग के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। इस पर हुए शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के इलाज और सीखने एवं याददाश्त को बढ़ाने के लिए मलकांगनी का उपयोग कई सालों से किया जाता रहा है। दरअसल, आयुर्वेद के अनुसार ज्योति का मतलब होता है ज्ञानोदय, और मती का अर्थ होता है मस्तिष्क की कार्यप्रणाली। बताया जाता है कि यह मध्य गुण यानी स्मृति शक्ति में सुधार कर सकता है। इसके पीछे नूट्रोपीक (nootropic- संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करने वाला) प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
इसके अलावा, मालकांगनी में सेडेटिव (sedative – दिमाग को शांत करने वाला) गुण भी मौजूद होता है। यही वजह है कि मालकांगनी की जड़ों और बीजों से बने काढ़े को ब्रेन टॉनिक के रूप में जाना जाता है। यही नहीं, ज्योतिषमति को सिरदर्द की समस्या और अवसाद की समस्या को भी कम करने में लाभकारी माना गया है।
2. तंत्रिका तंत्र के लिए
नर्वस सिस्टम के लिए भी मालकांगनी के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, ज्योतिषमती के बीज से निकाले गए तेल को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) बेहद प्रभावी माना गया है। इस पर हुए शोध बताते हैं कि इसके पाउडर का इस्तेमाल पानी के साथ मिलाकर तंत्रिका संबंधी विकारों के इलाज के किया जा सकता है (2)। इसके अलावा, मालकांगनी के तेल पर हुए एक अन्य शोध में यह पाया गया है कि मलकंगनी का तेल एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदर्शित कर सकता है, जो हाइड्रोजन प्रोक्साइड (hydrogen peroxide) के खिलाफ न्यूरोनल कोशिकाओं पर एक सुरक्षात्मक प्रभाव दिखा सकता है।
3. गठिया में सहायक
मालकांगनी तेल का उपयोग गठिया की समस्या के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information ) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध की मानें तो मालकांगनी एंटी अर्थराइटिक ( anti-arthritic – गठिया के लक्षणों को कम करने वाला) गुण प्रदर्शित कर सकता है। शोध में यह भी बताया गया है कि आयुर्वेद में मालकांगनी के बीज लाभ वाताव्याधि (Vatavyadhi -जिसमें गठिया की समस्या भी शामिल है) के उपचार के लिए किया जाता रहा है।
4. संक्रमण के लिए
मालकांगनी के फायदे संक्रमण से बचाव के लिए भी देखे जा सकते हैं। इससे संबंधित शोध में बताया गया है कि मालकांगनी में एंटी बैक्टीरियल गुण (बैक्टीरिया से लड़ने वाला) के साथ-साथ एंटी वायरल (संक्रमण से लड़ने वाला) गुण भी मौजूद होते हैं। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि संक्रमण से बचाव के लिए मालकांगनी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।
5. फिस्टुला के लिए
शरीर के दो अंगों को जोड़ने वाले अप्राकृतिक और असामान्य जोड़ को फिस्टुला कहा जाता है। यह किसी चोट, सर्जरी, सूजन या संक्रणम के कारण हो सकता है, जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में मालकांगनी तेल का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। इससे संबंधित एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि फिस्टुला में मालकांगनी तेल लगाने से आराम मिल सकता है। हालांकि, फिस्टुला के लक्षणों को कम करने में इसका कौन सा गुण काम करता है, फिलहाल इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
6. मासिक धर्म विकार के लिए
महिलाओं के मासिक धर्म संबंधि विकारों के लिए भी मालकांगनी के फायदे देखे जा सकते हैं। इस पर हुए शोध बताते हैं कि ज्योतिषमती प्राकृति रूप से आग्नेय द्रव्य (agneyadravya) और अर्तवजनक (artavajanaka) होते हैं, जो मासिक धर्म संबंधी समस्याओं के मामले में मददगार साबित हो सकते हैं। वहीं, मासिक धर्म को प्रेरित करने के लिए भी ज्योतिषमती के सूखे पत्तों के सेवन की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, मालकांगनी की जड़ों का उपयोग मासिक धर्म के दौरान होने वाले अत्यधिक दर्द को कम करने के साथ-साथ प्रजनन क्षमता को प्रेरित करने के लिए किया जा सकता है।
