आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इन्सान अपने स्वस्थ की देख रेख करना ही भूल गया है जिसके कारण शरीर में अनचाही बीमारियां अपना घर बना लेते हैं. सबसे ज्यादा असर होता है हमारे बालों पर जो समय से पहले झड़ने लगते हैं या फिर समय से पहले सफ़ेद होने लगते हैं. अगर हम अपने स्वस्थ का थोड़ा भी ध्यान रखें तब बहुत सी समस्याओं से दूर रहा जा सकता है. आईएसकेडी मेडीफिट, आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरुप सिंह
ऐसे तो बालों का सफेद होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। लेकिन यदि बाल समय से पहले सफेद होने लगें तो मेडिकल भाषा में इस समस्या को कैनिटाइस कहते हैं। जब इन्सान की उम्र बढ़ने लगती है तब शरीर में मेलेनिन का उत्पादन धीमा हो जाता है। शरीर में मेलेनिन एक ऐसा अवयव है, जो बालों को प्राकृतिक रंग देता है और बालों के रंग को बनाये रखता है.
जब उम्र बढ़ती है तो साथ ही साथ शरीर में मेलेनिन का उत्पादन कम होने लगता है जिससे बढ़ती उम्र साथ साथ बाल सफेद होने लगते हैं. लेकिन अगर कम उम्र में समय से पहले ही बाल सफेद हो रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो रही है. साथ ही कम उम्र में जल्दी बालों के सफेद होना इस बात का संकेत भी हो सकते है कि आपके शरीर में कोई न कोई गंभीर बीमारी धीरे-धीरे पनप रही है.
कम उम्र में बाल सफेद होने के कुछ खास मुख्य कारण
शरीर में पोषक तत्वों की कमी और किसी बीमारी के संकेत होने के साथ साथ कई बार अनुवांशिक कारणों की वजह से भी ऐसा हो जाता है। यहां हम उन जरूरी पोषक तत्वों के बारे में जानेंगे, जिनकी कमी के कारण आमतौर पर काम उम्र में ही बाल सफेद होने लगते हैं.
शरीर में प्रोटीन की कमी होना
अगर आपके शरीर में प्रोटीन की कमी है तो इस कारण से भी आपके बालों का रंग सफेद होने लगता है जो एक बहुत ही सामान्य कारण है. यह एक बड़ी समस्या है जिसके कारण ज्यादातर लोगों में बहुत कम उम्र में ही सफेद बालों की समस्या देखने को मिलती है.
शरीर में विटमिन बी-12 की कमी का होना
आम तौर पर शरीर में विटमिन्स और मिनरल्स की कमी होने के कारण भी बाल सफ़ेद होने लगते हैं. जिस विटमिन की कमी के कारण बाल सफेद होते हैं और यह समस्या बहुत तेजी से बढ़ती है वह है विटमिन बी-12.
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शरीर में थायरॉइड की कमी के कारण
हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण भी बाल तेजी से सफेद होते हैं। यह समस्या शरीर में तब होती है जब थायरॉइड ग्लैंड्स में हॉर्मोन का उत्पादन होना कम हो जाता है.
डाउन सिंड्रोम
शरीर में डाउन सिंड्रोम अनुवांशिकता से जुड़ा एक विकार होता है. यानी जिस व्यक्ति को यह समस्या होती है उसके परिवार में पहले भी किसी को इस तरह की समस्या रही होगी. डाउन सिंड्रोम में व्यक्ति के चेहरे, नाक और गर्दन के आकार में बदलाव होने लगता है. चेहरा और नाक चपटी हो जाती है और गर्दन का आकार सिकुड़ जाता है। इसके साथ ही बाल सफेद होने लगते हैं। अनुवांशिक बीमारी होने के कारण इस समस्या का संपूर्ण निदान फिलहाल संभव नहीं है.
वर्नर सिंड्रोम
वर्नर सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की त्वचा का रंग बदलने लगता है, उसे धुंधला दिखने लगता है या मोतियाबिंद हो जाता है। यह भी एक अनुवांशिक बीमारी है, जिससे ग्रसित व्यक्ति कम उम्र में ही बुढ़ापे का शिकार हो जाता है. इस कारण त्वचा का रंग और बालों का रंग बदलने लगता है। साथ ही ऐसे बच्चों का कद भी सामान्य रूप से बढ़ नहीं पाता है। इन बच्चों में कम उम्र में ही बुजुर्गोंवाले लक्षण दिखने लगते हैं.
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स्ट्रेस के कारण होते हैं सफेद बाल
यह बात कई अलग-अलग अध्ययनों में सामने आ चुकी है कि तनाव के कारण सिर के बाल तेजी से झड़ते हैं और सफेद होते हैं। क्योंकि तनाव के चलते आपके ब्रेन में कोर्टिसोल और ऐंड्रेनालाइन नामक हॉर्मोन्स का उत्पादन होने लगता है. ये हॉर्मोन आपके शरीर में मेलानोसाइट्स पर बुरा असर डालते हैं और उसका स्तर कम करने लगते हैं। इस कारण बालों का रंग तेजी से सफेद होने लगता है.
अन्य कारण
कम उम्र में बाल सफेद होने के कुछ अन्य कारण भी होते हैं। इनमें न्यूरोफाइब्रोमेटॉसिस (ट्यूमर, हड्डी का बढ़ना), विटिलिगो (एक प्रकार का इम्युनिटी सिंड्रोम) आदि शामिल हैं.
इस समस्या के इलाज
आयरन, कॉपर, सेलेनियम और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्वों को अपने भोजन में शामिल करें। इससे आपको शरीर को संपूर्ण पोषण मिलेगा और मेलाटोनिन की स्थिति में सुधार करने में सहायता मिलेगी.
सफ़ेद बालों को कला कैसे करें
सफ़ेद होते बालों को कला करने के लिए आप आयुर्वेद का सहारा ले सकते हैं आयुर्वेद में सफ़ेद बालों को काला करने के बहुत से तरीके और औषधियां हैं लेकिन इसमें सबसे ज्यादा फायदेमंद है इन्द्रायण के बीज और उसका फल.
इसके लिए आपको इन्द्रायण के बीज के तैल का इस्तेमाल सुबह-साम करना होगा और साथ ही 3-5 ग्राम इन्द्रायण बीज चूर्ण को सुबह-साम गाय के दूध के साथ सेवन करना होगा इससे बाल काले होते हैं.
इन्द्रायण के बीज के तैल और पाउडर का लगातार ३-४ महीने इस्तेमाल करने से आपके सिर के सफ़ेद बाल काले होने लगेंगे. इस उपचार को बहुत से लोगों ने आजमाया हुआ है जो पूरी तरह से कारगर साबित हुआ है.
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