7. दर्द से राहत पाने के लिए
दर्द से राहत पाने के लिए भी मालकांगनी के बीज लाभ देखे जा सकते हैं। बताया जाता है कि मालकांगनी के बीज का तेल शरीर पर लगाने से बदनदर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने में भी मददगार साबित हो सकता है। यही नहीं, जोड़ों में दर्द की समस्या में भी मालकांगनी तेल के लाभ देखे जा सकते हैं। इसकी पीछे का कारण इसमें मौजूद एनालेजेसिक यानी दर्द से राहत दिलाने वाले गुण को जिम्मेदार माना जा सकता है।
8. त्वचा के लिए
स्वास्थ के साथ-साथ त्वचा के लिए भी मालकांगनी तेल के लाभ कई सारे हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि त्वचा रोगों के लिए ज्योतिषमती के बीज का इस्तेमाल लाभकारी साबित हो सकता है। यही नहीं, मालकंगनी के तेल में एंटी-ऑक्सीडेंट (anti oxidant – मुक्त कणों से बचाने वाला) और एंटी-एजिंग (anti-aging – झुर्रियों को कम करने वाला) प्रभाव भी मौजूद होते हैं। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि मालकांगनी त्वचा सेे जुड़े संक्रमण दूर करने के साथ ही बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी कम करने में प्रभावकारी हो सकता है।
9. बालों के लिए
मालकांगनी तेल के उपयोग में बालों की देखभाल भी शामिल है। इससे संबंधित एक शोध में बताया गया है कि मालकांगनी तेल का उपयोग गुजरात में बालों की देखभाल के लिए किया जाता रहा है। मालकांगनी तेल के उपयोग से बालों को सिल्की बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, एक अन्य शोध से यह पता चलता है कि बालों को सफेद होने से बचाने के लिए मालकांगनी बीज के फायदे भी देखे जा सकते हैं। इसके लिए खीर के साथ घी में ऊबला हुआ मालकांगनी के बीज का सेवन करने की सलाह दी जाती है। बताया जाता है कि इसके सेवन से बालों के समय से पहले सफेद होने की समस्या को कम किया जा सकता है।
मालकांगनी खाने का सही तरीका – How to Use Jyotishmati in Hindi
मालकांगनी का उपयोग निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है :
- मालकांगनी की जड़ों का सेवन चूर्ण के रूप में किया जा सकता है।
- मालकांगनी के बीज को भून कर खाया जा सकता है।
- मालकांगनी तेल का उपयोग त्वचा और बालों पर किया जा सकता है।
- मालकांगनी के पत्तों को मलहम के रूप में इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
- मालकांगनी की जड़ों का सेवन काढ़ा बनाकर किया जा सकता है।
- ज्योतिषमती के सूखे पत्तों का भी सेवन किया जा सकता है।
- इसके अलावा, ज्योतिषमती के पत्तों को ऊबाल उससे सूजन से राहत पाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
कब खाएं और कितना खाएं : मालकांगनी बीज के फायदे प्राप्त करने के लिए इसका सेवन सुबह और शाम किसी भी समय किया जा सकता है। वहीं, अगर बात करें इसकी मात्रा कि तो –
- मालकांगनी बीज का सेवन 500 मिलीग्राम से 1 ग्राम तक किया जा सकता है।
- वहीं, इसके पत्तों का रस का सेवन 20-40 मिलीलीटर तक किया जा सकता है।
- इसके अलावा, 10-15 बूंद मालकांगनी तेल का उपयोग किया जा सकता है।
मालकांगनी के नुकसान – Side Effects of Jyotishmati in Hindi
मालकांगनी के फायदे जानने के बाद अब जरा इससे होने वाले नुकसानों पर भी एक नजर डाल लीजिये:
- गर्मी के मौसम में, गर्म स्थानों में, कम उम्र के व्यक्ति के लिए यह हानिकारक साबित हो सकेता है।
- इसके अलावा मालकांगनी गर्भपात को भी प्रेरित करता है इसलिए गर्भावस्था में इसके सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें
- कुछ मामलों में यह सिरदर्द का कारण भी बन सकता है।
- मालकांगनी गर्म होती है, जिस वजह से यह विषाक्तता का कारण बन सकती है। ऐसे में इसका सेवन गाय के दूध या फिर किसी ठंडे पदार्थों के साथ करने की सलाह दी जाती है।
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